पंजाब के जालंधर में एक मुंह बोले चाचा ने अपनी दिव्यांग भतीजी के साथ रेप कर दिया। इस मामले में थाना डिवीजन नंबर-1 की पुलिस ने आरोपी पाए गए विक्की के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी बाकी है। जल्द आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जिसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। ये घटना कालिया कॉलोनी की है। लड़की के पिता ने लिखा है कि स्वर्णजीत सिंह उनके क्वार्टर के बगल वाले क्वार्टर में रहता है। वह किसी काम से बाहर गया था। उस वक्त उसकी पत्नी भी उसके साथ नहीं थी। पिता ने कहा- मानसिक रूप से परेशान 14 वर्षीय बच्ची घर अकेली थी। जब वह वापस लौटा तो उसने स्वर्णजीत सिंह को अपने क्वार्टर से बाहर भागते देखा। जब वह अंदर गए तो देखा कि उनकी बेटी की हालत बहुत खराब थी और वह रो रही थी। अस्पताल से बच्ची का करवाया गया मेडिकल बच्ची को तुरंत परिवार अस्पताल लेकर पहुंचा तो सारे घटनाक्रम के बारे में पता चला। जिसके बाद मामले की जानकारी थाना डिवीजन नंबर-1 की पुलिस को दी गई। पुलिस ने बच्ची के पिता के बयान दर्ज कर केस दर्ज किया है। परिवार ने कहा- आरोपी अक्सर उनके घर आता जाता था और वह बच्ची को अपनी भतीजी बुलाता था। मगर फिर भी आरोपी ने घिनौनी हरकत की। पंजाब के जालंधर में एक मुंह बोले चाचा ने अपनी दिव्यांग भतीजी के साथ रेप कर दिया। इस मामले में थाना डिवीजन नंबर-1 की पुलिस ने आरोपी पाए गए विक्की के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी बाकी है। जल्द आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जिसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। ये घटना कालिया कॉलोनी की है। लड़की के पिता ने लिखा है कि स्वर्णजीत सिंह उनके क्वार्टर के बगल वाले क्वार्टर में रहता है। वह किसी काम से बाहर गया था। उस वक्त उसकी पत्नी भी उसके साथ नहीं थी। पिता ने कहा- मानसिक रूप से परेशान 14 वर्षीय बच्ची घर अकेली थी। जब वह वापस लौटा तो उसने स्वर्णजीत सिंह को अपने क्वार्टर से बाहर भागते देखा। जब वह अंदर गए तो देखा कि उनकी बेटी की हालत बहुत खराब थी और वह रो रही थी। अस्पताल से बच्ची का करवाया गया मेडिकल बच्ची को तुरंत परिवार अस्पताल लेकर पहुंचा तो सारे घटनाक्रम के बारे में पता चला। जिसके बाद मामले की जानकारी थाना डिवीजन नंबर-1 की पुलिस को दी गई। पुलिस ने बच्ची के पिता के बयान दर्ज कर केस दर्ज किया है। परिवार ने कहा- आरोपी अक्सर उनके घर आता जाता था और वह बच्ची को अपनी भतीजी बुलाता था। मगर फिर भी आरोपी ने घिनौनी हरकत की। पंजाब | दैनिक भास्कर
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15 अगस्त पर हरियाणा पुलिस के 13 अधिकारियों को मेडल:किसान आंदोलन की वजह से गैलेंट्री अवॉर्ड खारिज, पंजाब पुलिस के 40 अफसरों को सम्मान
15 अगस्त पर हरियाणा पुलिस के 13 अधिकारियों को मेडल:किसान आंदोलन की वजह से गैलेंट्री अवॉर्ड खारिज, पंजाब पुलिस के 40 अफसरों को सम्मान स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हरियाणा पुलिस के 13 अधिकारियों को मेडल मिले हैं। इनमें गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा को राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। इसके अलावा 12 अधिकारियों को पुलिस पदक दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अधिकारियों को सम्मानित किया। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने सभी पुलिस अधिकारियों को बधाई दी है। हालांकि हरियाणा के किसी भी अधिकारी को गैलेंट्री अवार्ड नहीं मिला है। हरियाणा सरकार ने किसानों को दिल्ली से रोकने वाले अफसरों के नाम भेजे थे, जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया। इन 13 अधिकारियों को मिलेगा पुलिस पदक
पुलिस पदक पाने वालों में हिसार के एसपी दीपक सहारन, एआईजी कमलदीप गोयल, अंबाला के एसपी सुरिंदर सिंह भौरिया, नूंह के एसपी विजय प्रताप सिंह, CID के DSP दीपक, पानीपत के डीएसपी हेडक्वार्टर संदीप कुमार, गुरुग्राम के इंस्पेक्टर अनिल कुमार, हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन करनाल के इंस्पेक्टर ओमप्रकाश, IRB भौंडसी गुरुग्राम के इंस्पेक्टर ओमप्रकाश, हिसार से सब इंस्पेक्टर राम निवास, आरटीसी भौंडसी गुरुग्राम से सब इंस्पेक्टर संतोष और हिसार के ASI महिंदर सिंह शामिल हैं। पंजाब में इन पुलिस अफसरों को सम्मान 1. सात अफसरों को गैलेंट्री अवार्ड
केंद्र सरकार पंजाब के 7 अधिकारियों को गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित करेगी। इनमें असिस्टेंट IG संदीप गोयल, DSP बिक्रमजीत सिंह बराड़, DSP राजन परमिंदर सिंह, इंस्पेक्टर पुष्विंदर सिंह, SI जसप्रीत सिंह, SI गुरप्रीत सिंह और कॉन्स्टेबल सुखराज सिंह का नाम शामिल है। 2. दो अफसरों को राष्ट्रपति मेडल
पंजाब में ADGP वी. नीरजा और एआईजी मनमोहन कुमार को राष्ट्रपति पदक दिया गया है। 3. तेरह अफसरों को पुलिस मेडल
पंजाब पुलिस के 13 अफसरों को पुलिस मेडल दिया गया। इनमें कमांडेंट जगविंदर सिंह, डीएसपी गुरबख्शीश सिंह, डीएसपी संजीव कुमार, इंस्पेक्टर अमरवीर सिंह, इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह, इंस्पेक्टर नरिंदर कुमार, सब इंस्पेक्टर दलजीत सिंह, सब इंस्पेक्टर रणजोत सिंह, सब इंस्पेक्टर बलबीर सिंह, सब इंस्पेक्टर रविंदर सिंह, एएसआई नरेश कुमार, एएसआई एम. रमजान और एएसआई गुरदेव सिंह शामिल हैं। 4. 18 पुलिस अफसरों को मुख्यमंत्री पदक
पंजाब पुलिस के 18 पुलिस अफसरों को मुख्यमंत्री पदक दिया जा रहा है। इनमें कमांडेंट जगविंदर सिंह, डीएसपी जसकीरत सिंह, एआईजी स्वर्णदीप सिंह, एआईजी विकास सभ्रवाल, डीएसपी मनीष कुमार, इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, इंस्पेक्टर परमजीत सिंह, इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह, इंस्पेक्टर नवजोत सिंह, इंस्पेक्टर पलविंदर सिंह, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह, सब इंस्पेक्टर जगनदीप सिंह, सब इंस्पेक्टर भोला नाथ, एएसआई जगदीश सिंह, एएसआई हरप्रीत कौर, एएसआई हरजीत सिंह, एएसआई रतन लाल और हेड कॉन्स्टेबल सुखजीत सिंह शामिल हैं। 5. 3 अफसरों को मुख्यमंत्री रक्षक पदक
पंजाब पुलिस के एसआई अमनदीप कुमार, एएसआई जसबीर सिंह और कॉन्स्टेबल रणजीत सिंह को मुख्यमंत्री रक्षक पदक दिया जाएगा। हरियाणा के किसी अधिकारी को नहीं मिला गैलेंट्री अवार्ड
केंद्र सरकार ने 15 अगस्त को दिए जाने वाले गैलेंट्री अवॉर्ड विजेताओं की लिस्ट में हरियाणा का कोई अफसर शामिल नहीं है। हालांकि, हरियाणा सरकार की ओर से गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए 3 IPS समेत 6 पुलिस अफसरों के नाम प्रस्तावित किए थे। इन सभी नामों के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने यह कहकर खारिज कर दिया कि राज्य की ओर से इनके नाम भेजने में देरी की गई है, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। इन अधिकारियों के नाम थे प्रस्तावित सूची में
हरियाणा सरकार इसी साल किसानों के दिल्ली कूच अभियान को रोकने के लिए हरियाणा-पंजाब के शंभू और जींद के दाता सिंह वाला-खनौरी बॉर्डर पर मुस्तैदी बरतने वाले हरियाणा के 6 पुलिस अधिकारियों को वीरता पदक दिलाने के पक्ष में थी। हरियाणा पुलिस की ओर से इन अधिकारियों के नामों का प्रस्ताव राज्य गृह मंत्रालय को भेजा गया था। इसमें अंबाला रेंज के IG सिबास कविराज, SP कुरुक्षेत्र जशनदीप सिंह रंधावा, DSP नरेंद्र कुमार, DSP रामकुमार, SP सुमित कुमार और DSP अमित भाटिया का नाम शामिल था। केंद्र ने खारिज कर दिए नाम
फसलों पर MSP की लीगल गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे पंजाब के किसानों को हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रोकने में इन अधिकारियों की अहम भूमिका थी। लेकिन, केंद्र सरकार ने इनके नामों को खारिज कर दिया। केंद्र की ओर से एक मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा गया कि इन नामों की सिफारिश देरी से की गई थी। ऐसे में इन अफसरों को वीरता पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे। हाईकोर्ट ने इस जानकारी को आधार बनाकर याचिका को खारिज कर दिया। वकीलों की संस्था ने याचिका दी थी
इस मामले में लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी नाम के वकीलों के गैर सरकारी संगठन के प्रधान आरएस बस्सी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी तरफ से अदालत में हरियाणा सरकार की 2 जुलाई की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी। अधिसूचना के मुताबिक, 6 पुलिस अधिकारियों को वीरता के लिए पुलिस पदक की केंद्र को हरियाणा सरकार ने सिफारिश भेजी है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन सभी ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए भारी बल प्रयोग किया था। पंजाब ने जताया था ऐतराज
जब हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन में सेवाएं देने वाले पुलिस अधिकारियों के नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजे, तो उसका पंजाब में जबरदस्त विरोध हुआ था। किसानों से लेकर सभी राजनेताओं ने इसका विरोध किया। इसके बाद पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस मामले में PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में कहा था कि जो नाम हरियाणा पुलिस ने वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे हैं, उन पर पुनर्विचार किया जाए। क्योंकि, इन अफसरों ने शंभू बॉर्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों को दिल्ली जाने से रोका था। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले शंभू में पंजाब- हरियाणा बॉर्डर पर बने हालात को ध्यान में रखा जाए। इन्हें मिलता है गैलेंट्री अवॉर्ड
बता दें कि सशस्त्र बलों, अन्य कानूनी रूप से गठित बलों, सिविल सर्विस अफसरों और कर्मियों की बहादुरी व बलिदान के सम्मान के रूप में उन्हें गैलेंट्री अवॉर्ड दिया जाता है। इसे वीरता पुरस्कार भी कहते हैं। इनकी घोषणा साल में दो बार की जाती है। पात्रों को यह सम्मान गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए जाते हैं
पटियाला में बिहार के दो नशा तस्कर गिरफ्तार:पंजाब में सप्लाई देने आ रहे थे, एक किलो अफीम बरामद, फेस्टीवल सीजन में स्पेशल नाकाबंदी
पटियाला में बिहार के दो नशा तस्कर गिरफ्तार:पंजाब में सप्लाई देने आ रहे थे, एक किलो अफीम बरामद, फेस्टीवल सीजन में स्पेशल नाकाबंदी बिहार से अफीम लेकर पंजाब में सप्लाई देने के लिए आए दो नशा तस्करों को राजपुरा में पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। इन दोनों आरोपियों को सदर राजपुरा के एसएचओ किरपाल सिंह व उनकी टीम ने अरेस्ट किया है। आरोपियों की पहचान प्रकाश बीन व छोटा बीन के तौर पर हुई है, यह दोनों ही बिहार के श्रीनगर, जिला चंपारण के रहने वाले हैं। इन लोगों से एक किलो अफीम रिकवर हुई है। जश्न होटल के पास नाके पर काबू किए एसएचओ किरपाल सिंह ने कहा कि फेस्टीवल सीजन की वजह से पुुलिस स्पेशल नाकाबंदी कर रही है। इसी कड़ी में पुलिस टीम ने जश्न होटल के पास नाकाबंदी की हुई थी, यहां पर एक वाहन को शक के आधार पर तलाशी के लिए रोका था, जिसमें आरोपी सवार थे। एक ही गांव के रहने वाले दोनों आरोपी पुलिस को देख घबराने लगे तो तलाशी के दौरान अफीम रिकवर हुई।
पंजाब-हरियाणा के चुनावी मैदान में उतरेंगे किसान:गुरनाम चढूनी की घोषणा, दो राज्यों की 94 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार, 2022 में जमानत जब्त
पंजाब-हरियाणा के चुनावी मैदान में उतरेंगे किसान:गुरनाम चढूनी की घोषणा, दो राज्यों की 94 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार, 2022 में जमानत जब्त किसान नेता और 2020 के किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा विधानसभा और पंजाब उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है। गुरनाम चढूनी ने कल शाम यह ऐलान किया। ये चुनाव संयुक्त संघर्ष पार्टी (एसएसपी) के बैनर तले लड़े जाएंगे। 2022 में हार के बाद किसान एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी (संयुक्त संघर्ष पार्टी) पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई हैं। वह गिद्दड़बाहा, बरनाला, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल में अपने किसान नेताओं को मैदान में उतारेंगे। इतना ही नहीं वह इस साल होने वाले हरियाणा चुनाव में भी उतरेंगे। पेहवा से चुनाव लड़ेंगे चढूनी चढूनी ने इस दौरान खुद भी चुनाव लड़ने की बात कही है। उनका कहना है कि वह खुद पेहवा से चुनाव लड़ेंगे। किसी अन्य सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, इसका ऐलान अभी नहीं हुआ है। यह फैसला एसएसपी के वरिष्ठ नेता मिलकर लेंगे। 2022 में हुई थी जमानत जब्त यह पहली बार नहीं है कि किसान नेता मैदान में उतरे हैं। 2020 के किसान आंदोलन-1 के खत्म होने के बाद 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी किसान नेता मैदान में उतरे थे। चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर किसान नेताओं में भी फूट पड़ गई थी। इसका खामियाजा चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं को भुगतना पड़ा। किसान नेताओं की जमानत जब्त हो गई। राजेवाल को सिर्फ 3.5% वोट मिले पंजाब में किसानों की ओर से मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार बलबीर सिंह राजेवाल, जिन्होंने एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन का नेतृत्व किया, को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। वह छठे स्थान पर रहे और अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। लुधियाना जिले के समराला विधानसभा क्षेत्र में उन्हें केवल 3.5% वोट मिले। निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े उम्मीदवार संयुक्त संघर्ष मोर्चा समय रहते पार्टी के तौर पर पंजीकृत नहीं हो सका, इसलिए उसे अपने सभी 92 उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर उतारने पड़े। इसमें किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी (एसएसपी) के 10 उम्मीदवार शामिल थे। कानून निरस्त होने के बाद पंजाब के 20 किसान यूनियनों ने मिलकर 25 दिसंबर 2021 को एक पार्टी बनाई। कुछ किसान यूनियनें मोर्चे से अलग हो गईं और राजनीति में इसके हस्तक्षेप से खुद को दूर कर लिया। किसान मजदूर संघर्ष समिति और क्रांतिकारी किसान यूनियन के अलावा बीकेयू के विभिन्न स्वरूपों – एकता उग्राहां, एकता डकौंडा, एकता सिद्धूपुर, लाखोवाल, कादियां और क्रांतिकारी – ने भी मोर्चे में शामिल होने से इनकार कर दिया। नतीजों से पहले ही मोर्चा बिखर गया था मोर्चा नतीजों से पहले ही बिखरना शुरू हो गया था। वोटों की गिनती से कुछ घंटे पहले फरीदकोट और मुक्तसर में राजेवाल के विधायकों ने यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया कि चुनावी राजनीति में उनके प्रवेश ने किसानों के मुद्दे को कमजोर कर दिया है। दो और जिला इकाइयों ने चुनाव अभियान से खुद को अलग कर लिया। बगावत के कारण पंजाब किसान यूनियन के गुरनाम सिंह भीखी को मानसा से चुनाव लड़ने से पीछे हटना पड़ा। दो और उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया। एक ने रामपुरा फूल में आप का समर्थन किया, जबकि दूसरे ने अमरगढ़ में सिमरनजीत सिंह मान की शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) का समर्थन किया।