हरियाणा के जींद में पानीपत रोड पर सफीदों क्षेत्र की सीमा के पास एक डस्टर कार ने खड़ी बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में बाइक पर सवार दो युवकों की मौत हो गई। मृतक युवकों की पहचान सफीदों उपमंडल के गांव सिंघपुरा निवासी विकास (22) व गांव अरड़ाना (असंध) निवासी अजय (21) के रूप में हुई है। इस घटना में कार में सवार भी घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों के शव के पानीपत के सामान्य अस्पताल के शवगृह में रखवा दिए गए हैं। शुक्रवार सुबह दोनों के शवों का पोस्टमार्टम होगा। दोनों युवक गांव नारा स्थित एक कालेज के विद्यार्थी बताए जाते हैं। जानकारी के अनुसार वीरवार शाम साढ़े 5 बजे बूंदाबांदी हो रही थी। बूंदाबांदी से बचने के लिए दोनों युवक सड़क किनारे बाइक रोककर खड़े हुए थे। इसी दौरान तेज रफ्तार से डस्टर कार आई और दोनों युवकों को जबरदस्त टक्कर दे मारी। जिसके बाद डस्टर कार एक पेड़ को तोड़ते हुए सड़क किनारे खेतों में जा घुसी और कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। राहगीरों के द्वारा डस्टर कार में सवारों को पानीपत ले जाया गया। वहीं दोनों बाइक सवार दोनों युवकों को भी इलाज के लिए पानीपत ले जाया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों युवक गांव नारा स्थित परशुराम कालेज में पढ़ते थे और एनसीसी में कैडेट्स थे। विकास की मौत के बाद गांव सिंघपुरा में मातम पसर गया है और परिवार को ढांढस बंधाने के लिए गांव वालों का तांता लग गया है। मृतक विकास का परिवार बेहद गरीबी की हालत में है। विकास के पिता की कई वर्ष पहले मौत हो चुकी है। हरियाणा के जींद में पानीपत रोड पर सफीदों क्षेत्र की सीमा के पास एक डस्टर कार ने खड़ी बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में बाइक पर सवार दो युवकों की मौत हो गई। मृतक युवकों की पहचान सफीदों उपमंडल के गांव सिंघपुरा निवासी विकास (22) व गांव अरड़ाना (असंध) निवासी अजय (21) के रूप में हुई है। इस घटना में कार में सवार भी घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों के शव के पानीपत के सामान्य अस्पताल के शवगृह में रखवा दिए गए हैं। शुक्रवार सुबह दोनों के शवों का पोस्टमार्टम होगा। दोनों युवक गांव नारा स्थित एक कालेज के विद्यार्थी बताए जाते हैं। जानकारी के अनुसार वीरवार शाम साढ़े 5 बजे बूंदाबांदी हो रही थी। बूंदाबांदी से बचने के लिए दोनों युवक सड़क किनारे बाइक रोककर खड़े हुए थे। इसी दौरान तेज रफ्तार से डस्टर कार आई और दोनों युवकों को जबरदस्त टक्कर दे मारी। जिसके बाद डस्टर कार एक पेड़ को तोड़ते हुए सड़क किनारे खेतों में जा घुसी और कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। राहगीरों के द्वारा डस्टर कार में सवारों को पानीपत ले जाया गया। वहीं दोनों बाइक सवार दोनों युवकों को भी इलाज के लिए पानीपत ले जाया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों युवक गांव नारा स्थित परशुराम कालेज में पढ़ते थे और एनसीसी में कैडेट्स थे। विकास की मौत के बाद गांव सिंघपुरा में मातम पसर गया है और परिवार को ढांढस बंधाने के लिए गांव वालों का तांता लग गया है। मृतक विकास का परिवार बेहद गरीबी की हालत में है। विकास के पिता की कई वर्ष पहले मौत हो चुकी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में चढ़ूनी के बयान से कांग्रेस घिरी:किसान नेता बोले- हमने माहौल बनाया, हुड्डा की गलती से सरकार नहीं बनी; BJP बोली- कांग्रेस-SKM का राजनीतिक गठबंधन
हरियाणा में चढ़ूनी के बयान से कांग्रेस घिरी:किसान नेता बोले- हमने माहौल बनाया, हुड्डा की गलती से सरकार नहीं बनी; BJP बोली- कांग्रेस-SKM का राजनीतिक गठबंधन हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी के बयान से BJP ने कांग्रेस को घेर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रधान गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि हमने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया लेकिन भूपेंद्र हुड्डा की गलतियों से कांग्रेस सरकार नहीं बनी। BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इस मुद्दे पर कहा कि चढ़ूनी के बयान से साफ है कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और कांग्रेस के बीच राजनीतिक गठबंधन है। SKM किसानों की नहीं बल्कि राजनीतिक बात कर रहा था। राहुल गांधी और कांग्रेस को किसानों से माफी मांगनी चाहिए। वहीं कांग्रेस में हुड्डा विरोधी गुट के नेता सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा वे (चढ़ूनी) हमारी पार्टी में नहीं हैं। उनकी अलग पार्टी है। वे अपनी राय रख सकते हैं। मैं क्यों उनके साथ वाद-विवाद में पड़ूं। किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी की अहम बातें… 1. कांग्रेस को हमें टिकट देनी चाहिए थी गुरनाम चढ़ूनी ने कहा- भूपेंद्र हुड्डा बुद्धिहीन है। हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना, वह हमने बनाया। वह किसान वर्ग ने बनाया था। मेरे को टिकट नहीं दी तो किसी दूसरे 2 किसान नेताओं को दे देते। कम से कम लोगों के अंदर मैसेज तो जाता। अब किसान क्या करें, BJP वैसे ही किसानों की दुश्मन है। कांग्रेसी नजदीक नहीं लगाते। इसीलिए मैं खड़ा हुआ। रमेश दलाल और हर्ष छिकारा खड़ा हुआ। 2. भूपेंद्र हुड्डा ने किसी से समझौता नहीं किया
भूपेंद्र हुड्डा ने किसी से समझौता नहीं किया और कांग्रेस ने सब इनके ऊपर छोड़ दी। मैं कांग्रेस हाईकमान को ये कहना चाहता हूं कि विपक्ष का नेता हुड्डा को न बनाएं। पिछले 10 साल हुड्डा ने भूमिका नहीं निभाई बल्कि किसान यूनियन ने इसका रोल निभाया। अब भी हुड्डा को बनाया तो कांग्रेस राज आने की उम्मीद न करे। 3. पार्टी के वफादारों को हुड्डा ने किनारे किया
BKU अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने उन सब लोगों को साइडलाइन कर दिया, जो पार्टी के वफादार थे। चढ़ूनी बोले, ‘इसने (भूपेंद्र हुड्डा) रमेश दलाल को साइडलाइन किया, जो राजीव गांधी मर्डर केस अपनी जान जोखिम में डालकर लड़ा था। मुझे किनारे किया। जबकि, मैंने चुनाव में भी इसकी मदद की थी। हर्ष छिकारा को किनारे किया, बलराज कुंडू को किनारे किया। एक किसान लीडरों को ग्रुप और गया था इसके पास, उन्हें किनारे किया। इसने कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, रणदीप सुरजेवाला को किनारे किया। आम आदमी पार्टी (AAP) को किनारे किया। अभय चौटाला को भी साइड किया। गुरनाम चढ़ूनी ने कहा- भूपेंद्र हुड्डा ने सभी को किनारे किया, परमात्मा ने अब इसे ही किनारे लगा दिया। BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता की अहम बातें … 1. किसानों का मकसद कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाना था
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा- उन्होंने पहली बार खुले तौर पर स्वीकार किया है कि उनका मकसद कांग्रेस के पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना था। मतलब, ये साफ हो गया कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के अंदर किसानों के साथ अन्याय करना चाहती थी। चढ़ूनी को चुनाव में सिर्फ 1,170 वोट मिले। BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा- भूपेंद्र हुड्डा हों या चढ़ूनी जी हों, यह स्पष्ट हो जाता है कि ये सब के सब लोग, कांग्रेस के इंटरनल कार्यकर्ता हैं। कोई फ्रंट पर है। 2. कांग्रेस SKM को फ्रंट की तरह इस्तेमाल करना चाहती थी
मगर, यह बहुत चिंता की बात है कि कांग्रेस संयुक्त किसान मोर्चा को फ्रंट की तरह इस्तेमाल करना चाहती थी। जिससे वह हरियाणा की जनता और किसानों के बीच झूठ को आगे ले जा सकें। कांग्रेस और राहुल गांधी को राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए किसानों और संयुक्त किसान मोर्चा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। यह साफ है कि जमीन पर किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है। तभी उन्होंने कांग्रेस और संयुक्त किसान मोर्चा के राजनीतिक गठबंधन को नकार दिया है। 3. चढ़ूनी खुद को SKM को दिखाएंगे लेकिन झोला कांग्रेस का ओढ़ा
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि संयुक्त किसान मोर्चा किसानों की बात नहीं बल्कि कांग्रेस की बात कर रहा था। चढ़ूनी जैसे लोग खुद को संयुक्त किसान मोर्चा का दिखाएंगे लेकिन पीछे झोला कांग्रेस का ओढ़ा हुआ है। इससे स्पष्ट है कि इन सबके आका राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी ने पिछले डेढ़ महीने में किसानों की भलाई नहीं चाहते थे बल्कि चढ़ूंनी जैसे लोगों को फ्रंट इस्तेमाल करना चाहते थे, ताकि वे किसानों में भेदभाव पैदा कर सकें।
हरियाणा के मंत्रियों की डिटेल प्रोफाइल:बेदाग मंत्रिमंडल, 13 करोड़पति, गौरव गौतम सबसे यंग, 1 डॉक्टर-2 वकील
हरियाणा के मंत्रियों की डिटेल प्रोफाइल:बेदाग मंत्रिमंडल, 13 करोड़पति, गौरव गौतम सबसे यंग, 1 डॉक्टर-2 वकील हरियाणा में गुरुवार (17 अक्टूबर) को CM नायब सैनी के साथ 13 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। खास बात यह है कि ये मंत्रिमंडल बेदाग है। किसी भी मंत्री पर कोई केस नहीं है। सीएम और 12 मंत्री करोड़पति हैं। इनमें सबसे ज्यादा 98 करोड़ की संपत्ति विपुल गोयल की है। वहीं सबसे कम संपत्ति कृष्ण बेदी के पास है। उनकी संपत्ति 57 लाख है। इस मंत्रिमंडल में सबसे यंग 36 साल के गौरव गौतम हैं, वहीं सबसे उम्रदराज श्याम सिंह राणा हैं। उनकी उम्र 76 साल है। मंत्रिमंडल में 2 महिला विधायकों आरती राव और श्रुति चौधरी को भी जगह मिली है। इसके साथ कैबिनेट में अरविंद शर्मा डॉक्टर हैं। वहीं सीएम नायब सैनी और श्रुति चौधरी ने LLB की पढ़ाई कर रखी है। अब पढ़िए डिटेल प्रोफाइल… सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा, 48 सीटों पर जीत दर्ज की
नायब सिंह सैनी लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने हैं। नायब सिंह सैनी ने इस बार कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ा था। इससे पहले वह करनाल से उपचुनाव जीते थे। 54 वर्षीय नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को हुआ। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े। RSS से जुड़ने के बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित बड़े नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते बनाए। उन्होंने पहली बार 2009 में नारायणगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2014 में उन्होंने नारायणगढ़ से दोबारा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। नायब सिंह ने 2019 में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बीजेपी ने उन्हें अक्टूबर 2023 में हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया। 12 मार्च 2024 को मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा और 48 सीटों पर जीत हासिल की। नायब सिंह सैनी के 2 बच्चे हैं एक बेटा और एक बेटी। उनका बेटा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहा है। बेटी अंशिका ने चंडीगढ़ में 12वीं की है। नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी भी राजनीति में सक्रिय हैं। विज ने बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा
हरियाणा में एक बार फिर मंत्री के तौर अनिल विज को नायब कैबिनेट में शामिल किया गया है। अंबाला कैंट से अनिल विज ने जीत दर्ज की है। वे लगातार सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। अनिल विज ने बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा। अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को हुआ था। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल की है। उनके पिता का नाम भीम सेन है। उनके पिता रेलवे में अधिकारी थे। 1970 में वे एबीवीपी के महासचिव बने। उन्होंने 16 साल तक बैंक में काम किया। अनिल विज की राजनीतिक पारी
1990 में अनिल विज ने पहली बार अंबाला कैंट से उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1991 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। एक समय में अनिल विज अंबाला कैंट में इतने मजबूत हो गए थे कि उन्होंने दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत हासिल की। अनिल विज ने 1996 और 2000 में निर्दलीय चुनाव जीता। 2009 में उन्होंने अंबाला कैंट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद 2014, 2019 और 2024 में भी उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की। राज्य सभा से इस्तीफा देकर दूसरी बार मंत्री बने कृष्ण लाल पंवार
इसराना विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले कृष्ण लाल पंवार ने दूसरी बार कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। उनका राजनीतिक सफर लंबा है। भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने से पहले कृष्ण लाल पंवार इंडियन नेशनल लोकदल से असंध सीट से विधायक रह चुके हैं। मनोहर लाल सरकार में वह परिवहन, आवास और जेल मंत्री रहे हैं। 2019 में कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि ने उन्हें हराया था। इसके बाद भाजपा ने एससी का बड़ा चेहरा होने के चलते उन्हें राज्यसभा भेज दिया था। अब राज्यसभा से इस्तीफा देकर वह मंत्री बने हैं। दादा अंग्रेजी शासन में MLC और पिता पूर्व में कैबिनेट मंत्री रहे हैं
राव नरबीर सिंह चौथी बार प्रदेश के मंत्री बने हैं। वह बादशाहपुर विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं। वर्ष 2014 में उन्होंने ही बादशाहपुर में पहली बार कमल खिलाया था। वह पहली बार 1987 में 26 साल की उम्र में जाटूसाना से राव इंद्रजीत सिंह को हराकर विधायक बनने के बाद ताऊ देवीलाल सरकार में मंत्री बने थे। राव नरबीर सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1961 को गुरुग्राम में हुआ। राव नरबीर मोहर सिंह यादव के पोते हैं, जो 1942 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले एमएलसी थे। उनके पिता महावीर सिंह यादव भी हरियाणा राज्य में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 1996 में सोहना से विधायक बनने के साथ ही राव नरबीर बंसीलाल सरकार में परिवहन एवं सहकारिता मंत्री बने। 2014 में बादशाहपुर से विधायक चुने जाने के बाद मनोहर लाल सरकार में लोक निर्माण एवं वन मंत्री बने। अब नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री बने हैं। महिपाल ढांडा दूसरी बार मंत्री बने
पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा दूसरी बार मंत्री बने हैं। पानीपत जिले में 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई ग्रामीण विधानसभा सीट पर 2014 में भाजपा के टिकट पर पहली बार ढांडा विधायक बने। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी को 36,132 वोटों से हराया। 2019 में फिर टिकट मिला। जजपा के देवेंद्र कादियान को 21,961 मतों से हराया। इस बार के चुनाव में उन्हें 1,01,079 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के सचिन कुंडू को 50,212 वोट से हराया है। ढांडा 1996 से 2004 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश सहमंत्री रहे। 2004 में पानीपत भाजपा जिला उपाध्यक्ष, 2006 से 2009 तक पानीपत भाजपा जिला महामंत्री, 2009 से 2012 तक हरियाणा भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2012 में हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष बने थे। डॉक्टरी की पढ़ाई कर राजनीति में आए
नायब सैनी के मंत्रिमंडल में शामिल डॉ. अरविंद कुमार का जन्म 25 नवंबर 1962 को हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सतगुरु दास शर्मा और मां का नाम बिमला देवी है। अरविंद डॉक्टरी के पेशे से राजनीति में आए। उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी की पढ़ाई की है। उनकी शादी 9 नवंबर 1989 को रीटा शर्मा से हुई। उनका एक बेटा और एक बेटी है। अरविंद शर्मा की राजनीतिक पारी
अरविंद शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1996 में की थी। उन्होंने सोनीपत से लोकसभा चुनाव लड़ा और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार रिजक राम को हराया। जनवरी 2014 में अरविंद कुमार शर्मा ने कांग्रेस छोड़ दी और BSP में शामिल हो गए थे। BSP ने उन्हें 2014 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया। हालांकि BSP को हार मिली। अरविंद कुमार शर्मा यमुनानगर और जुलाना दोनों सीटों से हार गए। दोनों सीटों पर तीसरे स्थान पर खिसक गए। 2019 में अरविंद शर्मा बीजेपी में शामिल हुए और रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 7,503 वोटों से हराया। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें दोबारा टिकट दी, लेकिन दीपेंद्र हुड्डा से हार गए। पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती बनीं मंत्री
तोशाम विधानसभा सीट से विधायक बनी श्रुति चौधरी को भी मंत्री बनाया गया है। श्रुति चौधरी पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की पोती और पूर्व मंत्री चौधरी सुरेंद्र व किरण चौधरी की बेटी हैं। वह पहली बार विधायक बनीं। पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल तोशाम सीट से जीतकर ही हरियाणा के सीएम बने थे। उनके बेटे चौधरी सुरेंद्र भी इसी सीट से जीत कर कृषि मंत्री रह चुके हैं। अब सुरेंद्र की बेटी श्रुति ने भी इसी सीट से जीत दर्ज की और मंत्रिमंडल में जगह बनाई। गौरव को पहली बार विधायक बनते ही मंत्रिमंडल में जगह
पलवल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने गौरव गौतम को हरियाणा सरकार में मंत्री पद भी मिला है। गौरव गौतम ने पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को 33,605 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करी थी। 36 वर्षीय गौरव गौतम ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
हरियाणा के 10 HPS को कैडर ईयर का आवंटन नहीं:खट्टर सरकार में प्रमोट किए थे, RTI में खुलासा- इनका प्रस्ताव ही नहीं भेजा
हरियाणा के 10 HPS को कैडर ईयर का आवंटन नहीं:खट्टर सरकार में प्रमोट किए थे, RTI में खुलासा- इनका प्रस्ताव ही नहीं भेजा हरियाणा के 10 हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) अधिकारियों को 40 महीने बाद भी कैडर ईयर का आवंटन नहीं हो पाया है, जबकि वे IPS प्रमोट हो चुके हैं। इनमें से 4 IPS ऑफिसर जिलों में एसपी पद पर तैनात हैं। इसका खुलासा केंद्रीय गृह मंत्रालय से RTI (सूचना का अधिकार) में मांगे गए सवाल के जवाब में हुआ है। इसमें जानकारी दी गई है कि हरियाणा सरकार की ओर से प्रपोजल नहीं भेजे जाने के कारण यह मामला लंबित पड़ा हुआ है। इन 10 HPS अफसरों का प्रमोशन जुलाई 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में किया गया था। इन अफसरों को कैडर ईयर का इंतजार
हरियाणा पुलिस सेवा के जिन 10 अफसरों को कैडर ईयर का इंतजार है, इनमें IPS अधिकारी दीपक सहारण, कमलदीप गोयल, विजय प्रताप, सुरेंद्र सिंह भौरिया, भूपिंदर सिंह, सुमित कुमार, विनोद कुमार, राजेश कालिया, राज कुमार और राजीव देसवाल के नाम शामिल हैं। इन अफसरों की भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में पदोन्नति के तौर पर नियुक्ति की गई थी, हालांकि आज 40 महीने का समय बीत जाने के बाद भी इन सभी अधिकारियों को IPS बैच वर्ष आवंटित नहीं किया गया है। ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा 1. पहले नहीं मिल पाई सूचना
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट और प्रशासनिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने 24 जुलाई 2024 को केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक RTI याचिका दायर की थी। इस सूचना के जरिए उन्होंने ये जानकारी मांगी थी कि इसमें देरी क्यों हो रही है। मंत्रालय की ओर से इसके जवाब में लिखा गया, मांगी गई सूचना प्रश्न के तौर रूप में है। इस कारण सूचना का अधिकार कानून, 2005 की धारा 2 (एफ) के अंतर्गत वह सूचना की परिभाषा में नहीं आती है। 2. दूसरी बार मिली सफलता
हेमंत की ओर से गत 1 अगस्त को इसी विषय पर एक और RTI केंद्रीय गृह मंत्रालय में दायर की गई, जिसमें उन्होंने हरियाणा के 10 आईपीएस के बैच वर्ष आबंटन में तीन साल से देरी होने की सूचना मांगने के बजाय केवल आईपीएस अधिकारियों के सीधे-सीधे बैच वर्ष के संबंध में सूचना मांगी। 14 अगस्त 2024 को गृह मंत्रालय में तैनात डायरेक्टर (पुलिस) और CPIO सुषमा चौहान ने इसका जवाब दिया। जवाब में बताया गया IPS (प्रमोशन से नियुक्ति) रेगुलेशन, 1955 के अनुसार पदोन्नत IPS अधिकारियों को बैच वर्ष आवंटन सम्बन्धित प्रदेश सरकार से प्रपोजल मिलने पर होता है। जब भी प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्ताव भेज दिया जाएगा, उन्हें IPS बैच वर्ष आबंटित कर दिया जाएगा। विशेषज्ञ बोले- देरी के लिए जांच होनी चाहिए
कानूनी विशेषज्ञ हेमंत ने बताया, इस मामले पर हरियाणा सरकार को केंद्र सरकार को वांछित प्रस्ताव भेजने में इतना समय क्यों लग रहा है। यह निश्चित तौर पर जांच का विषय है। 10 पदोन्नत आईपीएस में पहले आठ अधिकारी जनवरी, 2004 में HCS और एलाइड परीक्षा -2003 पास कर हरियाणा पुलिस सेवा (HPS) अर्थात DSP पद पर नियुक्त हुए थे, जबकि 2 राज कुमार और राजीव देसवाल क्रमश: वर्ष 2006 और 2007 में इंस्पेक्टर से प्रमोट होकर डीएसपी बने थे। क्या होता है कैडर ईयर?
कैडर ईयर एक ऐसी अवधारणा है जो विशेष रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (IAS, IPS, IFS आदि) और अन्य सरकारी सेवाओं में उपयोग होती है। यह एक निर्धारित समय अवधि होती है, जिसमें किसी कर्मचारी को एक विशेष सेवा, प्रशिक्षण या कार्य में काम करने के लिए नियुक्त किया जाता है। ———————————————————— हरियाणा पुलिस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, 5 IPS और 3 HPS अधिकारियों के तबादले; सौरभ सिंह फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हरियाणा सरकार ने पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार के निर्देश पर 5 आईपीएस ऑफिसर और 3 एचपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। 1998 बैच के आईपीएस सौरभ सिंह को फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर लगाया गया है। वहीं IPS अशोक कुमार को IGP साउथ रेंज रेवाड़ी की जिम्मेदारी दी गई है। IPS ओमप्रकाश को IGP/ HAP मधुबन लगाया गया है। पूरी खबर पढ़ें