जवानी में झेला हत्या का कलंक, 27 साल बाद बुढ़ापे में कोर्ट ने किया बरी, जानिए बिहार के गोपालगंज का ये केस

जवानी में झेला हत्या का कलंक, 27 साल बाद बुढ़ापे में कोर्ट ने किया बरी, जानिए बिहार के गोपालगंज का ये केस

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के गोपालगंज में हत्या के मामले में कोर्ट ने एक शख्स को निर्दोष पाते हुए बुधवार (12 मार्च, 2025) को बरी कर दिया. शख्स ने जवानी भर हत्या का कलंक झेला और अब जाकर करीब 27 साल के बाद कोर्ट से उम्र के अंतिम पड़ाव में पहुंचे नागेंद्र तिवारी को इंसाफ मिला है. गोपालगंज में एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने फैसला सुनाते हुए बरी किया है. कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष हत्या जैसे जघन्य अपराध को साबित नहीं कर पाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना 12 नवंबर 1998 की है. हत्या के प्रतिशोध में भीड़ ने दौड़ाकर दो लोगों को मार डाला था. इस कांड में अभियोजन को पर्याप्त अवसर मिलने के बावजूद साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. केस के ट्रायल के दौरान कांड के एक आरोपित रामजीत राय की मौत हो चुकी है. दूसरे आरोपित नागेंद्र तिवारी पर हत्या का दोष सिद्ध नहीं हो पाया. अभियोजन पक्ष के अपर लोक अभियोजक जयराम साह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता देवेंद्र मणी त्रिपाठी के दलीलों को सुनने के बाद जज ने फैसला सुनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महम्मदपुर थाना के बांसघाट मसूरिया गांव के चौकीदार मदन राय की तहरीर पर 12 नवंबर 1998 को कांड दर्ज हुआ था. इसमें बताया गया कि अपराधियों ने पुनदेव राय के पुत्र नाकछेद राय की गोली मारकर हत्या कर दी है. इसके बाद ग्रामीण उत्तेजित हो गए थे. करीब 300-400 अज्ञात व्यक्ति बदमाशों को खदेड़ रहे थे. जब वे हल्ला सुनकर बांध के पूर्वी ओर पहुंचे तो देखा कि दो अपराधी बांसघाट मसूरिया चंवर में मरे पड़े हैं. इसमें से एक व्यक्ति उसी गांव के तपेश्वर राय का पुत्र जगलाल राय था. दूसरे की पहचान नहीं हो पाई थी. कांड में दावा किया गया था कि भीड़ ने उत्तेजित होकर दोनों व्यक्तियों को मार दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मृतक के पुत्र जितेंद्र राय ने साक्षी होने का दावा किया था, लेकिन अपने पिता की हत्या के मामले में उसने न तो प्राथमिकी दर्ज कराई थी न ही किसी अभियुक्त का नाम तत्काल पुलिस को बताया था. प्राथमिकी स्थानीय चौकीदार के बयान पर अज्ञात अभियुक्तों के विरूद्ध हुई थी.&nbsp;जब शव को पोस्मार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया तब भी डॉक्टर ने मृतक के नाम वाले कॉलम में अज्ञात शव बरामद का उल्लेख किया था. इससे स्पष्ट है कि मृतक का पुत्र घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. हरदेव राय, जंगी राय, मदन राय, जितेंद्र राय, रजावल राय, किशोर राय, डॉ. आलोक कुमार सुमन और डॉ. टीएन सिंह ने कोर्ट में गवाही दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक नजर में देखें घटना से संबंधित बातें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&bull; महम्मदपुर थाना कांड संख्या :- 96/98, धारा 304 भादवि<br />&bull; अपराध की तिथि-12 नवंबर 1998<br />&bull; एफआईआर की तारीख-12 नवंबर 1998<br />&bull; आरोप पत्र की तिथि- 23 मई 2004<br />&bull; फ्रेमिंग शुल्क की तिथि- 30 नवंबर 2005<br />&bull; साक्ष्य प्रारंभ होने की तिथि- 27 मार्च 2006<br />&bull; फैसले की तारीख- 12 मार्च 2025</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”IPL 2025: सुपौल के युवा क्रिकेटर मोहम्मद इजहार का IPL चेन्नई सुपर किंग्स में चयन, जिले में खुशी की लहर” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-supaul-veerpur-cricketer-mohammad-izhar-selection-in-chennai-super-kings-ipl-2902896″ target=”_blank” rel=”noopener”>IPL 2025: सुपौल के युवा क्रिकेटर मोहम्मद इजहार का IPL चेन्नई सुपर किंग्स में चयन, जिले में खुशी की लहर</a><br /></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के गोपालगंज में हत्या के मामले में कोर्ट ने एक शख्स को निर्दोष पाते हुए बुधवार (12 मार्च, 2025) को बरी कर दिया. शख्स ने जवानी भर हत्या का कलंक झेला और अब जाकर करीब 27 साल के बाद कोर्ट से उम्र के अंतिम पड़ाव में पहुंचे नागेंद्र तिवारी को इंसाफ मिला है. गोपालगंज में एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने फैसला सुनाते हुए बरी किया है. कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष हत्या जैसे जघन्य अपराध को साबित नहीं कर पाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना 12 नवंबर 1998 की है. हत्या के प्रतिशोध में भीड़ ने दौड़ाकर दो लोगों को मार डाला था. इस कांड में अभियोजन को पर्याप्त अवसर मिलने के बावजूद साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. केस के ट्रायल के दौरान कांड के एक आरोपित रामजीत राय की मौत हो चुकी है. दूसरे आरोपित नागेंद्र तिवारी पर हत्या का दोष सिद्ध नहीं हो पाया. अभियोजन पक्ष के अपर लोक अभियोजक जयराम साह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता देवेंद्र मणी त्रिपाठी के दलीलों को सुनने के बाद जज ने फैसला सुनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महम्मदपुर थाना के बांसघाट मसूरिया गांव के चौकीदार मदन राय की तहरीर पर 12 नवंबर 1998 को कांड दर्ज हुआ था. इसमें बताया गया कि अपराधियों ने पुनदेव राय के पुत्र नाकछेद राय की गोली मारकर हत्या कर दी है. इसके बाद ग्रामीण उत्तेजित हो गए थे. करीब 300-400 अज्ञात व्यक्ति बदमाशों को खदेड़ रहे थे. जब वे हल्ला सुनकर बांध के पूर्वी ओर पहुंचे तो देखा कि दो अपराधी बांसघाट मसूरिया चंवर में मरे पड़े हैं. इसमें से एक व्यक्ति उसी गांव के तपेश्वर राय का पुत्र जगलाल राय था. दूसरे की पहचान नहीं हो पाई थी. कांड में दावा किया गया था कि भीड़ ने उत्तेजित होकर दोनों व्यक्तियों को मार दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मृतक के पुत्र जितेंद्र राय ने साक्षी होने का दावा किया था, लेकिन अपने पिता की हत्या के मामले में उसने न तो प्राथमिकी दर्ज कराई थी न ही किसी अभियुक्त का नाम तत्काल पुलिस को बताया था. प्राथमिकी स्थानीय चौकीदार के बयान पर अज्ञात अभियुक्तों के विरूद्ध हुई थी.&nbsp;जब शव को पोस्मार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया तब भी डॉक्टर ने मृतक के नाम वाले कॉलम में अज्ञात शव बरामद का उल्लेख किया था. इससे स्पष्ट है कि मृतक का पुत्र घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. हरदेव राय, जंगी राय, मदन राय, जितेंद्र राय, रजावल राय, किशोर राय, डॉ. आलोक कुमार सुमन और डॉ. टीएन सिंह ने कोर्ट में गवाही दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक नजर में देखें घटना से संबंधित बातें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&bull; महम्मदपुर थाना कांड संख्या :- 96/98, धारा 304 भादवि<br />&bull; अपराध की तिथि-12 नवंबर 1998<br />&bull; एफआईआर की तारीख-12 नवंबर 1998<br />&bull; आरोप पत्र की तिथि- 23 मई 2004<br />&bull; फ्रेमिंग शुल्क की तिथि- 30 नवंबर 2005<br />&bull; साक्ष्य प्रारंभ होने की तिथि- 27 मार्च 2006<br />&bull; फैसले की तारीख- 12 मार्च 2025</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”IPL 2025: सुपौल के युवा क्रिकेटर मोहम्मद इजहार का IPL चेन्नई सुपर किंग्स में चयन, जिले में खुशी की लहर” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-supaul-veerpur-cricketer-mohammad-izhar-selection-in-chennai-super-kings-ipl-2902896″ target=”_blank” rel=”noopener”>IPL 2025: सुपौल के युवा क्रिकेटर मोहम्मद इजहार का IPL चेन्नई सुपर किंग्स में चयन, जिले में खुशी की लहर</a><br /></strong></p>  बिहार देहरादून में तेज रफ्तार कार का कहर, पैदल जा रहे चार मजदूरों को रौंदा, मौके पर हुई मौत