<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> मालाबार पुलिस ने डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) का जाली हस्ताक्षर करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है. इस व्यक्ति ने अजित पवार का जाली हस्ताक्षर बनाकर खुद को देवगिरी बंगले में विशेष कर्तव्य अधिकारी बताया था. अपनी इस फर्जी पहचान के दम पर इसने कई लोगों को नुकसान भी पहुंचाया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी की पहचान प्रवीण साठे के रूप में हुई है जो कि 42 वर्ष का है. वह मूल रूप से सतारा का रहने वाला है. प्रवीण साठे ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर और वित्तीय लाभ स्वीकार करके कई लोगों को धोखा दिया है. मालाबार हिल पुलिस ने पुणे के एक शिकायतकर्ता अतुल शिटोले नाम की शिकायत के बाद जांच शुरू की तो मामले का खुलासा हुआ. प्रवीण साठे को मालाबार हिल पुलिस ने नवी मुंबई के उल्वे से गिरफ्तार किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अजित पवार के नाम पर चला रहा था धोखाधड़ी का खेल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवाणी साठे ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नाम और हस्ताक्षर से कई लोगों को धोखा दिया है. मलबार हिल पुलिस जांच कर रही है कि उसने कुल कितने लोगों को इस तरह से धोखा दिया है. इस मामले में अभी एनसीपी या अजित पवार की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले उपमुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> के नाम पर फर्जी लेटरहेड और स्टांप के जरिए धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया था. उस मामले में मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी. यह उस वक्त की घटना है जब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम हुआ करते थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फर्जी हस्ताक्षर पर मिलती है क्या सजा? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फर्जी हस्ताक्षर बनाए जाने पर जुर्माने के साथ-साथ सात साल की सजा का प्रावधान है. कोई हस्ताक्षर फर्जी है इसका पता लगाने के लिए हस्ताक्षर सत्यापन फोरेंसिक परीक्षा का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे असली और नकली का अंतर पता चल जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”प्रेमानंद महाराज के दरबार पहुंचीं प्रियंका चतुर्वेदी, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार पर मिली यह नसीहत” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/shiv-sena-ubt-leader-priyanka-chaturvedi-meet-premanand-maharaj-to-seek-guidance-maharashtra-assembly-election-2861320″ target=”_self”>प्रेमानंद महाराज के दरबार पहुंचीं प्रियंका चतुर्वेदी, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार पर मिली यह नसीहत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> मालाबार पुलिस ने डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) का जाली हस्ताक्षर करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है. इस व्यक्ति ने अजित पवार का जाली हस्ताक्षर बनाकर खुद को देवगिरी बंगले में विशेष कर्तव्य अधिकारी बताया था. अपनी इस फर्जी पहचान के दम पर इसने कई लोगों को नुकसान भी पहुंचाया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी की पहचान प्रवीण साठे के रूप में हुई है जो कि 42 वर्ष का है. वह मूल रूप से सतारा का रहने वाला है. प्रवीण साठे ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर और वित्तीय लाभ स्वीकार करके कई लोगों को धोखा दिया है. मालाबार हिल पुलिस ने पुणे के एक शिकायतकर्ता अतुल शिटोले नाम की शिकायत के बाद जांच शुरू की तो मामले का खुलासा हुआ. प्रवीण साठे को मालाबार हिल पुलिस ने नवी मुंबई के उल्वे से गिरफ्तार किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अजित पवार के नाम पर चला रहा था धोखाधड़ी का खेल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवाणी साठे ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नाम और हस्ताक्षर से कई लोगों को धोखा दिया है. मलबार हिल पुलिस जांच कर रही है कि उसने कुल कितने लोगों को इस तरह से धोखा दिया है. इस मामले में अभी एनसीपी या अजित पवार की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले उपमुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> के नाम पर फर्जी लेटरहेड और स्टांप के जरिए धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया था. उस मामले में मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी. यह उस वक्त की घटना है जब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम हुआ करते थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फर्जी हस्ताक्षर पर मिलती है क्या सजा? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फर्जी हस्ताक्षर बनाए जाने पर जुर्माने के साथ-साथ सात साल की सजा का प्रावधान है. कोई हस्ताक्षर फर्जी है इसका पता लगाने के लिए हस्ताक्षर सत्यापन फोरेंसिक परीक्षा का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे असली और नकली का अंतर पता चल जाता है.</p>
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