झांसी में बुलडोजर पर विदा हुई बारात:कार के साथ डीजे और 12 बुलडोजर पर सवार थे बराती; जमकर किया डांस

झांसी में बुलडोजर पर विदा हुई बारात:कार के साथ डीजे और 12 बुलडोजर पर सवार थे बराती; जमकर किया डांस

झांसी में अनोखे अंदाज में दुल्हन की विदाई हुई। बारात में दूल्हा-दुल्हन की कार आगे चल रही थी, पीछे 12 बुलडोजर पर नाचते-गाते बाराती। बारात को देखने के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ जुट गई थी। बारात कार, बग्घी और डीजे के साथ गई थी, लेकिन जब सुबह विदाई हुई तो यह शहर में चर्चा का विषय बन गई। इस पल को लोगों ने अपने मोबाइल कैद किए। झांसी शहर से शुक्रवार सुबह बिहारी मैरिज गार्डन से बारात विदाई हुई। परिजनों ने कहा कि बुलडोजर उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा फेमस है। इसलिए बारात में बुलडोजर लेकर हमलोग आए है। दूल्हे का भी मन था कि बारात में बुलडोजर आए। पहले देखिए अनूठी विदाई की तस्वीरें अब जानिए पूरा मामला सिजवाह गांव आजाद नगर निवासी ठेकेदार मुन्नी लाल यादव के बेटे की शादी खोड़न गांव के आजाद यादव की बेटी से तय हुई थी। गुरुवार को बारात बिहारी मैरिज गार्डन पहुंची। यहां धूमधाम से शादी हुई। सुबह विदाई के दौरान 12 दुल्हन की कार के अलावा 12 बुलडोजर गेट पर खड़े थे। यह देख सभी लोग दंग रह गए। बारात विदा हुई तो बुलडोजर पर सवार बाराती रास्ते भर नाचते गाते चल रहे थे। अनोखी बारात को देखने के लिए सड़क पर भीड़ लग गई। मैरिज गार्डन दूल्हे के घर से 7 किमी दूर है। राहुल यादव भी पिता के साथ ठेकेदारी करता है। दुल्हन करिश्मा ग्रेजुएट है। दुल्हन के पिता किसान हैं। दूल्हा बोला- बुलडोजर हमारे परिवार के ही हैं राहुल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सभी लोग बुलडोजर को बाबा का बुलडोजर के नाम से जानते हैं, जो अवैध निर्माण पर चलता है। ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों न बुलडोजर को विदाई में शामिल किया जाए। कुछ बुलडोजर हमारे परिवार के ही हैं। वहीं, कुछ मिलने वालों के थे। बारात सामान्य तरीके से गई थी। जब सुबह विदाई हुई तो यह पूरे शहर में चर्चाओं में चर्चा हो गई। ————- ये भी पढ़ें: मेरठ में मुस्लिम गिरा रहे 168 साल पुरानी मस्जिद: मेट्रो और रैपिड कॉरिडोर के बीच में आ रही थी, अधिकारियों ने रातभर समझाया मेरठ में रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही 168 साल पुरानी मस्जिद को हटाया जा रहा है। शुक्रवार को मस्जिद प्रबंधन के लोगों ने हथौड़ा चलाना शुरू किया। यह मस्जिद जगदीश मंडप शारदा रोड के बाहर बनी है। इस मस्जिद में पहली बार जुमे की नमाज नहीं हो सकी। मस्जिद का गेट पहले ही हटा दिया गया था। बिजली का कनेक्शन भी काटा गया है। गुरुवार को एडीएम सिटी बृजेश सिंह मस्जिद पहुंचे और बातचीत की। इसके बाद आपसी सहमति से मस्जिद हटाने को लोग तैयार हुए। यहां पढ़ें पूरी खबर झांसी में अनोखे अंदाज में दुल्हन की विदाई हुई। बारात में दूल्हा-दुल्हन की कार आगे चल रही थी, पीछे 12 बुलडोजर पर नाचते-गाते बाराती। बारात को देखने के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ जुट गई थी। बारात कार, बग्घी और डीजे के साथ गई थी, लेकिन जब सुबह विदाई हुई तो यह शहर में चर्चा का विषय बन गई। इस पल को लोगों ने अपने मोबाइल कैद किए। झांसी शहर से शुक्रवार सुबह बिहारी मैरिज गार्डन से बारात विदाई हुई। परिजनों ने कहा कि बुलडोजर उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा फेमस है। इसलिए बारात में बुलडोजर लेकर हमलोग आए है। दूल्हे का भी मन था कि बारात में बुलडोजर आए। पहले देखिए अनूठी विदाई की तस्वीरें अब जानिए पूरा मामला सिजवाह गांव आजाद नगर निवासी ठेकेदार मुन्नी लाल यादव के बेटे की शादी खोड़न गांव के आजाद यादव की बेटी से तय हुई थी। गुरुवार को बारात बिहारी मैरिज गार्डन पहुंची। यहां धूमधाम से शादी हुई। सुबह विदाई के दौरान 12 दुल्हन की कार के अलावा 12 बुलडोजर गेट पर खड़े थे। यह देख सभी लोग दंग रह गए। बारात विदा हुई तो बुलडोजर पर सवार बाराती रास्ते भर नाचते गाते चल रहे थे। अनोखी बारात को देखने के लिए सड़क पर भीड़ लग गई। मैरिज गार्डन दूल्हे के घर से 7 किमी दूर है। राहुल यादव भी पिता के साथ ठेकेदारी करता है। दुल्हन करिश्मा ग्रेजुएट है। दुल्हन के पिता किसान हैं। दूल्हा बोला- बुलडोजर हमारे परिवार के ही हैं राहुल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सभी लोग बुलडोजर को बाबा का बुलडोजर के नाम से जानते हैं, जो अवैध निर्माण पर चलता है। ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों न बुलडोजर को विदाई में शामिल किया जाए। कुछ बुलडोजर हमारे परिवार के ही हैं। वहीं, कुछ मिलने वालों के थे। बारात सामान्य तरीके से गई थी। जब सुबह विदाई हुई तो यह पूरे शहर में चर्चाओं में चर्चा हो गई। ————- ये भी पढ़ें: मेरठ में मुस्लिम गिरा रहे 168 साल पुरानी मस्जिद: मेट्रो और रैपिड कॉरिडोर के बीच में आ रही थी, अधिकारियों ने रातभर समझाया मेरठ में रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही 168 साल पुरानी मस्जिद को हटाया जा रहा है। शुक्रवार को मस्जिद प्रबंधन के लोगों ने हथौड़ा चलाना शुरू किया। यह मस्जिद जगदीश मंडप शारदा रोड के बाहर बनी है। इस मस्जिद में पहली बार जुमे की नमाज नहीं हो सकी। मस्जिद का गेट पहले ही हटा दिया गया था। बिजली का कनेक्शन भी काटा गया है। गुरुवार को एडीएम सिटी बृजेश सिंह मस्जिद पहुंचे और बातचीत की। इसके बाद आपसी सहमति से मस्जिद हटाने को लोग तैयार हुए। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर