‘भैया ने दिवाली पर फोन किया था। कहा था कि दिवाली पर घर नहीं आ पाया, लेकिन होली पर जरूर आऊंगा। फिर हम दोनों भाई साथ में होली खेलेंगे। तुम मन लगाकर पढ़ाई करना। लेकिन, अगली रात में ही भैया का मर्डर हो गया।’ यह कहना है दीपू सैनी के 10 साल के भाई छोटू का। इतना कहने के बाद छोटू अपने भाई को याद करके रोने लगा। दीपू की हत्या से पूरा परिवार सदमे में है। मां और बहन बार-बार बेसुध हो जा रही हैं। मां सोनी देवी का कहना है कि जैसे मेरे बेटे की हत्या की गई, वैसे ही आरोपी मुकेश को भी पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा जाए। पिता ने कहा- पढ़ाई छोड़कर हमारे कर्ज को चुकाने के लिए पुणे कमाने गया था। 2 महीने रुपए भेजे, लेकिन अब हम सबको बेसहारा कर दिया। पहले जानिए पूरा घटनाक्रम कुशीनगर के विशुनपुरा थाना क्षेत्र में मठिया माफी गांव है। यहां का रहने वाला दीपू सैनी (19) 2 महीने पहले गांव के कुछ युवकों के साथ काम की तलाश में पुणे के पिंपरी चिंचवड गया था। वहां वह पड़ोसी गांव शाहपुर सोरहवा के रहने वाले मुकेश के साथ MKV नाम की कंपनी में काम करने लगा। वह और मुकेश अपने साथ काम करने 5-6 युवकों के साथ कंपनी के कमरे में ही रहते थे। 2 नवंबर की रात दीपू सैनी और मुकेश के बीच में खाना बनाने को लेकर कहासुनी हो गई। इसके बाद साथ रहने वाले लड़कों ने दोनों को शांत करा दिया। फिर सभी ने साथ में मिलकर खाना खाया। इसके बाद दीपू 3 दोस्तों के साथ सो गया, जबकि मुकेश कंपनी के रूम में ही टहलता रहा। इसके बाद मुकेश ने रात करीब 1 बजे लोहे की रॉड से दीपू के सिर पर वार करना शुरू किया। जब तक दीपू मर नहीं गया, तब तक उसे पीटता रहा। इस दौरान उसने 20 सेकेंड में 11 बार रॉड से हमला किया। इसी बीच दीपू के पास में सो रहे दोनों युवक जाग गए और उन्होंने मुकेश को दौड़ाकर पकड़ लिया। दीपू की हत्या के बाद दैनिक भास्कर उसके गांव पहुंचा और परिवार का हाल जाना… गांव में सन्नाटा, शव आने का इंतजार कर रहे लोग
दीपू हत्या की खबर से मठिया गांव में सन्नाटा पसरा है। जिसने भी उसकी हत्या का वीडियो देखा, वह परेशान हो गया। दीपू का पूरा परिवार अब उसका शव आने की राह देख रहा है। परिजनों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गांव के लोग चंदा इकट्ठा करके दीपू का शव मंगवा रहे हैं। जिससे घरवाले उसे आखिरी बार देख सकें और अपने हाथों से अंतिम संस्कार कर सकें। रोते-रोते बेसुध हो जा रही मां
दीपू की हत्या की जानकारी लेने दैनिक भास्कर की टीम कुशीनगर से 25 किमी दूर पडरौना-दुदही मुख्य मार्ग के किनारे मठिया माफी गांव पहुंची। यहां दरवाजे के सामने बैठा पूरा परिवार दीपू की मौत पर बिलख रहा था। गांव की महिलाएं उनको ढांढस बंधा रही थीं, लेकिन दीपू की मां सोनी देवी बेटे के याद में रोते-रोते बेसुध हो जा रही थीं। होश आने पर वह किस्मत और हत्या के आरोपी मुकेश को कोसने लगती। साथ ही बेटे के हत्यारे को मौत की सजा देने की मांग करती रही। 17 साल की बहन नेहा अपने भाई की मौत की खबर मिलने के बाद से ही गुमसुम है। उसका छोटा भाई छोटू भी बड़े भाई को याद करके रो रहा है। पिता सरल आंखों में आंसू लिए पत्नी और बच्चों को किसी तरह समझाने की कोशिश करते दिखे। लेकिन, बीच-बीच में उनकी आंखों से आंसू टपकते रहे। पिता बोले- दीपू का 11वी में एडमिशन कराया था
पिता सरल ने बताया- दीपू ने इसी साल हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी। उसके बाद 11वीं में एडमिशन लिया था। मेरे पास जमीन है, लेकिन पक्का मकान नहीं है। इसलिए छोटे समूहों से डेढ़ लाख रुपए कर्ज लेकर घर की नींव डलवाई थी। लेकिन, पैसा खत्म होने पर काम बंद हो गया। मैं दिहाड़ी मजदूरी करता हूं। रोज काम नहीं मिलने से समूह की 5 हजार की किश्त नहीं भर पा रहा था। इससे मैं परेशान रहने लगा था। बेटे को काम दिलाकर जान ले ली
उन्होंने बताया- मेरी परेशानी देख बेटे ने कमाने जाने का फैसला किया। मैंने कहा कि बेटा अभी पढ़ लो तो उसने कहा कि घर का कर्ज चुकाना है और बहन की शादी करनी है। आप अकेले नहीं कर पाएंगे। इतना कहकर 3 महीने पहले गांव के कुछ लड़कों के साथ मुकेश के बुलाने पर पुणे चला गया था। हमें नहीं पता था कि मुकेश हमारे बेटे को काम दिलाकर उसकी जान ही ले लेगा। सरकारी जमीन पर बना है छप्पर का घर
चाचा हरेंद्र सैनी ने बताया- हमारा परिवार मूलरूप से बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बररिहा में रहता था। नारायणी नदी ने घर और खेत सब 1996 की बाढ़ में ही काट लिया। इसके बाद विस्थापित होकर हमारे पिता रघुनाथ सैनी ने यहां आकर डेढ़ कट्ठा जमीन खरीदी और यहीं रहने लगे। हम दो भाई हैं। जमीन कम है। थोड़ी-सी सरकारी जमीन पर छप्पर का घर बनाया है। उसी में पूरा परिवार रहता है। उन्होंने बताया- हम भले ही यहां के निवासी हो गए, लेकिन शौचालय और राशन छोड़ अब तक कोई सरकारी सुविधा नहीं मिली। पीएम आवास योजना में भी घर नहीं मिलने के कारण दोनों भाइयों ने समूहों से कर्ज लेकर नींव डलवाई थी। जिससे दोनों परिवारों के 14 सदस्यों को छत मिल जाए। लेकिन, कर्ज चुकाने में अपने परिवार का सबसे होनहार सहारा हमने खो दिया। काम करने के लिए बुलाया था
चाचा ने बताया- मुकेश के मामा का घर हमारे पड़ोस में है। वह लंबे समय तक यहीं रहता था, जिससे उसकी दीपू से दोस्ती हो गई थी। गांव में सभी दोस्त एक साथ घूमते और खेलते थे। एक साल पहले मुकेश कमाने के लिए बाहर चला गया। दीपू की आर्थिक स्थिति देख पुणे में काम करने के लिए उसी ने बुलाया था। पूरा परिवार दीपू के ही भरोसे था
पुणे में दीपू के साथ रहने वाले गोविंद ने बताया- हम सभी लोग मशीन चलाते थे। एक दिन की दिहाड़ी 400 रुपए मिलती थी। मुकेश नशा करता था और सबसे झगड़ा करता था। दीपू अपने परिवार के लिए मेहनत करता था। वह एक भी रुपया अनावश्यक खर्च नहीं करता था। कहता था, पूरा परिवार मेरे भरोसे ही है। दिवाली के पहले खाने का पैसा नहीं देने और खाना न बनाने पर दीपू ने मुकेश को डांट दिया था। इसके बाद मुकेश उससे नाराज हो गया और होटल में खाना खाने लगा। बाकी सभी साथी एक साथ खाना खाते थे। उस रात भी मुकेश होटल से खा कर आया। 3 लोग सो रहे थे, जबकि एक साथी कान में हेडफोन लगा गेम खेल रहा था। मौका देख कर मुकेश ने दीपू की हत्या कर दी और भागने लगा। बाउंड्री वॉल और गेट ऊंचा था, जिससे वह भाग नहीं सका। हम सभी लोग दीपू को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत की सूचना मिलने पर बेसुध हुए परिजन
ग्रामीण दीपक गुप्ता ने बताया- कल दीपू के मौत की जानकारी मिली तो घरवाले बेसुध हो गए। परिवार वाले पैसे न होने की वजह से बेटे का शव भी नहीं मंगा पा रहे थे। इस पर हम तीन दोस्तों ने लोगों से चंदा इकट्ठा कर दीपू का शव गांव मंगाने का आश्वासन दिया। पैसे भी इकट्ठा कर लिए हैं। हम सभी गांव वाले दीपू के परिवार के साथ हैं। प्रधान विजय सिंह ने बताया- घटना बहुत दुखद है। सभी लोग पीड़ित परिवार की मदद में लगे हैं। अब तक कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासन से जुड़ा व्यक्ति नहीं आया है। शव मंगाने में 55 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। 36 से 40 घंटे में दीपू का शव गांव में आ जाएगा। सरकार के नियमों के कारण यहां परिवार को सरकारी योजनाएं नहीं मिल पा रही हैं। प्रयास किया जाएगा, जिससे उनकी मदद हो सके। विशुनपुरा थानाध्यक्ष रामसहाय चौहान ने बताया- मामला महाराष्ट्र का है। वहां आरोपी मुकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। वह पुलिस की गिरफ्त में है। हमारे अधिकार क्षेत्र में जो हो सकेगा, हम पीड़ित परिवार की मदद करेंगे। ——————— ये खबर भी पढ़ें कुशीनगर के युवक की पुणे में रॉड से पीट-पीटकर हत्या, 2 महीने पहले कमाने गया था; दोस्त ने 20 सेकेंड में 11 बार हमला किया कुशीनगर के एक युवक की महाराष्ट्र के पुणे में लोहे की रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस पिटाई का वीडियो भी सामने आया है। महाराष्ट्र पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर युवक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, बेटे की हत्या की सूचना मिलने पर कुशीनगर में परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना पुणे के पिम्परी चिनचौर इलाके के MKV की कंपनी की है। ‘भैया ने दिवाली पर फोन किया था। कहा था कि दिवाली पर घर नहीं आ पाया, लेकिन होली पर जरूर आऊंगा। फिर हम दोनों भाई साथ में होली खेलेंगे। तुम मन लगाकर पढ़ाई करना। लेकिन, अगली रात में ही भैया का मर्डर हो गया।’ यह कहना है दीपू सैनी के 10 साल के भाई छोटू का। इतना कहने के बाद छोटू अपने भाई को याद करके रोने लगा। दीपू की हत्या से पूरा परिवार सदमे में है। मां और बहन बार-बार बेसुध हो जा रही हैं। मां सोनी देवी का कहना है कि जैसे मेरे बेटे की हत्या की गई, वैसे ही आरोपी मुकेश को भी पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा जाए। पिता ने कहा- पढ़ाई छोड़कर हमारे कर्ज को चुकाने के लिए पुणे कमाने गया था। 2 महीने रुपए भेजे, लेकिन अब हम सबको बेसहारा कर दिया। पहले जानिए पूरा घटनाक्रम कुशीनगर के विशुनपुरा थाना क्षेत्र में मठिया माफी गांव है। यहां का रहने वाला दीपू सैनी (19) 2 महीने पहले गांव के कुछ युवकों के साथ काम की तलाश में पुणे के पिंपरी चिंचवड गया था। वहां वह पड़ोसी गांव शाहपुर सोरहवा के रहने वाले मुकेश के साथ MKV नाम की कंपनी में काम करने लगा। वह और मुकेश अपने साथ काम करने 5-6 युवकों के साथ कंपनी के कमरे में ही रहते थे। 2 नवंबर की रात दीपू सैनी और मुकेश के बीच में खाना बनाने को लेकर कहासुनी हो गई। इसके बाद साथ रहने वाले लड़कों ने दोनों को शांत करा दिया। फिर सभी ने साथ में मिलकर खाना खाया। इसके बाद दीपू 3 दोस्तों के साथ सो गया, जबकि मुकेश कंपनी के रूम में ही टहलता रहा। इसके बाद मुकेश ने रात करीब 1 बजे लोहे की रॉड से दीपू के सिर पर वार करना शुरू किया। जब तक दीपू मर नहीं गया, तब तक उसे पीटता रहा। इस दौरान उसने 20 सेकेंड में 11 बार रॉड से हमला किया। इसी बीच दीपू के पास में सो रहे दोनों युवक जाग गए और उन्होंने मुकेश को दौड़ाकर पकड़ लिया। दीपू की हत्या के बाद दैनिक भास्कर उसके गांव पहुंचा और परिवार का हाल जाना… गांव में सन्नाटा, शव आने का इंतजार कर रहे लोग
दीपू हत्या की खबर से मठिया गांव में सन्नाटा पसरा है। जिसने भी उसकी हत्या का वीडियो देखा, वह परेशान हो गया। दीपू का पूरा परिवार अब उसका शव आने की राह देख रहा है। परिजनों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गांव के लोग चंदा इकट्ठा करके दीपू का शव मंगवा रहे हैं। जिससे घरवाले उसे आखिरी बार देख सकें और अपने हाथों से अंतिम संस्कार कर सकें। रोते-रोते बेसुध हो जा रही मां
दीपू की हत्या की जानकारी लेने दैनिक भास्कर की टीम कुशीनगर से 25 किमी दूर पडरौना-दुदही मुख्य मार्ग के किनारे मठिया माफी गांव पहुंची। यहां दरवाजे के सामने बैठा पूरा परिवार दीपू की मौत पर बिलख रहा था। गांव की महिलाएं उनको ढांढस बंधा रही थीं, लेकिन दीपू की मां सोनी देवी बेटे के याद में रोते-रोते बेसुध हो जा रही थीं। होश आने पर वह किस्मत और हत्या के आरोपी मुकेश को कोसने लगती। साथ ही बेटे के हत्यारे को मौत की सजा देने की मांग करती रही। 17 साल की बहन नेहा अपने भाई की मौत की खबर मिलने के बाद से ही गुमसुम है। उसका छोटा भाई छोटू भी बड़े भाई को याद करके रो रहा है। पिता सरल आंखों में आंसू लिए पत्नी और बच्चों को किसी तरह समझाने की कोशिश करते दिखे। लेकिन, बीच-बीच में उनकी आंखों से आंसू टपकते रहे। पिता बोले- दीपू का 11वी में एडमिशन कराया था
पिता सरल ने बताया- दीपू ने इसी साल हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी। उसके बाद 11वीं में एडमिशन लिया था। मेरे पास जमीन है, लेकिन पक्का मकान नहीं है। इसलिए छोटे समूहों से डेढ़ लाख रुपए कर्ज लेकर घर की नींव डलवाई थी। लेकिन, पैसा खत्म होने पर काम बंद हो गया। मैं दिहाड़ी मजदूरी करता हूं। रोज काम नहीं मिलने से समूह की 5 हजार की किश्त नहीं भर पा रहा था। इससे मैं परेशान रहने लगा था। बेटे को काम दिलाकर जान ले ली
उन्होंने बताया- मेरी परेशानी देख बेटे ने कमाने जाने का फैसला किया। मैंने कहा कि बेटा अभी पढ़ लो तो उसने कहा कि घर का कर्ज चुकाना है और बहन की शादी करनी है। आप अकेले नहीं कर पाएंगे। इतना कहकर 3 महीने पहले गांव के कुछ लड़कों के साथ मुकेश के बुलाने पर पुणे चला गया था। हमें नहीं पता था कि मुकेश हमारे बेटे को काम दिलाकर उसकी जान ही ले लेगा। सरकारी जमीन पर बना है छप्पर का घर
चाचा हरेंद्र सैनी ने बताया- हमारा परिवार मूलरूप से बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बररिहा में रहता था। नारायणी नदी ने घर और खेत सब 1996 की बाढ़ में ही काट लिया। इसके बाद विस्थापित होकर हमारे पिता रघुनाथ सैनी ने यहां आकर डेढ़ कट्ठा जमीन खरीदी और यहीं रहने लगे। हम दो भाई हैं। जमीन कम है। थोड़ी-सी सरकारी जमीन पर छप्पर का घर बनाया है। उसी में पूरा परिवार रहता है। उन्होंने बताया- हम भले ही यहां के निवासी हो गए, लेकिन शौचालय और राशन छोड़ अब तक कोई सरकारी सुविधा नहीं मिली। पीएम आवास योजना में भी घर नहीं मिलने के कारण दोनों भाइयों ने समूहों से कर्ज लेकर नींव डलवाई थी। जिससे दोनों परिवारों के 14 सदस्यों को छत मिल जाए। लेकिन, कर्ज चुकाने में अपने परिवार का सबसे होनहार सहारा हमने खो दिया। काम करने के लिए बुलाया था
चाचा ने बताया- मुकेश के मामा का घर हमारे पड़ोस में है। वह लंबे समय तक यहीं रहता था, जिससे उसकी दीपू से दोस्ती हो गई थी। गांव में सभी दोस्त एक साथ घूमते और खेलते थे। एक साल पहले मुकेश कमाने के लिए बाहर चला गया। दीपू की आर्थिक स्थिति देख पुणे में काम करने के लिए उसी ने बुलाया था। पूरा परिवार दीपू के ही भरोसे था
पुणे में दीपू के साथ रहने वाले गोविंद ने बताया- हम सभी लोग मशीन चलाते थे। एक दिन की दिहाड़ी 400 रुपए मिलती थी। मुकेश नशा करता था और सबसे झगड़ा करता था। दीपू अपने परिवार के लिए मेहनत करता था। वह एक भी रुपया अनावश्यक खर्च नहीं करता था। कहता था, पूरा परिवार मेरे भरोसे ही है। दिवाली के पहले खाने का पैसा नहीं देने और खाना न बनाने पर दीपू ने मुकेश को डांट दिया था। इसके बाद मुकेश उससे नाराज हो गया और होटल में खाना खाने लगा। बाकी सभी साथी एक साथ खाना खाते थे। उस रात भी मुकेश होटल से खा कर आया। 3 लोग सो रहे थे, जबकि एक साथी कान में हेडफोन लगा गेम खेल रहा था। मौका देख कर मुकेश ने दीपू की हत्या कर दी और भागने लगा। बाउंड्री वॉल और गेट ऊंचा था, जिससे वह भाग नहीं सका। हम सभी लोग दीपू को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत की सूचना मिलने पर बेसुध हुए परिजन
ग्रामीण दीपक गुप्ता ने बताया- कल दीपू के मौत की जानकारी मिली तो घरवाले बेसुध हो गए। परिवार वाले पैसे न होने की वजह से बेटे का शव भी नहीं मंगा पा रहे थे। इस पर हम तीन दोस्तों ने लोगों से चंदा इकट्ठा कर दीपू का शव गांव मंगाने का आश्वासन दिया। पैसे भी इकट्ठा कर लिए हैं। हम सभी गांव वाले दीपू के परिवार के साथ हैं। प्रधान विजय सिंह ने बताया- घटना बहुत दुखद है। सभी लोग पीड़ित परिवार की मदद में लगे हैं। अब तक कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासन से जुड़ा व्यक्ति नहीं आया है। शव मंगाने में 55 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं। 36 से 40 घंटे में दीपू का शव गांव में आ जाएगा। सरकार के नियमों के कारण यहां परिवार को सरकारी योजनाएं नहीं मिल पा रही हैं। प्रयास किया जाएगा, जिससे उनकी मदद हो सके। विशुनपुरा थानाध्यक्ष रामसहाय चौहान ने बताया- मामला महाराष्ट्र का है। वहां आरोपी मुकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। वह पुलिस की गिरफ्त में है। हमारे अधिकार क्षेत्र में जो हो सकेगा, हम पीड़ित परिवार की मदद करेंगे। ——————— ये खबर भी पढ़ें कुशीनगर के युवक की पुणे में रॉड से पीट-पीटकर हत्या, 2 महीने पहले कमाने गया था; दोस्त ने 20 सेकेंड में 11 बार हमला किया कुशीनगर के एक युवक की महाराष्ट्र के पुणे में लोहे की रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस पिटाई का वीडियो भी सामने आया है। महाराष्ट्र पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर युवक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, बेटे की हत्या की सूचना मिलने पर कुशीनगर में परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना पुणे के पिम्परी चिनचौर इलाके के MKV की कंपनी की है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर