सिखों के पांच तख्तों में से एक श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम से फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया गया है। इस बारे में खुद ज्ञानी हरप्रीत सिंह की टीम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी दी है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस पेज को बनाने वाले को नसीहत भी दी है। एसजीपीसी सदस्यों ने इस कृत्य का विरोध किया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह की टीम ने फर्जी फेसबुक पेज की जानकारी शेयर करते हुए लिखा- ऐसी घटिया और घिनौनी हरकतें कभी किसी सिख के दिमाग में भी नहीं आ सकती। हम मानते हैं कि आपके पास पैसा है, पूरा नेटवर्क सिस्टम है और कुछ चाटुकार भी हैं। लेकिन इस हद तक गिरना नैतिक रूप से हीन होने का सबूत है। माननीय सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम से फर्जी पेज बनाकर उससे अलग-अलग पोस्ट पर निम्न स्तर की टिप्पणियां की जा रही हैं। टाइटैनिक भी समुद्र में इतना नीचे नहीं गिरा था जितना आप गिरे हैं। बस इतना ही कहूंगा, गुरु आपको आशीर्वाद दें। गुरु की प्यारी संगत से निवेदन है कि ऐसे नकली पेजों से सावधान रहें। SGPC सदस्यों ने जताई चिंता एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम से पेज बनाकर गलत टिप्पणी करना निंदनीय है। सिख धर्म में तख्त श्री दमदमा साहिब का विशेष महत्व है। इस तरह की हरकत से सिख समुदाय को ठेस पहुंची है। यह ज्ञानी हरप्रीत सिंह की गरिमा है कि इस हरकत के बावजूद वे इस हरकत को करने वाले की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कुछ दिन पहले दिया था इस्तीफा ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कुछ दिन पहले अकाली दल के पूर्व नेता विरसा सिंह वल्टोहा पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था। दरअसल, ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर आरएसएस और भाजपा से संबंध रखने का आरोप था। विरसा सिंह वल्टोहा की इस हरकत के बाद उन्हें अकाली दल से निकाल दिया गया था। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि विरसा सिंह वल्टोहा के खिलाफ कुछ दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से आदेश दिए गए थे। लेकिन उसके बाद भी उन्हें हर घंटे धमकियां दी जा रही हैं और उनके परिवार को बेनकाब करने की बात कही जा रही है और उनकी बेटियों के बारे में भी बोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे विरसा सिंह वल्टोहा से नहीं डरते हैं, बल्कि शिरोमणि अकाली दल का सोशल मीडिया विंग विरसा सिंह वल्टोहा का समर्थन कर रहा है और अकाली दल के नए नेता, जिनका पंथक परंपराओं से कोई लेना-देना नहीं है, उनका समर्थन कर रहे हैं। सिखों के पांच तख्तों में से एक श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम से फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया गया है। इस बारे में खुद ज्ञानी हरप्रीत सिंह की टीम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी दी है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस पेज को बनाने वाले को नसीहत भी दी है। एसजीपीसी सदस्यों ने इस कृत्य का विरोध किया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह की टीम ने फर्जी फेसबुक पेज की जानकारी शेयर करते हुए लिखा- ऐसी घटिया और घिनौनी हरकतें कभी किसी सिख के दिमाग में भी नहीं आ सकती। हम मानते हैं कि आपके पास पैसा है, पूरा नेटवर्क सिस्टम है और कुछ चाटुकार भी हैं। लेकिन इस हद तक गिरना नैतिक रूप से हीन होने का सबूत है। माननीय सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम से फर्जी पेज बनाकर उससे अलग-अलग पोस्ट पर निम्न स्तर की टिप्पणियां की जा रही हैं। टाइटैनिक भी समुद्र में इतना नीचे नहीं गिरा था जितना आप गिरे हैं। बस इतना ही कहूंगा, गुरु आपको आशीर्वाद दें। गुरु की प्यारी संगत से निवेदन है कि ऐसे नकली पेजों से सावधान रहें। SGPC सदस्यों ने जताई चिंता एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम से पेज बनाकर गलत टिप्पणी करना निंदनीय है। सिख धर्म में तख्त श्री दमदमा साहिब का विशेष महत्व है। इस तरह की हरकत से सिख समुदाय को ठेस पहुंची है। यह ज्ञानी हरप्रीत सिंह की गरिमा है कि इस हरकत के बावजूद वे इस हरकत को करने वाले की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कुछ दिन पहले दिया था इस्तीफा ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कुछ दिन पहले अकाली दल के पूर्व नेता विरसा सिंह वल्टोहा पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था। दरअसल, ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर आरएसएस और भाजपा से संबंध रखने का आरोप था। विरसा सिंह वल्टोहा की इस हरकत के बाद उन्हें अकाली दल से निकाल दिया गया था। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि विरसा सिंह वल्टोहा के खिलाफ कुछ दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से आदेश दिए गए थे। लेकिन उसके बाद भी उन्हें हर घंटे धमकियां दी जा रही हैं और उनके परिवार को बेनकाब करने की बात कही जा रही है और उनकी बेटियों के बारे में भी बोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे विरसा सिंह वल्टोहा से नहीं डरते हैं, बल्कि शिरोमणि अकाली दल का सोशल मीडिया विंग विरसा सिंह वल्टोहा का समर्थन कर रहा है और अकाली दल के नए नेता, जिनका पंथक परंपराओं से कोई लेना-देना नहीं है, उनका समर्थन कर रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अमृतसर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी:SGPC ने मर्यादा सहित किया शिफ्ट; घर से हो रहा था ईसाई धर्म का प्रचार
अमृतसर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी:SGPC ने मर्यादा सहित किया शिफ्ट; घर से हो रहा था ईसाई धर्म का प्रचार पंजाब के अमृतसर में एक घर में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया है। जांच के बाद सत्कार सहित श्री गुरु ग्रंथ साहिब को कब्जे में ले लिया गया है। निहंग जत्थेबंदियों ने आरोप लगाया कि इस घर में जहां एक तरफ श्री गुरु ग्रंथ साहिब सुशोभित था, वहीं उसी घर से ईसाई धर्म का प्रचार किया जा रहा था। हंगामे के बीच पुलिस को भी मौके पर पहुंचना पड़ा। ये घटना अमृतसर के वाइट एवेन्यू में घटी। निहंग जत्थेबंदियां हाऊस नंबर 26 में पहुंची थी। ये घर जोगिंदर सिंह का है, जिन्होंने ईसाई धर्म अपना रखा है। सत्कार कमेटी को सूचना मिली थी कि इस घर में एक तरफ श्री गुरु ग्रंथ साहिब सुशोभित है, वहीं दूसरी तरफ इसी घर में ईसाई धर्म का प्रचार होता है। निहंग जत्थेबंदियों व सत्कार कमेटी के पहुंचने पर घर में काफी हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद स्थानीय पुलिस को मौके पर पहुंची। सत्कार कमेटी के सदस्यों ने बताया कि इस कमरे में गुरु ग्रंथ साहिब रखा गया था, वहां पास ही बाथरुम था और उस कमरे में पुराना बेकार समान रखा गया था। जबकि ईसाई धर्म का प्रचार करने वाले कमरे को सुंदर तरीके से सजाया गया था। एसजीपीसी से किया गया संपर्क हंगामे के बाद पुलिस को बीच बचाव में आना पड़ा। पुलिस ने मौके पर पहुंच दोनों पक्षों से बातचीत की। जिसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) से संपर्क साधा गया। एसजीपीसी ने ग्रंथी साहिब को घर में भेज श्री गुरु ग्रंथ साहिब को मर्यादा सहित घर से शिफ्ट करवाया। परिवार ने भी इस पर रजामंदी दिखाई। सत्कार कमेटी ने उठाई कार्रवाई की मांग सत्कार कमेटी ने इस दौरान पुलिस ने परिवार के खिलाफ सिख धर्म और सिखों की आस्था को ठेस पहुंचाने के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल गुरु ग्रंथ साहिब को मर्यादा के साथ शिफ्ट करवाया गया है। दोनों पक्षों के बयान लिए जाएंगे। अगर कानून के तहत कार्रवाई बनी तो की जाएगी।
पंजाब में केजरीवाल का दौरा कल से:लुधियाना में सरपंचों के शपथ समारोह में होंगे शामिल, जाएंगे चब्बेवाल व डेरा बाबा नानक
पंजाब में केजरीवाल का दौरा कल से:लुधियाना में सरपंचों के शपथ समारोह में होंगे शामिल, जाएंगे चब्बेवाल व डेरा बाबा नानक आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कल (शुक्रवार से) दो दिवसीय पंजाब दौरे पर आ रहे हैं। वह 8 नवंबर को लुधियाना में सरपंचों के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके बाद राज्य की चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उप चुनाव की कैंपेन को गति देंगे। 9 नवंबर को वह होशियारपुर के चब्बेवाल और गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में पार्टी के उम्मीदवारों के हक में प्रचार करेंगे। पार्टी की तरफ से इस बारे में तैयारियां पूरी कर ली गई है। चार जिलों के सरपंच बाद में लेंगे शपथ समागम में 19 जिलों के 10031 सरपंचों को मुख्यमंत्री द्वारा शपथ दिलाई जाएगी। शेष चार जिलों श्री मुक्तसर साहिब, होशियारपुर, बरनाला और गुरदासपुर को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। क्योंकि इन जिलों में चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं। 3037 सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों को सर्वसम्मति से चुनाव चुनाव चुनने की अपील की थी। साथ ही दावा किया था कि जहां पर सर्वसम्मति से पंचायत चुनी जाएंगी, उन्हें विकास के लिए अतिरिक्त राशि देंगे। इसका असर भी देखने को मिला है। राज्य में 3037 सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए हैं। इनमें से सबसे अधिक फिरोजपुर जिले में 336 सरपंच, गुरदासपुर में 335 सरपंच और तरनतारन में 334 सरपंचों का सर्वसम्मति से चयन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस समारोह की सफलता के लिए उचित इंतजाम किए हैं।
अकाली नेता वडाला ने फरीदकोट सुपरवाइजर नियुक्ति को नकारा:बोले- SAD का भर्ती अभियान अवैध, यह श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का उल्लंघन
अकाली नेता वडाला ने फरीदकोट सुपरवाइजर नियुक्ति को नकारा:बोले- SAD का भर्ती अभियान अवैध, यह श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का उल्लंघन शिरोमणि अकाली दल द्वारा गुरप्रताप सिंह वडाला को फरीदकोट से पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। लेकिन वडाला ने उक्त नियुक्ति से इनकार किया है। इस संबंध में गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा है कि अकाली दल द्वारा लिए गए फैसले अकाल तख्त साहिब के आदेशों के अनुसार होने चाहिए थे। अकाल तख्त ने आदेश दिया था कि भर्ती 7 सदस्यों की देखरेख में की जाएगी। लेकिन अकाली दल ने उन्हें प्रत्येक जिले में अलग से दिया है। अकाली दल की भर्ती के लिए गठित सात सदस्यीय कमेटी को पूरी तरह से काम करना चाहिए था। गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा है कि हमें फरीदकोट जिले की बजाय पूरी 7 सदस्यीय कमेटी को जिम्मेदारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि यहां भी धार्मिक संकट है। उन्होंने कहा है कि हमारी पीढ़ियां अकाली दल के लिए काम करती आ रही हैं। मीरी-पीरी के सिद्धांत को कायम रखा जाना चाहिए। वडाला बोले- 7 सदस्यीय कमेटी की निगरानी में होनी चाहिए वडाला ने कहा कि अकाली दल के सदस्यों की भर्ती 7 सदस्यीय कमेटी की निगरानी में होनी चाहिए थी, लेकिन जिले में इसे लागू करना आदेश का उल्लंघन है। उन्होंने कहा है कि पहले अकाल तख्त साहिब होना चाहिए और फिर सिद्धांत होने चाहिए। उन्होंने कहा है कि वे ऐसे तर्क दे रहे हैं जिनका अकाली दल के सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता और विद्रोही सुधार आंदोलन के नेता चाहते थे कि अकाल तख्त साहिब के हुक्मनामे का पालन किया जाए। उन्होंने कहा है कि अकाली दल जो भर्ती कर रहा है वह अकाल तख्त साहिब के आदेशों का उल्लंघन है। अकाली दल को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि वह हरजिंदर सिंह धामी से अपील करते हैं कि वे बैठक बुलाएं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम हुक्मनामे को कायम रखेंगे।