ट्रेन में 3 घंटे तड़पता रहा पंजाब का क्रिकेटर, मौत:नेशनल टूर्नामेंट खेलने जा रहा था, मथुरा में खड़ी रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, नहीं मिला इलाज

ट्रेन में 3 घंटे तड़पता रहा पंजाब का क्रिकेटर, मौत:नेशनल टूर्नामेंट खेलने जा रहा था, मथुरा में खड़ी रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, नहीं मिला इलाज

यूपी के मथुरा में पंजाब के दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह (38) की मौत हो गई। वह छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में सवार थे। ग्वालियर में 5 जून से होने वाले नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जा रहे थे। विक्रम सिंह बुधवार सुबह साढ़े 4 बजे निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए। उसके बाद उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनके साथी खिलाड़ियों ने रेलवे हेल्पलाइन से मदद मांगी। लेकिन मथुरा पहुंचने से पहले ट्रेन डेढ़ घंटे तक खड़ी रही। आखिरकार उनकी जान चली गई साथियों ने आरोप लगाया कि रेलवे कंट्रोल रूम में सूचना देने के बाद भी करीब तीन घंटे तक इलाज नहीं मिल सका। जिससे माैत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवाया है। परिजनों को सूचित किया गया है। उनके आने के बाद शव सुपुर्द किया जाएगा। अब विस्तार से पढ़िए… पंजाब टीम के 11 खिलाड़ियों के साथ जा रहे थे ग्वालियर
विक्रम सिंह पंजाब के अहमदगढ़ मंडी के पिहड़ी गांव के रहने वाले थे। उनके साथ पंजाब टीम से पवन, राजा, निर्मल और प्रवीन शामिल थे। पवन ने बताया, पांच जून से ग्वालियर में नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट है। वह अपने पांच साथियों के साथ बुधवार सुबह साढ़े चार बजे दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में बैठे थे। रेलवे से मांगी मदद मगर मथुरा स्टेशन से पहले खड़ी रही ट्रेन
निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन अगले स्टेशन पर पहुंची थी। तभी विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ने लगी। उनके शरीर से पसीना छूटने लगा। घबराहट और बेचैनी होने लगी। साथियों ने 4.58 बजे रेलवे के 139 नंबर पर फोन करके इलाज के लिए मदद मांगी। रेलवे की ओर से 5 बजे फोन आया। बताया गया कि आपके साथी को मथुरा जंक्शन पर इलाज मिलेगा। लेकिन, मथुरा स्टेशन से पहले अझाई स्टेशन पर सिग्नल न मिलने के कारण ट्रेन डेढ़ घंटे खड़ी। इससे विक्रम की तबीयत और बिगड़ती गई। ट्रेन मथुरा पहुंची, तब तक जा चुकी थी जान
मथुरा जंक्शन पर ट्रेन सुबह 8.10 पर पहुंची तो रेलवे के डॉक्टरों ने विक्रम की जांच की। लेकिन, तब तक विक्रम की मौत हो चुकी थी। इसके बाद विक्रम के सभी साथी जंक्शन पर उतर गए। साथी क्रिकेटरों का कहना था कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो उसे बचाया जा सकता था। प्लेटफार्म पर ही सुबह से रखा है शव
विक्रम के जीजा कुलविंदर ने बताया, उन्हें मौत की सूचना साथ गए खिलाड़ियों ने फोन पर दी। जिसके बाद वह मथुरा के लिए रवाना हुए हैं। मथुरा स्टेशन पर टीम के साथी विक्रम के परिवार का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वहां माेर्चरी में रखे शव को घर वापस लाया जा सके। जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया, विक्रम के साथियों ने रेलवे के नंबर पर शिकायत की थी। लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। क्रिकेटर के परिजन आ रहे हैं। उसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा। बीसीसीआई की अनदेखी से खिलाड़ी निराश
भले ही विक्रम की मौत समय पर इलाज न मिलने से हुई, लेकिन दिव्यांग खिलाड़ी इस बात से निराश हैं कि उन्हें टीम इंडिया जैसे क्रिकेटरों की तरह तवज्जो नहीं मिलती। उनका कहना है कि अगर ऐसा बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त किसी घरेलू क्रिकेटर के साथ हुआ होता, तो तुरंत इलाज मिलता, सम्मान को लेकर हलचल मच जाती। लेकिन विक्रम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पड़ा है और उसकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। कप्तान सोमजीत का कहना है कि उनकी राज्य क्रिकेट एसोसिएशन से भी कोई जवाब या मदद नहीं पहुंची। ———– यह खबर भी पढ़िए क्रिकेटर कुलदीप ने कानपुर की वंशिका से की सगाई: लखनऊ के होटल में सेरेमनी, रिंकू सिंह भी होने वाली पत्नी के साथ पहुंचे भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज कुलदीप यादव ने बुधवार को वंशिका के साथ सगाई (इंगेजमेंट) कर ली। कुलदीप और वंशिका बचपन के दोस्त हैं। इंगेजमेंट सेरेमनी लखनऊ के एक होटल में हुई। इस कार्यक्रम में दोनों के परिवारवाले और रिंकू सिंह समेत कई क्रिकेटर शामिल हुए। वंशिका कानपुर के श्याम नगर की रहने वाली हैं और एलआईसी में काम करती हैं। कुलदीप IPL में दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हैं। पूरी खबर पढ़िए यूपी के मथुरा में पंजाब के दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह (38) की मौत हो गई। वह छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में सवार थे। ग्वालियर में 5 जून से होने वाले नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जा रहे थे। विक्रम सिंह बुधवार सुबह साढ़े 4 बजे निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए। उसके बाद उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनके साथी खिलाड़ियों ने रेलवे हेल्पलाइन से मदद मांगी। लेकिन मथुरा पहुंचने से पहले ट्रेन डेढ़ घंटे तक खड़ी रही। आखिरकार उनकी जान चली गई साथियों ने आरोप लगाया कि रेलवे कंट्रोल रूम में सूचना देने के बाद भी करीब तीन घंटे तक इलाज नहीं मिल सका। जिससे माैत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवाया है। परिजनों को सूचित किया गया है। उनके आने के बाद शव सुपुर्द किया जाएगा। अब विस्तार से पढ़िए… पंजाब टीम के 11 खिलाड़ियों के साथ जा रहे थे ग्वालियर
विक्रम सिंह पंजाब के अहमदगढ़ मंडी के पिहड़ी गांव के रहने वाले थे। उनके साथ पंजाब टीम से पवन, राजा, निर्मल और प्रवीन शामिल थे। पवन ने बताया, पांच जून से ग्वालियर में नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट है। वह अपने पांच साथियों के साथ बुधवार सुबह साढ़े चार बजे दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में बैठे थे। रेलवे से मांगी मदद मगर मथुरा स्टेशन से पहले खड़ी रही ट्रेन
निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन अगले स्टेशन पर पहुंची थी। तभी विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ने लगी। उनके शरीर से पसीना छूटने लगा। घबराहट और बेचैनी होने लगी। साथियों ने 4.58 बजे रेलवे के 139 नंबर पर फोन करके इलाज के लिए मदद मांगी। रेलवे की ओर से 5 बजे फोन आया। बताया गया कि आपके साथी को मथुरा जंक्शन पर इलाज मिलेगा। लेकिन, मथुरा स्टेशन से पहले अझाई स्टेशन पर सिग्नल न मिलने के कारण ट्रेन डेढ़ घंटे खड़ी। इससे विक्रम की तबीयत और बिगड़ती गई। ट्रेन मथुरा पहुंची, तब तक जा चुकी थी जान
मथुरा जंक्शन पर ट्रेन सुबह 8.10 पर पहुंची तो रेलवे के डॉक्टरों ने विक्रम की जांच की। लेकिन, तब तक विक्रम की मौत हो चुकी थी। इसके बाद विक्रम के सभी साथी जंक्शन पर उतर गए। साथी क्रिकेटरों का कहना था कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो उसे बचाया जा सकता था। प्लेटफार्म पर ही सुबह से रखा है शव
विक्रम के जीजा कुलविंदर ने बताया, उन्हें मौत की सूचना साथ गए खिलाड़ियों ने फोन पर दी। जिसके बाद वह मथुरा के लिए रवाना हुए हैं। मथुरा स्टेशन पर टीम के साथी विक्रम के परिवार का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वहां माेर्चरी में रखे शव को घर वापस लाया जा सके। जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया, विक्रम के साथियों ने रेलवे के नंबर पर शिकायत की थी। लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। क्रिकेटर के परिजन आ रहे हैं। उसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा। बीसीसीआई की अनदेखी से खिलाड़ी निराश
भले ही विक्रम की मौत समय पर इलाज न मिलने से हुई, लेकिन दिव्यांग खिलाड़ी इस बात से निराश हैं कि उन्हें टीम इंडिया जैसे क्रिकेटरों की तरह तवज्जो नहीं मिलती। उनका कहना है कि अगर ऐसा बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त किसी घरेलू क्रिकेटर के साथ हुआ होता, तो तुरंत इलाज मिलता, सम्मान को लेकर हलचल मच जाती। लेकिन विक्रम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पड़ा है और उसकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। कप्तान सोमजीत का कहना है कि उनकी राज्य क्रिकेट एसोसिएशन से भी कोई जवाब या मदद नहीं पहुंची। ———– यह खबर भी पढ़िए क्रिकेटर कुलदीप ने कानपुर की वंशिका से की सगाई: लखनऊ के होटल में सेरेमनी, रिंकू सिंह भी होने वाली पत्नी के साथ पहुंचे भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज कुलदीप यादव ने बुधवार को वंशिका के साथ सगाई (इंगेजमेंट) कर ली। कुलदीप और वंशिका बचपन के दोस्त हैं। इंगेजमेंट सेरेमनी लखनऊ के एक होटल में हुई। इस कार्यक्रम में दोनों के परिवारवाले और रिंकू सिंह समेत कई क्रिकेटर शामिल हुए। वंशिका कानपुर के श्याम नगर की रहने वाली हैं और एलआईसी में काम करती हैं। कुलदीप IPL में दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हैं। पूरी खबर पढ़िए   पंजाब | दैनिक भास्कर