पंजाब के तरनतारन में 24 घंटे में दूसरी बार पुलिस और नशा तस्कर के बीच मुठभेड़ हो गई। जवाबी फायरिंग में नशा तस्कर टांग में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने उसके पास से 32 बोर का पिस्टल और कार बरामद की है। घायल को पुलिस ने काबू कर अस्पताल भेजा है। आरोपी की पहचान लवकरण सिंह निवासी बाकीपुर के नाम से हुई है। लवकरण सिंह के खिलाफ पहले भी कई केस दर्ज हैं और पुलिस का वांटेड था। डीएसपी कमलजीत सिंह ने बताया कि गांव जमसतपुर के नजदीक नाकेबंदी की गई थी। तड़के सुबह नाकेबंदी के दौरान पुलिस ने एक कार ड्राइवर को रुकने का इशारा किया। लेकिन कार ड्राइवर ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस कर्मी की पगड़ी को छूते निकली गोली उन्होंने कहा कि एक गोली पुलिस कर्मचारियों की पगड़ी को छूते हुए निकल गई और वह बाल बाल बच गया। जिसके बाद जवाबी फायरिंग में कार सवार लवकरण सिंह घायल हो गया। उन्होंने बताया कि आरोपी के उपचार के बाद उसे पूछताछ की जाएगी और उसके ठिकानों पर रेड की जाएगी। मंगलवार की देर रात भी हुआ था पुलिस मुकाबला डीएसपी कमलजीत सिंह ने कहा कि 24 घंटे में यह दूसरा पुलिस का मुकाबला है। इससे पहले मंगलवार को ब्यास दरिया से सटे गांव धुन ढाईवाला में भी आतंकी लखबीर सिंह लंडा के तीन गुर्गों और पुलिस के बीच में मुकाबला हुआ था। जिसमें दो बदमाश घायल हो गए थे और मुकाबला के बाद तीनों को काबू कर लिया गया था। जिन्होंने एक रिटायर्ड कर्मचारी से 50 लाख की फिरौती मांगी थी। पंजाब के तरनतारन में 24 घंटे में दूसरी बार पुलिस और नशा तस्कर के बीच मुठभेड़ हो गई। जवाबी फायरिंग में नशा तस्कर टांग में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने उसके पास से 32 बोर का पिस्टल और कार बरामद की है। घायल को पुलिस ने काबू कर अस्पताल भेजा है। आरोपी की पहचान लवकरण सिंह निवासी बाकीपुर के नाम से हुई है। लवकरण सिंह के खिलाफ पहले भी कई केस दर्ज हैं और पुलिस का वांटेड था। डीएसपी कमलजीत सिंह ने बताया कि गांव जमसतपुर के नजदीक नाकेबंदी की गई थी। तड़के सुबह नाकेबंदी के दौरान पुलिस ने एक कार ड्राइवर को रुकने का इशारा किया। लेकिन कार ड्राइवर ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस कर्मी की पगड़ी को छूते निकली गोली उन्होंने कहा कि एक गोली पुलिस कर्मचारियों की पगड़ी को छूते हुए निकल गई और वह बाल बाल बच गया। जिसके बाद जवाबी फायरिंग में कार सवार लवकरण सिंह घायल हो गया। उन्होंने बताया कि आरोपी के उपचार के बाद उसे पूछताछ की जाएगी और उसके ठिकानों पर रेड की जाएगी। मंगलवार की देर रात भी हुआ था पुलिस मुकाबला डीएसपी कमलजीत सिंह ने कहा कि 24 घंटे में यह दूसरा पुलिस का मुकाबला है। इससे पहले मंगलवार को ब्यास दरिया से सटे गांव धुन ढाईवाला में भी आतंकी लखबीर सिंह लंडा के तीन गुर्गों और पुलिस के बीच में मुकाबला हुआ था। जिसमें दो बदमाश घायल हो गए थे और मुकाबला के बाद तीनों को काबू कर लिया गया था। जिन्होंने एक रिटायर्ड कर्मचारी से 50 लाख की फिरौती मांगी थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप लगा था। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप को अकसर को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर पेश हों। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान
अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से पहले ही बीते दिन बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कई सिख जत्थेबंदियों ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी रहे हैं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया
इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। ये दिया था स्पष्टीकरण…
सुखबीर बादल ने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।
पंजाब में कांग्रेस नेता के घर पर फायरिंग:रात को विदेशी नंबर से कॉल आई, जान से मारने की धमकी; VIDEO सामने आया
पंजाब में कांग्रेस नेता के घर पर फायरिंग:रात को विदेशी नंबर से कॉल आई, जान से मारने की धमकी; VIDEO सामने आया पंजाब के गुरदासपुर में बुधवार रात को शहर के वार्ड 25 में रहने वाले कांग्रेस के हलका यूथ प्रधान नकुल महाजन के घर के बाहर स्कूटी पर आए 2 अज्ञात लोगों ने फायरिंग की। हालांकि, घटना का पता सुबह चला। सूचना मिलने पर कांग्रेस के जिला यूथ प्रधान एडवोकेट बलजीत सिंह पाहड़ा पहुंचे। घटना संबंधी सूचना मिलने पर थाना सिटी की पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले की कार्रवाई शुरू की। नकुल महाजन ने पुलिस को बताया है कि उन्हें रात को फोन पर धमकी भरी कॉल भी आई थी। पुलिस जांच के दौरान सुबह करीब 11 बजे उसी विदेशी नंबर से फिर कॉल आई। उस पर धमकी देने वाले ने कहा, “तुम अभी जिंदा हो।” फायरिंग करने की घटना CCTV में भी कैद हुई है, जिसमें नकाबपोश युवक घर के गेट पर लगातार गोलियां चलाता दिख रहा है। गौरतलब है कि नकुल महाजन हलका विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा के बेहद करीबी हैं। फायरिंग के बाद की 3 PHOTOS… करीब 2 बजे विदेशी नंबर से फोन भी आया
नकुल महाजन ने बताया कि वह रात को परिवार सहित घर में सोए थे। रात करीब 10 बजे उनके घर के बाहर 2 अज्ञात लोग स्कूटी पर आए, जिन्होंने उनके घर पर करीब 5 फायर किए। इसके बाद वे अज्ञात युवक मौके से फरार हो गए। नकुल का कहना है कि जब फायरिंग की आवाज आ रही थीं तो उन्होंने सोचा कि कोई आतिशबाजी कर रहा है, जिस कारण उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। हालांकि, रात करीब 2 बजे उन्हें विदेशी नंबर से एक कॉल आई, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। घर के गेट और छत पर लगीं गोलियां
सुबह जब वह घर के बाहर आए तो देखा कि गली में गोलियों के 5 खोल पड़े थे। गोलियां घर के गेट और छत पर लगी हुई थीं। नकुल ने बताया कि इससे पहले भी उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, जिला यूथ प्रधान एडवोकेट बलजीत सिंह पाहड़ा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सूचना मिलने के 2 घंटे बाद तक कोई भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि, थाना सिटी से घटनास्थल का रास्ता 2 मिनट का लगता है। शहर में कानून व्यवस्था नहीं है। शहर में बेखौफ आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, जबकि पुलिस इस पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल है। आक्रोश में लोगों ने की नारेबाजी
पुलिस प्रशासन की ओर से गंभीरता से कार्रवाई न करने के चलते आक्रोश में आए मोहल्ले के लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। एडवोकेट पाहड़ा ने कहा कि पुलिस से इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं है। शरारती तत्व ऐसी घटनाओं को आराम से अंजाम देकर फरार हो रहे हैं। इसी बयानबाजी के बीच जब पुलिस कार्रवाई करने पहुंची थी, तो उसी समय रात में जिस विदेशी नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई थी, उसी नंबर से फिर कॉल आई। इस बार नकुल कॉल को स्पीकर पर डालकर पुलिस जांच अधिकारी के सामने बात कर रहे थे। नकुल महाजन और धमकी देने वाले के बीच हुई बातचीत- धमकी देने वाला : तुम कहां पर हो? नकुल : मैं घर पर हूं। तुम कौन हो? धमकी देना वाला : तुम अभी भी जिंदा हो? नकुल : अगर मैं बात कर रहा हूं तो इसका मतलब मैं जिंदा हूं। तुम कौन बोल रहे हो? धमकी देने वाला : तुम्हें जल्दी पता चल जाएगा कि मैं कौन बोल रहा हूं। बलजीत सिंह पाहड़ा : जीना मरना ऊपर वाले के हाथ में है। धमकी देने वाला : फिर तगड़े रहना। बलजीत सिंह पाहड़ा : कोई बात नहीं। हम तगड़े हैं। आरोपियों की पहचान कर रही पुलिस
थाना सिटी गुरदासपुर के ASI हरजिंदर सिंह ने कहा है कि मामले की सूचना मिलने पर हम मौके पर पहुंचे थे। आसपास के CCTV फुटेज खंगालने के बाद 2 युवक दिखाई दिए हैं। उनकी पहचान करने के लिए कार्रवाई जारी है।
पंजाब में BJP-अकाली दल को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा:साथ चुनाव लड़ते तो 5 सीटें जीतते; अभी SAD को 1 सीट, भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ
पंजाब में BJP-अकाली दल को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा:साथ चुनाव लड़ते तो 5 सीटें जीतते; अभी SAD को 1 सीट, भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) और BJP को गठबंधन तोड़ना महंगा पड़ा। दोनों ने इस बार पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा। हालांकि अगर ये दोनों इकट्ठा होकर चुनाव लड़ते तो फिर 5 सीटें आसानी से जीत सकते थे। इनमें गुरदासपुर, अमृतसर, लुधियाना, फिरोजपुर व पटियाला सीट शामिल हैं। इन सारी सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं। इन पांचों सीटों पर भाजपा और अकाली दल के वोट मिलाकर जीतने वाले उम्मीदवार से ज्यादा हैं। इसके अलावा बठिंडा सीट से भी अगर गठबंधन रहता तो अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बड़े अंतर से चुनाव जीत जाती। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए 6 सीटों पर हार-जीत का गणित…. 1. गुरदासपुर में 2,639 वोटों से जीत जाती भाजपा
गुरदासपुर सीट पर पर जीते कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा को 3 लाख 64 हजार 43 मत मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू यहां पर 2 लाख 81 हजार 182 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 85 हजार 500 वोट मिले हैं। अगर इस सीट पर भाजपा व शिअद मिलकर लड़ रहे होते तो इन दोनों के कुल वोट 3 लाख 66 हजार 682 हो जाते। ऐसे में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार को 2,639 वोटों से जीत मिल जाती। हालांकि इस परिणाम में भाजपा को 82 हजार 861 वोटों से हारना पड़ा। 2. अमृतसर में बड़े अंतर से नतीजे बदल जाते
अमृतसर सीट पर कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला 2 लाख 55 हजार 181 वोट लेकर जीते है। इस सीट पर भाजपा को 2 लाख 7 हजार 205 वोट मिले। अकाली दल के अनिल जोशी को 1 लाख 62 हजार 896 वोट मिले। अकाली दल व भाजपा के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह 3 लाख 70 हजार 101 हाे जाते हैं। ऐसे में भाजपा यह सीट 1 लाख 14 हजार 920 वोटों से सीट जीत सकती थी। 3. लुधियाना सीट भी भाजपा के खाते में आती
लुधियाना सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर राजा वडिंग को 3 लाख 22 हजार 224 वोट मिले हैं। भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू को यहां 3 लाख 1 हजार 282 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 20 हजार का है। इस सीट पर अकाली दल 90 हजार 220 मत मिले हैं। यदि शिअद और भाजपा इकट्ठे होते हो तो दोनों के वोट की संख्या 3 लाख 91 हजार 502 हो जाती है। ऐसे में यह सीट 69 हजार 278 मतों से भाजपा जीत सकती थी। फिरोजपुर में करीब ढ़ाई लाख से सीट जीत जाते
फिरोजपुर सीट पर कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया 2 लाख 66 हजार 626 वोट लेकर जीते हैं। वहीं BJP के गुरमीत सिंह सोढ़ी को 2 लाख 55 हजार 97 वोट मिले हैं। शिअद को 2 लाख 53 हजार 645 वोट मिले हैं। भाजपा और अकाली दल के वोट मिला दें तो यह 5 लाख 8 हजार 742 हो जाएंगे। जिससे यह सीट वे 2 लाख 42 हजार 116 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत जाते। परनीत कौर भाजपा की सांसद बन जाती
पटियाला सीट कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी ने 3 लाख 5 हजार 616 वोट लेकर जीती है। यहां पर भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर को 2 लाख 88 हजार 998 और शिरोमणि अकाली दल के एनके शर्मा को 1 लाख 53 हजार 978 वोट मिले हैं। अगर इन दोनों के वोट जोड़ दिए जाए तो यह 4 लाख 42 हजार 976 हो जाते हैं। ऐसे में अकाली-भाजपा गठबंधन की सूरत में यह सीट 1 लाख 37 हजार 360 वोटों से जीत जाती। बठिंडा में जीत का अंतर बढ़ जाता
बठिंडा सीट पर शिरोमणि अकाली दल की जीत हुई है। इस पर शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल को 3 लाख 76 हजार 558 वोट मिले हैं। जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां 3 लाख 26 हजार 902 वोट मिले हैं। दोनों में जीत-हार का अंतर 49 हजार 656 है। यहां से भाजपा की उम्मीदवार पूर्व IAS अफसर परमपाल कौर सिद्धू को 1 लाख 10 हजार 762 वोट मिले हैं। अगर साथ होते तो यहां जीत का अंतर बढ़ जाता।