दादरी में 6 माह बाद आज खत्म होगा धरना:सीएम से मिलने के बाद माने ग्रामीण; अवैध माइनिंग-जल दोहन बंद करने की थी मांग

दादरी में 6 माह बाद आज खत्म होगा धरना:सीएम से मिलने के बाद माने ग्रामीण; अवैध माइनिंग-जल दोहन बंद करने की थी मांग

चरखी दादरी जिले में बीते 6 माह से अधिक समय से चल रहा धरना आखिरकार आज समाप्त होगा। ग्रामीण अवैध माइनिंग व जल दोहन बंद करने की मांग को लेकर लंबे समय से धरना दे रहे थे। उनकी मांग पूरी नहीं होने के चलते ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार किया और उसके बाद भी धरना जारी रखा। सीएम से मिलने के बाद ग्रामीणों की मांग पूरी होने पर ग्रामीणों ने अब धरने को मंगलवार को समाप्त करने का निर्णय लिया है। 5 सितंबर से चल रहा धरना बता दें कि दादरी जिले में माइनिंग कंपनियों पर बार-बार अवैध माइनिंग कर भूमिगत जल का दोहन किए जाने के आरोप लगे हैं। माइनिंग क्षेत्र के साथ लगते कई गांव इससे प्रभावित होने के कारण इसको लेकर धरने व प्रदर्शन किए गए हैं। गांव रामलवास के ग्रामीणों ने उनके गांव के पहाड़ी क्षेत्र में अवैध माइनिंग व भूमिगत जल दोहन को बंद करने की मांग को लेकर बीते 5 सितंबर को धरना शुरू किया था। उसके बाद कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात हुई। लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई और 6 माह से अधिक समय तक धरना जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि उनका प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला और उनके समक्ष पूरा मामला रखा। जिसके बाद ग्रामीणों की मांग मानी गई और अब ग्रामीण धरना समाप्त करने को तैयार हुए हैं। पेयजल संकट को लेकर जाहिर की थी चिंता ग्रामीणों ने भूमिगत जल दोहन किए जाने के कारण पेयजल संकट को लेकर चिंता जाहिर की थी। ग्रामीणों का कहना था कि अवैध माइनिंग के कारण जो भूमिगत पानी निकलता है, उसको बड़ी-बड़ी मोटरें लगाकर बाहर फेंक दिया जाता है। वहीं ब्लास्टिंग में प्रयोग किए गए जाने वाले केमिकल से भूमिगत पानी जहरीला होता जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को चर्म रोगों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे भविष्य में उन्हें पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना था कि वे निजी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि जल और पहाड़ बचाने के लिए इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं। इन्हीं मांगों को लेकर ग्रामीणों ने महिलाओं सहित 6 माह से अधिक समय तक धरना दिया। विधानसभा चुनाव का किया था बहिष्कार अपनी मांग को लेकर ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव 2024 का भी बहिष्कार किया। ग्रामीणों ने चुनाव से पहले ही घोषणा कर दी थी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे वोटिंग नहीं करेंगे। वहीं उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए भी किसी पार्टी के नेता को गांव में नहीं आने दिया और वोटिंग के दिन पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार किया और किसी भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। हालांकि प्रशासन द्वारा मतदान करवाने का प्रयास किया गया और तत्कालीन एसपी पूजा वशिष्ठ ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर ग्रामीणों को मतदान के लिए मनाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण नहीं माने और विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं किया। एसडीएम से मिले ग्रामीण 6 माह से चल रहे धरने की अगुआई कर रहे रोशनलाल ने बताया कि सोमवार को 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चरखी दादरी एसडीएम आशीष सांगवान से मिला था। उनको अवगत करवा दिया गया है कि उनकी मांग पूरी होने पर धरना कमेटी ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया है। वे मंगलवार को धरना समाप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि तहसीलदार या कोई अन्य अधिकारी उनके धरने पर पहुंचेगा और उनका धरना समाप्त करवाएगा। चरखी दादरी जिले में बीते 6 माह से अधिक समय से चल रहा धरना आखिरकार आज समाप्त होगा। ग्रामीण अवैध माइनिंग व जल दोहन बंद करने की मांग को लेकर लंबे समय से धरना दे रहे थे। उनकी मांग पूरी नहीं होने के चलते ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार किया और उसके बाद भी धरना जारी रखा। सीएम से मिलने के बाद ग्रामीणों की मांग पूरी होने पर ग्रामीणों ने अब धरने को मंगलवार को समाप्त करने का निर्णय लिया है। 5 सितंबर से चल रहा धरना बता दें कि दादरी जिले में माइनिंग कंपनियों पर बार-बार अवैध माइनिंग कर भूमिगत जल का दोहन किए जाने के आरोप लगे हैं। माइनिंग क्षेत्र के साथ लगते कई गांव इससे प्रभावित होने के कारण इसको लेकर धरने व प्रदर्शन किए गए हैं। गांव रामलवास के ग्रामीणों ने उनके गांव के पहाड़ी क्षेत्र में अवैध माइनिंग व भूमिगत जल दोहन को बंद करने की मांग को लेकर बीते 5 सितंबर को धरना शुरू किया था। उसके बाद कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात हुई। लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई और 6 माह से अधिक समय तक धरना जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि उनका प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला और उनके समक्ष पूरा मामला रखा। जिसके बाद ग्रामीणों की मांग मानी गई और अब ग्रामीण धरना समाप्त करने को तैयार हुए हैं। पेयजल संकट को लेकर जाहिर की थी चिंता ग्रामीणों ने भूमिगत जल दोहन किए जाने के कारण पेयजल संकट को लेकर चिंता जाहिर की थी। ग्रामीणों का कहना था कि अवैध माइनिंग के कारण जो भूमिगत पानी निकलता है, उसको बड़ी-बड़ी मोटरें लगाकर बाहर फेंक दिया जाता है। वहीं ब्लास्टिंग में प्रयोग किए गए जाने वाले केमिकल से भूमिगत पानी जहरीला होता जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को चर्म रोगों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे भविष्य में उन्हें पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना था कि वे निजी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि जल और पहाड़ बचाने के लिए इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं। इन्हीं मांगों को लेकर ग्रामीणों ने महिलाओं सहित 6 माह से अधिक समय तक धरना दिया। विधानसभा चुनाव का किया था बहिष्कार अपनी मांग को लेकर ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव 2024 का भी बहिष्कार किया। ग्रामीणों ने चुनाव से पहले ही घोषणा कर दी थी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे वोटिंग नहीं करेंगे। वहीं उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए भी किसी पार्टी के नेता को गांव में नहीं आने दिया और वोटिंग के दिन पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार किया और किसी भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। हालांकि प्रशासन द्वारा मतदान करवाने का प्रयास किया गया और तत्कालीन एसपी पूजा वशिष्ठ ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर ग्रामीणों को मतदान के लिए मनाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण नहीं माने और विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं किया। एसडीएम से मिले ग्रामीण 6 माह से चल रहे धरने की अगुआई कर रहे रोशनलाल ने बताया कि सोमवार को 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चरखी दादरी एसडीएम आशीष सांगवान से मिला था। उनको अवगत करवा दिया गया है कि उनकी मांग पूरी होने पर धरना कमेटी ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया है। वे मंगलवार को धरना समाप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि तहसीलदार या कोई अन्य अधिकारी उनके धरने पर पहुंचेगा और उनका धरना समाप्त करवाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर