शहर में कूड़ा प्रोसेसिंग के लिए नगर कौंसिल के पास खुद की जमीन तक नहीं है। नगर कौंसिल बैठक में कई बार जमीन लेने का प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है लेकिन कौंसिल को अभी तक खुद की डंप की जमीन नहीं मिल सकी है। ऐसे में सफाई कर्मचारी किराए की जमीन पर गंदगी गिरा रहे हैं। किराए को लेकर कई बार जमीन मालिक से नगर कौंसिल का विवाद हो चुका है जिस कारण कई- कई दिनों तक शहर से कूड़ा तक नहीं उठाया जा सका है। शहर में प्रतिदिन करीब 30 टन गंदगी निकलती है। इस गंदगी को उभावाल रोड स्थित किराए की जमीन पर गिराया जा रहा है। कौंसिल करीब 3 एकड़ जमीन 2 से 3 वर्ष के लिए ठेके पर लेती है। ठेके पर लेने के दौरान कई शर्तें तय होती हैं। कूड़ा गिराने वाली जमीन पर चारों तरफ बाउंडरी, कूड़े के निपटारे समेत कई तरह की शर्तें होती है लेकिन कौंसिल किसी भी नियम को पूरा नहीं करती है। कई बार तो कौंसिल 6-6 माह तक किराया अदा नहीं कर पाती है। जिस कारण जमीन मालिक जमीन पर कूड़ा गिराने पर रोक लगा देते हैं। ऐसे में शहर की सड़कों पर गंदगी इकट्ठी होनी शुरू हो जाती है। संगरूर में रणबीर कॉलेज रोड पर लगे कूड़े के ढेर । शहर में कूड़ा प्रोसेसिंग के लिए नगर कौंसिल के पास खुद की जमीन तक नहीं है। नगर कौंसिल बैठक में कई बार जमीन लेने का प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है लेकिन कौंसिल को अभी तक खुद की डंप की जमीन नहीं मिल सकी है। ऐसे में सफाई कर्मचारी किराए की जमीन पर गंदगी गिरा रहे हैं। किराए को लेकर कई बार जमीन मालिक से नगर कौंसिल का विवाद हो चुका है जिस कारण कई- कई दिनों तक शहर से कूड़ा तक नहीं उठाया जा सका है। शहर में प्रतिदिन करीब 30 टन गंदगी निकलती है। इस गंदगी को उभावाल रोड स्थित किराए की जमीन पर गिराया जा रहा है। कौंसिल करीब 3 एकड़ जमीन 2 से 3 वर्ष के लिए ठेके पर लेती है। ठेके पर लेने के दौरान कई शर्तें तय होती हैं। कूड़ा गिराने वाली जमीन पर चारों तरफ बाउंडरी, कूड़े के निपटारे समेत कई तरह की शर्तें होती है लेकिन कौंसिल किसी भी नियम को पूरा नहीं करती है। कई बार तो कौंसिल 6-6 माह तक किराया अदा नहीं कर पाती है। जिस कारण जमीन मालिक जमीन पर कूड़ा गिराने पर रोक लगा देते हैं। ऐसे में शहर की सड़कों पर गंदगी इकट्ठी होनी शुरू हो जाती है। संगरूर में रणबीर कॉलेज रोड पर लगे कूड़े के ढेर । पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में आशु की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की चुप्पी:लुधियाना से सांसद पद के दावेदार थे भारत भूषण, 9 घंटे चली ED की पूछताछ
जालंधर में आशु की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की चुप्पी:लुधियाना से सांसद पद के दावेदार थे भारत भूषण, 9 घंटे चली ED की पूछताछ लुधियाना से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को ईडी ने गुरुवार को जालंधर में गिरफ्तार कर लिया है। करीब 9 घंटे की पूछताछ के बाद आशु को ईडी ने गिरफ्तार किया है। इन 9 घंटों में पंजाब कांग्रेस के किसी भी वरिष्ठ नेता या लुधियाना से किसी पूर्व विधायक या जिला प्रधान ने आशु की गिरफ्तारी का विरोध नहीं किया। विधायक परगट सिंह, विधायक सुखविंदर कोटली और पूर्व विधायक राजेंद्र बेरी रात को पहुंचे लेकिन उन्हें आशु से मिलने का मौका नहीं मिला। आशु 16 महीने पहले भी जेल जा चुके हैं। आशु 7 महीने जेल में रहे। वह 7 मई 2023 को जमानत पर बाहर आए हैं। जालंधर शहर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का लोकसभा क्षेत्र है। पंजाब के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तक सभी ने आशु की गिरफ्तारी पर चुप्पी साध रखी है। इससे साफ है कि कहीं न कहीं अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आशु से दूरी बनानी शुरू कर दी है। वड़िंग ने 2022 में बनाया था स्थायी मोर्चा यहां आपको बता दें कि 22 अगस्त 2022 को ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाले के आरोप में भारत भूषण आशु को एक सैलून में बाल कटवाते समय विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था। उस समय आशु की गिरफ्तारी के चंद घंटों बाद ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग खुद गिद्दड़बाहा से आए और आशु के समर्थन में विजिलेंस दफ्तर के बाहर बैठ गए थे। लेकिन इस बार वड़िंग आशु की गिरफ्तारी पर पूरी तरह खामोश हैं। वड़िंग की जीत के बाद आशु ने सोशल मीडिया पर जाहिर किया था दर्द
पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु ने राजा वड़िंग की जीत के बाद एक पोस्ट डालकर अपने दिल के दर्द को जाहिर किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि-रास्ते भी जिद्दी है, मंजिलें भी जिद्दी है, देखते है कल क्या होता है,हौंसले भी जिद्दी है। आशु थे लुधियाना लोकसभा टिकट के प्रबल दावेदार
बता दें लोकसभा चुनाव में रवनीत सिंह बिट्टू के भाजपा में शामिल होने के बाद भारत भूषण आशु एक मात्र बड़ा चेहरा लुधियाना से थे लेकिन शहर के कुछ पूर्व विधायकों के बगावती सुरों के कारण हाईकमान ने प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को लुधियाना से उम्मीदवार घोषित कर दिया। शहर में चर्चा यह भी रही है कि वड़िंग का आशु ग्रुप ने खुलकर समर्थन नहीं किया। वड़िंग की जीत के जश्न और दफ्तर के उद्घाटन पर आशु रहे नदारद वड़िंग को जिला लुधियाना से कम वोट मिले जबकि ग्रामीण इलाकों से वड़िंग को बंपर वोट मिले जिस कारण वह जीते। वड़िंग की जीत के बाद जो शहर में जश्न मनाया गया उसमें भी आशु गैरहाजिर रहे। वड़िंग से ने जब अपने सांसदीय दफ्तर का बचत भवन में उद्घाटन किया उस समय भी भारत भूषण आशु नदारद रहे। यह भी एक बड़ा कारण है कि वड़िंग और आशु में दूरियां बढ़ी है। पत्रकारों के द्वारा कई बार वड़िंग से यह सवाल भी किया जा चुका है कि क्या आशु उनसे नाराज है तो वड़िंग का जवाब हमेश यही रहा है कि वह किसी से नाराज नहीं है। वह सभी को मनाने की कोशिश में रहते है लेकिन अब कोई न माने तो वह क्या करें। वह कांग्रेस को पंजाब में एकजुट रखेंगे। पंजाब विजिलेंस भी कर चुकी जांच ये मामला पहले पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से उठाया गया था। इस मामले में विजिलेंस कोर्ट में चालान भी पेश कर चुकी है। इसके बाद इस मामले से जुड़े दस्तावेज ईडी ने मांगे थे और मामले की जांच अपने स्तर पर शुरू की थी। सूचना के अनुसार ईडी ने भारत भूषण आशु को आज पेश होने के लिए कहा था। जाने क्या है टेंडर घोटाला : स्कूटर, बाइक पर माल की ढुलाई दिखाई लेबर ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाला में अनाज मंडियों में आरोपी वाहनों पर नकली नंबर प्लेट लगाकर माल की ढुलाई करते थे। वहीं, आरोपियों ने टेंडर लेने से पहले विभाग में गलत वाहनों के नंबर लिखवा दिए। जांच के दौरान पता चला कि जो नंबर लिखवाए थे वह स्कूटर, बाइक आदि टू-व्हीलर के थे। जिन वाहनों के यह नंबर हैं, वह माल ढोने के लिए मान्य ही नहीं हैं। इस मामले में करीब 2 महीने पहले कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों व ठेकेदारों की ओर से उस समय के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर कुछ कॉन्ट्रेक्टर और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप लगे थे। अब इस मामले में जांच के बाद विजिलेंस की ओर से FIR दर्ज करके गिरफ्तारी करनी शुरू कर दी गई है। आशु पर टेंडरिंग के 2 हजार करोड़ के घोटाले का भी आरोप है।

पंजाब की कर्ज सीमा बढ़ सकती है:केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र, राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष
पंजाब की कर्ज सीमा बढ़ सकती है:केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र, राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष पंजाब की कर्ज सीमा दस हजार करोड़ बढ़ाने की मांग को केंद्र सरकार पूरा कर सकती है। इस मामले में केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय (खर्च विभाग) को पत्र लिखा है। साथ ही कहा है कि पंजाब सरकार की तरफ से पेश किए तथ्यों के मद्देनजर कर्ज सीमा में कटौती की बहाली को मंजूरी देने वाले विचार किया जा सकता है। राज्य सरकार ने कर्ज सीमा में दस हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की मांग की है। मौजूदा समय में कर्ज लेने की सीमा 30464 करोड़ है। सरकार ने अपने पत्र पेश की थी सारी स्थिति केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 20 मार्च को बिजली मंत्रालय को पत्र लिखकर पावरकॉम में पड़े घाटे बारे बताया था। इसके बाद पांच अप्रैल 2024 को पंजाब सरकार ने पत्र लिखकर अपना पक्ष पेश किया था। सरकार ने अपनी दलील रखी कि साल 2022-2023 में जब पावरकॉम में घाटा हुआ है तो उससे पहले ही उदय स्कीम का पांच साल का समय समाप्त हो चुका था। साथ ही बताया कि साल 2022-23 में वित्तीय घाटे की वजह वित्तीय वर्ष के मुकाबले बिजली खरीद पर 2757 करोड़ की बढोतरी होना है। साल 2022-23 में पूरे देश में दस फीसदी विदेशी कोयला प्रयोग करने के लिए कहा गया था। इस वजह से पंजाब के खर्च बढे़ हैं। साल 2020-21, 2021-22 में पावरकॉम वित्तीय घाटे में नहीं था। साल 2023-24 में पावरकॉम 830 करोड़ मुनाफे में रही है। जबकि 24-25 बिजली दरों में बढ़ोतरी होने से कोई घाटा नहीं हो। सरकार के लिए बड़ी उम्मीद केंद्र सरकार द्वारा कर्ज सीमा बढ़ाने पर विचार पंजाब के लिए काफी राहत वाली बात है। क्योंकि सरकार को अपने खर्च की पूर्ति के लिए काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा है। इसी वजह से मुलाजिमों को अगस्त महीने के बेतन की अदायगी चार सितंबर को की गई। 7 किलोवॉट पर 3 रुपए बिजली सब्सिडी खत्म करने, तेल कीमतों में बढ़ोतरी, ग्रीन टैक्स लगाना शामिल है। इससे सरकार को आमदनी होगी। विरासत में मिले कर्ज का भी दिया हवाला गत वर्ष एक बार केंद्र सरकार पंजाब की कर्ज सीमा मे 2387 करोड़ की कटौती की थी। अगस्त महीने में हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्रायल को कर्ज सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखने को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार ने पत्र में दलील दी थी कि पिछली सरकारों से उन्हें कर्ज विरासत के रूप में मिला है। जिसे वापस किया जाना है। पंजाब सरकार की तरफ से 69, 867 करोड़ रुपए कर्ज की अदायगी की जानी है।23,900 करोड़ की राशि केवल कर्ज और ब्याज की अदायगी है। गत दिनों में वित्तीय संकट के मद्देनजर पंजाब सरकार ने कई फैसले लिए हैं।

खालसा यूनिवर्सिटी में निरवैर ने की गीतकारी
खालसा यूनिवर्सिटी में निरवैर ने की गीतकारी अमृतसर | खालसा यूनिवर्सिटी के अंतर्गत खालसा कालेज फॉर वुमन में मुख्य मेहमान गीतकार निरवैर सिंह ने गायकी की पेशकारी पेश की। पेशकारी पर वीसी डॉ. महल सिंह ने डीन एकेडमिक डॉ. सुरिंदर कौर की मौजूदगी में खुशी प्रकट की। उन्होंने कहा कि खालसा कालेज गवर्निंग कौंसिल की ओर से 132 साल पहले पूर्वजों की ओर से शिक्षा के प्रसार के लिए देखे गए सपने को साकार करने के लिए किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय हैं। निरवैर पन्नू ने नजरें मिली ने, तू जद आवे जुल्फ, तेरे लई बंदूक, हीर आदि गीतों से श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया।