जालंधर में मानसिक परेशान बच्चे की जलने से मौत:बच्चियों के चाय बनाते में भड़की आग, बिहार का परिवार 15 साल से आदमपुर में था

जालंधर में मानसिक परेशान बच्चे की जलने से मौत:बच्चियों के चाय बनाते में भड़की आग, बिहार का परिवार 15 साल से आदमपुर में था

पंजाब के जालंधर में आदमपुर के गांव डमुंडा में एक 18 साल का युवक आग लगने से बुरी तरह से झुलस गया और उसकी मौत हो गई। मृतक युवक गांव में बनी झुग्गियों में ही रहता था। पुलिस ने फिलहाल मामले में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं, पारिवारिक सदस्यों के बयानों के आधार पर फिलहाल मामले में कोई कार्रवाई न करते हुए सिर्फ एक रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस को दिए अपने बयान में बिहार के सहरसा के रहने वाले जमेली राम ने बताया कि वह और उसका परिवार करीब 15 वर्षों से पंजाब में मजदूरी का काम करते हैं। अब करीब दो वर्षों से वह अपने परिवार के साथ आदमपुर के रहने वाले पाल सिंह पुत्र प्यारा सिंह के खेत में मोटर पर बने कमरे के साथ लगती झोपड़ी में परिवार सहित रह रहे हैं। मानसिक रूप से परेशान रहता था मृतक बच्चा जमेली राम ने कहा कि उसकी 4 बेटियां और 2 बेटा है। सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। सबसे बड़ा बेटा कृष्णा, जो लगभग 18 साल का था और मानसिक बीमारी के कारण कोई काम नहीं करता था। आज जब जमेली राम अपनी पत्नी बचमनी देवी के साथ काम के सिलसिले में गांव में था। इस बीच उन्हें साले विजय कुमार का फोन आया कि आपके बेटे की झोपड़ी में आग लगने से मौत हो गई है। जमेली राम तुरंत अपनी पत्नी बचनी देवी को लेकर घर आया तो देखा कि झोपड़ी जल चुकी थी और बेटा आग में जलने से मौके पर ही मर चुका था। झोपड़ी में एक चूल्हा था, जिस पर मेरी 6 और 8 साल की छोटी बेटियां चाय बना रही थीं। अचानक तेज हवा के कारण चाय बनाते समय चूल्हे में आग लग गई। लड़कियां तुरंत झोपड़ी से बाहर आ गईं और अपनी जान बचाई। मगर 18 वर्षीय बेटा कृष्णा झोपड़ी में बिस्तर पर सो रहा था। झोपड़ी में पड़ी आठ हजार नकदी सहित सारा सामान जलकर राख हो गया। पंजाब के जालंधर में आदमपुर के गांव डमुंडा में एक 18 साल का युवक आग लगने से बुरी तरह से झुलस गया और उसकी मौत हो गई। मृतक युवक गांव में बनी झुग्गियों में ही रहता था। पुलिस ने फिलहाल मामले में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं, पारिवारिक सदस्यों के बयानों के आधार पर फिलहाल मामले में कोई कार्रवाई न करते हुए सिर्फ एक रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस को दिए अपने बयान में बिहार के सहरसा के रहने वाले जमेली राम ने बताया कि वह और उसका परिवार करीब 15 वर्षों से पंजाब में मजदूरी का काम करते हैं। अब करीब दो वर्षों से वह अपने परिवार के साथ आदमपुर के रहने वाले पाल सिंह पुत्र प्यारा सिंह के खेत में मोटर पर बने कमरे के साथ लगती झोपड़ी में परिवार सहित रह रहे हैं। मानसिक रूप से परेशान रहता था मृतक बच्चा जमेली राम ने कहा कि उसकी 4 बेटियां और 2 बेटा है। सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। सबसे बड़ा बेटा कृष्णा, जो लगभग 18 साल का था और मानसिक बीमारी के कारण कोई काम नहीं करता था। आज जब जमेली राम अपनी पत्नी बचमनी देवी के साथ काम के सिलसिले में गांव में था। इस बीच उन्हें साले विजय कुमार का फोन आया कि आपके बेटे की झोपड़ी में आग लगने से मौत हो गई है। जमेली राम तुरंत अपनी पत्नी बचनी देवी को लेकर घर आया तो देखा कि झोपड़ी जल चुकी थी और बेटा आग में जलने से मौके पर ही मर चुका था। झोपड़ी में एक चूल्हा था, जिस पर मेरी 6 और 8 साल की छोटी बेटियां चाय बना रही थीं। अचानक तेज हवा के कारण चाय बनाते समय चूल्हे में आग लग गई। लड़कियां तुरंत झोपड़ी से बाहर आ गईं और अपनी जान बचाई। मगर 18 वर्षीय बेटा कृष्णा झोपड़ी में बिस्तर पर सो रहा था। झोपड़ी में पड़ी आठ हजार नकदी सहित सारा सामान जलकर राख हो गया।   पंजाब | दैनिक भास्कर