‘लिव-इन रिलेशन की कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है। फिर भी युवा ऐसे संबंधों की ओर आकर्षित होते हैं। क्योंकि, पुरुष हो या महिला दोनों अपने साथी के प्रति अपने दायित्व से बचना चाहते हैं। इसलिए लिव इन रिलेशन के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ रहा है। अब समय आ गया है कि हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए। समाज में नैतिक मूल्यों को बचाने के लिए कोई रूपरेखा और समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए।’ ये टिप्पणी शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई पर कही। पहले जानिए पूरा मामला…
न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने पीड़िता से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने, बाद में शादी से इनकार करने के आरोप में दर्ज मुकदमे में जमानत दे दी। FIR के अनुसार, आरोपी ने पीड़िता का गर्भपात भी कराया। जाति-संबंधी टिप्पणियां कीं। उसके साथ मारपीट भी की। मामले में जमानत की मांग करते हुए उसने हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें उसके वकील ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष की कहानी झूठी और मनगढ़ंत है, क्योंकि इस मामले की पीड़िता एक वयस्क महिला है। दोनों के बीच सहमति से सभी संबंध बने थे। उनके बीच शारीरिक संबंध कभी भी अभियोक्ता की सहमति या स्वतंत्र इच्छा के बिना नहीं बने। पीड़िता 6 साल तक रिलेशन में रही- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने पीड़िता की सुनवाई करते हुए कहा- आप करीब 6 साल की अवधि के लिए आरोपी/अपीलकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थीं। गर्भपात का कथित तथ्य केवल बेबुनियाद आरोप था। साफ है कि आरोपी ने आपसे कभी भी शादी करने का वादा या आश्वासन नहीं दिया। आप दोनों आपसी सहमति से रिश्ते में थे। अब आप क्यों शिकायत कर रही हैं। हाईकोर्ट ने समाज में नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए कुछ रूपरेखा और समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया। कहा- अभियोक्ता एक वयस्क महिला है, जो आरोपी के साथ सहमति से संबंध में थी। अदालत ने की टिप्पणी ‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तथा अपराध की प्रकृति, साक्ष्य, आरोपी की मिलीभगत, सजा की गंभीरता और यह भी ध्यान में रखते हुए कि अभियोक्ता एक वयस्क महिला है। दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे, अदालत की राय है कि अपीलकर्ता ने जमानत के लिए मामला बनाया।’ ————————- ये भी पढ़ें : जूना अखाड़ा बोला- आईआईटियन बाबा पढ़ा-लिखा पागल है:उसने अपने गुरु को गाली दी; महाकुंभ छावनी से किया बाहर सोशल मीडिया पर आईआईटियन बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह बड़ा एक्शन हुआ है। उन्हें प्रयागराज महाकुंभ में जूना अखाड़े के शिविर से प्रतिबंधित कर दिया गया। अखाड़े के प्रवक्ता ने उन्हें ‘पढ़ा-लिखा पागल’ बताया है। अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा- अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के खिलाफ है। उसने अपने गुरु को अपशब्द कहे हैं। पढ़िए पूरी खबर… ‘लिव-इन रिलेशन की कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है। फिर भी युवा ऐसे संबंधों की ओर आकर्षित होते हैं। क्योंकि, पुरुष हो या महिला दोनों अपने साथी के प्रति अपने दायित्व से बचना चाहते हैं। इसलिए लिव इन रिलेशन के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ रहा है। अब समय आ गया है कि हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए। समाज में नैतिक मूल्यों को बचाने के लिए कोई रूपरेखा और समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए।’ ये टिप्पणी शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई पर कही। पहले जानिए पूरा मामला…
न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने पीड़िता से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने, बाद में शादी से इनकार करने के आरोप में दर्ज मुकदमे में जमानत दे दी। FIR के अनुसार, आरोपी ने पीड़िता का गर्भपात भी कराया। जाति-संबंधी टिप्पणियां कीं। उसके साथ मारपीट भी की। मामले में जमानत की मांग करते हुए उसने हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें उसके वकील ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष की कहानी झूठी और मनगढ़ंत है, क्योंकि इस मामले की पीड़िता एक वयस्क महिला है। दोनों के बीच सहमति से सभी संबंध बने थे। उनके बीच शारीरिक संबंध कभी भी अभियोक्ता की सहमति या स्वतंत्र इच्छा के बिना नहीं बने। पीड़िता 6 साल तक रिलेशन में रही- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने पीड़िता की सुनवाई करते हुए कहा- आप करीब 6 साल की अवधि के लिए आरोपी/अपीलकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थीं। गर्भपात का कथित तथ्य केवल बेबुनियाद आरोप था। साफ है कि आरोपी ने आपसे कभी भी शादी करने का वादा या आश्वासन नहीं दिया। आप दोनों आपसी सहमति से रिश्ते में थे। अब आप क्यों शिकायत कर रही हैं। हाईकोर्ट ने समाज में नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए कुछ रूपरेखा और समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया। कहा- अभियोक्ता एक वयस्क महिला है, जो आरोपी के साथ सहमति से संबंध में थी। अदालत ने की टिप्पणी ‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तथा अपराध की प्रकृति, साक्ष्य, आरोपी की मिलीभगत, सजा की गंभीरता और यह भी ध्यान में रखते हुए कि अभियोक्ता एक वयस्क महिला है। दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे, अदालत की राय है कि अपीलकर्ता ने जमानत के लिए मामला बनाया।’ ————————- ये भी पढ़ें : जूना अखाड़ा बोला- आईआईटियन बाबा पढ़ा-लिखा पागल है:उसने अपने गुरु को गाली दी; महाकुंभ छावनी से किया बाहर सोशल मीडिया पर आईआईटियन बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह बड़ा एक्शन हुआ है। उन्हें प्रयागराज महाकुंभ में जूना अखाड़े के शिविर से प्रतिबंधित कर दिया गया। अखाड़े के प्रवक्ता ने उन्हें ‘पढ़ा-लिखा पागल’ बताया है। अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा- अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के खिलाफ है। उसने अपने गुरु को अपशब्द कहे हैं। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर