झांसी में सड़क किनारे बैठे सब्जी बेचने वालों पर नगर निगम ने कार्रवाई की। सड़क किनारे बैठे लोगों की सब्जी बुलडोजर से रौंद डाली। सब्जी बेचने वाले महिला-पुरुष रोते रहे, मगर बुलडोजर नहीं थमा। जब बुलडोजर थमा, तब तक हजारों रुपए का नुकसान हो चुका था। सब्जी बेचने वालों ने रोते हुए कहा- इनका जोर सिर्फ गरीबों पर चलता है। गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। लोगों का जमावड़ा होते देखकर नगर निगम की टीम बुलडोजर लेकर वहां से निकल गई। पुलिस ने पहुंचने के बाद लोगों को समझाने का प्रयास किया। मगर लोग अपने नुकसान की भरपाई चाहते हैं। पुलिस नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत कर रही है। यह घटना सीपरी बाजार के रेलवे पुल के पास की है। अब तस्वीरों में पूरा मामला देखिए… सब्जी बेचने वाले सागर ने कहा- हमारी पूरी सब्जी कुचल डाली है। डंडों से हमको मारा गया। हमारा 20 हजार का नुकसान कर दिया है। हम गरीब आदमी, अब कहां जाएंगे। पास में खड़े रमेश कहते हैं- नुकसान करने से पहले हमको बताना चाहिए था। ये सब्जी बेचते तभी न हमारे घर के चूल्हे जलते। जो सब्जी बिकी थी, उसके रुपए भी गायब हो गए हैं। ….. ये भी पढ़ें: अविमुक्तेश्वरानंद बोले- मोहन भागवत आम हिंदू को नहीं समझते:गौ हत्या रोकना ही महाकुंभ में हमारा मुद्दा, मंदिर में कूड़ा पड़े; यह मंजूर नहीं वाराणसी पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि मोहन भागवत आम हिंदू की पीड़ा नहीं समझते हैं। महाकुंभ में हमारा मुद्दा गो हत्या को रोकना है। यह तभी संभव है, जब गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में मंदिरों पर अवैध कब्जों को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- यहां वाराणसी में कई मंदिर ऐसे हैं, जिन पर कूड़ा पड़ता है। ऐसे मंदिरों को ठीक करवाकर पूजा-पाठ शुरू करनी चाहिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… झांसी में सड़क किनारे बैठे सब्जी बेचने वालों पर नगर निगम ने कार्रवाई की। सड़क किनारे बैठे लोगों की सब्जी बुलडोजर से रौंद डाली। सब्जी बेचने वाले महिला-पुरुष रोते रहे, मगर बुलडोजर नहीं थमा। जब बुलडोजर थमा, तब तक हजारों रुपए का नुकसान हो चुका था। सब्जी बेचने वालों ने रोते हुए कहा- इनका जोर सिर्फ गरीबों पर चलता है। गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। लोगों का जमावड़ा होते देखकर नगर निगम की टीम बुलडोजर लेकर वहां से निकल गई। पुलिस ने पहुंचने के बाद लोगों को समझाने का प्रयास किया। मगर लोग अपने नुकसान की भरपाई चाहते हैं। पुलिस नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत कर रही है। यह घटना सीपरी बाजार के रेलवे पुल के पास की है। अब तस्वीरों में पूरा मामला देखिए… सब्जी बेचने वाले सागर ने कहा- हमारी पूरी सब्जी कुचल डाली है। डंडों से हमको मारा गया। हमारा 20 हजार का नुकसान कर दिया है। हम गरीब आदमी, अब कहां जाएंगे। पास में खड़े रमेश कहते हैं- नुकसान करने से पहले हमको बताना चाहिए था। ये सब्जी बेचते तभी न हमारे घर के चूल्हे जलते। जो सब्जी बिकी थी, उसके रुपए भी गायब हो गए हैं। ….. ये भी पढ़ें: अविमुक्तेश्वरानंद बोले- मोहन भागवत आम हिंदू को नहीं समझते:गौ हत्या रोकना ही महाकुंभ में हमारा मुद्दा, मंदिर में कूड़ा पड़े; यह मंजूर नहीं वाराणसी पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि मोहन भागवत आम हिंदू की पीड़ा नहीं समझते हैं। महाकुंभ में हमारा मुद्दा गो हत्या को रोकना है। यह तभी संभव है, जब गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में मंदिरों पर अवैध कब्जों को लेकर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- यहां वाराणसी में कई मंदिर ऐसे हैं, जिन पर कूड़ा पड़ता है। ऐसे मंदिरों को ठीक करवाकर पूजा-पाठ शुरू करनी चाहिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्रों पर पुलिस का लाठी चार्ज:कई स्टूडेंट्स हुए घायल, सीनेट चुनाव को लेकर चल रहा है संघर्ष पंजाब यूनिवर्सिटी में आज बुधवार को उस समय माहौल गर्मा गया। जब सीनेट चुनाव की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे विद्यार्थियों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हो गई। इस दौरान पुलिस ने उन पर हलका लाठी चार्ज भी किया। इस दौरान कुछ स्टूडेंट्स को चोट भी आई हैं। वहीं, स्टूडेंट्स ने अपने संघर्ष को और तेज करने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती हैं, वह इससे पीछे नहीं हटेंगे। स्टूडेंटस ने एन मौके पर बदला था अपना प्लान सीनेट चुनाव की मांग काे लेकर आज संघर्ष पर चल रहे स्टूडेंट्स ने वाइस चांसलर का आवास घेरने का प्रोग्राम बनाया था। स्टूडेंट्स इकट्ठे होकर वहां के लिए निकल पड़े थे। लेकिन एन मौके पर उन्होंने अपना प्लान बदल दिया। इसके बाद वह लॉ ऑडिटोरियम की तरफ चल पड़े। वहां पर पंजाब विजन 2047 प्रोग्राम चल रहा था। इसमें पंजाब के कई मंत्री, बिजनेसमैन और कई माहिर लोग पहुंचे थे। पुलिस इस दौरान आफत में आ गई। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन स्टूडेंट्स पीछे हटने के पक्ष में नहीं थे। इस मौके पुलिस और यूनिवर्सिटी की सिक्योरिटी उन्हें रोकने में लग गई। आखिर में पुलिस ने उन पर हलका लाठी चार्ज कर दिया। इसमें कुछ स्टूडेंट्स घायल हो गए। इसके बाद स्टूडेंट्स और भड़क गए। इसके बाद मौके पर डीएसडब्ल्यू पहुंच गए। उन्होंने स्टूडेंट्स को कहा कि वह उनकी वीसी से मीटिंग करवा देंगे। लेकिन स्टूडेंट्स जिस जगह पर रोके गए थे। वहीं, पर मुलाकात चाहते थे। लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद स्टूडेंट्स ने फिर से पूरे कैंपस का चक्कर लगाकर धरना स्थल पर पहुंच गए। साथ ही अपना संघर्ष शुरू कर दिया।
कौन है भोले बाबा, हादसे के बाद कहां भागा?:30 एकड़ में आश्रम, मॉडर्न लुक और कारों का काफिला; जेल से लौटा तो नाम-पहचान बदली
कौन है भोले बाबा, हादसे के बाद कहां भागा?:30 एकड़ में आश्रम, मॉडर्न लुक और कारों का काफिला; जेल से लौटा तो नाम-पहचान बदली यूपी के हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इसमें महिलाएं और बच्चे फंस गए। भीड़ ने उन्हें कुचल दिया…और शवों के ढेर लग गए। अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं। हाल के सालों में ये सबसे बड़ी त्रासदी है। भगदड़ उस समय हुई, जब लोग भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के टूट पड़े। वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन ने पानी की बौछार की। लोग फिसले और जमीन पर गिरे। फिर, एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए। हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गए। हादसे के 17 घंटे बाद भी पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिली है। भोले बाबा का आश्रम 30 एकड़ में है। उसने खुद की आर्मी बना रखी है। यौन शोषण समेत 5 मुकदमे दर्ज हैं। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल रहते हुए यौन शोषण का आरोप लगा तो उसे बर्खास्त कर दिया गया था। जेल भी गया। बाहर आया तो नाम और पहचान बदल ली। बाबा कहां है, सामने आई 2 थ्योरी… हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। उस वक्त भोले बाबा गांव में मौजूद था। लेकिन, भगदड़ मचते ही वह फरार हो गया। अब वह कहां है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बीच दो थ्योरी सामने आई। पहली कि बाबा पुलिस की गिरफ्त में है। उसे मैनपुरी के कस्बा बिछवा स्थित राम कुटीर आश्रम में रखा गया है। आश्रम के अंदर-बाहर फोर्स तैनात कर दी गई है। मामला ठंडा होते ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी दिखा सकती है। दूसरी थ्योरी में ये बताया जा रहा है कि बाबा ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है। वह फरार हो गया है। उसकी लोकेशन पुलिस को नहीं मिल रही है। अब पढ़िए भोले बाबा का असली नाम क्या है और वो इतना बड़ा उपदेशक कैसे बन गया? एटा में जन्म, नौकरी से बर्खास्त, फिर बदला नाम और पहचान
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई। बचपन में पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाता था। पढ़ाई के बाद यूपी पुलिस में नौकरी लग गई। यूपी के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में सूरज पाल की तैनाती रही। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले सूरज पाल इटावा में भी पोस्टेड रहा। नौकरी के दौरान यौन शोषण का मुकदमा लिखे जाने के बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया। जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया। और उपदेशक बन गया। लोग उसे भोले बाबा कहने लगे। उसकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं। 30 एकड़ में आश्रम, 10 साल पहले मैनपुरी पहुंचा
बाबा का गांव में आश्रम 30 एकड़ में फैला हुआ है। जहां किसी देवता की मूर्ति नहीं है। 2014 में उसने बहादुर नगर से मैनपुरी के बिछवा में अपना ठिकाना बदल लिया और आश्रम का प्रबंधन स्थानीय प्रशासक के हाथों में छोड़ दिया। सूत्रों ने बताया कि श्री पाल के ठिकाना बदलने के बावजूद आश्रम में हर दिन 12,000 तक लोग आते थे। वह कारों के काफिले के साथ चलता है। मीडिया से दूरी बनाए रखने वाले बाबा की गांव-गांव गहरी पैठ है। अनुयायी उसे भगवान शिव की तरह पूजते हैं। इसलिए उसका नाम भोले बाबा पड़ गया। मॉर्डन लुक अपनाया
भोले बाबा किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनता। वह अपने सत्संग में थ्री पीस सूट और रंगीन चश्मे में नजर आता है। सूट और बूटा का रंग हमेशा सफेद होता है। कई बार कुर्ता-पैजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचता है। बाबा का दावा- नौकरी छोड़ने के बाद भगवान से हुआ साक्षात्कार
भोले बाबा अपने समागम में दावा करता है- 18 साल की नौकरी के बाद 90 के दशक में उन्होंने VRS ले लिया। उन्हें नहीं मालूम कि सरकारी नौकरी से अध्यात्म की ओर खींचकर कौन लाया? VRS लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। भगवान की प्रेरणा से पता चला, यह शरीर उसी परमात्मा का अंश है। इसके बाद उन्होंने अपना जीवन मानव कल्याण में लगाने का फैसला कर लिया। वह कहते हैं- मैं खुद कहीं नहीं जाता, बल्कि भक्त मुझे बुलाते हैं। भक्तों की फरियाद पर अलग-अलग स्थानों पर घूमकर समागम करते रहते हैं। इस समय उनके कई IAS-IPS अफसर चेले हैं। अक्सर उनके समागम में राजनेता और अफसर पहुंचते हैं। शादियां भी कराई जाती हैं। समागम में शामिल हुए थे अखिलेश यादव
बाबा का कनेक्शन सियासत से भी है। कुछ मौकों पर यूपी के कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा गया। इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। अखिलेश यादव ने जनवरी, 2023 में एक समागम में हिस्सा लिया था। उन्होंने 4 तस्वीरें X अकाउंट पर पोस्ट की। लिखा- नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में गहरी पैठ
भोले बाबा के अनुयायी यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हैं। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में उसकी गहरी पैठ है। मुस्लिम वर्ग के लोग भी अनुयायी हैं। बाबा का यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर पेज भी है। यूट्यूब में 31 हजार सब्सक्राइबर हैं। फेसबुक पेज पर भी ज्यादा लाइक्स नहीं हैं। लेकिन, जमीनी स्तर पर उनके लाखों अनुयायी हैं। उनके हर समागम में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। काले रंग की पोशाक में रहती है भोले बाबा की आर्मी
भोले बाबा की खुद की आर्मी है, जिन्हें सेवादार कहा जाता है। हर मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी कमान यही सेवादार संभालते हैं। सेवादार देश से आने वाले श्रद्धालुओं के पानी, भोजन से लेकर ट्रैफिक की व्यवस्था करते हैं। समागम में बांटा जाता है पानी
भोले बाबा के सत्संग में जो भी भक्त जाता है, उसे वहां पानी बांटा जाता है। बाबा के अनुयायी ऐसा मानते हैं कि इस पानी को पीने से उनकी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। एटा में बहादुर नगर गांव स्थित बाबा के आश्रम में दरबार लगता है। यहां आश्रम के बाहर एक हैंडपंप भी है। दरबार के दौरान इस हैंडपंप का पानी पीने के लिए भी लंबी लाइन लगती है। कोरोना काल में भी हुआ था विवाद
मई, 2022 में जब देश में कोरोना की लहर चल रही थी, उस समय फर्रुखाबाद में भोले बाबा ने सत्संग का आयोजन किया था। जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत दी थी। लेकिन, कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50 हजार से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए थे। यहां उमड़ी भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। उस समय भी जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इस बार भी कहा जा रहा है कि कार्यक्रम के लिए जितने लोगों के शामिल होने की बात प्रशासन को बताई गई थी, उससे कहीं ज्यादा लोग जुट गए थे। भोले बाबा पर जमीन कब्जाने के भी कई आरोप हैं। कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र के करसुई गांव में साकार विश्वहरि ग्रुप पर 5 से 7 बीघे जमीन पर अवैध कब्जा कर करने का आरोप लगा था। हाथरस के बाद आगरा में था कार्यक्रम
भोले बाबा का अगला कार्यक्रम 4 से 11 जुलाई तक आगरा में था। सैंया थाना क्षेत्र में ग्वालियर रोड पर नगला केसरी में तैयारी चल रही थी। इसके पोस्टर भी लग गए थे। यह भी पढ़ें हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत:अस्पताल के बाहर बिखरी पड़ी लाशें; भास्कर रिपोर्टर ने गिनीं; 150 घायल यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई। 150 से अधिक घायल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ है। पढ़ें पूरी खबर
सोनीपत में शिक्षा बोर्ड कर्मी ने हड़पे 34 लाख:4 युवकों को नौकरी, एक को USA भेजने का झांसा; धर्म बहन ने मिलवाया था
सोनीपत में शिक्षा बोर्ड कर्मी ने हड़पे 34 लाख:4 युवकों को नौकरी, एक को USA भेजने का झांसा; धर्म बहन ने मिलवाया था हरियाणा के सोनीपत में 4 युवकों को सरकारी नौकरी लगवाने और एक को USA भेजने का झांसा देकर 34 लाख 50 हजार रुपए हड़पने का मामला सामने आया है। एक महिला ने सत्संग में बनी अपनी धर्म बहन के बहकावे में आकर एक व्यक्ति को अपने बेटे और जानकारों को नौकरी दिलाने के लिए रुपए दिए। थाना सेक्टर 27 पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है। वह हरियाणा शिक्षा बोर्ड में क्लर्क बताया जा रहा है। पुलिस छानबीन में लगी है। सोनीपत में सेक्टर 27 की एक सोसाइटी में रहने वाले ओमपति ने पुलिस को बताया कि उसका मुरथल गांव की किरण के पास सत्संग बहन होने के कारण काफी आना जाना था। किरण के जरिए उसकी पहचान नरेश, जो कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड में कार्यरत है, के साथ हुई। किरण ने उसे बताया कि नरेश ने काफी बच्चों को नौकरी लगवाया है। कुछ को तो USA भी भेजा है। धर्म भाई होने के कारण नरेश का उनके घर पर आना जाना शुरू हो गया। ननंद के पोते से हुई शुरुआत महिला ने बताया कि नरेश ने उससे कहा कि अगर तुम्हारी जानकारी में कोई बच्चा ग्रुप डी व क्लर्क भर्ती होना चाहता हो या फिर USA जाना चाहता हो, बता दें वह पक्का काम करवाता है। इसके बाद उसने अपनी ननंद के के पोते साहिल उर्फ शालू को क्लर्क लगवाने की बात की। नरेश के मांगने पर व किरण के बतौर जमानती होने के चलते उसने 15 मई को 50 हजार रुपए, 16 मई को 50 हजार रुपए मुकेश के खाते से नरेश कुमारी के खाते में भेजे। जेठ के गए ढ़ाई लाख रुपए उसने बताया कि इसके बाद 16 व 17 जून को 2 लाख रुपए नरेश के खाते में दिए। यानी कि उसने कुल 3 लाख रुपए दिए। इसके बाद उसने अपने जेठ के लड़के अक्षय को ग्रुप-D में लगवाने बाबत 22 जून को 1 लाख रुपए, 23 जून को 1 लाख रुपए व 24 जून को 50 हजार रुपए नरेश के मांगने पर और किरण के बतौर जमानती होने पर उसकी जेठानी निर्मला के खाते से कुल 2 लाख 50 हजार रुपए दिए। बेटे को भेजना था USA ओमपति ने बताया कि अन्य जानकार सुमित को क्लर्क लगवाने के लिए 12 अगस्त को नरेश को 3 लाख रुपए कैश दिए गए। इसी प्रकार सोहित उर्फ विवेक को क्लर्क लगवाने बाबत नरेश के मांगने पर अलग अलग दिन 6 लाख 99 हजार 999 रुपए नरेश के खाते में भेजे गए। उसने अपने बेटे रवि को USA भिजवाने बारे अपने पति के खाते व अन्य के खातों से कुल 19 लाख रुपए नरेश को दिए। न तो किसी को नौकरी लगी, न ही उसका बेटा विदेश गया और न ही रुपए वापस मिले। पुलिस ने दर्ज किया केस सेक्टर 27 थाना सोनीपत के ASI विनित के अनुसार पुलिस ने ओमपति की शिकायत पर धारा 420 व 406 IPC के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस छानबीन कर रही है। महिला ने कुछ रिकॉर्डिंग व एक फोन दिया है। पुलिस इनकी जांच कर रही है। जल्द ही आरोपी नरेश को पूछताछ के लिए बुलाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।