भास्कर न्यूज | जालंधर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली की ओर इस साल जॉइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जैम) 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन तीन सितंबर से 11 अक्टूबर तक कर सकते हैं। आईआईटी दिल्ली की ओर से जैम का आयोजन दो फरवरी को होगा, जिसके लिए एडमिट कार्ड जनवरी के पहले हफ्ते में जारी किया जाएगा। रिजल्ट 16 मार्च 2025 को जारी होगा। इस एग्जाम के जरिए देशभर के विभिन्न आईआईटी संस्थानों में संचालित होने वाले एमएससी, एमटेक, पीएचडी प्रोग्राम्स में एडमिशन दिया जाएगा। वहीं जैम 2025 एप्लीकेशन फॉर्म में नवंबर में सुधार कर सकेंगे। परीक्षा शहर, टेस्ट पेपर, श्रेणी या लिंग में बदलाव 30 नवंबर तक किया जा सकेगा। कम्पनसेटरी टाइम या स्क्राइब असिस्टेंट की पुष्टि 30 दिसंबर और ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र अपलोड करने की अंतिम तिथि 20 नवंबर है। स्कोरकार्ड 25 मार्च 2025 तक जारी होंगे और एडमिशन पोर्टल दो अप्रैल 2025 से शुरू होंगे। जैम 2025 का आयोजन कंप्यूटर आधारित मोड में दो शिफ्ट में किया जाएगा। जैम परीक्षा के लिए एक पेपर का आवेदन शुल्क 1800 रुपए है। वहीं दो पेपर के लिए शुल्क ढाई हजार रुपए है। एससी, एसटी और महिलाओं के लिए एक पेपर की फीस 900 रुपए और दो पेपर के लिए 1250 रुपए शुल्क है। गौरतलब है कि परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में होगी। किसी भी उम्र के छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा देश के 100 शहरों में होगी। जानकारी के मुताबिक, शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए 21 आईआईटी के 89 पीजी प्रोग्राम में प्रवेश होंगे। इनमें करीब तीन हजार सीटें हैं। विस्तृत जानकारी आधिकारिक वेबसाइट jam2025.iitd.ac.in पर देख सकते हैं। वहीं इसके साथ ही जैम स्कोर के आधार पर आईआईएससी, एनआईटी जैसे अन्य टेक्निकल संस्थानों की दो हजार से अधिक सीटों पर भी प्रवेश किया जाएगा। भास्कर न्यूज | जालंधर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली की ओर इस साल जॉइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जैम) 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन तीन सितंबर से 11 अक्टूबर तक कर सकते हैं। आईआईटी दिल्ली की ओर से जैम का आयोजन दो फरवरी को होगा, जिसके लिए एडमिट कार्ड जनवरी के पहले हफ्ते में जारी किया जाएगा। रिजल्ट 16 मार्च 2025 को जारी होगा। इस एग्जाम के जरिए देशभर के विभिन्न आईआईटी संस्थानों में संचालित होने वाले एमएससी, एमटेक, पीएचडी प्रोग्राम्स में एडमिशन दिया जाएगा। वहीं जैम 2025 एप्लीकेशन फॉर्म में नवंबर में सुधार कर सकेंगे। परीक्षा शहर, टेस्ट पेपर, श्रेणी या लिंग में बदलाव 30 नवंबर तक किया जा सकेगा। कम्पनसेटरी टाइम या स्क्राइब असिस्टेंट की पुष्टि 30 दिसंबर और ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र अपलोड करने की अंतिम तिथि 20 नवंबर है। स्कोरकार्ड 25 मार्च 2025 तक जारी होंगे और एडमिशन पोर्टल दो अप्रैल 2025 से शुरू होंगे। जैम 2025 का आयोजन कंप्यूटर आधारित मोड में दो शिफ्ट में किया जाएगा। जैम परीक्षा के लिए एक पेपर का आवेदन शुल्क 1800 रुपए है। वहीं दो पेपर के लिए शुल्क ढाई हजार रुपए है। एससी, एसटी और महिलाओं के लिए एक पेपर की फीस 900 रुपए और दो पेपर के लिए 1250 रुपए शुल्क है। गौरतलब है कि परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में होगी। किसी भी उम्र के छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा देश के 100 शहरों में होगी। जानकारी के मुताबिक, शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए 21 आईआईटी के 89 पीजी प्रोग्राम में प्रवेश होंगे। इनमें करीब तीन हजार सीटें हैं। विस्तृत जानकारी आधिकारिक वेबसाइट jam2025.iitd.ac.in पर देख सकते हैं। वहीं इसके साथ ही जैम स्कोर के आधार पर आईआईएससी, एनआईटी जैसे अन्य टेक्निकल संस्थानों की दो हजार से अधिक सीटों पर भी प्रवेश किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलें:एंबुलेंस, बुजुर्गों-महिलाओं-छात्रों को परेशानी हो रही; किसान बोले-15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
सुप्रीम कोर्ट का आदेश- शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलें:एंबुलेंस, बुजुर्गों-महिलाओं-छात्रों को परेशानी हो रही; किसान बोले-15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे सुप्रीम कोर्ट ने करीब 6 महीने से बंद पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के DGP के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के SP को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस की सुनवाई 22 अगस्त को होगी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अगर पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों के बीच सहमति बन जाती है तो फिर सुनवाई की तारीख का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बता दें कि पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने को कहा था। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा की सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए निष्पक्ष कमेटी के सदस्यों के नाम दे दिए हैं। इस कमेटी के सदस्य किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थ का काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर हम आप दोनों को नाम देने के लिए राजी करने में सफल रहे हैं, अब जब स्थिति ऐसी है तो आप किसानों को क्यों नहीं राजी करते? क्योंकि हाईवे पार्किंग (जगह) नहीं है। अदालत ने कहा कि भले ही चरणबद्ध तरीके से यातायात की अनुमति दी जाए, लेकिन जो वाहन सड़क पर चलने लायक हैं… लोगों को बहुत असुविधा हो रही है। इस वार्ता में समय लगेगा। वहीं किसानों ने ऐलान किया है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वह पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर MSP गारंटी कानून बना आर्थिक आजादी के लिए यह मार्च निकाले जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ… मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने शुरू की। हरियाणा की तरफ से सालिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता और पंजाब की तरफ से एडवोकेट जनरल (AG) गुरमिंदर सिंह ने किसानों से बात करने के लिए समिति के सदस्यों के नाम दिए।
AG : हम समिति के गठन से सहमत हैं। मेरे पास एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का प्रस्ताव है।
SG : आपकी समिति के चयन के लिए हमारे पास कुछ और नाम हैं।
जस्टिस सूर्यकांत : आपके नाम 6 हैं।
SG : यह सही है।
जस्टिस सूर्यकांत : सुरजीत सिंह, क्या वह IAS में पदोन्नत अधिकारी थे? शायद वह एक बहुत प्रसिद्ध (टाउनप्लानर) थे! मैं सिर्फ पुष्टि करूंगा। जब मैं कुछ कार्यक्रमों में था, मैंने उन्हें (क्रम संख्या 5 पर नाम) सुना है। यहां तक कि क्रमांक 1…प्रशंसनीय…परास्नातक, PhD, बहुत ही विनम्र पृष्ठभूमि।
AG : एक व्यक्ति जितना जमीन से जुड़ा हो सकता है…
कोर्ट : हम प्रयासों की सराहना करते हैं। आपने उस व्यक्ति को चुना है जो राजनीतिक नहीं है।
जस्टिस सूर्यकांत : हम आप दोनों को नाम सुझाने के लिए मनाने में सफल रहे हैं। अब ऐसी स्थिति है तो आप किसानों को क्यों नहीं मनाते? क्योंकि राजमार्ग पार्किंग (स्थान) नहीं हैं।
AG : भले ही चरणबद्ध तरीके से यातायात की अनुमति दी गई हो, जो वाहन सड़क पर चलने लायक हैं। लोगों को बहुत असुविधा हो रही है। इस बातचीत में समय लगेगा।
जस्टिस सूर्यकांत : सोचिए कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और स्थानीय लोगों के लिए, जो चिकित्सा सुविधाओं के लिए पंजाब आते हैं, केवल एक ही लेन कैसे होगी?
SG : सुझाव ले लिया है, सरकार के समक्ष रखूंगा। मैं (इस पर) वापस आऊंगा।
जस्टिस सूर्यकांत : हम उन्हें नहीं चाहते। हम किसानों (ट्रैक्टर) को हटाने, मनाने के लिए पंजाब राज्य पर दबाव डाल रहे हैं। हम किसी सौहार्दपूर्ण समाधान तक इस मुद्दे को लंबित रखेंगे। हम समान रूप से चिंतित हैं। कोई नहीं चाहेगा कि किसान…
AG : और ऐसी धारणा मत बनाइए जो सच नहीं है।
जस्टिस कांत : हम एक संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे। आप दोनों राजमार्ग के आंशिक रूप से खोलने के संबंध में बातचीत करेंगे। आप जमीनी स्थिति जानते हैं और हम समाचार रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करना चाहते हैं। आप दोनों…
SG : दोनों राज्यों के DGP एक साथ बैठ सकते हैं।
SG : क्रमांक 3 का नाम…. नगर नियोजन विभाग में नहीं था।
जस्टिस कांत : उन्होंने बहुत अच्छा किया है…
SC का आदेश: इस बीच, हम पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और दोनों जिलों के DC को एक बैठक आयोजित करने और एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, छात्राओं व आसपास के क्षेत्र के दैनिक यात्रियों के लिए शुरू में राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने के लिए तौर-तरीके तय करने का निर्देश देते हैं। यदि दोनों पक्ष समाधान करने में सक्षम हैं, तो उसे इस कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की जरुरत नहीं है, और समाधान को तुरंत प्रभावी होने देना चाहिए। मामले को 22 अगस्त, 2024 को सुनवाई के लिए पोस्ट करें। पंधेर बोले- मार्ग खुलेगा तो अच्छा होगा
एक वीडियो जारी कर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बातें कही हैं। अभी कोर्ट की प्रॉसीडिंग नहीं आई है। 15 अगस्त का कार्यक्रम अभी चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की प्रॉसीडिंग पढ़ने के बाद दोनों फोरम इस पर कुछ बोल सकेंगे। जहां तक मीडिया की बात हैं कि दोनों राज्यों के DGP बैठ कर बात करेंगे, कमेटी बनेगी। ये सभी बातें हैं। अगर रास्ता खुलेगा तो यह सभी के लिए सुखद होगा। ट्रांसपोर्टर, व्यापारी, मरीज और आम जनता को अच्छा लगेगा। इससे हमें भी देश की राजधानी में जाकर अपना आंदोलन करने का हक मिलेगा। इस बारे में दोनों फोरम बैठकर बात करके ही ऑफिशियल जानकारी देंगे। व्यक्तिगत तौर पर अगर रास्ता खुलेगा तो यह अच्छी बात होगी। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
मेडिकोज शॉप के ताले तोड़ कैश व सामान चोरी
मेडिकोज शॉप के ताले तोड़ कैश व सामान चोरी जालंधर | बस्ती शेख के पास स्थित कांशी नगर में राज मेडिकोज से चोर कैश व सामान चोरी करके फरार हो गए। चोरी की शिकायत थाना भार्गव कैंप की पुलिस को दी गई है। पुलिस ने पीड़ित के बयान पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी शिकायत में ग्रीन एवेन्यू कॉलोनी निवासी राजेश कुमार ने बताया कि वे काशी नगर में राज मेडिकोज नाम की दुकान चलाते हैं। रविवार रात को दुकान बंद करके घर चले गए थे। सोमवार को सुबह दुकान पर आए तो देखा कि शटर के ताले टूटे हुए थे। जब दुकान में देखा तो गल्ले में पड़े पैसे और लकड़ी के डिब्बे में पड़े कमेटी के पैसे गायब थे। पीड़ित ने तुरंत चोरी की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी। पुलिस ने क्राइम सीन से फिंगर प्रिंट ले लिए हैं। आरोपियों को ट्रेस करने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू कर दिए हैं।
कनाडा-भारत विवाद से इमिग्रेशन बिजनेस में 70% गिरावट:एक्सपर्ट बोले- वीजा में कमी नहीं, आवेदक कम हुए; ऑस्ट्रेलिया बना विकल्प
कनाडा-भारत विवाद से इमिग्रेशन बिजनेस में 70% गिरावट:एक्सपर्ट बोले- वीजा में कमी नहीं, आवेदक कम हुए; ऑस्ट्रेलिया बना विकल्प भारत और कनाडा के रिश्तों में आई खटास के कारण कई भारतीय इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि कूटनीतिक विवाद का इमिग्रेशन, वर्क और स्टूडेंट वीजा पर क्या असर होगा। क्या भविष्य में कनाडा के भारत से रिश्ते सुधरेंगे? क्या कनाडा फिर से उसी शिद्दत से वीजा देगा, जैसे पहले देता था या फिर कनाडा जाकर पढ़ाई करना भारतीय बच्चों के लिए सपना ही बना रहेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने देश के कई प्रमुख वीजा विशेषज्ञों से बात की और सभी तथ्यों को समझा। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा कूटनीतिक विवाद का सीधा असर वीजा नीतियों पर पड़ने की संभावना थी। लेकिन ऐसा नहीं है कि कनाडा वीजा नहीं दे रहा, कनाडा वीजा दे रहा है। लेकिन कनाडा जाने वाले बच्चे और उनके अभिभावक इस समय अपने बच्चों को कनाडा नहीं भेज रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण इस समय कनाडा और भारत के बीच चल रहा विवाद है। कनाडा में स्टडी वीजा अनुपात में 70 प्रतिशत की गिरावट
पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है और लगातार कर रहा है। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक मतभेद पैदा हो गए। इसका सबसे बड़ा असर इमिग्रेशन इंडस्ट्री पर पड़ा है। कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। कनाडा जाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा पंजाबी हैं। जिसके बाद हरियाणवी और गुजराती भी इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच विवाद के चलते कनाडा जाकर अपना भविष्य बनाने की चाहत रखने वाले छात्र कनाडा के बजाय कोई दूसरा विकल्प तलाशने लगे हैं। कनाडा के विकल्प के तौर पर कौन से देश छात्रों की पहली पसंद हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार कनाडा के वीज़ा में गिरावट सिर्फ़ दोनों देशों के बीच की कड़वाहट की वजह से है। साथ ही, दूसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि कनाडा ने अपने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एडमिशन के लिए जीआईसी अकाउंट की राशि को दोगुना कर दिया है। ऐसे में भारतीय छात्र फिलहाल कनाडा के बजाय दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों की इस पर बिल्कुल अलग राय है।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी तरह के वीज़ा के मामले में कोई भी देश कनाडा जैसा काम नहीं कर सकता। क्योंकि कनाडा में पीआर जल्दी मिल जाता है और ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड जैसे देशों में पीआर नहीं मिलता।
इसलिए कनाडा बच्चों की पहली पसंद है। लेकिन फिर अगर बच्चा कनाडा के अलावा कोई दूसरा विकल्प तलाशता है तो छात्रों की पहली पसंद ऑस्ट्रेलिया ही होती है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सरकार के वीज़ा नियम भारतीयों के लिए बहुत सख्त हैं। जिनका प्रोफ़ाइल साफ़ नहीं है, उनकी पसंद यूके, न्यूज़ीलैंड और अमेरिका है। आइलेट्स देने वाले बच्चों की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट
विदेश में उच्च शिक्षा के लिए आइलेट्स (इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम) टेस्ट को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सालाना कुल 48 परीक्षा तिथियां तय होती हैं। एक बार पेपर देने के लिए एक टेस्ट का खर्च करीब 17 हजार रुपये आता है। जिसे आईडीपी द्वारा आयोजित किया जाता है। हर साल लाखों बच्चे यह पेपर देते थे।
उक्त टेस्ट पास करने के बाद ही बच्चे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूके, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में जाकर पढ़ाई कर सकते थे। पिछले साल की तुलना में इस साल आइलेट्स देने वाले बच्चों की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट आई है। पहले एक लाख बच्चे आइलेट्स पेपर देते थे और अब सिर्फ 45 से 48 हजार ही दे रहे हैं।
आइए जानते हैं कि इमिग्रेशन एक्सपर्ट की क्या राय है…. 1. दैनिक भास्कर ने कनाडा वीजा एक्सपर्ट के तौर पर सुमीत जैन से बातचीत की। सुमीत जैन पंजाब में कनाडा स्टूडेंट वीजा को लेकर बड़े स्तर पर काम करते हैं। कनाडा में इनका कई यूनिवर्सिटी के साथ टाई-अप है। पंजाब में वह जैन ओवरसीज के नाम से बड़ी इमिग्रेशन कंपनी चलाते हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में जैन ओवरसीज के डायरेक्टर सुमीत जैन ने कहा- कनाडा वीजा में गिरावट की सबसे बड़ी वजह वहां की सरकार द्वारा वीजा प्रोसेस में लगातार लाए जा रहे परिवर्तन है, इससे बच्चों का रुझान कम हो गया। भारत कनाडा विवाद की वजह से भी कुछ हद तक प्रभाव पड़ा है। जैन आगे बोले- इस वक्त इमिग्रेशन इंडस्ट्री के लिए काफी चुनौती पूर्ण समय है। इस वक्त बच्चों का रुझान 70 से 75 प्रतिशत तक डाउन जा चुका है। जैन ने आगे कहा- कनाडा में अलगे साल चुनाव होने वाले हैं, चुनाव के बाद कनाडा जाने वाले बच्चों की तादाद एक दम से बढ़ेगी। वहां के कॉलेज, यूनिवर्सिटियों द्वारा भी कनाडा के प्रधानमंत्री को लेटर लिखकर प्रधानमंत्री से सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों में संशोधन की मांग की है। जैन बोले- अब जो भी होगा पॉजिटिव ही होगा, नेगटिव जितना होना था, हो चुका है। 2. दैनिक भास्कर ने पंजाब की प्रमुख ट्रैवल एजेंसी त्रिवेदी ओवरसीज के डायरेक्टर सुकांत त्रिवेदी से कनाडा वीजा को लेकर अहम चर्चा की। सुकांत को इमिग्रेशन इंडस्ट्री में करीब 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। अपने पूरे जीवन में वह लाखों बच्चों को कनाडा भेज चुके हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में इमिग्रेशन एक्सपर्ट सुकांत त्रिवेदी ने कहा- इस वक्त कनाडा की ओर छात्रों का रुझान बहुत कम है। ऐसा ट्रेंड पिछले करीब एक साल से देखने को मिल रहा है। इसके पीछा सिर्फ भारत कनाडा विवाद नहीं है, बल्कि कई कारण हैं। जिनमें सबसे प्रमुख कनाडा में काम की कमी, रहने के लिए महंगी जगह, अलगाववादियों को बढ़ावा दिया जाना और अन्य हैं। जिससे हालात ज्यादा खराब हुए। इसी से डरते हुए बच्चों और उनके परिवारों ने कनाडा से मुख मोड़ लिया है। आठ महीने पहले कनाडा सरकार ने जब बच्चों की जीआईसी दोगुनी कर दी, उससे भी काफी प्रभाव पड़ा है। पहले बच्चे का खर्च सिर्फ 14 से 15 लाख आता था, मगर अब यही खर्च बढ़कर 25 साल के करीब पहुंच गया है। आगे त्रिवेदी ने कहा- वीजा में कनाडा द्वारा कोई कमी नहीं दिखाई गई है। बच्चों के रुझान में कमी है। ये इन सभी के कारण हैं। 3. इंटरनेशनल एजुकेशन सर्विसेज एक मैनेजिंग डायरेक्टर हरसौरभ सिंह बजाज पंजाब की एक प्रमुख ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं। जोकि ट्रैवल एजेंसी के साथ-साथ बच्चों को आइलेट्स सहित अन्य कोर्स भी करवाते हैं, जिन्हें करने के बाद बच्चा विदेश जाने के लिए योग्य होता है। दैनिक भास्कर से बातचीत में इंटरनेशनल एजुकेशन सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर हरसौरभ सिंह बजाज ने कहा- कनाडा ने अब से पहले उन बच्चों को भी वीजा दिया, जोकि कभी उसके योग्य भी नहीं थे। पिछले साल से लेकर अब तक उक्त वीजा प्रोसेस की वजह से एक बुरा प्रभाव पड़ा। बजाज ने आगे कहा- पिछले साल के मुकाबले इस साल सिर्फ 30 प्रतिशत बच्चे कनाडा जाना चाह रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण कनाडा में पढ़ाई और रहने का खर्च बहुत बढ़ गया है। जीआईसी डबल होने के कारण ऐसा हुआ।