दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में होगी इतने पदों पर भर्ती, HC के निर्देश पर LG ने दी हरी झंडी

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में होगी इतने पदों पर भर्ती, HC के निर्देश पर LG ने दी हरी झंडी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थकर्मियों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 701 नर्स और 762 पैरामेडिकल स्टाफ समेत 1463 स्वास्थकर्मियों की तत्काल नियुक्ति को मंजूरी दे दी. आईसीएसआईएल, एनआईसीएसआई, बीईसीआईएल, एचआईएस जैसे सार्वजनिक उपक्रम के माध्यम से आउटसोर्स पर भर्तियां करायी जायेंगी. उपराज्यपाल ने 13 फरवरी, 2024 को स्वास्थ्य सेवाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणियों के बाद गठित डॉ. एस.के. सरीन कमेटी की सिफारिशों के बाद फैसला लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की ओर इशारा करते हुए दिल्ली सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पूछा था कि शहर की आबादी और स्वास्थ्य ढांचे के बीच तालमेल, मानव संसाधन की कमी से जुड़े मुद्दे उठाये थे. कोर्ट ने माना कि किसी भी स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं का प्रावधान महत्वपूर्ण है. संविधान का अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 47 के तहत बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली सुनिश्चित करना राज्य का दायित्व है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में बहाली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने कहा कि आरोप-प्रत्योरोप में उलझे बिना सरकारी अस्पतालों के कामकाज में संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है. हाईकोर्ट ने विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की थी. डॉ. सरीन की अध्यक्षता में गठित कमेटी को दिल्ली के अस्पतालों की देखभाल और सुधार का काम सौंपा गया था. गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में बड़ी बाधा नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी को उजागर किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उपराज्यपाल ने 1463 पदों को दी मंजूरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंभीर मुद्दे का समाधान के लिए सरीन कमेटी ने नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की तत्काल तैनाती के लिए आउटसोर्स एजेंसियों को नियुक्त करने की सिफारिश की थी. भर्ती अभियान दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का काम करेगा. वीके सक्सेना की मंजूरी से नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आएगी. मौजूदा स्वास्थ्य कर्मियों पर बोझ कम करने, मरीजों की देखभाल में मदद मिलेगी. पर्याप्त स्टाफ होने से अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा में भी सुधार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”‘दिल्ली में 10 साल के विकास कार्यों को बंद करना चाहती है BJP’, अरविंद केजरीवाल ने किया सावधान” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-arvind-kejriwal-inaugurates-community-hall-at-ballimaran-attack-bjp-ann-2821323″ target=”_self”>’दिल्ली में 10 साल के विकास कार्यों को बंद करना चाहती है BJP’, अरविंद केजरीवाल ने किया सावधान</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थकर्मियों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 701 नर्स और 762 पैरामेडिकल स्टाफ समेत 1463 स्वास्थकर्मियों की तत्काल नियुक्ति को मंजूरी दे दी. आईसीएसआईएल, एनआईसीएसआई, बीईसीआईएल, एचआईएस जैसे सार्वजनिक उपक्रम के माध्यम से आउटसोर्स पर भर्तियां करायी जायेंगी. उपराज्यपाल ने 13 फरवरी, 2024 को स्वास्थ्य सेवाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणियों के बाद गठित डॉ. एस.के. सरीन कमेटी की सिफारिशों के बाद फैसला लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की ओर इशारा करते हुए दिल्ली सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पूछा था कि शहर की आबादी और स्वास्थ्य ढांचे के बीच तालमेल, मानव संसाधन की कमी से जुड़े मुद्दे उठाये थे. कोर्ट ने माना कि किसी भी स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं का प्रावधान महत्वपूर्ण है. संविधान का अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 47 के तहत बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली सुनिश्चित करना राज्य का दायित्व है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में बहाली</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने कहा कि आरोप-प्रत्योरोप में उलझे बिना सरकारी अस्पतालों के कामकाज में संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है. हाईकोर्ट ने विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की थी. डॉ. सरीन की अध्यक्षता में गठित कमेटी को दिल्ली के अस्पतालों की देखभाल और सुधार का काम सौंपा गया था. गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में बड़ी बाधा नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी को उजागर किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उपराज्यपाल ने 1463 पदों को दी मंजूरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंभीर मुद्दे का समाधान के लिए सरीन कमेटी ने नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की तत्काल तैनाती के लिए आउटसोर्स एजेंसियों को नियुक्त करने की सिफारिश की थी. भर्ती अभियान दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का काम करेगा. वीके सक्सेना की मंजूरी से नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आएगी. मौजूदा स्वास्थ्य कर्मियों पर बोझ कम करने, मरीजों की देखभाल में मदद मिलेगी. पर्याप्त स्टाफ होने से अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा में भी सुधार होगा.</p>
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