दाड़लाघाट अस्पताल में 6 महीने से एक्सरे मशीन खराब:इमरजेंसी सुविधा भी नहीं; शिमला और एम्स बिलासपुर रेफर करने पड़ रहे मरीज

दाड़लाघाट अस्पताल में 6 महीने से एक्सरे मशीन खराब:इमरजेंसी सुविधा भी नहीं; शिमला और एम्स बिलासपुर रेफर करने पड़ रहे मरीज

सोलन जिले के दाड़लाघाट स्थित ईएसआई अस्पताल में मरीज एक्सरे की वजह से परेशान हैं। यहां पर 6 महीने से एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है। इससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में रोजाना 100 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। एक्स-रे की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को एम्स बिलासपुर, आईजीएमसी शिमला या अन्य जिलों के अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। 2008 में लगी इस मशीन को अस्पताल प्रशासन ने इसे कंडम घोषित कर दिया है। लेकिन नई मशीन खरीदने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्राइवेट अस्पतालों में जाने को मजबूर मरीज स्थानीय निवासी राकेश गौतम, जगदीश्वर शुक्ला, बंटू शुक्ला ने बताया कि मरीजों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों में जाकर महंगे दाम पर एक्स-रे करवाने पड़ रहे हैं। या फिर दूसरे जिलों में जाना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मशीन को जल्द दुरुस्त कराने की मांग की है। इमरजेंसी में भी एक्सरे की सुविधा नहीं बता दें कि दाड़लाघाट व आसपास के क्षेत्र की सड़कें दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील हैं। यहां सीमेंट फैक्ट्री की वजह से ट्रैफिक अधिक रहता है और कई बार हादसे होते रहते हैं। ऐसे में हादसे के शिकार ज्यादातर मरीजों के एक्सरे करवाए जाते हैं। मगर अस्पताल में इमरजेंसी में भी एक्सरे की सुविधा नहीं है। इससे मरीजों को आपातकालीन सुविधाएं भी नहीं मिल पाती है और मरीजों को मजबूरन एम्स बिलासपुर या फिर शिमला रेफर करना पड़ता है। विधायक के माध्यम से विभाग को प्रस्ताव भेजा- बीएमओ अर्की के बीएमओ तारा चंद ने बताया कि नई मशीन की खरीद के लिए स्थानीय विधायक संजय अवस्थी के माध्यम से उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। अप्रूवल आने के बाद नई मशीन लगा दी जाएगी। सोलन जिले के दाड़लाघाट स्थित ईएसआई अस्पताल में मरीज एक्सरे की वजह से परेशान हैं। यहां पर 6 महीने से एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है। इससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में रोजाना 100 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। एक्स-रे की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को एम्स बिलासपुर, आईजीएमसी शिमला या अन्य जिलों के अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। 2008 में लगी इस मशीन को अस्पताल प्रशासन ने इसे कंडम घोषित कर दिया है। लेकिन नई मशीन खरीदने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्राइवेट अस्पतालों में जाने को मजबूर मरीज स्थानीय निवासी राकेश गौतम, जगदीश्वर शुक्ला, बंटू शुक्ला ने बताया कि मरीजों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों में जाकर महंगे दाम पर एक्स-रे करवाने पड़ रहे हैं। या फिर दूसरे जिलों में जाना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मशीन को जल्द दुरुस्त कराने की मांग की है। इमरजेंसी में भी एक्सरे की सुविधा नहीं बता दें कि दाड़लाघाट व आसपास के क्षेत्र की सड़कें दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील हैं। यहां सीमेंट फैक्ट्री की वजह से ट्रैफिक अधिक रहता है और कई बार हादसे होते रहते हैं। ऐसे में हादसे के शिकार ज्यादातर मरीजों के एक्सरे करवाए जाते हैं। मगर अस्पताल में इमरजेंसी में भी एक्सरे की सुविधा नहीं है। इससे मरीजों को आपातकालीन सुविधाएं भी नहीं मिल पाती है और मरीजों को मजबूरन एम्स बिलासपुर या फिर शिमला रेफर करना पड़ता है। विधायक के माध्यम से विभाग को प्रस्ताव भेजा- बीएमओ अर्की के बीएमओ तारा चंद ने बताया कि नई मशीन की खरीद के लिए स्थानीय विधायक संजय अवस्थी के माध्यम से उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। अप्रूवल आने के बाद नई मशीन लगा दी जाएगी।   हिमाचल | दैनिक भास्कर