उत्तराखंड में हरिद्वार के रोशनाबाद स्टेडियम में आयोजित जूनियर नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप में हरियाणा के खिलाड़ियों ने एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन किया है। चैंपियनशिप में हरियाणा की पुरुष कबड्डी टीम ने स्वर्ण पदक और महिला टीम ने रजत पदक अपने नाम किया। हरियाणा के विकास एवं पंचायत तथा खनन एवं भू- विज्ञान मंत्री और हरियाणा एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण लाल पंवार ने खिलाड़ियों को पदक जीतने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। पंवार ने बताया कि पुरुष वर्ग में हरियाणा की पुरुष कबड्डी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल मुकाबले में उत्तराखंड की टीम को 51-21 के विशाल अंतर से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं महिला वर्ग में हरियाणा की टीम ने भी उम्दा प्रदर्शन करते हुए कड़ा मुकाबला किया लेकिन 45-44 के अंतर से रजत पदक हासिल किया। कोचों की भूमिका को भी पंवार ने सराहा पंवार ने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत ने हरियाणा कबड्डी को एक और नया मुकाम दिया है और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को सिद्ध किया है। उन्होंने कबड्डी एसोसिएशन के चेयरमैन कुलदीप दलाल, सचिव नसीब जांघू, पुरुष व महिला टीम के कोचों और सभी पदाधिकारियों को भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। खिलाड़ियों की उपलब्धि पर कहा कि कबड्डी के इस शानदार सफर में हरियाणा के खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि जब मेहनत, समर्पण और टीम भावना का संगम होता है, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है। हरियाणा में 1000 खेल नर्सियां खोली गईं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए नई-नई नीतियां बनाई गई है, जिससे देश के खिलाड़ियों को बहुत लाभ हुआ है और उसी के बलबूते पर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की एक नई पहचान बनी है। आज देश- विदेश में हरियाणा के खिलाड़ियों का डंका बज रहा है। उन्होंने कहा हरियाणा में बचपन से ही बच्चों को खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश में 1000 से ज्यादा खेल नर्सरी खोली गई है जहां युवाओं को उनके इच्छा अनुसार खेलों में पारंगत बनाया जा रहा है। आज खेल क्षेत्र में हरियाणा राज्य देशभर में हब बन चुका है। उत्तराखंड में हरिद्वार के रोशनाबाद स्टेडियम में आयोजित जूनियर नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप में हरियाणा के खिलाड़ियों ने एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन किया है। चैंपियनशिप में हरियाणा की पुरुष कबड्डी टीम ने स्वर्ण पदक और महिला टीम ने रजत पदक अपने नाम किया। हरियाणा के विकास एवं पंचायत तथा खनन एवं भू- विज्ञान मंत्री और हरियाणा एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण लाल पंवार ने खिलाड़ियों को पदक जीतने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। पंवार ने बताया कि पुरुष वर्ग में हरियाणा की पुरुष कबड्डी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल मुकाबले में उत्तराखंड की टीम को 51-21 के विशाल अंतर से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं महिला वर्ग में हरियाणा की टीम ने भी उम्दा प्रदर्शन करते हुए कड़ा मुकाबला किया लेकिन 45-44 के अंतर से रजत पदक हासिल किया। कोचों की भूमिका को भी पंवार ने सराहा पंवार ने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत ने हरियाणा कबड्डी को एक और नया मुकाम दिया है और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को सिद्ध किया है। उन्होंने कबड्डी एसोसिएशन के चेयरमैन कुलदीप दलाल, सचिव नसीब जांघू, पुरुष व महिला टीम के कोचों और सभी पदाधिकारियों को भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। खिलाड़ियों की उपलब्धि पर कहा कि कबड्डी के इस शानदार सफर में हरियाणा के खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि जब मेहनत, समर्पण और टीम भावना का संगम होता है, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है। हरियाणा में 1000 खेल नर्सियां खोली गईं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए नई-नई नीतियां बनाई गई है, जिससे देश के खिलाड़ियों को बहुत लाभ हुआ है और उसी के बलबूते पर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की एक नई पहचान बनी है। आज देश- विदेश में हरियाणा के खिलाड़ियों का डंका बज रहा है। उन्होंने कहा हरियाणा में बचपन से ही बच्चों को खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश में 1000 से ज्यादा खेल नर्सरी खोली गई है जहां युवाओं को उनके इच्छा अनुसार खेलों में पारंगत बनाया जा रहा है। आज खेल क्षेत्र में हरियाणा राज्य देशभर में हब बन चुका है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
रोहतक में आज भाजपा सदस्यता अभियान:बैठक शुरू, प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, कृष्ण लाल पंवार समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल
रोहतक में आज भाजपा सदस्यता अभियान:बैठक शुरू, प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, कृष्ण लाल पंवार समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हरियाणा के रोहतक में भाजपा कार्यालय मंगल कमल में सदस्यता अभियान कार्यशाला की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में भाग लेने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम, प्रदेश प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद हैं। कार्यक्रम के लिए सीएम सैनी का भी इंतजार किया जा रहा है। सुबह से शाम तक बैठकों का दौर जारी रहेगा। इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा में तीसरी बार नरेंद्र भाई के नेतृत्व में सरकार बनी है और नायब सैनी का मुख्यमंत्री के रूप में चेहरा बदलना उसी का परिणाम है। यह हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत और लगन का नतीजा है। भाजपा अब हरियाणा में नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए भाजपा ने आज 5 नए सदस्यों को जिम्मेदारी दी है। वहीं भाजपा ने एडवोकेट वेदपाल को सदस्यता अभियान का संयोजक नियुक्त किया है। बता दें कि देशभर में सदस्यता अभियान एक सितंबर से शुरू हो चुका है। लेकिन जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे चुनावी राज्यों में सदस्यता अभियान चुनाव के बाद चलाया जाना था। अब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसके चलते यह सदस्यता अभियान शुरू किया जा रहा है। 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य
एडवोकेट वेदपाल ने बताया कि पूरे हरियाणा में 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मिस कॉल के जरिए सदस्य बनाया जाएगा। अब प्रदेश स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है। जिसमें प्रदेश के नेताओं को सदस्यता अभियान के लिए बताया जाएगा। इसके बाद 28-29 अक्टूबर को जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। वहीं 5-6 नवंबर को मंडल स्तर पर कार्यशाला आयोजित करके सदस्यता अभियान की जानकारी दी जाएगी। वहीं इसके बाद सदस्यता अभियान शुरू होगा। जनवरी में होगा अध्यक्ष पद का चुनाव
भाजपा ने पूरे देश में 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। 2019 में भी पहली बार मिस्ड कॉल को सदस्यता अभियान में शामिल किया गया था। सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद सांगठनिक चुनावों की प्रक्रिया शुरू होगी, जो मंडल, जिला से लेकर राज्य स्तर चलेगी। राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जनवरी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। भाजपा का सदस्यता अभियान का मूल उद्देश्य भाजपा की राष्ट्र प्रथम की विचारधारा का जनता के बीच विस्तार करना है।
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया हरियाणा में करनाल की एक विधानसभा सीट ऐसी है, जिसकी चर्चा चुनावों के रिजल्ट पर हुए कोर्ट केस को लेकर की जाती है। इस सीट पर वोटों में हेराफेरी कर नेता 2 बार विधायक बने रहे। इसके बाद जब तक कोर्ट का फैसला आया, तब तक तो कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। इन चुनावों में हार-जीत का अंतर इतना छोटा था कि रीकाउंटिंग के बाद अदालत भी जल्दी फैसला नहीं सुना सकी। इनमें से एक केस को टाइम निकलने की बात कहकर कोर्ट ने रफा-दफा कर दिया। वहीं, दूसरे चुनाव के रिजल्ट पर कोर्ट में स्टे लिया गया था, जिसके बाद विनिंग कैंडिडेट को केवल 6 महीने के लिए विधायक की कुर्सी मिल पाई। यह करनाल की घरौंडा सीट है। 1996 में आया पहला मामला
पहला विवादित चुनाव 1996 का था जब विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रमेश कश्यप ने इनेलो कैंडिडेट रमेश राणा को मात्र 11 वोटों से हराया था। रिकॉर्ड के अनुसार, 1996 में हारने के बाद रमेश राणा वोटों की रीकाउंटिंग के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए थे। इस मामले में 3 साल बाद हाईकोर्ट ने रमेश राणा के पक्ष में फैसला सुना दिया, लेकिन इस फैसले को रमेश कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। उन्होंने रीकाउंटिंग में कम वोटों की गिनती को आधार बनाते हुए रिजल्ट पर स्टे ले लिया और विधानसभा भंग होने तक विधायक बने रहे। पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी पूर्व विधायक रेखा राणा का कहना है कि रमेश राणा हाईकोर्ट से केस जीत गए थे। फिर उन्होंने विधायक पद की शपथ भी ली थी। इसके प्रमाण विधानसभा में भी मिल जाएंगे। जबकि, रमेश कश्यप का दावा है कि वह विधानसभा भंग होने तक विधायक रहे और रमेश राणा ने कोई शपथ नहीं ली। 6 महीने तक हम विधानसभा में रहे
रेखा राणा ने बताया है कि 1996 में केंद्र में समता पार्टी व इनेलो का समझौता था। 1996 में बैलेट पेपर से चुनाव होते थे। भाजपा और इनेलो के उम्मीदवारों का नाम भी एक जैसा था। रेखा राणा का आरोप है कि एक प्रभावशाली नेता के बेटे ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी करवाई और रमेश कश्यप के पक्ष में रिजल्ट करवा दिया। रेखा ने यह भी आरोप लगाया कि उस प्रभावशाली नेता ने 500 वोट भी कैंसिल करवा दिए थे। इसके बाद हम हाईकोर्ट में गए। वहां वोटों की गिनती दोबारा करवाई गई तो रमेश राणा 157 वोटों से जीते थे। उन्हें शपथ के लिए 20 दिन का समय मिला था। इस समय में शपथ लेनी थी, लेकिन उनकी फाइल को कहीं दबा दिया गया। इसकी वजह से वह शपथ नहीं ले पाए थे। इसी बीच रमेश कश्यप के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगवा दिया था। रेखा का कहना है कि उनके पति रमेश राणा ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर स्टे हटवाया। इसी दौरान हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा का समझौता टूट गया था और इनेलो की सरकार आ गई थी। तब रमेश राणा ने शपथ ली थी और 6 महीने तक विधानसभा में रहे थे। 14 दिसंबर 1999 तक विधायक रहा
वहीं, रमेश कश्यप बताते है कि 1996 के चुनाव में उन्होंने 11 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने बताया, “इसके बाद रमेश राणा ने तुरंत ही हाईकोर्ट में केस डाला। 3 साल बाद हाईकोर्ट ने मेरे खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बाद मैं सुप्रीम कोर्ट चला गया और दलील दी कि चुनाव रिजल्ट के दौरान जितने वोटों की गिनती हुई थी, हाईकोर्ट में उतने वोटों की गिनती क्यों नहीं की गई? इस आधार पर हाईकोर्ट के फैसले पर मैंने सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया। इसके बाद जुलाई 1999 में ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने। चौटाला ने 14 दिसंबर 1999 को विधानसभा भंग करवाई और नए चुनाव का ऐलान करवा दिया। 14 दिसंबर 1999 तक मैं ही विधायक था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में मेरा केस पेंडिंग था। रमेश राणा को शपथ दिलवाई नहीं गई थी। अगर उन्हें शपथ दिलवाई गई होती तो मैं विधायक ही नहीं रहता।” 2005 में जयपाल शर्मा गए थे कोर्ट
उधर, दूसरा केस 2005 के विधानसभा चुनाव का जब इनेलो की टिकट पर पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी रेखा राणा 21 वोटों से इलेक्शन जीतीं। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार जयपाल शर्मा चुनाव हारे तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जयपाल शर्मा का आरोप था कि विधानसभा चुनावों में मृत वोट और डबल वोट डाले गए हैं। यह केस करीब साढ़े 7 साल तक चला। इसी दौरान 76 वोट ऐसे निकाल दिए थे, जो मृत थे और डबल थे। लेकिन, बाद में कोर्ट ने यह कहकर पिटीशन खारिज कर दी थी कि अब इसका समय निकल चुका है। विधायक का कार्यकाल पूरा हो चुका है तो केस का कोई औचित्य ही नहीं। ऐसे में वोटों में हेराफेरी के दम पर रेखा राणा पूरे 5 साल तक विधायक बनी रहीं। क्या कहते हैं राजनीति के जानकार
राजनीति के जानकार नैनपाल राणा के मुताबिक, हरियाणा विकास पार्टी और बीजेपी का गठबंधन था। 1996 में रमेश कश्यप को जिता दिया गया, जिसमें धांधलेबाजी की बातें सामने आई थीं। रमेश राणा हाईकोर्ट चले गए, जहां रमेश राणा को जीता हुआ घोषित कर दिया गया था। उन्होंने शपथ ली थी। उन्हें सरकार में केवल 3-4 महीने ही मिले थे, क्योंकि 1999 में बंसी लाल की सरकार गिर गई। ऐसा ही 2005 में हुआ था जब 21 वोटों से रेखा राणा जीत गई थीं। जयपाल शर्मा ने कोर्ट केस कर दिया था, लेकिन यह केस साढ़े 7 साल चला था। विधायक का टर्म पूरा हो ही चुका था।
फरीदाबाद में पुलिस जवान ने किया सुसाइड:फांसी पर लटका मिला शव, रेवाड़ी जिले के थे रहने वाले, मानसिक रूप से थे परेशान
फरीदाबाद में पुलिस जवान ने किया सुसाइड:फांसी पर लटका मिला शव, रेवाड़ी जिले के थे रहने वाले, मानसिक रूप से थे परेशान हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सेक्टर-30 स्थित पुलिस लाइन में तैनात एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) ने जंगले में बंधी रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान मूलरूप से रेवाड़ी के रोड़ाई गांव निवासी 42 वर्षीय उमराव सिंह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान थे। सूचना पर पहुंची पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। फांसी पर लटका मिला शव पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक उमराव सिंह करीब 23 साल से हरियाणा में पुलिस में थे। उनकी ड्यूटी पुलिस लाइन में लगी थी। वह पुलिस लाइन में अकेले रह रहे थे। साथ ही मधुमेह आदि बीमारी से ग्रसित थे। इससे वह मानसिक तनाव में रहते थे। सुबह करीब छह बजे उमराव जब अपने कमरे से बाहर नहीं आए तो अन्य साथी उन्हें उठाने गए। काफी देर तक उन्हें आवाज दी गई। जब वह बाहर नहीं आए तो खिड़की से देखा गया। वह जंगले में बंधी रस्सी से लटके थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा इसकी सूचना तुरंत पुलिस लाइन में तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को दी गई। साथ ही सेक्टर-30 थाना पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल भेज दिया है। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ऐसे में आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है। पुलिस मृतक के परिजन से भी आत्महत्या के कारणों की जानकारी जुटाएगी।