आगरा में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने युवती को 30 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। उसे सीबीआई, नारकोटिक्स का डर दिखाकर 16 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिया। इतना ही नहीं ठगों ने बॉडी स्कैन कराने के नाम पर कैमरे के सामने युवती के कपडे़ तक उतरवा लिए। साइबर ठगी गैंग में शामिल एक आरोपी को राजस्थान के सीकर से गिरफ्तार किया है। अन्य की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है। अब विस्तार से पढ़िए… 24 दिसंबर को आई थी कॉल
शाहगंज की रहने वाली युवती के पास 24 दिसंबर 2024 को इंटरनेशनल नंबर से एक कॉल आई। कॉल करने वाली एक लड़की थी। उसने अपना नाम मेघा झा बताया। कहा कि वो ब्लू डार्ट कूरियर से बोल रही है। आपका एक पार्सल है, जिसे होल्ड कर दिया गया है। इसमें 5 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, स्माल बैंक डॉक्यूमेंट, साढे़ तीन किलो ग्राम कपड़े, 58 पैकेट मेडिसन और 17,354 रुपए कैश है। जिसको पार्सल भेजा है, उसका नाम असीस मलिक निवासी सिंगापुर है। जब पीड़िता ने कूरियर होने से मना किया तो उसने कहा कि आपकी आईडी का मिसयूज हुआ है। इसके लिए मुंबई पुलिस से बात करनी होगी। फोन करनी वाली युवती ने एक नंबर पर बात कराई। मनी लान्ड्रिंग का केस बताया बात करने वाले ने इसे मनी लान्ड्रिंग का केस बताया। उसने अपने साथी जिसका नाम हेमराज कोली बताया, उससे बात कराई। उनकी ओर से सीबीआई के दो फर्जी डॉक्यूमेंट भेजे। उन पर पीड़िता का नाम और आधार नंबर था। साइबर ठग ने पीड़िता से कहा कि उसके खिलाफ मुंबई में मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज हो चुका है। उसने डराते हुए कहा कि 24 घंटे के लिए सुपरविजन में रहना है। मोबाइल अलग रखवा दिया इनवेस्टीगेशन के लिए स्काइप पर कनेक्ट करने को कहा। उसने पीड़िता को दो दिन तक स्काइप पर कनेक्ट रखा। उन्होंने मोबाइल को अलग रखवा दिया। किसी से बात न करने की धमकी दी। इसके बाद उन्होंने 27 दिसंबर को किसी नए व्यक्ति से बात कराई। उसने अपना नाम रणवीर बताया। उसने पीड़िता से कहा कि डॉक्यूमेंट बेचकर 24 लाख रुपए लिए हैं। इसकी जांच के लिए फंड चेक करने होंगे कि सब सही है या नहीं। इसके लिए हमारे बैंक खातों में रुपए भेजने होंगे। इसके लिए बाकायदा फाइनेंस डिपार्टमेंट के फर्जी कागज भेजे। 16 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए उन्होंने पहले 9 फिर तीन लाख रुपए ले लिए। इसके बाद 8 जनवरी को एक नए खाते में 2.10 लाख रुपए फिर से ट्रांसफर करा लिए। साइबर ठगों ने उन्हें लगातार फोन पर रखा। इसके बाद 16 जनवरी 2025 को फिर से कॉल आई। इस बार युवती ने बात की। उसने अपना नाम अंकिता शर्मा बताया। उसने पीड़िता से कहा कि उसकी नारकोटिक्स की जांच रह गई। इसके लिए 5 लाख रुपए ट्रांसफर कर दे। साथ में सुप्रीम कोर्ट का एक ऑर्डर भेजा। पीड़िता ने जब रुपए न होने की बात कही तो साइबर ठगों ने उसे लोन लेने के लिए मजबूर किया। पीड़िता ने लोन के अप्लाई भी कर दिया, लेकिन सिविल खराब होने के चलते लोन नहीं मिला। इसके बाद साइबर ठगों ने फिर दो लाख रुपए ले लिए। बॉडी स्कैन के नाम उतरवाए कपडे़
इसके बाद पीड़िता से फिर हेमराज नाम के व्यक्ति ने बात की। उसने कहा कि आपका नारकोटिक्स का टेस्ट होना है जिसमें आपको कपडे उतारकर अपना टैटू दिखाना होगा जिससे आपका केस क्लियर हो जाएगा। पीड़िता ने पूछा कि इसके लिए मुंबई आना होगा तो उसने कहा कि मुंबई आने पर केस बिगड़ जाएगा। आपको वीडियो कॉल पर ही अपना टैटू दिखाना होगा। पीड़िता ने कई बार मना किया कि उसके शरीर पर कोई टैटू नहीं है। मगर, साइबर ठगों ने उसे डराया। फिर बॉडी स्कैन के नाम पर कपडे़ उतरवा लिए। इसके बाद ठगों ने 23 जनवरी को फर्जी जजमेंट लेटर भेजा। 29 जनवरी को उन्होंने कहा कि अब ऑनलाइन कनेक्ट रहने की जरूरत नहीं है। इसके बाद जब रुपए वापस करने के लिए कहा तो कोई जवाब नहीं दिया। तब पीड़िता को डिजीटल अरेस्ट होने और ठगी का एहसास हुआ। साइबर थाने में दर्ज हुआ केस
पीड़िता ने इसके बाद आगरा के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। साइबर टीम ने केस दर्ज किया। इस मामले में अब साइबर पुलिस ने राजस्थान सीकर से रविंद्र प्रसाद वर्मा को पकड़ा है। उसने पुलिस को बताया कि गैंग के सरगना हॉन्गकॉन्ग में है। वो वहां से लोगों को सीबीआई, कस्टम अधिकारी बनकर डराते हैं। फिर इनसे ठगी करते हैं। ये उन लोगों को बैंक खाता उपलब्ध कराता था। पुलिस को आरोपी ने कई अहम जानकारी दी हैं। आगरा में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने युवती को 30 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। उसे सीबीआई, नारकोटिक्स का डर दिखाकर 16 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिया। इतना ही नहीं ठगों ने बॉडी स्कैन कराने के नाम पर कैमरे के सामने युवती के कपडे़ तक उतरवा लिए। साइबर ठगी गैंग में शामिल एक आरोपी को राजस्थान के सीकर से गिरफ्तार किया है। अन्य की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है। अब विस्तार से पढ़िए… 24 दिसंबर को आई थी कॉल
शाहगंज की रहने वाली युवती के पास 24 दिसंबर 2024 को इंटरनेशनल नंबर से एक कॉल आई। कॉल करने वाली एक लड़की थी। उसने अपना नाम मेघा झा बताया। कहा कि वो ब्लू डार्ट कूरियर से बोल रही है। आपका एक पार्सल है, जिसे होल्ड कर दिया गया है। इसमें 5 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, स्माल बैंक डॉक्यूमेंट, साढे़ तीन किलो ग्राम कपड़े, 58 पैकेट मेडिसन और 17,354 रुपए कैश है। जिसको पार्सल भेजा है, उसका नाम असीस मलिक निवासी सिंगापुर है। जब पीड़िता ने कूरियर होने से मना किया तो उसने कहा कि आपकी आईडी का मिसयूज हुआ है। इसके लिए मुंबई पुलिस से बात करनी होगी। फोन करनी वाली युवती ने एक नंबर पर बात कराई। मनी लान्ड्रिंग का केस बताया बात करने वाले ने इसे मनी लान्ड्रिंग का केस बताया। उसने अपने साथी जिसका नाम हेमराज कोली बताया, उससे बात कराई। उनकी ओर से सीबीआई के दो फर्जी डॉक्यूमेंट भेजे। उन पर पीड़िता का नाम और आधार नंबर था। साइबर ठग ने पीड़िता से कहा कि उसके खिलाफ मुंबई में मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज हो चुका है। उसने डराते हुए कहा कि 24 घंटे के लिए सुपरविजन में रहना है। मोबाइल अलग रखवा दिया इनवेस्टीगेशन के लिए स्काइप पर कनेक्ट करने को कहा। उसने पीड़िता को दो दिन तक स्काइप पर कनेक्ट रखा। उन्होंने मोबाइल को अलग रखवा दिया। किसी से बात न करने की धमकी दी। इसके बाद उन्होंने 27 दिसंबर को किसी नए व्यक्ति से बात कराई। उसने अपना नाम रणवीर बताया। उसने पीड़िता से कहा कि डॉक्यूमेंट बेचकर 24 लाख रुपए लिए हैं। इसकी जांच के लिए फंड चेक करने होंगे कि सब सही है या नहीं। इसके लिए हमारे बैंक खातों में रुपए भेजने होंगे। इसके लिए बाकायदा फाइनेंस डिपार्टमेंट के फर्जी कागज भेजे। 16 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए उन्होंने पहले 9 फिर तीन लाख रुपए ले लिए। इसके बाद 8 जनवरी को एक नए खाते में 2.10 लाख रुपए फिर से ट्रांसफर करा लिए। साइबर ठगों ने उन्हें लगातार फोन पर रखा। इसके बाद 16 जनवरी 2025 को फिर से कॉल आई। इस बार युवती ने बात की। उसने अपना नाम अंकिता शर्मा बताया। उसने पीड़िता से कहा कि उसकी नारकोटिक्स की जांच रह गई। इसके लिए 5 लाख रुपए ट्रांसफर कर दे। साथ में सुप्रीम कोर्ट का एक ऑर्डर भेजा। पीड़िता ने जब रुपए न होने की बात कही तो साइबर ठगों ने उसे लोन लेने के लिए मजबूर किया। पीड़िता ने लोन के अप्लाई भी कर दिया, लेकिन सिविल खराब होने के चलते लोन नहीं मिला। इसके बाद साइबर ठगों ने फिर दो लाख रुपए ले लिए। बॉडी स्कैन के नाम उतरवाए कपडे़
इसके बाद पीड़िता से फिर हेमराज नाम के व्यक्ति ने बात की। उसने कहा कि आपका नारकोटिक्स का टेस्ट होना है जिसमें आपको कपडे उतारकर अपना टैटू दिखाना होगा जिससे आपका केस क्लियर हो जाएगा। पीड़िता ने पूछा कि इसके लिए मुंबई आना होगा तो उसने कहा कि मुंबई आने पर केस बिगड़ जाएगा। आपको वीडियो कॉल पर ही अपना टैटू दिखाना होगा। पीड़िता ने कई बार मना किया कि उसके शरीर पर कोई टैटू नहीं है। मगर, साइबर ठगों ने उसे डराया। फिर बॉडी स्कैन के नाम पर कपडे़ उतरवा लिए। इसके बाद ठगों ने 23 जनवरी को फर्जी जजमेंट लेटर भेजा। 29 जनवरी को उन्होंने कहा कि अब ऑनलाइन कनेक्ट रहने की जरूरत नहीं है। इसके बाद जब रुपए वापस करने के लिए कहा तो कोई जवाब नहीं दिया। तब पीड़िता को डिजीटल अरेस्ट होने और ठगी का एहसास हुआ। साइबर थाने में दर्ज हुआ केस
पीड़िता ने इसके बाद आगरा के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। साइबर टीम ने केस दर्ज किया। इस मामले में अब साइबर पुलिस ने राजस्थान सीकर से रविंद्र प्रसाद वर्मा को पकड़ा है। उसने पुलिस को बताया कि गैंग के सरगना हॉन्गकॉन्ग में है। वो वहां से लोगों को सीबीआई, कस्टम अधिकारी बनकर डराते हैं। फिर इनसे ठगी करते हैं। ये उन लोगों को बैंक खाता उपलब्ध कराता था। पुलिस को आरोपी ने कई अहम जानकारी दी हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
टैटू देखने के बहाने कैमरे पर युवती से कपड़े उतरवाए:आगरा में 30 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, बोला-मनी लॉन्ड्रिंग का केस है, लंब फंसोगी
