चरखी दादरी से पूर्व में विधायक रहे एवं कांग्रेसी नेता जगजीत सिंह सांगवान ने आज दिल्ली में आरएलडी का दामन थामा है। सांगवान ने दादरी से 5 विधानसभा चुनाव लड़े जिनमें से 4 में हार व एक में जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस की गुटबाजी से तंग आकर पार्टी छोड़ने की बात कही है। दिल्ली में जयंत चौधरी ने ज्वाइन कराई
बता दे कि साल 2000 से 2005 तक दादरी के विधायक रहे जगजीत सिंह सांगवान ने दिल्ली में आरएलडी नेता जयंत चौधरी के निवास स्थान पर अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल का दामन थामा है। जयंत चौधरी ने उन्हें पार्टी का पटका पहनाकर पार्टी ज्वाइन करवाई। दादरी विधानसभा से 5 चुनाव लड़े
जगजीत सिंह सांगवान ने दादरी विधानसभा से 5 चुनाव लड़े हैं। उन्होंने पहला चुनाव 1982 में कांग्रेस पार्टी से लड़ा था जिसमें हार मिली। उसके बाद 1987 में उन्होंने निर्दलीय के तौर पर ताल ठोकी लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। 1991 व 1996 के विधानसभा के चुनाव में वे कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े लेकिन हार मिली। चार हार के बाद 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एनसीपी से किस्मत आजमाई और जीत हासिल कर दादरी के विधायक बने।
कांग्रेस की गुटबाजी से तंग आकर छोड़ी पार्टी
पूर्व विधायक जगजीत सिंह सांगवान ने फोन पर बताया कि कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी और आपसी कलह से तंग आकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। आज उन्होंने दिल्ली में करीब 50 समर्थकों के साथ जिनमें कई पूर्व पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं उनके साथ दिल्ली में जयंत चौधरी के निवास स्थान पर आरएलडी ज्वाइन कर ली है। चरखी दादरी से पूर्व में विधायक रहे एवं कांग्रेसी नेता जगजीत सिंह सांगवान ने आज दिल्ली में आरएलडी का दामन थामा है। सांगवान ने दादरी से 5 विधानसभा चुनाव लड़े जिनमें से 4 में हार व एक में जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस की गुटबाजी से तंग आकर पार्टी छोड़ने की बात कही है। दिल्ली में जयंत चौधरी ने ज्वाइन कराई
बता दे कि साल 2000 से 2005 तक दादरी के विधायक रहे जगजीत सिंह सांगवान ने दिल्ली में आरएलडी नेता जयंत चौधरी के निवास स्थान पर अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल का दामन थामा है। जयंत चौधरी ने उन्हें पार्टी का पटका पहनाकर पार्टी ज्वाइन करवाई। दादरी विधानसभा से 5 चुनाव लड़े
जगजीत सिंह सांगवान ने दादरी विधानसभा से 5 चुनाव लड़े हैं। उन्होंने पहला चुनाव 1982 में कांग्रेस पार्टी से लड़ा था जिसमें हार मिली। उसके बाद 1987 में उन्होंने निर्दलीय के तौर पर ताल ठोकी लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। 1991 व 1996 के विधानसभा के चुनाव में वे कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े लेकिन हार मिली। चार हार के बाद 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एनसीपी से किस्मत आजमाई और जीत हासिल कर दादरी के विधायक बने।
कांग्रेस की गुटबाजी से तंग आकर छोड़ी पार्टी
पूर्व विधायक जगजीत सिंह सांगवान ने फोन पर बताया कि कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी और आपसी कलह से तंग आकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। आज उन्होंने दिल्ली में करीब 50 समर्थकों के साथ जिनमें कई पूर्व पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं उनके साथ दिल्ली में जयंत चौधरी के निवास स्थान पर आरएलडी ज्वाइन कर ली है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
