यूपी में लगातार बारिश-बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। झांसी में नदी में बाइक बह गई। तीन युवक बाल-बाल बचे। जालौन में नदी का पानी कोर्ट तक पहुंच गया। जज पानी से होकर अपनी कोर्ट पहुंचे। बस्ती में सरयू नदी में एक पक्का मकान समा गया। जालौन में 3 फीट पानी के बीच गर्भवती महिला को चारपाई पर अस्पताल पहुंचाया गया। फर्रुखाबाद में हाईवे पर गंगा बह रही हैं। हरदोई में गंगा का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में बाढ़ आ गई। गांवों की सड़कों पर नाव चल रही है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को पूरे उत्तर प्रदेश में ग्रीन अलर्ट जारी किया है। यानी बारिश नहीं होगी। 24 सितंबर तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। हालांकि मध्यप्रदेश से सटे जिलों और सीमावर्ती इलाकों में बारिश की संभावना बन सकती है। यूपी में गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा, सरयू जैसी नदियां उफान पर है। 21 जिलों के करीब 500 से ज्यादा गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। यूपी के 44 जिलों में गुरुवार को 12.8 मिमी बारिश हुई, जो नॉर्मल 4.6 मिमी से 179 फीसदी अधिक है। सबसे ज्यादा बारिश फिरोजाबाद में 111.6 मिमी रिकॉर्ड की गई। वहीं, गुरुवार को बलिया में NH-31 की सड़क 48 मीटर बह गई। यूपी से बिहार का संपर्क टूट गया। काशी और प्रयागराज के श्मशान घाट की गलियों और छतों पर शवदाह होते रहे। वाराणसी में गंगा के पानी में 85 घाट डूबे हैं, तो वरुणा के पानी ने कई कॉलोनियों को घेर रखा है। यूपी में लगातार बारिश-बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। झांसी में नदी में बाइक बह गई। तीन युवक बाल-बाल बचे। जालौन में नदी का पानी कोर्ट तक पहुंच गया। जज पानी से होकर अपनी कोर्ट पहुंचे। बस्ती में सरयू नदी में एक पक्का मकान समा गया। जालौन में 3 फीट पानी के बीच गर्भवती महिला को चारपाई पर अस्पताल पहुंचाया गया। फर्रुखाबाद में हाईवे पर गंगा बह रही हैं। हरदोई में गंगा का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में बाढ़ आ गई। गांवों की सड़कों पर नाव चल रही है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को पूरे उत्तर प्रदेश में ग्रीन अलर्ट जारी किया है। यानी बारिश नहीं होगी। 24 सितंबर तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। हालांकि मध्यप्रदेश से सटे जिलों और सीमावर्ती इलाकों में बारिश की संभावना बन सकती है। यूपी में गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा, सरयू जैसी नदियां उफान पर है। 21 जिलों के करीब 500 से ज्यादा गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। यूपी के 44 जिलों में गुरुवार को 12.8 मिमी बारिश हुई, जो नॉर्मल 4.6 मिमी से 179 फीसदी अधिक है। सबसे ज्यादा बारिश फिरोजाबाद में 111.6 मिमी रिकॉर्ड की गई। वहीं, गुरुवार को बलिया में NH-31 की सड़क 48 मीटर बह गई। यूपी से बिहार का संपर्क टूट गया। काशी और प्रयागराज के श्मशान घाट की गलियों और छतों पर शवदाह होते रहे। वाराणसी में गंगा के पानी में 85 घाट डूबे हैं, तो वरुणा के पानी ने कई कॉलोनियों को घेर रखा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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घर में रात को सो रहे मासूम को उठा ले गया तेंदुआ, वन विभाग को लेकर गांव वालों में आक्रोश
घर में रात को सो रहे मासूम को उठा ले गया तेंदुआ, वन विभाग को लेकर गांव वालों में आक्रोश <p style=”text-align: justify;”><strong>Bahraich News:</strong> उत्तर प्रदेश के बहराइच में कतर्नियाघाट सेंचुरी इलाके में रहने वाले लोग अपने मकान पर सुरक्षित नहीं है. देर रात तेंदुआ छप्पर के सहारे छत पर चढ़ कर मच्छर दानी में सो रहे मासूम को उठा ले गया. गांव वालों ने किसी तरह तेंदुए के चंगुल से मासूम को छुड़ा लिया लेकिन वह बुरी तरह घायल हो गया. परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे. जहां मासूम की मौत गई. इस घटना से गांव कोहराम मच गया. बच्चे के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरी घटना कतर्निया घाट के धर्मापुर रेंज के अंतर्गत टपरा गांव की है. जहां देर रात तेंदुए ने घर में सो रहे पांच साल के बच्चे पर हमला कर दिया. तेंदुए के हमले में 5 वर्षीय बालक वाहिद पुत्र शाहिद के गर्दन में गहरा ज़ख्म हो गया. बच्चे के परिजन उसे लेकर डॉक्टरों के पास पहुंचे लेकिन जख्म गहरे होने के कारण डॉक्टर उसे नहीं बचा सकें. इस घटना से गांव वालों में आक्रोश है. गांव वालों ने इस घटना के लिए वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. आपको बता दें 2 माह पूर्व भी इसी गांव से एक बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था जिसमें भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका था.</p>
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<figure class=”image”><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/13/52504ac65537555d5f55f4097d2960951718286207735898_original.jpg” alt=”घटना से आक्रोषित ग्रामीण” />
<figcaption>घटना से आक्रोषित ग्रामीण</figcaption>
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<p style=”text-align: justify;”>धर्मापुर रेंज अधिकारी रत्नेश श्रीवास्तव ने बताया कि रात में सूचना मिलते ही हमने फारेस्ट गार्ड को मौके पर भेज दिया था. बच्चे को तुरंत निजी वाहन से अस्पताल ले जाया गया लेकिन बच्चे को नही बचाया जा सका. एसडीएम सहित हमारी पूरी टीम मौके पर पहुंच गई. बच्चे के परिजनों को ओर 10 हज़ार की आर्थिक सहायता दी गई है. अब शासन की ओर से मिलने वाली 5 लाख की सहायता की भी कार्यवाही की जा रही है. साथ ही तेंदुआ को पकड़ने के लिए गांव के समीप पिंजरा लगाया है. जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल</strong><br />कतर्नियाघाट सेंचुरी इलाके में हर वर्ष एक दर्जन मौतें हिंसक जानवरों के हमलों से हो जाती हैं, उसको रोकने के लिए जंगल के बाहरी हिस्से में फेंसिंग के लिए भी 43 करोड़ का बजट आया था लेकिन उससे जो फेंसिंग हुई है वह मानक के विपरीत की गई है. जो तेंदुए और टाइगर की तो बात छोड़िए बंदर भी आसानी से निकल जाए. इसीलिए इस कार्य की जांच भी शुरू हो गई है. जंगल मे तेंदुआ मर जाए, टाइगर मर जाए या इनके हमले से कोई इंसान मर जाए लेकिन प्रभागीय वनाधिकारी बी शिव कुमार मीडिया का फोन नहीं उठाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kanpur-medical-college-mbbs-student-die-after-falling-in-roof-police-investigated-ann-2714281″><strong>कानपुर मेडिकल कॉलेज में MBBS छात्रा की मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका</strong></a></p>
फरीदाबाद में दुष्कर्मी को 20 साल की जेल:नाबालिग लड़की का अपहरण किया था; कमरे पर बंधक बना किया था बार-बार रेप
फरीदाबाद में दुष्कर्मी को 20 साल की जेल:नाबालिग लड़की का अपहरण किया था; कमरे पर बंधक बना किया था बार-बार रेप हरियाणा के फरीदाबाद में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर, बंधक बनाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म करने के केस में दोषी मिले युवक को कोर्ट ने 20 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी किया। इसके बाद युवक को जेल भेज दिया गया। जानकारी अनुसार नाबालिग लड़की से दुष्कर्म की ये वारदात 16 मार्च 2022 की है। लड़की किसी काम से अपनी गली से दूसरी गली में दुकान पर गई थी। इसी दौरान युवक जुगनू ने उसे घर छोडने के बहाने अपने टैंपो में बैठा लिया। इसके बाद वहलड़की को अपने साथ सुभाष कॉलोनी बल्लबगढ़ में अपने कमरे पर ले गया। वहां उसने लड़की को बंधक बनाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया। लड़की के लापता हाेने के बाद महिला थाना बल्लबगढ़ में उसके परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई थी। परिजनों ने बताया कि उनकी दोपहर के समय में दुकान से कुछ सामान लेने गई थी। गली में पानी देने आने वाला लडका जुगनू दूसरी गली में पानी सप्लाई कर रहा था। तभी उसने कहा कि वह उसकी गली में ही जा रहा है। इसके बाद वह लड़की को टैंपो में बैठा कर ले गया। इसके बाद नाबालिग लड़की को शाम के समय उसकी गली के बाहर छोड़ गया था। महिला थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी जुगनू निवासी गांव पारसोली जिला मथुरा, हाल सुभाष कॉलोनी बल्लबगढ़ को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया था। कोर्ट ने आज जुगनू को इस मामले में 20 साल की जेल व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
गंगा के प्रदूषण पर गंभीर खुलासा, ओरिजिनेटिंग पॉइंट भी गंदे पानी से प्रदूषित, NGT ने जताई चिंता
गंगा के प्रदूषण पर गंभीर खुलासा, ओरिजिनेटिंग पॉइंट भी गंदे पानी से प्रदूषित, NGT ने जताई चिंता <p style=”text-align: justify;”><strong>NGT on Ganga River:</strong> उत्तराखंड में गंगा नदी में हो रहे प्रदूषण को लेकर गंभीर खुलासा हुआ है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी (एनजीटी) की सुनवाई में बताया गया कि नदी का ओरिजिनेटिंग पॉइंट भी जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) से छोड़े जा रहे पानी से प्रदूषित हो गया है. यह जानकारी उत्तराखंड सरकार की रिपोर्ट के हवाले से दी गई है, जिसके अनुसार गंगा नदी के गंगोत्री स्थित एसटीपी से रिसने वाले जल में प्रदूषण की उच्चतम मात्रा पाई गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने इस मामले में राज्य सरकार से मामले की पूरी जांच रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई की मांग की है. गंगा नदी का ओरिजिनेटिंग पॉइंट गंगोत्री क्षेत्र में स्थित है. जो एक प्रमुख पर्यावरणीय और धार्मिक स्थल माना जाता है. हालांकि, एनजीटी में दायर याचिका के अनुसार, गंगोत्री स्थित 10 लाख लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता वाले एसटीपी से निकला पानी नदी के ओरिजिनेटिंग पॉइंट को प्रदूषित कर रहा है. इस एसटीपी से लिए गए जल नमूनों में फिकल कोलीफॉर्म (एफसी) की अत्यधिक मात्रा पाई गई, जो मानकों के विपरीत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मानकों से अधिक प्रदूषित पानी</strong><br />केंद्र सरकार के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के जल गुणवत्ता मानदंडों के अनुसार, गंगा में स्नान के लिए जल में फिकल कोलीफॉर्म का स्तर 500/100 मिली से कम होना चाहिए. लेकिन, गंगोत्री के एसटीपी से लिए गए नमूनों में यह स्तर 540/100 मिली था, जो मानकों से अधिक है. फिकल कोलीफॉर्म का स्तर यह संकेत देता है कि जल में मनुष्यों और जानवरों के मलमूत्र से निकलने वाले सूक्ष्मजीवों का प्रदूषण अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से इस प्रदूषण की गंभीरता और एसटीपी की स्थिति पर और अधिक जानकारी मांगी है. सुनवाई के दौरान एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने मामले में दायर याचिका पर संज्ञान लिया और राज्य सरकार से कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट देने को कहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एनजीटी ने राज्य सरकार की रिपोर्ट पर जताई चिंता</strong><br />एनजीटी ने राज्य सरकार की रिपोर्ट को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. राज्य सरकार ने यह दावा किया था कि गंगा में प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन एनजीटी ने इस रिपोर्ट की तुलना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से की और इसे संदिग्ध बताया. एनजीटी ने कहा कि राज्य की रिपोर्ट में कई खुलासे किए गए हैं, जो सही प्रतीत नहीं होते. विशेष रूप से, राज्य सरकार ने 53 चालू एसटीपी में से केवल 50 को कार्यशील बताया था, जबकि 48 एसटीपी मानकों का पालन नहीं कर रहे थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि वह 63 नालों की स्थिति के बारे में क्या कदम उठा रही है, जो सीधे गंगा और उसकी सहायक नदियों में सीवेज छोड़ रहे हैं. एनजीटी ने इस पर गहरी चिंता जताई और यह कहा कि इन नालों के कारण गंगा नदी के जल में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. एनजीटी ने राज्य सरकार से इन नालों की सफाई और उन्हें रोकने के लिए जरूरी उपायों की स्थिति रिपोर्ट मांगी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एनजीटी ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह गंगा नदी के प्रदूषण पर और भी कड़ी नजर रखें और इसके समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए. एनजीटी ने कहा कि राज्य की अगली रिपोर्ट में प्रदूषण कम करने के लिए उठाए गए कदमों को स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया जाए. इसके अलावा, एनजीटी ने राज्य के मुख्य सचिव से मामले की उचित जांच करने और एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार को त्वरित कार्रवाई के निर्देश</strong><br />एनजीटी ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 13 फरवरी, 2025 निर्धारित की है। एनजीटी की पीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है, ताकि गंगा नदी के प्रदूषण को कम किया जा सके और नदी की जल गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके। इस मामले पर त्वरित कार्रवाई न होने पर एनजीटी ने चेतावनी दी कि गंगा के प्रदूषण को लेकर जो गंभीरता दिखाई जा रही है, वह भविष्य में राज्य सरकार के लिए चुनौती बन सकती है।</p>
<p style=”text-align: justify;”>गंगा नदी की स्वच्छता और प्रदूषण को लेकर उत्तराखंड सरकार की रिपोर्ट पर एनजीटी की गंभीर आपत्ति यह साबित करती है कि राज्य में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में अब तक के प्रयास पर्याप्त नहीं रहे हैं. एनजीटी की ये सख्ती और जांच के आदेश राज्य सरकार के लिए एक चुनौती बने हुए हैं. अगर राज्य सरकार ने समय रहते इस मुद्दे पर प्रभावी कदम नहीं उठाए तो भविष्य में गंगा के प्रदूषण पर और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है, जो न केवल पर्यावरण बल्कि स्थानीय समुदायों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-deputy-cm-brajesh-pathak-replied-on-mallikarjun-kharge-statement-about-cm-yogi-adityanath-2820767″>’साधु-संत क्या पहनेंगे ये कांग्रेस तय नहीं करेगी?’, खड़गे के बयान पर भड़के ब्रजेश पाठक</a></strong> <br /><br /></p>