अमृतसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ की गई बेअदबी के विरोध में होशियारपुर के दसूहा में एससी समुदाय ने आज दिल्ली-जम्मू नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। हाजीपुर चौक पर सैकड़ों की संख्या में एकत्रित लोगों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि 26 जनवरी को प्रतिमा की बेअदबी करने वाले दोषी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाए और उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाए। विरोध के चलते दसूहा के बाजार भी पूरी तरह बंद रहे। डीएसपी जतिंदर पाल सिंह और थाना प्रभारी प्रभजोत कौर ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। प्रदर्शनकारियों ने डीएसपी को अपनी मांगों का पत्र सौंपा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जाम के कारण हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अमृतसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ की गई बेअदबी के विरोध में होशियारपुर के दसूहा में एससी समुदाय ने आज दिल्ली-जम्मू नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। हाजीपुर चौक पर सैकड़ों की संख्या में एकत्रित लोगों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि 26 जनवरी को प्रतिमा की बेअदबी करने वाले दोषी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाए और उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाए। विरोध के चलते दसूहा के बाजार भी पूरी तरह बंद रहे। डीएसपी जतिंदर पाल सिंह और थाना प्रभारी प्रभजोत कौर ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। प्रदर्शनकारियों ने डीएसपी को अपनी मांगों का पत्र सौंपा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जाम के कारण हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में जत्थेदार बोले- किसानों पर केंद्र का रवैया चिंताजनक:गुरुपर्व पर दी शुभकामनाएं; हमलावर चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले ने माफी मांगी
पंजाब में जत्थेदार बोले- किसानों पर केंद्र का रवैया चिंताजनक:गुरुपर्व पर दी शुभकामनाएं; हमलावर चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले ने माफी मांगी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने दुनिया को शुभकामनाएं दी हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने किसान आंदोलन पर केंद्र के रवैये पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने जानकारी साझा की कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले व्यक्ति ने माफी मांग ली है। यही नहीं उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से चल रही पूछताछ पर भी चिंता जताई है। इसके अलावा अकाली दल को 2 दिसंबर को दिए गए आदेशों को जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश भी दिए हैं। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए 4 अहम बिन्दुओं पर चर्चा की- 1.नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने का मामला जत्थेदार साहिब ने बताया कि सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नरायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारने वाले मामले में जसप्रीत सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब में अपनी सफाई पेश कर दी है। जत्थेदार ने कहा कि जसप्रीत सिंह ने जानें अंजाने में नहीं, जानबूझ कर पगड़ी को उतारा था। इसे लेकर जसप्रीत सिंह की तरफ से माफी नामा दे दिया गया है। जल्द ही बैठक कर इस पर विचार किया जाएगा। 2.केंद्र सरकार को किसानों से संवाद न करने पर निंदा जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह जी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के बीच सरकार का किसानों से संवाद न करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने किसानों के साथ हो रहे इस व्यवहार की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द किसानों की मांगों पर बातचीत शुरू करें। 3. अकाल तख्त साहिब के फैसलों का शीघ्र पालन जरूरी जत्थेदार साहिब ने शिरोमणि अकाली दल से 2 दिसंबर को जारी आदेशों पर तुरंत कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की फसील से किए गए फैसलों को अकाली दल को जल्द लागू करना चाहिए और जल्द से जल्द इस्तीफों को परवान करना चाहिए। 4. जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि जब श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ जांच शुरू की थी, तब भी उन्होंने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि तख्तों के जत्थेदारों से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब को है। उन्होंने जत्थेदार हरप्रीत सिंह के मामले को भी अकाल तख्त साहिब को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिख धर्म के मामलों में अकाल तख्त ही सर्वोच्च संस्था है और इसे दरकिनार करके कोई भी निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। अकाली दल के लिए विचार का समय शिरोमणि अकाली दल (बादल) जो खुद को पंथ हिमायती पार्टी कहती है, उनके लिए ये चिंता की घड़ी है। अकाली दल के बीच चल रही कलह का नुकसान साफ देखा जा सकता है। अकाली दल (बादल) के पास मात्र एक सांसद हरसिमरत कौर बादल हैं। वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल का बागी गुट एक बार फिर बगावती सुर अपना रहा है। वे श्री अकाल तख्त साहिब के 2 दिसंबर के आदेश की पालन की मांग कर रहा है। अगर ऐसा ना हुआ तो अकाली दल के नाम पर एक और पार्टी खड़ी हो सकती है। अकाली दल में बागी सुरों का उठाया जा रहा फायदा अकाली दल में शुरू हुए विवाद का फायदा गर्म-ख्याली उठा रहे हैं। अमृतपाल सिंह ने 14 जनवरी को माघ मेले में नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। अमृतपाल सिंह का यह कदम पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब मौजूदा अकाली दल कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। अमृतपाल की नई पार्टी, जो पूरी तरह से क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी, राज्य में मतदाताओं के लिए एक वैकल्पिक विकल्प बन सकती है।
पंजाब में किसान विरोध से हाईवे प्रोजेक्ट्स अधर में अटका:भूमि अधिग्रहण में आ रही रुकावटें; 103 किमी पर कब्जा करना अभी बाकी
पंजाब में किसान विरोध से हाईवे प्रोजेक्ट्स अधर में अटका:भूमि अधिग्रहण में आ रही रुकावटें; 103 किमी पर कब्जा करना अभी बाकी पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य के 15 प्रमुख हाईवे प्रोजेक्ट्स, जिनकी कुल लंबाई 604 किमी है, अधर में लटक गए हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 103 किमी भूमि पर कब्जा प्राप्त करना बाकी है। इन परियोजनाओं में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे भी शामिल है, जिसे भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है। NHAI राज्य में कुल 37 हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जिनकी लंबाई 1,344 किमी है और कुल अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये है। इन प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन किसानों के विरोध और अन्य प्रशासनिक अड़चनों के कारण काम रुक गया है। भूमि अधिग्रहण में मुख्य बाधाएं NHAI ने राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा पहले भी कह चुके हैं कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को किसानों के साथ बातचीत कर भूमि अधिग्रहण का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। किसानों का विरोध मुख्य रूप से मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार की चेतावनी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसे लेकर पहले भी सख्त रवैया अपना चुके हैं। पहले हुए विवाद के समय उन्होंने कहा था कि अगर भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द पूरा नहीं हुआ, तो इन प्रोजेक्ट्स को रद्द किया जा सकता है। इससे न केवल विकास कार्यों में देरी होगी, बल्कि राज्य को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन- प्रयास जारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस समस्या के समाधान के लिए किसानों के साथ बातचीत का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि विकास कार्यों को गति देने और किसानों की चिंताओं का समाधान करने के लिए राज्य सरकार पूरी कोशिश करेगी। मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को किसानों के साथ मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं पर चर्चा करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। NHAI को उठाना पड़ रहा नुकसान NHAI को न केवल भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि इसके साथ ही प्रोजेक्ट्स के निर्माण में भी देरी हो रही है। जिन प्रोजेक्ट्स की समय सीमा पहले ही तय हो चुकी थी, वे अब अधर में लटक गए हैं। किसानों की मांगें किसान अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। उनकी मांग है कि मुआवजा बाजार दर के हिसाब से तय किया जाए। साथ ही, पुनर्वास और रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित किए जाएं। किसानों और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी के कारण हाईवे प्रोजेक्ट्स रुकावट का सामना कर रहे हैं। यदि इस मुद्दे का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो राज्य और केंद्र सरकार को न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा, बल्कि राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
SAD के SGPC मेंबरों की मीटिंग अब 22 को:पार्टी की तरफ से लिया गया फैसला, कल से शुरू होगी मेंबरशिप मुहिम
SAD के SGPC मेंबरों की मीटिंग अब 22 को:पार्टी की तरफ से लिया गया फैसला, कल से शुरू होगी मेंबरशिप मुहिम शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने एसजीपीसी एसजीपीसी सदस्यों की 21 जनवरी को होने वाली मीटिंग स्थगित कर दी है। अब मीटिंग 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी। यह जानकारी शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर दी है। हालांकि पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक पूर्व निर्धारित समय अनुसार कल 20 जनवरी को दोपहर 1 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी। सभी पार्टी नेताओं से अनुरोध है कि वे कल सुबह से पार्टी मुख्यालय से सदस्यता पुस्तिकाएं प्राप्त कर लें। इस मुद्दे को लेकर बुलाई जा रही है मीटिंग डॉ चीमा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि शिरोमणि अकाली दल ने एसजीपीसी मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर फर्जी वोटों के पंजीकरण के संबंध में अपने एसजीपीसी सदस्यों की बैठक को लेकर फैसला लिया है।,यह बैठक पहले 21 जनवरी को होनी थी। अब शिरोमणि अकाली दल के एसजीपीसी सदस्यों की बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी। चूंकि रिटर्निंग अधिकारियों के पास आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 23 जनवरी है, इसलिए पार्टी ने अपने सभी सदस्यों और अन्य नेताओं से अपील की है कि वे गैर सिख और अन्य फर्जी वोटों के बारे में सभी आपत्तियां लिखित रूप में संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों के पास समय रहते दर्ज कराएं। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व पूरे मुद्दे को गुरुद्वारा चुनाव के मुख्य आयुक्त के समक्ष उठाएगा। संसदीय बोर्ड की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार कल 20 जनवरी को दोपहर 1 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी। सदस्यता अभियान भी कल 20 जनवरी से शुरू होगा। सभी पार्टी नेताओं से अनुरोध है कि वे कल सुबह से पार्टी मुख्यालय से सदस्यता पुस्तिकाएं प्राप्त कर लें। एक मार्च को प्रधान पद का चुनाव SAD से मिली जानकारी के मुताबिक, मेंबरशिप मुहिम 20 फरवरी से 25 मार्च तक चलाई जाएगी। इसमें 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी हलकों के लिए इंचार्जों की ड्यूटी लगा दी गई है। एक मार्च को नए प्रधान का चुनाव होगा, क्योंकि सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हो गई है। सुखबीर बादल को कुछ दिन पहले अकाल तख्त ने धार्मिक सजा सुनाई थी। जिसमें उन पर मुख्य रूप से 3 आरोप थे। इनमें पहला आरोप सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को बेअदबी मामले में माफी देने का था। इसके अलावा उन पर सरकार में रहते हुए भी श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी न रोक पाने और आरोपियों पर कार्रवाई न कर पाने का था। इस सजा से पहले ही सुखबीर बादल ने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था।