हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 46 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुक्रवार (10 जनवरी) को एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें मानें तो मैं अनशन छोड़ दूंगा। अनशन करना कोई हमारा कारोबार तो नहीं है और न ही हमारा शौक है।’ वहीं, आज संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं की 6 सदस्यीय कमेटी 101 किसानों के साथ खनौरी बॉर्डर पर पहुंची। यहां पर SKM के नेताओं ने खनौरी मोर्चे के नेताओं को एकता का वो प्रस्ताव सौंपा, जो मोगा की महापंचायत में पास किया गया था। किसान नेताओं ने डल्लेवाल से भी मुलाकात की। इसके बाद SKM नेता शंभू बॉर्डर रवाना हो गए। इस बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि PM मोदी अहंकार छोड़कर किसानों की सुन लें। इसके अलावा, SKM ने पूरे देश में आज केंद्र सरकार के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके। बता दें कि किसान फसलों पर MSP की गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर पिछले 11 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। SKM नेताओं ने क्या कहा? बलबीर सिंह राजेवाल : आज पूरे देश को जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत की चिंता है। मोगा में हुई महापंचायत में जो फैसला हुआ, उसके मुताबिक अपने भाइयों को कहने आए हैं कि इकट्ठे होकर इस आंदोलन को लड़ेंगे। 15 तारीख को मीटिंग है। दिल्ली आंदोलन में जो जत्थेबंदियां साथ थीं, वह जल्द ही एकजुट होंगी। हमारे में कोई मतभेद नहीं है। केंद्र सरकार को पहल के आधार पर किसानों से बातचीत करनी चाहिए। जोगिंदर सिंह उगराहां : हमारी सभी जत्थेबंदियों का लक्ष्य एक है और दुश्मन एक है। जिस तरह आज मुलाकात हुई है, उम्मीद है कि जल्दी हम एक मंच पर आएंगे। डल्लेवाल के वीडियो संदेश की 3 अहम बातें… 1. BJP ने अकाल तख्त से मेरा अनशन तुड़वाने की मांग की
डल्लेवाल ने कहा- दोस्तों आज हमें यहां पर यह सूचना मिली कि पंजाब भाजपा की इकाई की तरफ से अकाल तख्त साहिब से अपील की गई है कि डल्लेवाल का अनशन तुड़वाया जाए। उसे जत्थेदारों व पंज प्यारों के माध्यम से हुक्म दिया जाए कि वह अनशन छोड़े। मैं अकाल तख्त साहिब व सभी तख्तों व पंज प्यारों का सत्कार करता हूं। 2. BJP वालों को अकाल तख्त नहीं मोदी जी के पास जाना चाहिए
डल्लेवाल ने आगे कहा- सवाल ये है कि पंजाब भाजपा इकाई के जो लोग हैं, पंजाब के लोग हैं, पंजाब के निवासी हैं। और यह जो हम लड़ाई लड़ रहे हैं। यह जो हम मांग उठा रहे हैं। वह पूरे पंजाब के लिए हैं। तो आप को जाना है तो मोदी जी के पास जाइए। आपको उपराष्ट्रपति के पास जाना चाहिए। वह बड़ा साफ किसानों के बारे में बोले हैं। एग्रीकल्चर मिनिस्टर व अमित शाह के पास जाना चाहिए, लेकिन आप श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास जा रहे हैं। इसका मतलब क्या निकलता है। आपके अंदर क्या है। 3. BJP की पंजाब इकाई मोदी जी से बात करे
मैं आपको फिर से हाथ जोड़ता हूं कि अकाल तख्त साहिब की तरफ जाने के बजाय आप कृपया मोदी जी से कहें कि वह हमारी मांगें मान लें, तो हम अनशन छोड़ देंगे। हमारा अनशन करना कोई कारोबार तो नहीं है। न ही हमारा शौक है। धन्यवाद। मैं पंजाब की भाजपा इकाई को विनती करता हूं कि वह मोदी जी से बात करें। डल्लेवाल के गुरुवार को टेस्ट हुए, आज आएगी रिपोर्ट
अनशन पर बैठे डल्लेवाल की तबीयत नाजुक बनी हुई है। उन्हें बोलने में दिक्कत हो रही है। इलाज न लेने के साथ ही उन्होंने मालिश कराने से भी मना कर दिया है। हालांकि राजिंदरा अस्पताल पटियाला में गठित डॉक्टरों के बोर्ड ने गुरुवार को खनौरी पहुंचकर डल्लेवाल का अल्ट्रासाउंड सहित अन्य टेस्ट किए। उनकी रिपोर्ट आज आएगी। इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक स्टेट एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन के पूर्व चेयरमैन प्रकाश कामारेड्डी, कर्नाटक के विधायक बीआर पाटिल और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) छात्रसंघ के अध्यक्ष धनंजय कुमार खनौरी मोर्चे पर पहुंचे। इन्होंने डल्लेवाल का हाल जाना। गुरुवार को ही शंभू बार्डर पर केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सुनवाई न किए जाने से आहत किसान रेशम सिंह ने आत्महत्या कर ली। वहीं खनौरी बॉर्डर पर पानी गर्म करते समय देसी गीजर में आग जलाते समय किसान गुरदयाल सिंह झुलस गया। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। डल्लेवाल मामले की सुप्रीम कोर्ट में 8 सुनवाई, अब तक क्या-क्या हुआ… 1. 13 दिसंबर- तत्काल डॉक्टरी मदद दें
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार से कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी पहुंच डल्लेवाल से मुलाकात की। 2. 18 दिसंबर- पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. 19 दिसंबर- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा
पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. 20 दिसंबर- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो अधिकारी निर्णय लें। 5. 28 दिसंबर- केंद्र की मदद से अस्पताल में शिफ्ट करें
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 6. 31 दिसंबर को पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत ली
पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. 2 जनवरी- हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा
कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। हमने कमेटी बनाई है। किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे।” 8. 6 जनवरी- किसान मुलाकात के लिए तैयार
पंजाब सरकार ने कहा कि आंदोलन पर चल रहे किसान हाई पावर कमेटी से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी तय की। इसके बाद कमेटी ने मुलाकात की। शंभू बॉर्डर का मामला ऐसे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा… 1. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून को लेकर 13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर भी किसान बैठे हैं। 2. 10 जुलाई 2024 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोला जाए। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। 3. 12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों के लिए शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलने के लिए कहा। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई, जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी। 4. सुप्रीम कोर्ट की यह कमेटी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई। इसमें पूर्व DGP बीएस संधू, कृषि विश्लेषक देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन, कृषि सूचनाविद डॉ. सुखपाल सिंह और विशेष आमंत्रित सदस्य प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज शामिल हैं। 5. कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा गया कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। किसानों से उनकी सुविधा के अनुसार तारीख और समय भी मांगा गया था, लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद की मीटिंग में किसानों ने शामिल होने से इनकार कर दिया। आंदोलन में आगे क्या… ———————– किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान ने सुसाइड किया, गीजर फटने से आंदोलनकारी झुलसा हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान 9 जनवरी को एक किसान ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। किसानों ने बताया- गुरुवार सुबह लंगर स्थल के पास ही तरनतारन जिले के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह (55) ने सल्फास खाया। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 46 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुक्रवार (10 जनवरी) को एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें मानें तो मैं अनशन छोड़ दूंगा। अनशन करना कोई हमारा कारोबार तो नहीं है और न ही हमारा शौक है।’ वहीं, आज संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं की 6 सदस्यीय कमेटी 101 किसानों के साथ खनौरी बॉर्डर पर पहुंची। यहां पर SKM के नेताओं ने खनौरी मोर्चे के नेताओं को एकता का वो प्रस्ताव सौंपा, जो मोगा की महापंचायत में पास किया गया था। किसान नेताओं ने डल्लेवाल से भी मुलाकात की। इसके बाद SKM नेता शंभू बॉर्डर रवाना हो गए। इस बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि PM मोदी अहंकार छोड़कर किसानों की सुन लें। इसके अलावा, SKM ने पूरे देश में आज केंद्र सरकार के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके। बता दें कि किसान फसलों पर MSP की गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर पिछले 11 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। SKM नेताओं ने क्या कहा? बलबीर सिंह राजेवाल : आज पूरे देश को जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत की चिंता है। मोगा में हुई महापंचायत में जो फैसला हुआ, उसके मुताबिक अपने भाइयों को कहने आए हैं कि इकट्ठे होकर इस आंदोलन को लड़ेंगे। 15 तारीख को मीटिंग है। दिल्ली आंदोलन में जो जत्थेबंदियां साथ थीं, वह जल्द ही एकजुट होंगी। हमारे में कोई मतभेद नहीं है। केंद्र सरकार को पहल के आधार पर किसानों से बातचीत करनी चाहिए। जोगिंदर सिंह उगराहां : हमारी सभी जत्थेबंदियों का लक्ष्य एक है और दुश्मन एक है। जिस तरह आज मुलाकात हुई है, उम्मीद है कि जल्दी हम एक मंच पर आएंगे। डल्लेवाल के वीडियो संदेश की 3 अहम बातें… 1. BJP ने अकाल तख्त से मेरा अनशन तुड़वाने की मांग की
डल्लेवाल ने कहा- दोस्तों आज हमें यहां पर यह सूचना मिली कि पंजाब भाजपा की इकाई की तरफ से अकाल तख्त साहिब से अपील की गई है कि डल्लेवाल का अनशन तुड़वाया जाए। उसे जत्थेदारों व पंज प्यारों के माध्यम से हुक्म दिया जाए कि वह अनशन छोड़े। मैं अकाल तख्त साहिब व सभी तख्तों व पंज प्यारों का सत्कार करता हूं। 2. BJP वालों को अकाल तख्त नहीं मोदी जी के पास जाना चाहिए
डल्लेवाल ने आगे कहा- सवाल ये है कि पंजाब भाजपा इकाई के जो लोग हैं, पंजाब के लोग हैं, पंजाब के निवासी हैं। और यह जो हम लड़ाई लड़ रहे हैं। यह जो हम मांग उठा रहे हैं। वह पूरे पंजाब के लिए हैं। तो आप को जाना है तो मोदी जी के पास जाइए। आपको उपराष्ट्रपति के पास जाना चाहिए। वह बड़ा साफ किसानों के बारे में बोले हैं। एग्रीकल्चर मिनिस्टर व अमित शाह के पास जाना चाहिए, लेकिन आप श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास जा रहे हैं। इसका मतलब क्या निकलता है। आपके अंदर क्या है। 3. BJP की पंजाब इकाई मोदी जी से बात करे
मैं आपको फिर से हाथ जोड़ता हूं कि अकाल तख्त साहिब की तरफ जाने के बजाय आप कृपया मोदी जी से कहें कि वह हमारी मांगें मान लें, तो हम अनशन छोड़ देंगे। हमारा अनशन करना कोई कारोबार तो नहीं है। न ही हमारा शौक है। धन्यवाद। मैं पंजाब की भाजपा इकाई को विनती करता हूं कि वह मोदी जी से बात करें। डल्लेवाल के गुरुवार को टेस्ट हुए, आज आएगी रिपोर्ट
अनशन पर बैठे डल्लेवाल की तबीयत नाजुक बनी हुई है। उन्हें बोलने में दिक्कत हो रही है। इलाज न लेने के साथ ही उन्होंने मालिश कराने से भी मना कर दिया है। हालांकि राजिंदरा अस्पताल पटियाला में गठित डॉक्टरों के बोर्ड ने गुरुवार को खनौरी पहुंचकर डल्लेवाल का अल्ट्रासाउंड सहित अन्य टेस्ट किए। उनकी रिपोर्ट आज आएगी। इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक स्टेट एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन के पूर्व चेयरमैन प्रकाश कामारेड्डी, कर्नाटक के विधायक बीआर पाटिल और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) छात्रसंघ के अध्यक्ष धनंजय कुमार खनौरी मोर्चे पर पहुंचे। इन्होंने डल्लेवाल का हाल जाना। गुरुवार को ही शंभू बार्डर पर केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सुनवाई न किए जाने से आहत किसान रेशम सिंह ने आत्महत्या कर ली। वहीं खनौरी बॉर्डर पर पानी गर्म करते समय देसी गीजर में आग जलाते समय किसान गुरदयाल सिंह झुलस गया। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। डल्लेवाल मामले की सुप्रीम कोर्ट में 8 सुनवाई, अब तक क्या-क्या हुआ… 1. 13 दिसंबर- तत्काल डॉक्टरी मदद दें
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार से कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी पहुंच डल्लेवाल से मुलाकात की। 2. 18 दिसंबर- पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. 19 दिसंबर- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा
पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. 20 दिसंबर- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो अधिकारी निर्णय लें। 5. 28 दिसंबर- केंद्र की मदद से अस्पताल में शिफ्ट करें
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 6. 31 दिसंबर को पंजाब सरकार ने 3 दिन की मोहलत ली
पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. 2 जनवरी- हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा
कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। हमने कमेटी बनाई है। किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे।” 8. 6 जनवरी- किसान मुलाकात के लिए तैयार
पंजाब सरकार ने कहा कि आंदोलन पर चल रहे किसान हाई पावर कमेटी से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी तय की। इसके बाद कमेटी ने मुलाकात की। शंभू बॉर्डर का मामला ऐसे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा… 1. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून को लेकर 13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर भी किसान बैठे हैं। 2. 10 जुलाई 2024 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोला जाए। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। 3. 12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों के लिए शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलने के लिए कहा। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई, जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी। 4. सुप्रीम कोर्ट की यह कमेटी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई। इसमें पूर्व DGP बीएस संधू, कृषि विश्लेषक देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन, कृषि सूचनाविद डॉ. सुखपाल सिंह और विशेष आमंत्रित सदस्य प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज शामिल हैं। 5. कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा गया कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। किसानों से उनकी सुविधा के अनुसार तारीख और समय भी मांगा गया था, लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद की मीटिंग में किसानों ने शामिल होने से इनकार कर दिया। आंदोलन में आगे क्या… ———————– किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान ने सुसाइड किया, गीजर फटने से आंदोलनकारी झुलसा हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान 9 जनवरी को एक किसान ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। किसानों ने बताया- गुरुवार सुबह लंगर स्थल के पास ही तरनतारन जिले के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह (55) ने सल्फास खाया। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा | दैनिक भास्कर