पंजाब के जालंधर में जिला प्रशासन ने गुरुवार यानी 2 जनवरी 2025 को आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए एक लेटर में इस बारे में जानकारी साझा की गई है। जानकारी के अनुसार श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 6 जनवरी को जन्म दिवस है। इसी को देखते हुए सेंट्रल टाउन में स्थित गुरुद्वारा दीवान अस्थान से नगर कीर्तन निकाला जाएगा। जिसके चलते जालंधर जिला प्रशासन द्वारा 2 जनवरी को आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया है। जालंधर के डीसी जालंधर हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल व कॉलेजों के लिए ये आदेश प्रमुख तौर पर जारी किए गए हैं। जालंधर प्रशासन द्वारा जारी किया गया आदेश की कॉपी…. पंजाब के जालंधर में जिला प्रशासन ने गुरुवार यानी 2 जनवरी 2025 को आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए एक लेटर में इस बारे में जानकारी साझा की गई है। जानकारी के अनुसार श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 6 जनवरी को जन्म दिवस है। इसी को देखते हुए सेंट्रल टाउन में स्थित गुरुद्वारा दीवान अस्थान से नगर कीर्तन निकाला जाएगा। जिसके चलते जालंधर जिला प्रशासन द्वारा 2 जनवरी को आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया है। जालंधर के डीसी जालंधर हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल व कॉलेजों के लिए ये आदेश प्रमुख तौर पर जारी किए गए हैं। जालंधर प्रशासन द्वारा जारी किया गया आदेश की कॉपी…. पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं पंजाब में पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के बेटे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बड़ी बगावत हो गई है। अकाली दल का बागी गुट सोमवार को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें 4 पॉइंट पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इस दौरान बागी गुट ने तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी मुलाकात की। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दोनों पक्षों को बैठकर इसका हल निकालने के लिए कहा। वहीं बागी गुट का अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधान बनाने के लिए किसी ने पहुंच नहीं की है। अगर समूची पार्टी उन्हें इस पद के लिए चुनेगी तो वे इस पर विचार करेंगे। अन्यथा गुटबाजी का वे हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। अकाल तख्त पर पेश होने के बाद बागी गुट के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- ”आज हम सिर्फ हाजिरी देकर व माफी लेने आए हैं। पार्टी से जो गलतियां हुई हैं, लिखित में उसके लिए माफी मांगने आए हैं। अकाली दल को जो तगड़ा करने के लिए काम कर सकता है, उस तक एप्रोच किया गया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह तक भी जाएंगे। श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगना और गुरु साहिब के आगे पार्टी को मजबूत करने के लिए अरदास करना बागीपन नहीं है। सुखबीर बादल के अकाल तख्त साहिब पर माफी मांगने के लिए आने की बात पर चंदूमाजरा ने कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगने आए हैं। उन्होंने माफी मांगनी है या नहीं, ये उन पर डिपेंड करता है। हमसे से माफी मांगने में जो देरी हुई, उसके लिए ही माफी मांगने आए हैं। वहीं, बीबी जगीर कौर ने कहा कि हम जल्द ही सब कुछ बताएंगे। एक बार श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हो जाएं। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट
सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। जाने क्या लिखा था झूंदा रिपोर्ट में
झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा
शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ गई। किसी जमाने में पंजाब ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है। जाने कब बना अकाली दल
14 दिसंबर, 1920 को एक SAD का गठन किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह बताया गया था कि गुरुद्वारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त महंतों (पुजारियों) के नियंत्रण से मुक्त कराया जाएगा। SAD के गठन से एक महीना पहले 15 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का गठन हुआ था। ननकाना साहिब में मत्था टेकते समय एक डिप्टी कमिश्नर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और इस वजह से लोगों में गुस्सा था। तब यह मांग उठी थी कि गुरुद्वारों को महंतों से मुक्त कराया जाना चाहिए। SAD ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा और यह 4 साल तक चला। इस दौरान महंतों और ब्रिटिश प्रशासन के हमलों में 4 हजार लोगों की मौत हुई थी। आखिरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 बनाया गया और सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के नियंत्रण में आ गए। अकाली दल ने देश की आजादी से पहले कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया था। SAD के नेता मास्टर तारा सिंह की वजह से ही बंटवारे के दौरान पंजाब के आधे हिस्से को पाकिस्तान में जाने से रोका गया था। ज्यादातर नेता सुखबीर बादल के साथ अकाली दल में एक तरफ बगावत तेज हो रही है तो दूसरी तरफ सुखबीर भी अपने ग्रुप को मजबूत करने में जुटे हैं। फिलहाल पार्टी के मौजूदा 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और मौजूदा 105 हलका प्रभारियों में से 96 ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं।
पटियाला में चार साल की बच्ची से रेप:पड़ोस में रहने वाला आरोपी युवक गिरफ्तार, बहाने से ले गया कमरे में, अस्पताल में भर्ती
पटियाला में चार साल की बच्ची से रेप:पड़ोस में रहने वाला आरोपी युवक गिरफ्तार, बहाने से ले गया कमरे में, अस्पताल में भर्ती कोतवाली पटियाला क्षेत्रांतर्गत राजपुरा रोड पर एक कॉलोनी में चार साल की बच्ची के साथ पड़ोस में रहने वाले युवक द्वारा रेप किए जाने का मामला सामने आया है। हालत बिगड़ने पर पीड़ित बच्ची को राजिंदरा अस्पताल में देर रात दाखिल करवाया गया था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई, कोतवाली पुलिस ने परिवार की स्टेटमेंट हासिल करने के बाद आरोपी सरवन कुमार (उम्र 18 साल) के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर लिया। केस रजिस्टर करने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इस आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। आरोपी दिहाड़ी मजदूरी करता था। एक ही बिल्डिंग में रहते थे दोनों परिवार लड़की के परिवार की स्टेटमेंट के अनुसार वह मजदूरी करते हैं और उनकी बिल्डिंग में ही आरोपी एक कमरा किराये पर लेकर रहता है। इस बिल्डिंग का आंगन सांझा है, जहां पर अक्सर ही बच्चे खेलते रहते थे। रविवार की शाम को चार साल की बच्ची आंगन में खेल रही थी। इस दौरान ही आरोपी मौका पाकर बहाने से बच्ची को कमरे में ले गया। कमरे में आरोपी ने बच्ची के साथ गलत काम किया तो दर्द की वजह से बच्ची ने चिल्लाना शुरू कर दिया। बच्ची की रोने की आवाज सुनने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था। जिसे पुलिस ने बाद में अरेस्ट कर लिया। आरोपी को अरेस्ट कर चुके हैं- एसएचओ थाना कोतवाली के एसएचओ हरजिंदर सिंह ने कहा कि आरोपी को अरेस्ट कर चुके हैं।
पंजाब पुलिस में नौकरी जॉइन करेंगी शुभकरण की बहन:2 दिन पहले मिला था नियुक्ति पत्र; आंदोलन में युवा किसान ने गंवाई थी जान
पंजाब पुलिस में नौकरी जॉइन करेंगी शुभकरण की बहन:2 दिन पहले मिला था नियुक्ति पत्र; आंदोलन में युवा किसान ने गंवाई थी जान फसलों के लिए एमएसपी गारंटी को लेकर हरियाणा सीमा पर मारे गए किसान शुभकरण सिंह की बहन गुरप्रीत कौर आज नौकरी ज्वाइन करेंगी। पंजाब सरकार ने दो दिन पहले ही उन्हें पुलिस विभाग में नियुक्ति दी है। जानकारी के मुताबिक, उनकी सभी मेडिकल प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि वह आज नौकरी ज्वाइन कर सकती हैं, उन्हें इस संबंध में आदेश मिल चुके हैं। पंजाब के किसान फरवरी से फसलों के एमएसपी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकरण की मौत हो गई थी। उस समय कहा गया था कि शुभकरण की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। जबकि हाईकोर्ट के आदेश पर गठित कमेटी ने कोर्ट को बताया है कि शुभकरण की मौत शॉटगन से हुई है। हालांकि, पुलिस शॉटगन नहीं चलाती। परिवार को मिला एक करोड़ का चेक शुभकरण सिंह की मौत को किसानों ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने किसान के परिवार को एक करोड़ का चेक और उसकी बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। पंजाब सरकार ने बीते दिनों ये दोनों वादे पूरे कर दिए।