जींद के उचाना में बड़े भाई ने छोटे भाई की चाकू मारकर हत्या कर दी। दोनों को बीच बाइक काे लेकर विवाद हुआ। मृतक अविवाहित था और कंडक्टर का काम करता था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला बीते दिन देर शाम घोघड़ियां गांव का है। मृतक की पहचान साहिल के नाम से हुई है। पुलिस को दी शिकायत में घोघड़ियां गांव निवासी राजा ने बताया कि सोमवार शाम को वह अपने घर में बैठा हुआ था। इसी दौरान उसका भतीजा होशियार सिंह का बेटा विक्रम आ गया और बातचीत करने लगे। बाइक को लेकर हुआ दोनों में झगड़ा इसी दौरान विक्रम का छोटा भाई साहिल आया और विक्रम से बाइक मांगने लगा। इस पर दोनों के बीच आपस में झगड़ा हो गया। राजा ने बीच-बचाव कर दोनों को छुड़ा दिया और अलग-अलग कर दिया। गंभीर घायल कर मौके से भागा विक्रम इसके बाद विक्रम वहां से चला गया। कुछ देर के बाद साहिल भी घर चला गया। फिर विक्रम दोबारा से साहिल के पास आया और उसने साहिल को आंगन में गिरा दिया। उसकी छाती पर बैठकर उसके साथ मारपीट करने लगा और विक्रम ने जेब से चाकू निकाल कर सीधे साहिल की छाती पर मार दी। साहिल को बुरी तरह से घायल कर विक्रम वहां से भाग गया। शोर सुनकर वह भी साहिल के पास पहुंचे तो वह लहुलुहान आंगन में पड़ा हुआ था। वह वाहन का इंतजाम कर उसे उचाना के नागरिक अस्पताल लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जींद के उचाना में बड़े भाई ने छोटे भाई की चाकू मारकर हत्या कर दी। दोनों को बीच बाइक काे लेकर विवाद हुआ। मृतक अविवाहित था और कंडक्टर का काम करता था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला बीते दिन देर शाम घोघड़ियां गांव का है। मृतक की पहचान साहिल के नाम से हुई है। पुलिस को दी शिकायत में घोघड़ियां गांव निवासी राजा ने बताया कि सोमवार शाम को वह अपने घर में बैठा हुआ था। इसी दौरान उसका भतीजा होशियार सिंह का बेटा विक्रम आ गया और बातचीत करने लगे। बाइक को लेकर हुआ दोनों में झगड़ा इसी दौरान विक्रम का छोटा भाई साहिल आया और विक्रम से बाइक मांगने लगा। इस पर दोनों के बीच आपस में झगड़ा हो गया। राजा ने बीच-बचाव कर दोनों को छुड़ा दिया और अलग-अलग कर दिया। गंभीर घायल कर मौके से भागा विक्रम इसके बाद विक्रम वहां से चला गया। कुछ देर के बाद साहिल भी घर चला गया। फिर विक्रम दोबारा से साहिल के पास आया और उसने साहिल को आंगन में गिरा दिया। उसकी छाती पर बैठकर उसके साथ मारपीट करने लगा और विक्रम ने जेब से चाकू निकाल कर सीधे साहिल की छाती पर मार दी। साहिल को बुरी तरह से घायल कर विक्रम वहां से भाग गया। शोर सुनकर वह भी साहिल के पास पहुंचे तो वह लहुलुहान आंगन में पड़ा हुआ था। वह वाहन का इंतजाम कर उसे उचाना के नागरिक अस्पताल लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला आज ही:CAS प्रेसिडेंट ने दिए आदेश, पक्ष में 6 दलीलें दी गईं हैं; कल ओलिंपिक का समापन
विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला आज ही:CAS प्रेसिडेंट ने दिए आदेश, पक्ष में 6 दलीलें दी गईं हैं; कल ओलिंपिक का समापन हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट को ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इसका फैसला आज ही आएगा। इसको लेकर खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) के प्रेसिडेंट ने कोर्ट को आदेश दिए हैं। जिसमें कहा गया है कि पेरिस समय के अनुसार शाम 6 बजे विनेश की याचिका पर फैसला सुना दिया जाए। यानी भारतीय समय के अनुसार रात करीब साढ़े 9 बजे फैसला आएगा। इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि ओलिंपिक खत्म होने से पहले फैसला दे देंगे। रविवार को पेरिस ओलिंपिक का समापन है। विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी। एक दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर वह फाइनल में पहुंची। हालांकि अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले उसका वेट 100 ग्राम ज्यादा निकल आया। जिस वजह से उसे अयोग्य करार दे दिया गया। इसी को लेकर विनेश ने खेल कोर्ट में अपील दायर की। जिस पर सुनवाई हुई। इस मामले में मोटे तौर पर विनेश के पक्ष में 6 अहम दलीलें दी गई हैं। खेल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी
विनेश फोगाट की याचिका पर पेरिस स्थित खेल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसमें विनेश भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुई। विनेश ने करीब एक घंटे अपना पक्ष रखा। करीब 3 घंटे तक बहस हुई। विनेश की तरफ से भारतीय वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने भी उनका पक्ष रखा। डॉक्टर एनाबेल बैनेट ने करीब 3 घंटे तक विनेश, युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग, इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी और IOA का पक्ष सुना। इससे पहले सभी को अपना एफिडेविट भी दाखिल करने को कहा गया था। जिसके बाद ये मौखिक बहस हुई है। विनेश के पक्ष में यह दलीलें भी रखी गईं
खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है। इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था। भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने कहा- पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद
इस बारे में इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने कहा- भारतीय ओलिंपिक संघ को पॉजिटिव रिजल्ट की उम्मीद है। प्रेजिडेंट पीटी उषा ने कहा- विनेश का साथ देना हमारा फर्ज है। फैसला चाहे जो भी आए, हम विनेश के साथ खड़े हैं। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी अध्यक्ष बोले- CAS का फैसला मानेंगे
विनेश फोगाट के मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा कि वह एक वेट कैटेगरी में 2 सिल्वर मेडल देने के पक्ष में नहीं हैं। इसमें इंटरनेशनल फेडरेशन के नियम का पालन किया जाना चाहिए। वेट कट का फैसला यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का था। यदि हम 100 ग्राम के साथ अनुमति देते हैं तो 102 ग्राम के साथ क्यों नहीं देंगे। अब यह मामला कोर्ट में है। अब हम CAS का फैसला मानेंगे। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या- हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। विनेश फोगाट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
कैथल का डीग गांव फिर सुर्खियों में:55 युवाओं को मिली नौकरी, HSSC रिजल्ट जारी, सरपंच से बात करेंगे चेयरमैन
कैथल का डीग गांव फिर सुर्खियों में:55 युवाओं को मिली नौकरी, HSSC रिजल्ट जारी, सरपंच से बात करेंगे चेयरमैन हरियाणा के कैथल जिले के डीग गांव में 12 अक्टूबर को हुए दर्दनाक हादसे के बाद खुशी के पल मिले हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शपथ लेने के बाद हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने रिजल्ट जारी किया है। जिसमें कैथल के डीग गांव में जिले में सबसे अधिक 55 युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है, जिसको लेकर आज एचएसएससी चेयरमैन हिम्मत सिंह 11 बजे गांव के सरपंच से बात करेंगे। सबसे अधिक नौकरी पाने वाला गांव जिले में सबसे अधिक नौकरी पाने वाले गांव के युवाओं को बधाई संदेश देंगे। इसकी जानकारी हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के कर्मचारियों ने गांव डीग के सरपंच को फोन कर दी है। दर्दनाक हादसे के बाद एक सप्ताह बाद गांव वासियों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिल रही है। एक हफ्ता पहले दशहरे के दिन इस गांव के एक ही परिवार के 8 सदस्यों की गाड़ी नहर में गिरने से दर्दनाक मौत हो गई थी। गहरे जख्मों पर सरकार का मरहम बता दें कि हिम्मत सिंह भी जिला कैथल के गांव खेड़ी मटरवा के रहने वाले हैं, उनका डीग गांव से कुछ ही दूरी पर है। जिनको लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन का अध्यक्ष बनाया गया था। लोगों का कहना है कि सरकार ने अपने वादे अनुसार बिना खर्ची बिना पर्ची इतनी ज्यादा संख्या में डीग गांव के युवाओं को सरकारी देने के बाद उनके गहरे जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है,
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल, फर्श पर डिलीवरी:प्रसव पीड़ा से कराहते सरकारी अस्पताल से रेफर किया, इमरजेंसी के बाहर जन्मी बच्ची
हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल, फर्श पर डिलीवरी:प्रसव पीड़ा से कराहते सरकारी अस्पताल से रेफर किया, इमरजेंसी के बाहर जन्मी बच्ची हरियाणा के पानीपत में शुक्रवार को महिला ने सरकारी अस्पताल में फर्श पर बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से डिलीवरी कराने आई महिला को डॉक्टरों ने रेफर कर दिया था। नर्स, महिला को इमरजेंसी गेट के फर्श पर बैठा कर चली गई। यहां महिला दर्द में कराहती रही। आखिर में महिला ने खुद ही फर्श पर बच्ची को जन्म दिया। कंचन कुमारी के पति दिनेश कुमार ने बताया की वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। उसके पहले 2 बच्चे हैं और वह पानीपत के विकास नगर में रहते हैं। शुक्रवार को उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। वह उसे लेकर पानीपत के सिविल अस्पताल में पहुंचा। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते उसे करनाल रेफर कर दिया। बोला- किसी ने सुनवाई नहीं की दिनेश ने बताया कि उसने वहां मौजूद स्टाफ से गुहार लगाई कि उसकी पत्नी को ज्यादा दर्द है, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। इसके बाद वह अपनी पत्नी को लेकर प्रसूता वार्ड से इमरजेंसी वार्ड तक ही पहुंचे थे। साथ आई नर्स उन्हें वहीं छोड़कर चली गई। कुछ देर बाद कंचन ने वहीं फर्श पर ही बच्ची को जन्म दे दिया। लोगों के कहने पर पहुंची नर्स
दिनेश ने आरोप लगाया कि डिलवरी के बाद भी मौके पर नर्स या डॉक्टर नहीं पहुंचे। जिसके बाद वहां खड़े पत्रकारों व अन्य लोगों ने स्टाफ की नर्स को इस बारे में बताया। जिसके बाद नर्स मौके पर आई। उन्होंने महिला को चारों से कवर किया। इसके बाद महिला और बच्ची को प्रसूता वार्ड में ले जाकर भर्ती कर लिया गया। इस मामले में CMO जयंत आहूजा का कहना है कि जैसे ही मुझे पता लगा, वैसे ही स्टाफ को तुरंत आदेश दिए गए। दोनों को भर्ती कर लिया गया है। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते हर व्यवस्था को सुचारू रूप से संभालने की हर कोशिश की जा रही है। हड़ताल का आज दूसरा दिन दरअसल, हरियाणा के सरकारी अस्पतालों के करीब 3 हजार डॉक्टर गुरुवार से हड़ताल पर हैं। आज उनकी हड़ताल का दूसरा दिन है। प्रदेश में कुल 159 सरकारी अस्पताल हैं, जिनकी ओपीडी में भी मरीज नहीं देखे जा रहे। कई अस्पतालों में पोस्टमॉर्टम भी बंद है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की सुविधा भी बंद है। इसके चलते मरीजों को अस्पतालों में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।