लखनऊ में डेंगू के मामले बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। अब मरीजों से निजी पैथोलॉजी संचालक मनमानी पैसा नहीं वसूल सकेंगे। यह निर्देश सीएमओ द्वारा सभी निजी पैथोलॉजी संचालकों को जारी कर दिए गए हैं। डेंगू और स्क्रब टाइफस और इससे संबंधित जांच, कंपोनेंट (प्लेटलेट) के लिए अधिकतम राशि की सीमा भी तय की गई है। आदेश में कहा गया है कि अधिक रुपए वसूलने की शिकायत मिलने पर पैथोलॉजी संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। जनिए किस जांच का कितना लगेगा पैसा बलरामपुर अस्पताल में मिला डेंगू का मरीज, मलेरिया के 5 पॉजिटिव केस मिले लखनऊ में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है। गुरुवार को बलरामपुर अस्पताल में एक मरीज की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन अरुण ने बताया कि मलेरिया के कुल 149 टेस्ट किए गए थे। जिनमें से 5 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके अलावा डेंगू के कुल 106 सैंपल की जांच की गई। इनमें से एक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। एक महीने में डेंगू के 17 नए मामले राजधानी में बीते एक महीने में डेंगू के 17 नए मामले मिले हैं। इस साल की बात करें तो कुल 70 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह सरकारी आंकड़ा है। कई निजी सेंटर पर मिले डेंगू के मरीज रिकॉर्ड में दर्ज नही हैं। ज्यादा फीस वसूलने पर होगी कार्रवाई CMO डॉ.मनोज अग्रवाल ने बताया कि डीएम के अनुमोदन के बाद यह नई सूची जारी कर दी गई है। सभी निजी लैब संचालकों यह लिस्ट भेज दी गई है। ज्यादा फीस वसूलने पर कार्रवाई होगी। राजकीय लैब में जांच निशुल्क है। लखनऊ में डेंगू के मामले बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। अब मरीजों से निजी पैथोलॉजी संचालक मनमानी पैसा नहीं वसूल सकेंगे। यह निर्देश सीएमओ द्वारा सभी निजी पैथोलॉजी संचालकों को जारी कर दिए गए हैं। डेंगू और स्क्रब टाइफस और इससे संबंधित जांच, कंपोनेंट (प्लेटलेट) के लिए अधिकतम राशि की सीमा भी तय की गई है। आदेश में कहा गया है कि अधिक रुपए वसूलने की शिकायत मिलने पर पैथोलॉजी संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। जनिए किस जांच का कितना लगेगा पैसा बलरामपुर अस्पताल में मिला डेंगू का मरीज, मलेरिया के 5 पॉजिटिव केस मिले लखनऊ में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है। गुरुवार को बलरामपुर अस्पताल में एक मरीज की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन अरुण ने बताया कि मलेरिया के कुल 149 टेस्ट किए गए थे। जिनमें से 5 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके अलावा डेंगू के कुल 106 सैंपल की जांच की गई। इनमें से एक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। एक महीने में डेंगू के 17 नए मामले राजधानी में बीते एक महीने में डेंगू के 17 नए मामले मिले हैं। इस साल की बात करें तो कुल 70 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह सरकारी आंकड़ा है। कई निजी सेंटर पर मिले डेंगू के मरीज रिकॉर्ड में दर्ज नही हैं। ज्यादा फीस वसूलने पर होगी कार्रवाई CMO डॉ.मनोज अग्रवाल ने बताया कि डीएम के अनुमोदन के बाद यह नई सूची जारी कर दी गई है। सभी निजी लैब संचालकों यह लिस्ट भेज दी गई है। ज्यादा फीस वसूलने पर कार्रवाई होगी। राजकीय लैब में जांच निशुल्क है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिसार में पूर्व रिटायर्ड फौजी ने किया सुसाइड:मरने से पहले लिखा नोट, रिटायर DSP सहित 10 लोगों पर केस दर्ज
हिसार में पूर्व रिटायर्ड फौजी ने किया सुसाइड:मरने से पहले लिखा नोट, रिटायर DSP सहित 10 लोगों पर केस दर्ज हिसार में रिटायर्ड फौजी और डीसी कार्यालय में कार्यरत सेक्टर 1-4 निवासी राजकुमार ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए परिजनों ने अग्रोहा मेडिकल में शव का पोस्टमॉर्टम करवाने से भी मना दिया। मृतक राजकुमार फौजी ने सुसाइड करने से पहले लिखे गए नोट में मौत का जिम्मेदार दो महीनें पहले रिटायर हुए DSP अशोक कुमार, SHO जगदीश सिंह, ASI ऊषा, ASI फूल कुमार को ठहराया है। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। तो वहीं पुलिस ने भी डीएसपी सहित 10 लोगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 2018 में D ग्रुप में हुए थे भर्ती
सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर 1-4 निवासी 22 वर्षीय पंकज कुमार ने बताया कि हम दो बहन भाई हैं। मेरे पिता राजकुमार फौज से रिटायर्ड होने के बाद 2018 में D ग्रुप में भर्ती हुए थे। जिनकी ड्यूटी अब MA ब्रांच DC ऑफिस हिसार में लगी हुई थी। 23 अक्टूबर को दोपहर बाद 3.30 बजे मेरे पास पिता के साथी कर्मचारी रविन्द्र का फोन आया कि आपके पिता राजकुमार की हालात खराब है तुम ITI चौक ठेके के पास आ जाओ। पंकज ने बताया के जब वह ITI चौक ठेके के पास पहुंचा। तो वहां पर पिता राजकुमार कुर्सी पर बेहोशी की हालात में बैठे थे। उन्होंने उल्टी की हुई थी और रविन्द्र वहीं पास में खड़ा था। कुर्सी के नीचे जहरीली दवा का पैकेट और शीशी भी पड़ी थी। फिर वह पिता को इलाज के लिए निजी अस्पताल में लेकर गए। लेकिन तबीयत बिगड़ने पर पिता को लेकर अग्रोहा मेडिकल पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डीएसपी सहित 4 पुलिसकर्मी पर लगाए आरोप
पंकज कुमार के अनुसार, 2018 में HTM थाना में पिता राजकुमार के खिलाफ पुलिस के साथ लडाई-झगडा और कुछ मोहल्ले की 3 औरतें व दो अन्य की झूठी शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया था। जिसमें पिता जेल भी गए थे। जिसकी जांच उस समय के DSP अशोक कुमार, SHO जगदीप सिंह, ASI ऊषा, ASI फुल कुमार ने की थी। जिसमें उन्होंने पिता को झूठे केस में फंसाया था और पिता के झूठे हस्ताक्षर भी किए थे। शिकायत में बताया है कि उस समय पुलिस थाना में जो घटना हुई थी उसमें अशोक कुमार की साजिश थी। उन्होंने पिता जी को धमकी भी दी और जातिसूचक गालियां भी दी थी। उन्होंने कहा था कि फौजी साहब तुम्हें मरने पर मजबूर कर दूंगा। वही जिसमें उक्त औरतें भी शामिल थी जब अशोक कुमार ने उस समय अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था। मृतक के बेटे पंकज ने बताया कि पिता जी ने फौज से रिटायर्ड होने के बाद 1/4 हाउसिंग बोर्ड में फ्लैट परमजीत कौर से लिया था। जिसकी रजिस्ट्री और इंतकाल मेरी मम्मी के नाम थी। जिस फ्लैट के सम्बन्ध में बूढ़ा खेड़ा निवासी लालचंद बिश्नोई कहने लगा कि मैंने फ्लैट के 20 लाख रुपए दे रखे हैं। यह फ्लैट उसका हैं और वह पिता राजकुमार को तंग करता था और मम्मी शकुन्तला के खिलाफ केस भी कर रखा है। लालचंद पिता जी को बार-बार परेशान करता था। सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में पंकज ने बताया कि कुछ समय पहले कैंट निवासी जसबीर और उसके दोस्त पंडित जिनका ऑफिस और घर कैमरी रोड पर नाका के पास है। उन्होंने मेरे पिता जी को मुझे पंजाब में DSP लगवाने के नाम पर फंसा कर 25 लाख रुपए ले लिए। बाद में मुझे कनाडा या इंग्लैण्ड भेजने का झांसा देने लगे और रुपए की डिमांड करने लगे। जिस कारण इन सब वजह से पिता जी मानसिक तौर पर परेशान रहने लगे। अपने दो मकान बेच दिए। जहरीला पदार्थ पीने से पहले लिखा सुसाइड नोट
राजकुमार ने जहरीला पदार्थ पीने से पहले डीसी ऑफिस की सरकारी डाक बुक में लिखा। वहीं उसकी PDF बनाकर कई ग्रुप में भी डाली है, जिसमें रिटायर DSP अशोक कुमार, SHO जगदीप सिंह, ASI ऊषा, ASI फुल कुमार, 3 महिला और दो अन्य, लालचंद बिश्नोई, जसबीर और उसके दोस्त पंडित पर परेशान करने के आरोप लगाए है। शिकायतकर्ता ने उपरोक्त सभी ने राजकुमार को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए है। फिलहाल पुलिस ने धारा 108 के तहत रिटायर डीएसपी अशोक कुमार, SHO जगदीप सिंह, ASI ऊषा, ASI फुल कुमार, 3 महिला व दो अन्य, लालचंद बिश्नोई, जसबीर और उसके दोस्त पंडित पर केस दर्ज किया है।
हरियाणा में 3 निर्दलीयों का BJP को समर्थन:सावित्री और जून ने कहा- हम विकास चाहते हैं, कादियान बोले- मैं पहले से भाजपा में था
हरियाणा में 3 निर्दलीयों का BJP को समर्थन:सावित्री और जून ने कहा- हम विकास चाहते हैं, कादियान बोले- मैं पहले से भाजपा में था हरियाणा में नायब सैनी के सरकार बनाने का दावा पेश करने के साथ 3 निर्दलीय विधायकों ने BJP को समर्थन का पत्र सौंपा। इसमें हिसार से सावित्री जिंदल, बहादुरगढ़ से राजेश जून और गन्नौर से देवेंद्र कादियान शामिल हैं। हालांकि चुनावी परिणाम आने के बाद तीनों ही विधायकों ने दिल्ली पहुंचकर भाजपा को सर्मथन दे दिया था। बुधवार को चंडीगढ़ में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को समर्थन पत्र सौंपने के बाद सावित्री जिंदल ने कहा कि उन्होंने हिसार के विकास के लिए भाजपा को समर्थन दिया है। वहीं राजेश जून ने कहा कि नीतियों से प्रभावित होकर BJP को समर्थन दिया। उधर, देवेंद्र कादियान ने कहा कि मैं काफी लंबे समय से भाजपा में हूं। टिकट कटने से पहले भी मैं भाजपा में ही था। अब विस्तार से पढ़िए तीनों विधायकों ने BJP को समर्थन पर क्या कहा… 1. सावित्री जिंदल बोलीं- नायब सैनी करेंगे हरियाणा का विकास
सावित्री जिंदल ने कहा कि मैं हिसार से निर्दलीय विधायक के तौर पर चुनी गई हूं और मैं हरियाणा सरकार का समर्थन कर रही हूं, क्योंकि मैं हरियाणा और हिसार का विकास चाहती हूं। नायब सैनी को बधाई देती हूं। मुझे पता है कि नायब सैनी हरियाणा का विकास करेंगे। उन्होंने पिछले 3 महीने के कार्यकाल में बहुत काम किया है। इसी प्रगति को देखते हुए मैं अपना समर्थन दे रही हूं। 2. राजेश जून ने कहा- नीतियों से प्रभावित होकर दिया समर्थन
राजेश जून ने कहा कि भाजपा की नीतियां आम जनमानस तक पहुंचती हैं, इससे प्रभावित होते हुए और अपने विकास के लिए मैं अपना समर्थन बीजेपी सरकार को देता हूं। मैं नायब सिंह सैनी को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं वो हमारे मुख्यमंत्री रहेंगे। पिछले तीन महीनों में उनके द्वारा काफी अच्छे फैसले लिए गए हैं। मैं आशा करता हूं कि आने वाले पांच सालों में आम जनता तक उनका हक नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में पहुंचेगा। 3. टिकट कटने से पहले में भाजपा में था; देवेंद्र कादियान
देवेंद्र कादियान ने कहा- अपने क्षेत्र के विकास के लिए और उन्नति के लिए हमने ये फैसला लिया है। मैं पिछले काफी लंबे समय से बीजेपी में रहा हूं और इस चुनाव के कुछ 20-25 दिन छोड़ दें तो टिकट कटने से पहले मैं पार्टी में ही रहा हूं। हमेशा से ही मेरी विचारधारा पार्टी के साथ ही रही है। समर्थन देने वाले तीनों विधायकों के बारे में पढ़ें… सावित्री हिसार से BJP ने टिकट नहीं दी, निर्दलीय चुनाव लड़ा सावित्री जिंदल हाल ही में देश की सबसे अमीर महिला घोषित की गईं थी। वह अपना आखिरी चुनाव बताकर हिसार से BJP की टिकट पर दावेदारी जता रहीं थी। हालांकि भाजपा से लगातार 2 बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता टिकट लेने में कामयाब रहे। इसके बाद सावित्री जिंदल पहले कांग्रेस में जाने वाली थी। ऐन मौके पर भाजपा को इसकी भनक लग गई। उन्होंने पार्टी के कुरुक्षेत्र से सांसद और सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल को फोन कर इसे रुकवाया। इसके बाद सावित्री ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गईं। जून ने पहले भी निर्दलीय चुनाव लड़ा, दूसरी बार नामांकन वापस लिया
हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट पर राजेश जून ने निर्दलीय चुनाव जीता है। झज्जर जिले की बहादुरगढ़ सीट से राजेश जून कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे। कांग्रेस ने उनकी जगह राजिंद्र जून को बहादुरगढ़ से टिकट दिया जो 2019 में भी इस सीट पर जीते थे। राजेश जून ने 2014 के विधानसभा चुनावों में बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजेंद्र जून के पक्ष में अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था। टिकट कटने पर पार्टी छोड़ी, लाइव आकर रोए
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले देवेंद्र कादियान ने भाजपा का साथ छोड़ा था। वह करीब 10 साल से क्षेत्र में सक्रिय थे। पार्टी छोड़ने का कारण उन्हें गन्नौर से भाजपा का टिकट न मिलना रहा। देवेंद्र पार्टी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने देवेंद्र कौशिक को अपना उम्मीदवार बना लिया था। इसके बाद देवेंद्र कादियान ने पार्टी छोड़ दी। देवेंद्र ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर पार्टी छोड़ने व निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू भी निकल आए थे।
हरियाणा सरकार राई यूनिवर्सिटी वेव सीरीज शूटिंग विवाद पर अलर्ट:कुलपति को बनाया प्रशासक; प्रिंसिपल की ACR के अधिकार, 200 ड्रॉप आउट
हरियाणा सरकार राई यूनिवर्सिटी वेव सीरीज शूटिंग विवाद पर अलर्ट:कुलपति को बनाया प्रशासक; प्रिंसिपल की ACR के अधिकार, 200 ड्रॉप आउट मोतीलाल नेहरू खेल विद्यालय (MNSS) में वेव सीरीज शूटिंग विवाद के बाद हरियाणा सरकार अलर्ट हो गई है। सरकार ने फैसला किया है कि एमएनएसएस, राई को हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (SUH) के प्रशासनिक नियंत्रण में रखा जाएगा। एसयूएच के कुलपति, उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार को इस विद्यालय के समग्र प्रशासनिक नियंत्रक बनाया गया है। एमएनएसएस पिछले काफी समय से एक विवादित वेब सीरीज, कई मुद्दों, शिकायतों और छात्रों की संख्या में भारी कमी के कारण सुर्खियों में है। कुलपति सभी प्रशासनिक मामलों में स्कूल के प्रिंसिपल के रिपोर्टिंग और नियंत्रण अधिकारी होंगे। सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, कुलपति के पास एमएनएसएस के प्रिंसिपल की सभी छुट्टियां, दौरा कार्यक्रम मंजूर करने और प्रिंसिपल की एसीआर दर्ज करने का अधिकार होगा। 2 सालों में 200 बच्चे छोड़ गए स्कूल सूत्रों के अनुसार, पिछले दो सालों में 170-180 छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, जैसे-जैसे संस्थान की प्रतिष्ठा धूमिल होती गई, कुछ शिक्षक और कोच भी इसे छोड़कर चले गए। विभाग ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। 14 जून को विभाग के निदेशक द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, उचित विचार-विमर्श के बाद, एमएनएसएस, राय पर एसयूएच के प्रशासनिक नियंत्रण के दायरे को स्पष्ट करने के लिए निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है। क्या है वेव सीरीज शूटिंग विवाद स्कूल की उप-प्रधानाचार्य मौसमी घोषाल ने 27 मई 2023 को राय थाना पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि ‘रंग दे मोहे’ शो की शूटिंग दिसंबर 2021 में मुंबई की एक कंपनी मेसर्स क्लिक ऑन आरएम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई थी। इसे एक साल और चार महीने बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर सीरीज का नाम बदलकर ‘विरोध’ कर दिया गया। घोषाल ने आगे कहा कि कंपनी ने स्कूल प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा था, लेकिन उसने इसे देने से इनकार कर दिया क्योंकि स्कूल अधिकारियों ने मांग की थी कि प्रमाण पत्र जारी करने से पहले उन्हें सीरीज दिखाई जाए। हालांकि, उन्होंने स्कूल से एनओसी के बिना ही सीरीज जारी कर दी। वेव सीरीज में एडल्ट सीन, गाली-गलौज उप-प्रधानाचार्य ने बताया कि इस सीरीज में स्कूल का नाम कमला नेहरू स्कूल भी दिखाया गया था। इसके अलावा, शो में एडल्ट सीन, गाली-गलौज और बेहद आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए थे। छात्रों को शराब और सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था, जबकि एक खेल प्रशिक्षक को एक छात्रा से अवैध रूप से मदद मांगते हुए दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि इन कारकों के कारण स्कूल की छवि खराब हुई है, जिससे छात्रों, शिक्षकों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। वेब सीरीज के निर्माता त्रेहान को भी पत्र लिखकर कहा गया है कि वे स्कूल का नाम और लोगो हटा दें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 5 जून को दर्ज हुआ केस वाइस प्रिंसिपल घोषाल की शिकायत के बाद राय पुलिस ने 5 जून 2023 को आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत त्रेहान दहिया और एमएक्स प्लेयर के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। एसएचओ ने बताया कि जांच में शामिल होने के लिए बुधवार को गिरफ्तार किए गए त्रेहान ने आरोप लगाया था कि कर्नल मोर (सेवानिवृत्त) ने एनओसी जारी करने के लिए और मांगें रखी थीं। एसएचओ ने बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है और जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। गौरतलब है कि खेल विभाग ने कर्नल अशोक मोर (सेवानिवृत्त) से प्रिंसिपल और डायरेक्टर का प्रभार वापस ले लिया है, जब तक कि उनके खिलाफ कई शिकायतों की जांच पूरी नहीं हो जाती। उप-प्रधानाचार्य घोषाल ने स्कूल के कार्यवाहक प्रिंसिपल और डायरेक्टर का पदभार संभाला हुआ है।