<p style=”text-align: justify;”><strong>India Pakistan Ceasefire:</strong> भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर सीजफायर के समझौते का असर जमीनी स्तर पर दिखने लगा है और इसी बीच देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान देवबंद से अमन की बड़ी आवाज़ सामने आई है. जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और देवबंदी विचारधारा के प्रतिष्ठित उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने सीजफायर को इंसानियत की दुआओं का असर बताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना ने कहा कि “अलहमदुलिल्लाह! इंसाफ और अमन पसंद लोगों की दुआ कबूल हुई और दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच शांति की दिशा में एक अहम क़दम बढ़ाया गया है. यह सीजफायर अमन की उम्मीद है, जिसका हम दिल से स्वागत करते हैं.” उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान अब किसी भी भड़काऊ या उकसावे वाली हरकतों से परहेज करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना इसहाक गोरा ने कहा कि दुनिया को समझ लेना चाहिए कि भारत एक अमनपसंद मुल्क है, जिसका बुनियादी उसूल ‘जियो और जीने दो’ है. “हम न केवल खुद अमन चाहते हैं, बल्कि पूरी दुनिया को अमन और इंसाफ की राह पर चलने का पैगाम देते हैं.” भारतीय सेना के हौसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि “हम फौज के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने देश के दुश्मनों और आतंकवादियों से डटकर मुकाबला किया. उन्होंने देश की हिफाजत में कोई कसर नहीं छोड़ी, फौज का यह जज्बा काबिले-तारीफ है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना ने आगे कहा कि “मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि हमारी सेना को हर मोर्चे पर हिफाजत और कामयाबी दे. उन्हें मज़बूती और हिम्मत बख्शे ताकि वे मुल्क की सलामती और अमन के लिए हमेशा तैयार रहें.” गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर कई सालों से गोलीबारी और संघर्ष का माहौल रहा है. लेकिन हाल ही में दोनों देशों की सेनाओं के बीच समझौता हुआ है कि सीजफायर का सख्ती से पालन किया जाएगा. यह फैसला 2003 में हुए मूल समझौते की पुनर्पुष्टि के रूप में देखा जा रहा है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>India Pakistan Ceasefire:</strong> भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर सीजफायर के समझौते का असर जमीनी स्तर पर दिखने लगा है और इसी बीच देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान देवबंद से अमन की बड़ी आवाज़ सामने आई है. जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और देवबंदी विचारधारा के प्रतिष्ठित उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने सीजफायर को इंसानियत की दुआओं का असर बताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना ने कहा कि “अलहमदुलिल्लाह! इंसाफ और अमन पसंद लोगों की दुआ कबूल हुई और दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच शांति की दिशा में एक अहम क़दम बढ़ाया गया है. यह सीजफायर अमन की उम्मीद है, जिसका हम दिल से स्वागत करते हैं.” उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान अब किसी भी भड़काऊ या उकसावे वाली हरकतों से परहेज करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना इसहाक गोरा ने कहा कि दुनिया को समझ लेना चाहिए कि भारत एक अमनपसंद मुल्क है, जिसका बुनियादी उसूल ‘जियो और जीने दो’ है. “हम न केवल खुद अमन चाहते हैं, बल्कि पूरी दुनिया को अमन और इंसाफ की राह पर चलने का पैगाम देते हैं.” भारतीय सेना के हौसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि “हम फौज के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने देश के दुश्मनों और आतंकवादियों से डटकर मुकाबला किया. उन्होंने देश की हिफाजत में कोई कसर नहीं छोड़ी, फौज का यह जज्बा काबिले-तारीफ है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना ने आगे कहा कि “मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि हमारी सेना को हर मोर्चे पर हिफाजत और कामयाबी दे. उन्हें मज़बूती और हिम्मत बख्शे ताकि वे मुल्क की सलामती और अमन के लिए हमेशा तैयार रहें.” गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर कई सालों से गोलीबारी और संघर्ष का माहौल रहा है. लेकिन हाल ही में दोनों देशों की सेनाओं के बीच समझौता हुआ है कि सीजफायर का सख्ती से पालन किया जाएगा. यह फैसला 2003 में हुए मूल समझौते की पुनर्पुष्टि के रूप में देखा जा रहा है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ‘सेना ने रचा नया इतिहास’, भारत-पाकिस्तान तनाव पर सीएम धामी का बयान
‘जियो और जीने दो…’, भारत-पाकिस्तान सीजफायर का यूपी के इस मौलाना ने किया स्वागत
