तपोवन में 18 से 21 दिसंबर तक होगा विधानसभा सत्र:CCTV-ड्रोन कैमरों से निगरानी होगी सुनिश्चित, पठानिया बोल- सुरक्षा में नहीं बरती जाएगी कोताही

तपोवन में 18 से 21 दिसंबर तक होगा विधानसभा सत्र:CCTV-ड्रोन कैमरों से निगरानी होगी सुनिश्चित, पठानिया बोल- सुरक्षा में नहीं बरती जाएगी कोताही

सोमवार को तपोवन विधानसभा भवन में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने शीतकालीन सत्र के प्रबंधों और तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधान सभा का सातवां सत्र 18 से 21 दिसम्बर तक आयोजित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र में कुल 4 बैठकें होगी। सत्र की अधिसूचना जारी होने के साथ ही माननीय सदस्यों से प्रश्नों से सम्बन्धित सूचनाएं विधान सभा सचिवालय को आनी शुरू हो गई है। ठहरने की व्यवस्था करेगा जिला प्रशासन शीतकालीन सत्र की तैयारियों के लिए जिला प्रशासन जिलाधीश कांगड़ा की अध्यक्षता में पहले भी बैठकें कर चुका है। लेकिन सत्र के दृष्टिगत आज उनकी अध्यक्षता में पहली बैठक का आयोजन किया गया है। जिसमें जिला प्रशासन के हर विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। तपोवन भवन में मरम्मत तथा साफ- सफाई का कार्य समय रहते पूर्ण किया जाएगा। सत्र में भाग लेने आ रहे पक्ष तथा प्रतिपक्ष के माननीय सदस्यों की ठहरने की समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तु पर प्रतिबंध उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एम्बुलेंस तथा एक डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ के कर्मचारी भी तपोवन परिसर में डयूटी पर तैनात रहेंगे। विधान सभा भवन के अन्दर मोबाइल, लैपटॉप तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तु के ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। तपोवन विधान सभा भवन तथा परिसर को कृत्रिम दुधिया रोशनी से सुसज्जित किया जाएगा। किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी- पठानिया विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तपोवन में शीतकालीन सत्र के दौरान सुरक्षा में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी, तथा सीसीटीवी तथा ड्रोन कैमरों से निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। सत्र के दौरान तपोवन विधान सभा भवन तथा परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सुरक्षा पूर्व की भांति चाक चौबंद रहेगी। हिमाचल प्रदेश सरकार तथा विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को जारी किए गए शासकीय पास प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे ताकि सुरक्षा कर्मियों को फिरिस्किंग की कम से कम आवश्यकता रहे। सोमवार को तपोवन विधानसभा भवन में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने शीतकालीन सत्र के प्रबंधों और तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधान सभा का सातवां सत्र 18 से 21 दिसम्बर तक आयोजित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र में कुल 4 बैठकें होगी। सत्र की अधिसूचना जारी होने के साथ ही माननीय सदस्यों से प्रश्नों से सम्बन्धित सूचनाएं विधान सभा सचिवालय को आनी शुरू हो गई है। ठहरने की व्यवस्था करेगा जिला प्रशासन शीतकालीन सत्र की तैयारियों के लिए जिला प्रशासन जिलाधीश कांगड़ा की अध्यक्षता में पहले भी बैठकें कर चुका है। लेकिन सत्र के दृष्टिगत आज उनकी अध्यक्षता में पहली बैठक का आयोजन किया गया है। जिसमें जिला प्रशासन के हर विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। तपोवन भवन में मरम्मत तथा साफ- सफाई का कार्य समय रहते पूर्ण किया जाएगा। सत्र में भाग लेने आ रहे पक्ष तथा प्रतिपक्ष के माननीय सदस्यों की ठहरने की समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तु पर प्रतिबंध उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एम्बुलेंस तथा एक डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ के कर्मचारी भी तपोवन परिसर में डयूटी पर तैनात रहेंगे। विधान सभा भवन के अन्दर मोबाइल, लैपटॉप तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तु के ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। तपोवन विधान सभा भवन तथा परिसर को कृत्रिम दुधिया रोशनी से सुसज्जित किया जाएगा। किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी- पठानिया विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तपोवन में शीतकालीन सत्र के दौरान सुरक्षा में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी, तथा सीसीटीवी तथा ड्रोन कैमरों से निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। सत्र के दौरान तपोवन विधान सभा भवन तथा परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सुरक्षा पूर्व की भांति चाक चौबंद रहेगी। हिमाचल प्रदेश सरकार तथा विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को जारी किए गए शासकीय पास प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे ताकि सुरक्षा कर्मियों को फिरिस्किंग की कम से कम आवश्यकता रहे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर