भिवानी में एक सरकारी जेबीटी टीचर आनंद घनघस ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर पैसे लेकर नौकरी देने और फिर उस भ्रष्टाचार को उजागर करने पर 12 साल प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। अब दोबारा नौकरी बहाल होने पर टीचर ने 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए मानहानि के नोटिस भेजे हैं। आनंद घनघस ने बताया कि वो हरियाणा पात्रता अध्यापक संघ का प्रदेश अध्यक्ष था। 2011 में पूर्व की कांग्रेस सरकार में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती निकली तो उन्हें महसूस हुआ कि बिना पैसे दिए नौकरी नहीं मिलेगी। इसके बाद उन्होंने 5 लाख रुपए दिए। जिसके बाद उसे यमुनानगर में ज्वाइन करवाया गया। आनंद ने बताया कि इसके बाद दिल्ली में अन्ना हजारे आंदोलन शुरू हुआ तो उसने भी अपना ये भ्रष्टाचार का मामला उठाया। 9 साल टर्मिनेट और 32 महीने सस्पेंड रहा
आनंद घनघस ने कहा कि ये पूरा मामला उजागर किया तो प्रिंसिपल से कहकर उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। जिसके बाद वे 9 साल टर्मिनेट और 32 महीने सस्पेंड रहा। इस दौरान कोर्ट ट्रायल में परिवार में कुछ नहीं बचा। सुसाइड करने तक मन करता था। परंतु कोर्ट ने न्याय किया और निर्दोष करार दिया। बीते 11 मार्च को उसे दोबारा ज्वाइनिंग मिली। 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए मानहानि के नोटिस भेजे
टीचर आनंद का कहना है कि अब उसने 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए मानहानि के नोटिस भेजे हैं। जिसमें कई कांग्रेस नेता, शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तथा उस समय के कुछ पंचायत प्रतिनिधि हैं। जिन्होंने उसके खिलाफ हलफनामे दिए थे। आनंद का कहना है कि ये नोटिस इसलिए भेजे हैं कि भविष्य में कोई संविधान व सिस्टम का गलत फायदा उठाकर किसी को गलत ना फंसाए। आनंद घनघस का कहना है कि ऐसे संकट में कोई भी सुसाइड या सरेंडर ना करे, बल्कि लड़ाई लड़ना ही विकल्प है। लड़ाई लड़ेंगे तो कोर्ट में बैठे भगवान रूपी जज न्याय जरूर देंगे। भिवानी में एक सरकारी जेबीटी टीचर आनंद घनघस ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर पैसे लेकर नौकरी देने और फिर उस भ्रष्टाचार को उजागर करने पर 12 साल प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। अब दोबारा नौकरी बहाल होने पर टीचर ने 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए मानहानि के नोटिस भेजे हैं। आनंद घनघस ने बताया कि वो हरियाणा पात्रता अध्यापक संघ का प्रदेश अध्यक्ष था। 2011 में पूर्व की कांग्रेस सरकार में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती निकली तो उन्हें महसूस हुआ कि बिना पैसे दिए नौकरी नहीं मिलेगी। इसके बाद उन्होंने 5 लाख रुपए दिए। जिसके बाद उसे यमुनानगर में ज्वाइन करवाया गया। आनंद ने बताया कि इसके बाद दिल्ली में अन्ना हजारे आंदोलन शुरू हुआ तो उसने भी अपना ये भ्रष्टाचार का मामला उठाया। 9 साल टर्मिनेट और 32 महीने सस्पेंड रहा
आनंद घनघस ने कहा कि ये पूरा मामला उजागर किया तो प्रिंसिपल से कहकर उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। जिसके बाद वे 9 साल टर्मिनेट और 32 महीने सस्पेंड रहा। इस दौरान कोर्ट ट्रायल में परिवार में कुछ नहीं बचा। सुसाइड करने तक मन करता था। परंतु कोर्ट ने न्याय किया और निर्दोष करार दिया। बीते 11 मार्च को उसे दोबारा ज्वाइनिंग मिली। 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए मानहानि के नोटिस भेजे
टीचर आनंद का कहना है कि अब उसने 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए मानहानि के नोटिस भेजे हैं। जिसमें कई कांग्रेस नेता, शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तथा उस समय के कुछ पंचायत प्रतिनिधि हैं। जिन्होंने उसके खिलाफ हलफनामे दिए थे। आनंद का कहना है कि ये नोटिस इसलिए भेजे हैं कि भविष्य में कोई संविधान व सिस्टम का गलत फायदा उठाकर किसी को गलत ना फंसाए। आनंद घनघस का कहना है कि ऐसे संकट में कोई भी सुसाइड या सरेंडर ना करे, बल्कि लड़ाई लड़ना ही विकल्प है। लड़ाई लड़ेंगे तो कोर्ट में बैठे भगवान रूपी जज न्याय जरूर देंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
