<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश के दमोह में फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का छत्तीसगढ़ से चौंकाने वाला कनेक्शन सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह फर्जी डॉक्टर साल 2005-06 में बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में बतौर कार्डियोलॉजिस्ट कार्यरत था. उस दौरान इलाज में लापरवाही के चलते कई मरीजों की मौत हुई थी. इनमें सबसे बड़ा नाम छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल का है, जिनका ऑपरेशन इस फर्जी डॉक्टर ने किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजेंद्र शुक्ल के बेटे ने किया खुलासा</strong><br />राजेंद्र शुक्ल के बेटे, प्रोफेसर प्रदीप शुक्ला ने खुलासा किया है कि उनके पिता का हार्ट ऑपरेशन डॉक्टर नरेंद्र ने किया था. ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ने पर उन्हें 20 दिन वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन उनकी मौत हो गई. परिवार ने उस समय ही डॉक्टर की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपोलो में अचानक बढ़े मौत के आंकड़े </strong><br />अपोलो हॉस्पिटल के पीआरओ देवेश गोपाल ने बताया कि डॉक्टर नरेंद्र के कार्यकाल के दौरान हार्ट मरीजों की मौत के आंकड़े अचानक बढ़ गए थे. बंधन मौत के बढ़ते आंकड़ों से आशंकित था. इससे चिंतित होकर अस्पताल प्रबंधन ने जांच कराई, जिसमें डॉक्टर की डिग्रियों और योग्यता पर सवाल खड़े हुए. कार्डियोलॉजिस्ट कर्नल डॉ वाय. एस. दुबे और IMA के तात्कालीन अध्यक्ष डॉ केएस देवरस की टीम ने इसकी जांच की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जांच में डॉ नरेंद्र की भूमिका विवादित मिली. बताया गया, पूछताछ में डॉक्टर नरेंद्र जॉन ने पहले दार्जलिंग फिर लंदन से अपनी डिग्री और स्पेशियलिटी होने की जानकारी दी थी. लेकिन वेरिफिकेशन में दोनों जगहों पर उनके डिग्री से संबंधित प्रमाण नहीं मिले. इस तरह जांच में उनकी डिग्री और कार्डियोलॉजिस्ट से संबन्धित दस्तावेज फर्जी पाए गए थे. बाद में अपोलो ने डॉ नरेंद्र जॉन को हटा दिया था. घटना काफ़ी साल पुरानी है, इसके दस्तावेजों की पड़ताल अपोलो प्रबन्धन द्वारा किया जा रहा है. अब यह मामला एक बार फिर चर्चा में तब आया जब प्रदीप शुक्ला ने मीडिया के सामने इस फर्जी डॉक्टर की करतूतों का खुलासा किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है. बिलासपुर के CMHO डॉ प्रमोद तिवारी ने अपोलो अस्पताल को नोटिस जारी किया है. इसमें डॉक्टर नरेंद्र की नियुक्ति और योग्यता से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं. साथ ही कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी अस्पताल पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी मांगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुराना मामला होने के बावजूद, अब इसकी जांच दोबारा शुरू हो चुकी है और दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है. <strong>(विनीत पाठक की रिपोर्ट)</strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश के दमोह में फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का छत्तीसगढ़ से चौंकाने वाला कनेक्शन सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह फर्जी डॉक्टर साल 2005-06 में बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में बतौर कार्डियोलॉजिस्ट कार्यरत था. उस दौरान इलाज में लापरवाही के चलते कई मरीजों की मौत हुई थी. इनमें सबसे बड़ा नाम छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल का है, जिनका ऑपरेशन इस फर्जी डॉक्टर ने किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजेंद्र शुक्ल के बेटे ने किया खुलासा</strong><br />राजेंद्र शुक्ल के बेटे, प्रोफेसर प्रदीप शुक्ला ने खुलासा किया है कि उनके पिता का हार्ट ऑपरेशन डॉक्टर नरेंद्र ने किया था. ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ने पर उन्हें 20 दिन वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन उनकी मौत हो गई. परिवार ने उस समय ही डॉक्टर की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपोलो में अचानक बढ़े मौत के आंकड़े </strong><br />अपोलो हॉस्पिटल के पीआरओ देवेश गोपाल ने बताया कि डॉक्टर नरेंद्र के कार्यकाल के दौरान हार्ट मरीजों की मौत के आंकड़े अचानक बढ़ गए थे. बंधन मौत के बढ़ते आंकड़ों से आशंकित था. इससे चिंतित होकर अस्पताल प्रबंधन ने जांच कराई, जिसमें डॉक्टर की डिग्रियों और योग्यता पर सवाल खड़े हुए. कार्डियोलॉजिस्ट कर्नल डॉ वाय. एस. दुबे और IMA के तात्कालीन अध्यक्ष डॉ केएस देवरस की टीम ने इसकी जांच की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जांच में डॉ नरेंद्र की भूमिका विवादित मिली. बताया गया, पूछताछ में डॉक्टर नरेंद्र जॉन ने पहले दार्जलिंग फिर लंदन से अपनी डिग्री और स्पेशियलिटी होने की जानकारी दी थी. लेकिन वेरिफिकेशन में दोनों जगहों पर उनके डिग्री से संबंधित प्रमाण नहीं मिले. इस तरह जांच में उनकी डिग्री और कार्डियोलॉजिस्ट से संबन्धित दस्तावेज फर्जी पाए गए थे. बाद में अपोलो ने डॉ नरेंद्र जॉन को हटा दिया था. घटना काफ़ी साल पुरानी है, इसके दस्तावेजों की पड़ताल अपोलो प्रबन्धन द्वारा किया जा रहा है. अब यह मामला एक बार फिर चर्चा में तब आया जब प्रदीप शुक्ला ने मीडिया के सामने इस फर्जी डॉक्टर की करतूतों का खुलासा किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है. बिलासपुर के CMHO डॉ प्रमोद तिवारी ने अपोलो अस्पताल को नोटिस जारी किया है. इसमें डॉक्टर नरेंद्र की नियुक्ति और योग्यता से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं. साथ ही कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी अस्पताल पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी मांगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुराना मामला होने के बावजूद, अब इसकी जांच दोबारा शुरू हो चुकी है और दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है. <strong>(विनीत पाठक की रिपोर्ट)</strong></p> छत्तीसगढ़ Delhi: फीस मनमानी पर अभिभावकों का फूटा गुस्सा, ‘बच्चों को बैठने तक नहीं दिया जा रहा’
दमोह के फर्जी डॉक्टर का छत्तीसगढ़ कनेक्शन, ऑपरेशन का बाद नहीं बचे थे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
