जालंधर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 62.13 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्योर मिल्क प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (पीएमपीपीएल) के खिलाफ प्रोसिक्यूटर कंप्लेंट दायर की है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चरणजीत सिंह बजाज सहित चार के खिलाफ विशेष न्यायालय (पीएमएलए) मोहाली में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दायर की गई है। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) नई दिल्ली द्वारा आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एक दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। ईडी की जांच से पता चला कि पीएमपीपीएल ने लोन का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया] जिसके लिए लोन दिया गया था और पीएमपीपीएल के एमडी चरणजीत सिंह बजाज ने विभिन्न शेल संस्थाओं के माध्यम से अपराध की आय को डायवर्ट किया। 37.82 करोड़ के फंड्स का हेराफेरी की जालंधर ईडी द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि इसके अलावा कंपनी ने करीब 37.82 करोड़ रुपए फंड्स में हेराफेरी कर डायवर्ट किया। जांच में सभी फंड विभिन्न संस्थाओं में डायवर्ट किया गए। ईडी ने पहले 11 अलग-अलग परिसरों में छापेमारी की थी। जिसमें 1.14 करोड़ रुपए की नकदी और सोना बरामद हुआ था। इससे पहले, ईडी ने 24.94 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति भी जब्त की थी। जालंधर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 62.13 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्योर मिल्क प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (पीएमपीपीएल) के खिलाफ प्रोसिक्यूटर कंप्लेंट दायर की है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चरणजीत सिंह बजाज सहित चार के खिलाफ विशेष न्यायालय (पीएमएलए) मोहाली में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दायर की गई है। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) नई दिल्ली द्वारा आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एक दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। ईडी की जांच से पता चला कि पीएमपीपीएल ने लोन का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया] जिसके लिए लोन दिया गया था और पीएमपीपीएल के एमडी चरणजीत सिंह बजाज ने विभिन्न शेल संस्थाओं के माध्यम से अपराध की आय को डायवर्ट किया। 37.82 करोड़ के फंड्स का हेराफेरी की जालंधर ईडी द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि इसके अलावा कंपनी ने करीब 37.82 करोड़ रुपए फंड्स में हेराफेरी कर डायवर्ट किया। जांच में सभी फंड विभिन्न संस्थाओं में डायवर्ट किया गए। ईडी ने पहले 11 अलग-अलग परिसरों में छापेमारी की थी। जिसमें 1.14 करोड़ रुपए की नकदी और सोना बरामद हुआ था। इससे पहले, ईडी ने 24.94 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति भी जब्त की थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीएम भगवंत मान के दौरे को मंजूरी न देने की वजह उनकी सिक्योरिटी है। बतौर मुख्यमंत्री सीएम को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। ऐसे में देरी से आवेदन किए जाने की वजह से विदेशी दौरे के दौरान इतनी जल्दी उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करना संभव नहीं है। सीएम ने ग्राउंड में जाकर ओलिंपिक मैच देखना है। जहां दुनिया भर से लोग आएंगे। ऐसे में सुरक्षा को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जा सकती। चूंकि सीएम के पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, इसलिए उनके लिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय से परमिशन अनिवार्य है। मान ने कहा था- पंजाब के 10 खिलाड़ी खेल रहे, वहां जाना मेरी ड्यूटी
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम ही विदेश मंत्रालय से सीएम कार्यालय को उनके दौरे को मंजूरी न देने का मैसेज भेजा। इससे पहले सीएम मान ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे अपनी जेब से पैसे खर्च कर हॉकी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए विदेश जाना चाहते थे। सीएम मान का कहना है कि पंजाब के 19 प्लेयर इस समय ओलिंपिक्स में हैं। जिनमें से 10 खेल रहे हैं। इनमें जालंधर से मिडफील्डर मनदीप सिंह, सुखजीत सिंह, मिडफील्डर मनप्रीत सिंह और हार्दिक, अमृतसर से हरमनप्रीत सिंह, मिडफील्डर गुरजंत सिंह, डिफेंडर जर्मनप्रीत सिंह, मिडफील्डर शमशेर सिंह, स्थानापन्न खिलाड़ी पाठक और युगराज कपूरथला से हैं। मान ने कहा कि इस नाते उनकी ड्यूटी बनती है कि वे उनका हौसला बढ़ाने जाएं, जब वे टफ मैच खेल रहे हों। मान ने पूछा- क्या हर काम के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा
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