<p>जो तुमको हो पसंद, वही बात कहेंगे <br />तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे </p>
<p>उप्र सरकार की सोशल मीडिया पॉलिसी में न्याय मांग रही महिलाओं की आवाजें किस श्रेणी में आएँगी?</p>
<p>69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले में उठने वाले सवाल किस श्रेणी में आएंगे? </p>
<p>भाजपा नेताओं-विधायकों द्वारा भाजपा सरकार की पोल-पट्टी खोलना किस श्रेणी में आएगा? </p>
<p>’तुम दिन को कहो रात तो रात, वरना हवालात’ नीति सच को दबाने का एक और तरीका है। क्या भाजपा लोकतंत्र और संविधान को कुचलने से ज्यादा कुछ सोच ही नहीं सकती?</p> <p>जो तुमको हो पसंद, वही बात कहेंगे <br />तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे </p>
<p>उप्र सरकार की सोशल मीडिया पॉलिसी में न्याय मांग रही महिलाओं की आवाजें किस श्रेणी में आएँगी?</p>
<p>69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले में उठने वाले सवाल किस श्रेणी में आएंगे? </p>
<p>भाजपा नेताओं-विधायकों द्वारा भाजपा सरकार की पोल-पट्टी खोलना किस श्रेणी में आएगा? </p>
<p>’तुम दिन को कहो रात तो रात, वरना हवालात’ नीति सच को दबाने का एक और तरीका है। क्या भाजपा लोकतंत्र और संविधान को कुचलने से ज्यादा कुछ सोच ही नहीं सकती?</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जम्मू-कश्मीर में पहले चरण की चुनावी रेस से बाहर हुए 35 उम्मीदवार, अलगाववादी सरजन बरकती को भी झटका, जानें डिटेल
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रायबरेली नहीं छोड़ने पर राहुल सहमत:मां सोनिया ने समझाया, क्यों यूपी कांग्रेस के लिए जरूरी; प्रियंका दोबारा बन सकती हैं प्रभारी
रायबरेली नहीं छोड़ने पर राहुल सहमत:मां सोनिया ने समझाया, क्यों यूपी कांग्रेस के लिए जरूरी; प्रियंका दोबारा बन सकती हैं प्रभारी लगभग तय हो गया है कि राहुल गांधी मां सोनिया की सीट रायबरेली अपने पास रखेंगे। वह वायनाड छोड़ सकते हैं। बुधवार को हुई कांग्रेस की पहली बैठक और परिवार के साथ रायशुमारी के बाद उन्होंने यह फैसला किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल दोनों सीटों में से कौन सी सीट चुनें, उनके इस कन्फ्यूजन को सोनिया गांधी ने दूर किया। सोनिया ने राहुल को समझाया कि यूपी कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए उन्हें रायबरेली अपने पास रखना चाहिए। यह भी कहा जा रहा है कि प्रियंका दोबारा यूपी प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने इस पद को छोड़ दिया था। राहुल के सीट छोड़ने पर प्रियंका वायनाड से उपचुनाव लड़ सकती हैं। गांधी परिवार इसके जरिए उत्तर के साथ दक्षिण में पकड़ मजबूत रखना चाहता है। राहुल के रायबरेली में बने रहने की सहमति के पीछे मां सोनिया की वह भावुक अपील भी है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘आपको बेटा सौंप रही हूं।’ राहुल ने भी रिजल्ट के दिन पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका संकेत दिया था, उन्होंने यूपी को स्पेशल थैंक्यू बोला था। परिवार ने समझाया रायबरेली क्यों जरूरी
पार्टी के एक सीनियर लीडर ने बताया कि मां सोनिया, बहन प्रियंका और जीजा रॉबर्ट वाड्रा से बातचीत करके रायबरेली नहीं छोड़ने पर सहमत हो गए हैं। परिवार ने समझाया कि रायबरेली की जीत इस लिहाज से भी बड़ी है कि परिवार ने अमेठी की खोई सीट भी हासिल कर ली। रायबरेली में राहुल को वायनाड से बड़ी जीत मिली। ऐसे में रायबरेली छोड़ेंगे तो यूपी में गलत मैसेज जाएगा। यहीं नहीं, गांधी परिवार के मुखिया ने हमेशा यूपी से ही राजनीति की। पिता राजीव गांधी अमेठी और परदादा जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से चुनाव लड़ते रहे हैं। रायबरेली सीट उनकी मां, दादी इंदिरा और दादा फिरोज गांधी की सीट है। प्रियंका खेमा चाहता था राहुल वायनाड नहीं छोड़े
सूत्र बताते हैं कि प्रियंका गांधी के खेमे के कुछ लोग पहले की तरह चाहते थे कि राहुल वायनाड में ही रहें और प्रियंका रायबरेली से उपचुनाव लड़ें। दरअसल, नामांकन से ठीक एक दिन पहले ही गांधी परिवार ने फैसला लिया था कि राहुल रायबरेली से लड़ेंगे। ये फैसला आखिरी वक्त में इसलिए हुआ कि प्रियंका और रॉबर्ट दोनों चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन पार्टी के सीनियर नेताओं ने प्रियंका को समझाया कि परिवारवाद के आरोप से कांग्रेस कमजोर होगी। पूरे परिवार को चुनाव में उतरने की बजाय राहुल को ब्रांड बनाना जरूरी है। 3 वजह, क्यों रायबरेली नहीं छोड़ेंगे राहुल 1- सोनिया की अपील, जनता ने रिकॉर्ड वोटों से जिताया
17 मई को सोनिया गांधी इस लोकसभा चुनाव की पहली रैली में रायबरेली पहुंचीं थी। उन्होंने मंच से कहा- ‘मैं आपको बेटा सौंप रही हूं। जैसे मुझे माना, वैसे ही मानकर रखना। राहुल आपको निराश नहीं करेंगे। राहुल ने 3.90 लाख वोटों से जीत दर्ज की, जबकि 2019 में सोनिया गांधी ने 1.67 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। 2- केंद्र में कांग्रेस को आना है तो यूपी में मजबूत पैठ जरूरी
कांग्रेस को यूपी में इस बार 9.4 फीसदी वोट मिला। यह कांग्रेस के लिए संजीवनी की तरह है। 2019 में 6.36% वोट शेयर और एक सीट ही मिली थी। 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में 2.33% वोट और दो सीटें मिली थीं। 3- दक्षिण के बाद हिंदी पट्टी को मजबूत करना चाहते है
राहुल ने 2019 में पहली बार अमेठी के साथ वायनाड से चुनाव लड़ा पर अमेठी हार गए। वायनाड से जीतकर संसद पहुंचे। राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत भी कन्याकुमारी से की थी, इसके बाद कांग्रेस लगातार दक्षिण में मजबूत हुई। खासकर केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में। कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकार भी बना ली। इस चुनाव में केरल में कांग्रेस को 20 में से 14 सीटें, तमिलनाडु में 9 और कर्नाटक में 9 सीटें मिलीं। अब राहुल गांधी नॉर्थ इंडिया खासकर हिंदी पट्टी को मजबूत करने पर फोकस करना चाहते हैं। यही वजह है कि दूसरी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने जो रूट चुना उसमें ज्यादातर समय इसी इलाके को दिया। यूपी के बाद कांग्रेस का राजस्थान में भी अच्छा प्रदर्शन रहा। अब दोनों भाई बहन यूपी में अपनी एक्टिविटी और बढ़ा सकते हैं। अमेठी में किशोरी लाल के साथ 4 अन्य सीट जीतने पर उनका कॉन्फिडेंस भी काफी बढ़ा है। दोनों की बॉडी लैंग्वेज भी बदल चुकी हैं। इसके अलावा उन्हें ये भी पता है कि यदि वह यूपी छोड़ देंगे, तो अखिलेश का उन्हें हमेशा सहारा लेना पड़ेगा और कांग्रेस कभी अपने दम पर यूपी में खड़ी नहीं हो पाएगी। इस लिंक को भी पढ़ें… यूपी के सभी 80 सांसदों को डिटेल में जानिए:6 में से 5 मुस्लिम प्रत्याशी जीते, हमीरपुर में सपा सांसद की सबसे छोटी जीत लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गए हैं। इसमें कुछ नए रिकॉर्ड बने, तो कुछ चौंकाने वाले नतीजे भी देखने को मिले। इंडी गठबंधन के 6 में से 5 मुस्लिम प्रत्याशी जीत गए। यादव परिवार के पांच सदस्य भी जीतने में कामयाब हो गए। पढ़ें पूरी खबर… यूपी में चुनाव की सबसे रोचक-चौंकाने वाली बातें:सबसे छोटी हार, जहां हुड़दंग, संघमित्रा रोईं वहां के नतीजे, भाजपा के 5 बड़े चेहरे जो हारे यूपी की 80 सीटों के रिजल्ट आ गए हैं। भाजपा को 29 सीटों का बड़ा नुकसान हुआ है। पार्टी 62 से सिमटकर 33 सीटों पर आ गई है। वोट शेयर भी 8.63% घटकर 41.37% हो गया है। इंडी गठबंधन यानी सपा-कांग्रेस के वोट शेयर में पिछले चुनाव से करीब दोगुना उछाल आया है। सपा को 33% जबकि कांग्रेस को 9% वोट मिले हैं। पढ़ें पूरी खबर…
फाजिल्का में ड्यूटी दौरान कर्मचारी ने गंवाई जान:पिता की मौत के बाद मिली थी नौकरी; पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा कारण
फाजिल्का में ड्यूटी दौरान कर्मचारी ने गंवाई जान:पिता की मौत के बाद मिली थी नौकरी; पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा कारण फाजिल्का में ड्यूटी के दौरान नहरी विभाग में कार्यरत बेलदार की मौत हो गई l मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है l नहरी विभाग में बेलदार रहे मृतक उडीक सिंह के बेटे भारतवीर सिंह ने बताया कि वह गांव सोमेवाला के रहने वाले है l उन्होंने बताया कि उसके पिता उडीक सिंह उसके दादा छोटा सिंह की मृत्यु के बाद डेथ केस मामले में 2003 से बतौर बेलदार नहरी विभाग में कर्मचारी तैनात थे l वह ड्यूटी पर थे कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया। मौके पर पहुंचे घाटियांवाली गांव के किसान जगसीर सिंह ने बताया कि बेलदार उडीक सिंह ने बहुत ही मेहनत से अपनी ड्यूटी निभाई है l आज तक न नहरी पानी चोरी हुआ, न ही कभी किसानों को कोई शिकायत आई l उन्होंने बताया कि भागसर माइनर पर उनकी ड्यूटी थी l इसी दौरान में ड्यूटी पर थे कि अचानक का स्वास्थ्य बिगड़ने से उन्हें अस्पताल ले जाया गया l जहां डॉक्टर ने उन्हें मृतक करार दिया l उनका कहना है कि बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई है l जबकि अब पोस्टमार्टम के लिए उनके शव को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया जा रहा है ताकि उनके मौत के कारणों का पता लगाया जा सके l
सिरसा में चलती कार पर गिरा स्ट्रीट लाइट पोल:बाल-बाल बचे दो लोग; प्रत्यक्षदर्शी बोले- इससे पहले पोल से टकराई थी ट्राली
सिरसा में चलती कार पर गिरा स्ट्रीट लाइट पोल:बाल-बाल बचे दो लोग; प्रत्यक्षदर्शी बोले- इससे पहले पोल से टकराई थी ट्राली सिरसा शहर में हिसार रोड पर मंगलवार रात को डिवाइडर के बीच लगा स्ट्रीट लाइट का पोल चलती कार पर जा गिरा। जिससे कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं कार सावर दो लोग बाल-बाल बच गए। प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि इससे पहले टूडी से भरी ट्राली पोल से टकराई थी। घटना की सूचना मिलने पर डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों की मदद ने पोल को कार के ऊपर से हटाया। जानकारी के अनुसार सिरसा निवासी अशोक कुमार मंगलवार रात को अपने दोस्त के साथ होटल में खाना खाने गया था। कार पोल गिरने से हुआ धमाका इसके बाद वह भगवान परशुराम चौक से हिसार रोड की तरफ जाने लगा। इसी दौरान डिवाइडर के बीच लगा स्ट्रीट लाइट का पोल सीधा कार के ऊपर आ गिरा। जिससे जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर सड़क किनारे खड़े लोग व दुकानदार घबरा गए। वे सभी कार के पास पहुंचे और कार के अंदर फंसे दोनों लोगों को बाहर निकाला। पोल से टकराई थी ट्राली प्रत्यक्षदर्शी नीरज शर्मा का कहना है कि ये हादसा टूडी से भरी ट्रैक्टर ट्राली के कारण हुआ है। इस सड़क पर कार आने से एक मिनट पहले टूडी से लदी ट्रैक्टर ट्राली यहां से गुजरी थी। ट्राली का कुछ हिस्सा स्ट्रीट लाइट के पोल से टकरा गया था। जैसे ही ट्रैक्टर ट्राली आगे गुजरी पीछे से आ रही कार पर स्ट्रीट लाइट पोल गिर गया।