दिसंबर 2023 में उज्जवल भविष्य का सपना लेकर विदेश गए मनदीप कुमार ने कभी नहीं सोचा था कि उसे आधुनिक हथियारों से लैस यूक्रेन की सेना का सामना करना पड़ेगा। पंजाब के गोराया निवासी जगदीप कुमार ने बताया कि उसने अपने दिव्यांग भाई मनदीप कुमार को बड़े अरमान से घर से आर्मेनिया भेजा था, ताकि घर का चूल्हा जलता रहे। जगदीप कुमार ने बताया कि, ट्रैवल एजेंट ने उसके भाई को आर्मेनिया भेजने के लिए 1 लाख 80 हजार रुपए लिए। उसका भाई मनदीप और चार अन्य दोस्तों के मन में एक ट्रैवल एजेंट के जरिए इटली जाने का विचार आया। ट्रैवल एजेंट ने उन्हें आर्मेनिया से इटली के लिए सीधी उड़ान लेने का झांसा दिया। उसने बताया कि वह आर्मेनिया में मिले उसके भाई के 4 अन्य दोस्तों के साथ इटली जाने के लिए तैयार हो गया और ट्रैवल एजेंट ने उन पांचों से 31 लाख 40 हजार रुपए ले लिए। एजेंट ने उन्हें विमान से इटली भेजने के बजाय धोखे से रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचा दिया। यहीं पर ट्रैवल एजेंटों ने उसके भाई के साथ मारपीट की और उसे ब्लैकमेल किया कि अगर उन्होंने और पैसे नहीं दिए तो मनदीप का हाल और भी बुरा होगा। उन्होंने कहा कि मनदीप कुमार से उनकी आखिरी बार 3 मार्च को बात हुई थी। उनके द्वारा की गई वीडियो कॉल में वह सेना की वर्दी में नजर आ रहा था और सैन्य क्षेत्र दिख रहा था। मनदीप के आखिरी शब्द थे कि उसे रूसी सेना से बचा लो, वरना उसे मार दिया जाएगा। फिर उसका कोई पता नहीं चला। मनदीप के परिवार की चिंता तब और भी बढ़ गई जब खबरें आईं कि रूसी सेना भारतीय लड़के को जबरदस्ती और डरा-धमकाकर भर्ती कर रही है। ऐसी भी खबरें थी कि इन भर्ती युवाओं को रूस के यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में भेजा जा रहा है। जगदीप ने कहा कि मनदीप ने उन्हें यह भी बताया था कि जहां वह जा रहे थे, वहां उनके साथ करीब 40 अन्य युवा पंजाबी लड़के थे, जिन्हें जबरन रुसी सेना में भर्ती किया गया था।जगदीप ने कहा कि मनदीप को लेकर उनके बुजुर्ग माता-पिता काफी चिंतित हैं। ऐसी खबरों ने उन्हें और चिंतित बना दिया है कि रूसी सेना में भर्ती किए कुछ पंजाबी युवाओं की मौत हो गई है। वह अपने भाई मंदीप को लेकर चिंतित है। अभी तक मनदीप से कोई संपर्क नहीं हो पाया है और वह किस हालत में हैं। जगदीप ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा सदस्य और पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया कि उनके दिव्यांग भाई मनदीप कुमार को रूसी सेना से मुक्त करवाया जाए और भारत वापस लाया जाए। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि उन्होंने पत्र के माध्यम से यह मामला विदेश मंत्रालय के ध्यान में लाया है। इस पत्र के जरिए उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले में जल्द से जल्द हस्ताक्षेप करने का अनुरोध किया गया है और मनदीप समेत रूसी सेना में जबरन भर्ती किए गए युवाओं की सुरक्षित वापसी के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। दिसंबर 2023 में उज्जवल भविष्य का सपना लेकर विदेश गए मनदीप कुमार ने कभी नहीं सोचा था कि उसे आधुनिक हथियारों से लैस यूक्रेन की सेना का सामना करना पड़ेगा। पंजाब के गोराया निवासी जगदीप कुमार ने बताया कि उसने अपने दिव्यांग भाई मनदीप कुमार को बड़े अरमान से घर से आर्मेनिया भेजा था, ताकि घर का चूल्हा जलता रहे। जगदीप कुमार ने बताया कि, ट्रैवल एजेंट ने उसके भाई को आर्मेनिया भेजने के लिए 1 लाख 80 हजार रुपए लिए। उसका भाई मनदीप और चार अन्य दोस्तों के मन में एक ट्रैवल एजेंट के जरिए इटली जाने का विचार आया। ट्रैवल एजेंट ने उन्हें आर्मेनिया से इटली के लिए सीधी उड़ान लेने का झांसा दिया। उसने बताया कि वह आर्मेनिया में मिले उसके भाई के 4 अन्य दोस्तों के साथ इटली जाने के लिए तैयार हो गया और ट्रैवल एजेंट ने उन पांचों से 31 लाख 40 हजार रुपए ले लिए। एजेंट ने उन्हें विमान से इटली भेजने के बजाय धोखे से रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचा दिया। यहीं पर ट्रैवल एजेंटों ने उसके भाई के साथ मारपीट की और उसे ब्लैकमेल किया कि अगर उन्होंने और पैसे नहीं दिए तो मनदीप का हाल और भी बुरा होगा। उन्होंने कहा कि मनदीप कुमार से उनकी आखिरी बार 3 मार्च को बात हुई थी। उनके द्वारा की गई वीडियो कॉल में वह सेना की वर्दी में नजर आ रहा था और सैन्य क्षेत्र दिख रहा था। मनदीप के आखिरी शब्द थे कि उसे रूसी सेना से बचा लो, वरना उसे मार दिया जाएगा। फिर उसका कोई पता नहीं चला। मनदीप के परिवार की चिंता तब और भी बढ़ गई जब खबरें आईं कि रूसी सेना भारतीय लड़के को जबरदस्ती और डरा-धमकाकर भर्ती कर रही है। ऐसी भी खबरें थी कि इन भर्ती युवाओं को रूस के यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में भेजा जा रहा है। जगदीप ने कहा कि मनदीप ने उन्हें यह भी बताया था कि जहां वह जा रहे थे, वहां उनके साथ करीब 40 अन्य युवा पंजाबी लड़के थे, जिन्हें जबरन रुसी सेना में भर्ती किया गया था।जगदीप ने कहा कि मनदीप को लेकर उनके बुजुर्ग माता-पिता काफी चिंतित हैं। ऐसी खबरों ने उन्हें और चिंतित बना दिया है कि रूसी सेना में भर्ती किए कुछ पंजाबी युवाओं की मौत हो गई है। वह अपने भाई मंदीप को लेकर चिंतित है। अभी तक मनदीप से कोई संपर्क नहीं हो पाया है और वह किस हालत में हैं। जगदीप ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा सदस्य और पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया कि उनके दिव्यांग भाई मनदीप कुमार को रूसी सेना से मुक्त करवाया जाए और भारत वापस लाया जाए। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि उन्होंने पत्र के माध्यम से यह मामला विदेश मंत्रालय के ध्यान में लाया है। इस पत्र के जरिए उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले में जल्द से जल्द हस्ताक्षेप करने का अनुरोध किया गया है और मनदीप समेत रूसी सेना में जबरन भर्ती किए गए युवाओं की सुरक्षित वापसी के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
