दारा सिंह चौहान ने की कारागार विभाग की समीक्षा बैठक:बोले – ‘एक जेल-एक उत्पाद’ योजना वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनामी के लक्ष्य को पाने में होगी सहायक

दारा सिंह चौहान ने की कारागार विभाग की समीक्षा बैठक:बोले – ‘एक जेल-एक उत्पाद’ योजना वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनामी के लक्ष्य को पाने में होगी सहायक

उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार विभाग के मंत्री दारा सिंह चौहान ने कारागार विभाग के अधिकारियों के साथ बुधवार को ACSTI लखनऊ के सभागार में सभी जनपदों के जेल अधीक्षकों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की।बता दें की दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक थी। जहां कारागार मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कारागारों में बन्दियों के सुधार व कल्याण के लिए साक्षरता एवं कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। मोबाइल फोन जैमर, सीसीटीवी सर्विलांस इकाई, मेटल डिटेक्शन सिस्टम, वायरलेस सेट, पीसीओ, ई-प्रिजन, आरओ प्लाण्ट, पाठशाला का आधुनिकीकरण, सुपर वीडियो वॉल आदि से कारागारों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। ‘एक जेल एक उत्पाद’ योजना को सभी जेलों में किया जाए लागू मंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ रहा है। ‘एक जेल-एक उत्पाद’ योजना का अनुपालन सभी कारागारों में सुनिश्चित किया जाए, जिससे कारागार विभाग प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने में सहायक बन सके। उन्होंने कहा कि कारागार विभाग की रिक्तियों को भरने के लिए समय से अधियाचन भेज दिया जाए। इसके साथ ही पदोन्नति की कार्यवाही समय से सुनिश्चित की जाए। कारागार मैनुअल के तहत प्रदत्त सुविधाएं बन्दियों को उपलब्ध करायी जाए। स्वच्छता अभियान के तहत कारागारों को साफ-सुथरा रखा जाए तथा कारागारों में उपयुक्त स्थानों में पौधे भी लगाएं जाएं। उन्होंने कारागारों को आदर्श कारागारों के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। अनेक नवाचार कारागारों में शुरू करते हुए अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर जेलों को अपडेट किया जाए। उन्होंने कहा कि कारागारों में रहने वाले बंदियों के लिए आयी दया याचिका के प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। कारागारों में मिलायी व्यवस्था को सरल एवं सुदृढ़ किया जाए। इसके साथ ही जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाए। प्रदेश के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही ने कहा कि कारागारों में चिकित्सा व्यवस्था और अच्छी रखी जाए, जिससे वहां रहने वाले बन्दियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या न हो। उन्होंने कहा कि कारागारों में रहने वाले बन्दियों की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। बन्दियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर ध्यान दिया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार विभाग के मंत्री दारा सिंह चौहान ने कारागार विभाग के अधिकारियों के साथ बुधवार को ACSTI लखनऊ के सभागार में सभी जनपदों के जेल अधीक्षकों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की।बता दें की दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक थी। जहां कारागार मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कारागारों में बन्दियों के सुधार व कल्याण के लिए साक्षरता एवं कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। मोबाइल फोन जैमर, सीसीटीवी सर्विलांस इकाई, मेटल डिटेक्शन सिस्टम, वायरलेस सेट, पीसीओ, ई-प्रिजन, आरओ प्लाण्ट, पाठशाला का आधुनिकीकरण, सुपर वीडियो वॉल आदि से कारागारों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। ‘एक जेल एक उत्पाद’ योजना को सभी जेलों में किया जाए लागू मंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ रहा है। ‘एक जेल-एक उत्पाद’ योजना का अनुपालन सभी कारागारों में सुनिश्चित किया जाए, जिससे कारागार विभाग प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने में सहायक बन सके। उन्होंने कहा कि कारागार विभाग की रिक्तियों को भरने के लिए समय से अधियाचन भेज दिया जाए। इसके साथ ही पदोन्नति की कार्यवाही समय से सुनिश्चित की जाए। कारागार मैनुअल के तहत प्रदत्त सुविधाएं बन्दियों को उपलब्ध करायी जाए। स्वच्छता अभियान के तहत कारागारों को साफ-सुथरा रखा जाए तथा कारागारों में उपयुक्त स्थानों में पौधे भी लगाएं जाएं। उन्होंने कारागारों को आदर्श कारागारों के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। अनेक नवाचार कारागारों में शुरू करते हुए अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर जेलों को अपडेट किया जाए। उन्होंने कहा कि कारागारों में रहने वाले बंदियों के लिए आयी दया याचिका के प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। कारागारों में मिलायी व्यवस्था को सरल एवं सुदृढ़ किया जाए। इसके साथ ही जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाए। प्रदेश के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही ने कहा कि कारागारों में चिकित्सा व्यवस्था और अच्छी रखी जाए, जिससे वहां रहने वाले बन्दियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या न हो। उन्होंने कहा कि कारागारों में रहने वाले बन्दियों की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। बन्दियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर ध्यान दिया जाए।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर