बरेली में टूटे पुल से 50 फीट नीचे कार गिरने से 24 नवंबर को 3 युवकों की मौत हो गई थी। गूगल मैप ने इस अधूरे पुल को पूरा दिखाया था। हादसे के 6 दिन बाद बदायूं पुलिस ने गूगल को नोटिस जारी किया है। गुरुग्राम ऑफिस को भेजे नोटिस में पुलिस ने पूछा है कि जहां हादसा हुआ यानी टूटे पुल को पूरा दिखाया, उस इलाके का मैनेजर कौन है? ताकि FIR में उसका नाम शामिल किया जा सके। जवाब मिलने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। पहले जानिए पूरा मामला
24 नवंबर को फर्रुखाबाद के दो भाई अजित और नितिन अपने दोस्त अमित के साथ गाजियाबाद से बरेली शादी में शामिल होने जा रहे थे। बरेली से जब फरीदपुर की तरफ बढ़े तो गूगल मैप का सहारा लिया। गूगल मैप ने रामगंगा नदी पर बने बदायूं की दातागंज तहसील और बरेली की फरीदपुर तहसील को जोड़ने वाले पुल का रास्ता दिखाया। जबकि यह पुल बाढ़ में बह गया था। इन लोगों ने पुल पर गाड़ी चढ़ा दी। सुबह का समय था, कोहरा था। गाड़ी 30 मीटर ही चली होगी कि ड्राइवर को एहसास हो गया कि आगे पुल टूटा है। उसने ब्रेक लगाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कार घिसटती हुई रामगंगा नदी में जा गिरी। मौके पर ही तीनों युवकों की मौत हो गई। कार जिस स्थान पर गिरी वह इलाका बरेली के फरीदपुर में आता है, जिस जगह से कार पुल पर चढ़ी थी वो बदायूं की सीमा में आता है। अगर बदायूं की तरफ से पुल पर दीवार बनी होती या अवरोधक लगाया गया होता तो हादसा नहीं होता। इसलिए तीन मौतों के बाद मामला बदायूं की कोतवाली दातागंज में दर्ज हुआ। हादसे के जिम्मेदार माने गए बदायूं PWD के अफसर इनके खिलाफ FIR दातागंज तहसील के नायब तहसीलदार छविराम की तरफ से लिखवाई गई। जो कुछ पुलिस रिकॉर्ड में आया, वो पढ़िए.. दातागंज इलाके में गांव समरेर से फरीदपुर की तरफ जाने वाली सड़क (एप्रोच रोड) पूरी तरह से कटी हुई है। इसके कट जाने के बाद लोक निर्माण विभाग के 2 असिस्टेंट इंजीनियर मो. आरिफ, अभिषेक कुमार और दो जूनियर इंजीनियर अजय गंगवार और महाराज सिंह को मालूम था कि लोग पुल के रास्ते जा सकते हैं, बड़ी घटना घट सकती है। इन अधिकारियों ने जानबूझकर पुल के दोनों तरफ मजबूत बैरिकेडिंग नहीं लगवाई। रोड के कटे होने के संकेतक और रिफ्लेक्टर भी नहीं लगवाए। इस पुल पर पहले एक पतली दीवार थी, जिसे किसी ने तोड़ दिया था। यहां कोई अवरोध नहीं होने पर गूगल मैप ने इसको सही रास्ता बताया। 24 नवंबर 2024 को कार सवार 3 लोगों की नदी में गिरकर मौत हो गई। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के साथ गूगल के क्षेत्रीय प्रबंधक और अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। तहरीर में गूगल मैप के क्षेत्रीय प्रबंधक का भी जिक्र है, ऐसे में अब पुलिस तफ्तीश में प्रबंधक का नाम भी उजागर करने की तैयारी में है। गुड़गांव भेजा गया नोटिस
पुलिस की ओर से गूगल के गुड़गांव स्थित आफिस को नोटिस जारी किया गया है। इसमें पूछा गया है कि हादसे वाले इलाके का क्षेत्रीय प्रबंधक कौन है, क्योंकि गूगल मैप भी पुल का रास्ता क्लीयर बता रहा था। जबकि हादसे के बाद रूटमैप में बदलाव कर दिया गया। कुल मिलाकर यह भी साक्ष्य मिटाने का काम है और इसकी धारा भी विवेचना में बढ़ाई जा सकती है। तथ्यों के आधार पर होगी कार्रवाई
इधर, एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने बताया कि गूगल के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है। बाकी विवेचना पुलिस कर रही है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई होगी। …………………………………. बरेली हादसे से जड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए… गूगल मैप-लापरवाह अफसर मेरे पति की मौत के जिम्मेदार:पत्नी बोली- 45 दिन पहले पिता बने थे, बेटे का नाम भी नहीं रख पाए किसी बच्चे का नाम तक न रखा गया हो और उसके सिर से पिता का साया उठ जाए तो मां पर क्या बीत रही होगी। कुछ ऐसा ही दर्द नीचे तस्वीर में दिख रही बेबस शानू का है। हाथ में डेढ़ महीने का बच्चा है। बच्चे का अभी नामकरण भी नहीं हुआ, लेकिन पिता की दर्दनाक मौत हो गई। मौत भी कैसे? बरेली में कार पुल से नीचे गिर गई। (पूरी खबर पढ़ें) बरेली में टूटे पुल से 50 फीट नीचे कार गिरने से 24 नवंबर को 3 युवकों की मौत हो गई थी। गूगल मैप ने इस अधूरे पुल को पूरा दिखाया था। हादसे के 6 दिन बाद बदायूं पुलिस ने गूगल को नोटिस जारी किया है। गुरुग्राम ऑफिस को भेजे नोटिस में पुलिस ने पूछा है कि जहां हादसा हुआ यानी टूटे पुल को पूरा दिखाया, उस इलाके का मैनेजर कौन है? ताकि FIR में उसका नाम शामिल किया जा सके। जवाब मिलने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। पहले जानिए पूरा मामला
24 नवंबर को फर्रुखाबाद के दो भाई अजित और नितिन अपने दोस्त अमित के साथ गाजियाबाद से बरेली शादी में शामिल होने जा रहे थे। बरेली से जब फरीदपुर की तरफ बढ़े तो गूगल मैप का सहारा लिया। गूगल मैप ने रामगंगा नदी पर बने बदायूं की दातागंज तहसील और बरेली की फरीदपुर तहसील को जोड़ने वाले पुल का रास्ता दिखाया। जबकि यह पुल बाढ़ में बह गया था। इन लोगों ने पुल पर गाड़ी चढ़ा दी। सुबह का समय था, कोहरा था। गाड़ी 30 मीटर ही चली होगी कि ड्राइवर को एहसास हो गया कि आगे पुल टूटा है। उसने ब्रेक लगाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कार घिसटती हुई रामगंगा नदी में जा गिरी। मौके पर ही तीनों युवकों की मौत हो गई। कार जिस स्थान पर गिरी वह इलाका बरेली के फरीदपुर में आता है, जिस जगह से कार पुल पर चढ़ी थी वो बदायूं की सीमा में आता है। अगर बदायूं की तरफ से पुल पर दीवार बनी होती या अवरोधक लगाया गया होता तो हादसा नहीं होता। इसलिए तीन मौतों के बाद मामला बदायूं की कोतवाली दातागंज में दर्ज हुआ। हादसे के जिम्मेदार माने गए बदायूं PWD के अफसर इनके खिलाफ FIR दातागंज तहसील के नायब तहसीलदार छविराम की तरफ से लिखवाई गई। जो कुछ पुलिस रिकॉर्ड में आया, वो पढ़िए.. दातागंज इलाके में गांव समरेर से फरीदपुर की तरफ जाने वाली सड़क (एप्रोच रोड) पूरी तरह से कटी हुई है। इसके कट जाने के बाद लोक निर्माण विभाग के 2 असिस्टेंट इंजीनियर मो. आरिफ, अभिषेक कुमार और दो जूनियर इंजीनियर अजय गंगवार और महाराज सिंह को मालूम था कि लोग पुल के रास्ते जा सकते हैं, बड़ी घटना घट सकती है। इन अधिकारियों ने जानबूझकर पुल के दोनों तरफ मजबूत बैरिकेडिंग नहीं लगवाई। रोड के कटे होने के संकेतक और रिफ्लेक्टर भी नहीं लगवाए। इस पुल पर पहले एक पतली दीवार थी, जिसे किसी ने तोड़ दिया था। यहां कोई अवरोध नहीं होने पर गूगल मैप ने इसको सही रास्ता बताया। 24 नवंबर 2024 को कार सवार 3 लोगों की नदी में गिरकर मौत हो गई। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के साथ गूगल के क्षेत्रीय प्रबंधक और अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। तहरीर में गूगल मैप के क्षेत्रीय प्रबंधक का भी जिक्र है, ऐसे में अब पुलिस तफ्तीश में प्रबंधक का नाम भी उजागर करने की तैयारी में है। गुड़गांव भेजा गया नोटिस
पुलिस की ओर से गूगल के गुड़गांव स्थित आफिस को नोटिस जारी किया गया है। इसमें पूछा गया है कि हादसे वाले इलाके का क्षेत्रीय प्रबंधक कौन है, क्योंकि गूगल मैप भी पुल का रास्ता क्लीयर बता रहा था। जबकि हादसे के बाद रूटमैप में बदलाव कर दिया गया। कुल मिलाकर यह भी साक्ष्य मिटाने का काम है और इसकी धारा भी विवेचना में बढ़ाई जा सकती है। तथ्यों के आधार पर होगी कार्रवाई
इधर, एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने बताया कि गूगल के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है। बाकी विवेचना पुलिस कर रही है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई होगी। …………………………………. बरेली हादसे से जड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए… गूगल मैप-लापरवाह अफसर मेरे पति की मौत के जिम्मेदार:पत्नी बोली- 45 दिन पहले पिता बने थे, बेटे का नाम भी नहीं रख पाए किसी बच्चे का नाम तक न रखा गया हो और उसके सिर से पिता का साया उठ जाए तो मां पर क्या बीत रही होगी। कुछ ऐसा ही दर्द नीचे तस्वीर में दिख रही बेबस शानू का है। हाथ में डेढ़ महीने का बच्चा है। बच्चे का अभी नामकरण भी नहीं हुआ, लेकिन पिता की दर्दनाक मौत हो गई। मौत भी कैसे? बरेली में कार पुल से नीचे गिर गई। (पूरी खबर पढ़ें) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर