तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि शिरोमणि अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा लगातार उन पर व उनके परिवार पर निजी हमले कर रहा हैं। उनकी जाति तक परखी गई। शिरोमणि अकाली दल की सोशल मीडिया टीम भी उनका साथ दे रही है। उन्होंने बेहद भावुक होकर कहा कि वह विरसा सिंह वल्टोहा से डरते नहीं है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल की ओर से उसका साथ देना बेहद दुखी कर रहा है, इसीलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। क्योंकि वह सिर्फ जत्थेदार ही नहीं बल्कि बेटियों के पिता भी हैं। उन्होंने पंजाब और केंद्र सरकार को सिक्योरिटी वापस लेने को कहा है। आरोप प्रत्यारोप के बीच इस्तीफा अकाली दल के विरसा सिंह वल्टोहा ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए आरोप लगाया था कि जत्थेदार आरएसएस और बीजेपी के दबाव में काम करते हैं। जिसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से उन्हें 15 अक्तूबर को पेश होने के लिए सबूतों सहित बुलाया था। कल जब विरसा सिंह वल्टोहा पेश हुए तो उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दिया वहीं श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ सबूतों की एक पेनड्राइव भी सौंपी। जिसक बाद श्री अकाल तख्त साहिब के पांचो सिंह साहिबानों ने बैठक की और फैसला किया कि विरसा सिहं वल्टोहा को अकाली दल से 10 साल के लिए निष्कासित किया जाए। खुद ही छोड़ी थी अकाली दल श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने अकाली दल की ओर से निष्कासित किए जाने से पहले ही अकाली दल को त्याग दिया और इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद आज अकाली दल ने भी उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया।स्पष्टीकरण जनतक करने को कहा था। विरसा सिंह वल्टोहा ने त्याग पत्र देने के साथ ही सोशल मीडिया पर आकर श्री अकाल तख्त से गुजारिश की थी कि उनके स्पष्टीकरण और पेन ड्राइव को जन तक किया जाए और अगर नहीं किया गया तो वह खुद ही इसे लोगों के सामने रखेंगे। जिसके बाद जैसे ही अकाली दल की ओर से निष्कासन की खबर आयी तो विरसा सिंह वल्टोहा ने अपना स्पष्टीकरण भी सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी ऐतराज जताया कि कल की पांच सिंह साहिबानों की बैठक में जिनके खिलाफ सबूत दिए उन्हें बिठाना कहां तक सही था। तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि शिरोमणि अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा लगातार उन पर व उनके परिवार पर निजी हमले कर रहा हैं। उनकी जाति तक परखी गई। शिरोमणि अकाली दल की सोशल मीडिया टीम भी उनका साथ दे रही है। उन्होंने बेहद भावुक होकर कहा कि वह विरसा सिंह वल्टोहा से डरते नहीं है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल की ओर से उसका साथ देना बेहद दुखी कर रहा है, इसीलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। क्योंकि वह सिर्फ जत्थेदार ही नहीं बल्कि बेटियों के पिता भी हैं। उन्होंने पंजाब और केंद्र सरकार को सिक्योरिटी वापस लेने को कहा है। आरोप प्रत्यारोप के बीच इस्तीफा अकाली दल के विरसा सिंह वल्टोहा ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए आरोप लगाया था कि जत्थेदार आरएसएस और बीजेपी के दबाव में काम करते हैं। जिसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से उन्हें 15 अक्तूबर को पेश होने के लिए सबूतों सहित बुलाया था। कल जब विरसा सिंह वल्टोहा पेश हुए तो उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दिया वहीं श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ सबूतों की एक पेनड्राइव भी सौंपी। जिसक बाद श्री अकाल तख्त साहिब के पांचो सिंह साहिबानों ने बैठक की और फैसला किया कि विरसा सिहं वल्टोहा को अकाली दल से 10 साल के लिए निष्कासित किया जाए। खुद ही छोड़ी थी अकाली दल श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने अकाली दल की ओर से निष्कासित किए जाने से पहले ही अकाली दल को त्याग दिया और इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद आज अकाली दल ने भी उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया।स्पष्टीकरण जनतक करने को कहा था। विरसा सिंह वल्टोहा ने त्याग पत्र देने के साथ ही सोशल मीडिया पर आकर श्री अकाल तख्त से गुजारिश की थी कि उनके स्पष्टीकरण और पेन ड्राइव को जन तक किया जाए और अगर नहीं किया गया तो वह खुद ही इसे लोगों के सामने रखेंगे। जिसके बाद जैसे ही अकाली दल की ओर से निष्कासन की खबर आयी तो विरसा सिंह वल्टोहा ने अपना स्पष्टीकरण भी सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी ऐतराज जताया कि कल की पांच सिंह साहिबानों की बैठक में जिनके खिलाफ सबूत दिए उन्हें बिठाना कहां तक सही था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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