हरियाणा के दादरी के बाढ़डा कस्बे में 27 अगस्त को हुई पश्चिमी बंगाल के मुस्लिम युवक शब्बीर खान हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस द्वारा जब्त किया गया मांस गौ मांस नहीं पाया गया गया। जिसको लेकर सरकारी लैब द्वारा रिपोर्ट जारी की गई है। वहीं गोरक्षकों ने गौ मांस पकाने के आरोप में कचरा बिनने वाले शब्बीर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। रिपोर्ट में संरक्षित पशु का मांस नहीं बता दें कि करीब दो माह पहले गो मांस होने के अंदेशे पर चरखी दादरी के हंसावास खुर्द की झुग्गियों से लिए नमूने की सरकारी लैब द्वारा रिपोर्ट जारी कर दी गई है। लैब से बाढड़ा पुलिस को मिली रिपोर्ट में इसे संरक्षित पशु का मांस नहीं बताया गया। जिसकी पुष्टि थाना प्रभारी तेजपाल सोनी द्वारा की गई है। हंसावास खुर्द के पास मिला था शव मामले में 27 अगस्त को बाढड़ा में पश्चिम बंगाल निवासी युवक साबिर मलिक की हत्या की गई थी। उसका शव हंसावास खुर्द के समीप बरामद हुआ था। हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्यारोपियों को काबू किया था। इसके अलावा हंसावास खुर्द के समीप बनी प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों के बर्तनों से बरामद मांस के नमूने लेने के लिए भी एक टीम पहुंची थी। 9 आरोपियों को भेजा जा चुका जेल वहीं साबिर मलिक हत्याकांड में दादरी पुलिस ने 9 आरोपियों को काबू कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। वहीं आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इतना ही नहीं आरोपियों की गिरफ्तारी फुटेज व वीडियो की जांच के बाद की गई थी। जेएनयू टीम ने की थी जानकारी हासिल मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ व कम्युनिस्ट प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने 15 सितंबर को तीन घंटे तक कस्बे व साथ लगते गांव हंसावास खुर्द की झुग्गियों का दौरा कर 27 अगस्त के प्रकरण की जानकारी हासिल की थी। जेएनयू टीम ने निरीक्षण के दौरान हत्याकांड की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की थी। झुग्गियों से बरामद मांस संरक्षित पशु का नहीं : एसएचओ इस संबंध में बाढड़ा एसएचओ तेजपाल सोनी ने बताया कि 27 अगस्त को बाढड़ा व हंसावास में संरक्षित पशु का मांस का सेवन करने के अंदेशे पर प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया था। जिसमें एक श्रमिक की मौत हो गई थी। पुलिस ने 9 आरोपियों को काबू किया था। वहीं फरीदाबाद लैब से नमूने की रिपोर्ट आ चुकी है। जिसमें झुग्गियों से बरामद मांस संरक्षित पशु का नहीं है। हरियाणा के दादरी के बाढ़डा कस्बे में 27 अगस्त को हुई पश्चिमी बंगाल के मुस्लिम युवक शब्बीर खान हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस द्वारा जब्त किया गया मांस गौ मांस नहीं पाया गया गया। जिसको लेकर सरकारी लैब द्वारा रिपोर्ट जारी की गई है। वहीं गोरक्षकों ने गौ मांस पकाने के आरोप में कचरा बिनने वाले शब्बीर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। रिपोर्ट में संरक्षित पशु का मांस नहीं बता दें कि करीब दो माह पहले गो मांस होने के अंदेशे पर चरखी दादरी के हंसावास खुर्द की झुग्गियों से लिए नमूने की सरकारी लैब द्वारा रिपोर्ट जारी कर दी गई है। लैब से बाढड़ा पुलिस को मिली रिपोर्ट में इसे संरक्षित पशु का मांस नहीं बताया गया। जिसकी पुष्टि थाना प्रभारी तेजपाल सोनी द्वारा की गई है। हंसावास खुर्द के पास मिला था शव मामले में 27 अगस्त को बाढड़ा में पश्चिम बंगाल निवासी युवक साबिर मलिक की हत्या की गई थी। उसका शव हंसावास खुर्द के समीप बरामद हुआ था। हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्यारोपियों को काबू किया था। इसके अलावा हंसावास खुर्द के समीप बनी प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों के बर्तनों से बरामद मांस के नमूने लेने के लिए भी एक टीम पहुंची थी। 9 आरोपियों को भेजा जा चुका जेल वहीं साबिर मलिक हत्याकांड में दादरी पुलिस ने 9 आरोपियों को काबू कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। वहीं आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इतना ही नहीं आरोपियों की गिरफ्तारी फुटेज व वीडियो की जांच के बाद की गई थी। जेएनयू टीम ने की थी जानकारी हासिल मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ व कम्युनिस्ट प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने 15 सितंबर को तीन घंटे तक कस्बे व साथ लगते गांव हंसावास खुर्द की झुग्गियों का दौरा कर 27 अगस्त के प्रकरण की जानकारी हासिल की थी। जेएनयू टीम ने निरीक्षण के दौरान हत्याकांड की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की थी। झुग्गियों से बरामद मांस संरक्षित पशु का नहीं : एसएचओ इस संबंध में बाढड़ा एसएचओ तेजपाल सोनी ने बताया कि 27 अगस्त को बाढड़ा व हंसावास में संरक्षित पशु का मांस का सेवन करने के अंदेशे पर प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया था। जिसमें एक श्रमिक की मौत हो गई थी। पुलिस ने 9 आरोपियों को काबू किया था। वहीं फरीदाबाद लैब से नमूने की रिपोर्ट आ चुकी है। जिसमें झुग्गियों से बरामद मांस संरक्षित पशु का नहीं है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस में 3 बार MLA की टिकट पर बगावत:विधायक चाचा के विरोध में उतरा भतीजा; बोले- मेरे साथ धोखा, निर्दलीय लड़ने का ऐलान हरियाणा में BJP के बाद कांग्रेस में भी टिकट बंटते विरोध और बगावत शुरू हो गई है। बहादुरगढ़ विधानसभा में 3 बार के MLA चाचा राजेंद्र जून की टिकट को लेकर कांग्रेस के पार्टी डेलिगेट भतीजे ने मोर्चा खोल दिया है। डेलिगेट राजेश जून ने टिकट बंटवारे के विरोध में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस विधायक के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। राजेश जून ने समर्थकों की मीटिंग में ऐलान करते हुए कहा कि मेरे साथ कांग्रेस नेतृत्व ने धोखा किया है। कांग्रेस उम्मीदवार से डबल वोट लेकर विधायक बनूंगा। राजेश जून ने कहा, कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मेरे से वादा किया था टिकट देने का, वादा नहीं निभाया। 11 को नामांकन करेंगे दाखिल
राजेश जून ने बकायदा 11 सितंबर को नामांकन दाखिल करने का एलान किया है। दिल्ली रोहतक रोड पर अपने कार्यालय के बाहर नामांकन दाखिल करने की तारीख का फ्लैक्स भी लगाया है। बहादुरगढ़ से कांग्रेस के टिकट के संभावित उम्मीदवारों में राजेश का नाम शामिल है, लेकिन राजेंद्र जून को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है। राजेंद्र जून और राजेश आपस में चाचा-भतीजा हैं। बहादुरगढ़ से राजेंद्र जून को मिली टिकट… 16 चुनावों में यहां से 8 बार कांग्रेस जीती
अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में बहादुरगढ़ से 8 बार कांग्रेस, लोकदल 5 बार, ओल्ड कांग्रेस, हविपा और भाजपा एक-एक बार चुनाव जीती है। यहां सबसे पहले चौधरी छोटूराम की पार्टी जमींदारा लीग से उनके भतीजे चौधरी श्रीचंद विधायक बने थे। जबकि वर्ष 1987 में पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार ने 25 हजार 320 वोटों से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं वर्ष 1972 में एनसीओ के हरद्वारी लाल ने महज 395 वोटों से सबसे छोटी जीत हासिल की थी। जाट मतदाता सबसे अधिक
बहादुरगढ़ विधानसभा में 32 गांवों के अनुपात में शहर के 31 वार्डों में करीब 40 हजार वोट अधिक हैं। हलके में कुल 2 लाख 40 हजार 980 मतदाता हैं, जिनमें 1 लाख 27 हजार 774 पुरुष और 1 लाख 13 हजार 201 महिला हैं। जबकि 85 वर्ष से अधिक आयु के 2201 मतदाता हैं। क्षेत्र में इस बार कुल 233 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 94 हजार जाट, करीब 23 हजार ब्राह्मण, हरिजन करीब 19 हजार, बनिया करीब 18 हजार, करीब 13 हजार पंजाबी, वाल्मीकि करीब 11 हजार वोटर हैं। इनके अलावा धानक, सैनी व खाती करीब 7-7 हजार, अहिर व कुम्हार करीब 5-5 हजार मतदाता हैं। इस कारण पिछले कई चुनावों में शहर निर्णायक साबित हुआ है। गांवों की बात करें तो राठी, दलाल और छिल्लर-छिकारा गोत्र का दबदबा है। कांग्रेस के टिकट बंटवारे जुड़ी ये 3 खबरें भी पढ़ें…
1. हरियाणा में कांग्रेस की 2 लिस्ट जारी, 32 नाम:ED केस में फंसे और नूंह हिंसा आरोपी समेत 28 विधायकों को दोबारा टिकट 2. कांग्रेस की पहली लिस्ट के 32 उम्मीदवारों की डिटेल प्रोफाइल:1 हारे-1 दलबदलू को टिकट, 80 साल के कादियान सबसे बुजुर्ग, विनेश सबसे यंग 3. कांग्रेस के 32 उम्मीदवारों का एनालिसिस:हरियाणा में BJP जैसी बगावत-भगदड़ से बचने की कोशिश; सांसदों को दोटूक मैसेज- हाईकमान सबसे ऊपर
रेवाड़ी में पुराने भाजपाईयों के बगावती सुर:खोला का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; सतीश- कापड़ीवास और सन्नी आज लेंगे निर्णय
रेवाड़ी में पुराने भाजपाईयों के बगावती सुर:खोला का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; सतीश- कापड़ीवास और सन्नी आज लेंगे निर्णय हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी पहली सूची में रेवाड़ी और कोसली सीट पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गई है। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी सीट से उतारा गया हैं, जबकि कोसली में उनकी जगह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास पूर्व जिला पार्षद अनिल डहीना को मौका दिया गया हैं। दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद पुराने भाजपाईयों में नाराजगी बढ़ गई है। रेवाड़ी से लंबे समय से तैयारी करने में लगे परिवार-पहचान-पत्र के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डा. सतीश खोला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया हैं। जबकि रेवाड़ी से पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी यादव भी आज बड़ा निर्णय ले सकते हैं। तीनों ही नेता अपने समर्थकों से मीटिंग करेंगे। सतीश खोला करेंगे प्रेस कांफ्रेंस सतीश खोला सुबह 11 बजे अपने रेवाड़ी सेक्टर-1 स्थित कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इस बार सतीश खोला के अलावा पर्यटन निगम के चेयरमैन डा. अरविंद यादव, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास या उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास, पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव, पूर्व जिला पार्षद प्रशांत उर्फ सन्नी यादव टिकट की दावेदारी कर रहे थे। रणधीर सिंह कापड़ीवास, सतीश खोला और डा. अरविंद यादव संगठन के पुराने नेता हैं। ऐसे में उन्हें टिकट की सबसे ज्यादा आस थी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने इस सीट पर संगठन और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दोनों की पसंद से लक्ष्मण सिंह यादव को उतारा हैं। इसी तरह कोसली में पूर्व मंत्री विक्रम ठेकेदार, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पीए अभिमन्यु यादव टिकट की दौड़ में थे। इन दोनों को दरकिनार करते हुए पार्टी ने राव इंद्रजीत सिंह के खास अनिल डहीना को टिकट दे दी। ऐसे में विक्रम ठेकेदार भी कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। 2019 में बगावत के चलते हार गई थी बीजेपी बता दें कि, 2019 के चुनाव में भी बीजेपी में टिकट वितरण के बाद बगावत हो गई थी। राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर सीटिंग MLA रणधीर सिंह कापड़ीवास की टिकट काटकर सुनील मुसेपुर को चुनावी मैदान में उतारा गया था। जिसके बाद रणधीर सिंह कापड़ीवास ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने से कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव को फायदा मिला और वह जीत गए। हालांकि उस वक्त रणधीर सिंह कापड़ीवास के अलावा किसी दूसरे नेता ने बगावत नहीं की। कुछ इसी तरह के समीकरण इस बार भी बनते दिख रहे हैं। इस बार बगावत करने वालों की फेहरिस्त लंबी हो सकती हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए फिर से पांच साल पुरानी मुश्किल खड़ी हो सकती हैं। टिकट नहीं मिलने पर सतीश खोला ने कहा कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम किया हैं। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी इस बार उन्हें टिकट जरूर देगी। लक्ष्मण सिंह यादव का हक कोसली में था। उन्हें रेवाड़ी से उतारना हम जैसे कार्यकर्ताओं के लिए निराशा भरा हैं। इसलिए मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। वहीं डा. अरविंद यादव का कहना है कि हम उम्मीद कर रहे थे कि टिकट मिलेगी, लेकिन जैसा पार्टी का फैसला। वहीं सतीश यादव का कहना है कि हम निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बाकी जनता जो फैसला करेगी उसके अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। बावल सीट होल्ड पर रखी गई रेवाड़ी जिले की एक और सीट बावल में अभी बीजेपी की तरफ से किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई हैं। इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदार कैबिनेट मंत्री डा. बनवारी लाल हैं। लेकिन इस बार उनकी भी टिकट की राह आसान नहीं दिख रही है। डा. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पुराने समर्थक हैं। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह की उन्हें टिकट दिलाने के मूड में नहीं है। इसके पीछे का कारण डा. बनवारी लाल की राव इंद्रजीत सिंह से दूरिया और उनके विरोधी गुट में कहे जाने वाले नेताओं से नजदीकियां ज्यादा हो गई। यहीं कारण है कि राव इंद्रजीत सिंह बावल की टिकट बदलवाना चाहते हैं। डा. बनवारी लाल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पैरवी कर रहे हैं। पेंच फंसने के कारण बीजेपी ने इस सीट को अभी होल्ड पर कर दिया है।
करनाल में कार ने बाइक को मारी टक्कर:हादसे में युवक की मौत, दूसरा गंभीर, बर्थडे पार्टी में जा रहे थे दोनों
करनाल में कार ने बाइक को मारी टक्कर:हादसे में युवक की मौत, दूसरा गंभीर, बर्थडे पार्टी में जा रहे थे दोनों करनाल जिले के काछवा गांव के एक 19 वर्षीय युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। कार ने बाइक को टक्कर मारी थी। जिसमें एक की मौत हो गई, जबकि बाइक पर बैठा दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। युवक अपने दोस्त के साथ बर्थडे पार्टी में गया था। घटना की सूचना के बाद बुटाना थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घायल युवक को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया है, जहां पर उसका इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। युवक अपने दोस्तों के साथ बर्थडे पार्टी मनाने के लिए गया था। नीलोखेड़ी के बुटाना थाना पुलिस शव कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में छोड़कर गई है। परिवार को भी पता नहीं है कि मौत कैसे हुई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। सेलर में करता था काम मृतक की पहचान काछवा निवासी 19 वर्षीय विशाल के रूप में हुई है। विशाल तरावडी के पास एक सेलर में काम करता था। शुक्रवार की रात को वह अपने दोस्त अनुराग के साथ बाइक पर सवार होकर किसी दोस्त की बर्थडे पार्टी में गया था। इसी दौरान बराना के नजदीक कार ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से दोनों सड़क पर जा गिरे। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर अवस्था में दोनों को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया, डॉक्टरों ने विशाल को मृत घोषित कर दिया। जबकि अनुराग का इलाज चल रहा है, लेकिन उसकी हालत भी गंभीर है। परिजनों को सुबह पता लगा परिजनों को भी सुबह ही पता चला कि कोई एक्सीडेंट में विशाल की मौत हुई है। जिसके बाद वे अस्पताल पहुंचे। विशाल तरावड़ी में काम करता था और रात को घर से कहकर निकला था कि वह बर्थडे पार्टी में जा रहा है। लेकिन सुबह उसकी मौत की सूचना मिली। परिजनों ने बताया कि विशाल परिवार में बड़ा बेटा था और अविवाहित था। विशाल से छोटा एक भाई और है। एक्सीडेंट में गई जान बुटाना थाना के जांच अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि बराना के पास एक हादसा हुआ है। जिसमें विशाल की मौत हुई है और अनुराग घायल हुआ है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की जांच जारी है।