दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन पर AAP नेता संजय सिंह का बड़ा बयान, ‘केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि…’ दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन पर AAP नेता संजय सिंह का बड़ा बयान, ‘केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि…’ दिल्ली NCR उतार-चढ़ाव के बीच सुक्खू सरकार के दो साल पूरे, कैसे पार की बड़ी चुनौतियां?
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Bihar Politics: अशोक चौधरी के बयान से जेडीयू में महासंग्राम! जहानाबाद में मंत्री और पूर्व सांसद आमने-सामने
Bihar Politics: अशोक चौधरी के बयान से जेडीयू में महासंग्राम! जहानाबाद में मंत्री और पूर्व सांसद आमने-सामने <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Politics:</strong> जहानाबाद में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू में भी रार छिड़ना तय माना जा रहा है. जेडीयू के कद्दावर नेता व मंत्री अशोक चौधरी और पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के तेवर से लग रहा है कि जेडीयू में जल्द ही कुछ होने वाला है. अशोक चौधरी जहानाबाद में गुरुवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इशारों इशारों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और उनके बेटे पूर्व विधायक राहुल शर्मा को निशाने पर लिया है. जहानाबाद लोकसभा चुनाव में हार को लेकर भी अपरोक्ष रूप से पिता-पुत्र को दोषी बता रहे थे. वहीं, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ने भी इशारों इशारों में जेडीयू पर तंज कसना शुरू कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जहानाबाद में सियासत गरमाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी जहानाबाद में गुरुवार को जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे और इस दौरान जहानाबाद लोकसभा चुनाव में जेडीयू की हार को लेकर अपरोक्ष रूप से पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और उनके बेटे पूर्व विधायक राहुल शर्मा को दोषी बता रहे थे. उन्होंने दोनों पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ये लोगों को चिन्हित करेगी और उन्हें आगे कभी भी पार्टी लाभ नहीं उठाने देगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इधर, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ने भी इशारे इशारों में जेडीयू नेतृत्व पर जमकर हमला बोला और नेतृत्व के अति पिछड़ा की हिमायती होने के दावे पर सवाल खड़े कर दिया. जहानाबाद के वाणावार के पहाड़ियों पर हुई भगदड़ में मारे गए 8 लोगों के आत्मा की शांति को लेकर वे सुंदर पाठ करने के बाद शासन-प्रशासन की कार्रवाई को लेकर गुस्से में थे. वाणावार भगदड़ में निर्दोष लोगों को उन्होंने फंसाने का आरोप लगाया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जहानाबाद में जगदीश शर्मा की है पकड़ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि जगदीश शर्मा जहानाबाद की घोसी सीट से सात बार और उनकी पत्नी शांति शर्मा, बेटे राहुल शर्मा भी एक-एक बार विधायक रहे हैं जबकि जगदीश शर्मा जहानाबाद लोकसभा से एक बार सांसद भी रहे हैं. विगत <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में शर्मा फैमिली ने अपने आप को अलग कर रखा था और इसका लाभ आरजेडी को मिला. आरजेडी ने जेडीयू से जहानाबाद सीट छीन ली थी. बहरहाल, मंत्री अशोक चौधरी के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और राहुल शर्मा पर दिए गए बयान के बाद जेडीयू मे कलह बढ़ना तय माना जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-politics-rjd-gave-offer-to-chirag-paswan-ljpr-jamui-mp-arun-bharti-gives-big-statement-2772336″>बिहार में बड़ी हलचल! RJD ने दिया चिराग पासवान को ऑफर, LJP-R बोली, ‘इस बात का सबूत है कि…'</a></strong></p>
सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक:आपदा राहत पैकेज को लेकर होगी चर्चा, नए कार्यालयों को लेकर विचार
सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक:आपदा राहत पैकेज को लेकर होगी चर्चा, नए कार्यालयों को लेकर विचार हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज राज्य सचिवालय में मंत्री मंडल की बैठक 12 बजे से शुरू होगी। आगामी 27 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले यह आखरी कैबिनेट बैठक हो सकती है। ऐसे में कैबिनेट मीटिंग में मानसून सत्र के विषय मे चर्चा हो सकती है। सरकार की तरफ से सत्र में पेश किए जाने विधेयकों को लेकर चर्चा ही सकती है। इसके अलावा सत्र में विपक्ष की तरफ से आने वाले सवालों का किस तरह काउंटर करना है, इसको लेकर भी मंत्रणा हो सकती है। बैठक में मानसून सत्र के अलावा भी सरकार कई अन्य बड़े फैसले भी कर सकती है। आपदा विशेष राहत पैकेज पर विचार सूचना के अनुसार प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के लिए कैबिनेट में आज विशेष आपदा राहत पैकेज को मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री उसकी घोषणा विधानसभा सत्र के दौरान कर सकते है। आपदा से जिन परिवारों को भारी नुकसान हुआ हैं, उनके राहत एवं पुनर्वास के लिए राहत पैकेज का भी कैबिनेट में ऐलान हो सकता है। प्रदेश में इस बार 133 मकान पूरी तरह जमीदोंज हुए है। 31 जुलाई की रात में बादल फटने के बाद भारी बारिश और बाढ़ में 55 लोग लापता हो गए। इनमें से 30 लोग अभी भी लापता है। रामपुर का पूरा समेज गांव ही बाढ़ में बह गया है। ऐसे बाढ़ प्रभावितों के लिए कैबिनेट में पैकेज का ऐलान हो सकता है। इसके अलावा पुलिस जवानों के परिवहन बसों में सफर को लेकर पिछले कैबिनेट में किए फैसले पर कैबिनेट बदलाव कर सकती है। प्रदेश में विभिन्न विभागों में खाली चल रहे कई पदों को भरने के लिए भी कैबिनेट मंजूरी दे सकती है। DA-एरियर पर घमासान हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के लंबित DA-एरियर पर मचा घमासान भले ही बीते देर शाम से धीमा पड़ गया हो। लेकिन प्रदेश सरकार इसको लंबे समय तक नहीं दबा सकती। कैबिनेट में आज इस पर चर्चा होने के बहुत कम संकेत है। क्योंकि मुख्यमंत्री ने कल ही अलग अलग कर्मचारी संगठनों के नेताओं से बैठक की है और DA-एरियर देने के लिए समय मांगा है। प्रदेश में खुल सकते है कई नए कार्यालय कैबिनेट बैठक में प्रदेश में कई विभागों के नए कार्यालयों के खोलने को भी मंजूरी मिल सकती है। स्वास्थ्य, शिक्षा और जलशक्ति विभाग में कार्यालयों को खोलने को मंजूरी मिल सकती है।
Kharsawan Golikand: झारखंड के इस जिले में गमों के साथ आता है नए साल का पहला दिन, आंसू बहाकर स्वागत करते हैं नेता!
Kharsawan Golikand: झारखंड के इस जिले में गमों के साथ आता है नए साल का पहला दिन, आंसू बहाकर स्वागत करते हैं नेता! <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Kharsawan Golikand:</strong> झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में एक घटना ने इतना गहरा छाप छोड़ा कि आज दशकों बाद भी लोग उभर नहीं पाए हैं. यहां नए साल के मौके पर जश्न नहीं मातम मनाया जाता है. दरअसल, स्वतंत्र भारत में आदिवासियों के खून से खरसावां की सर-जमीन लाल हो चुकी थी. मामला 1 जनवरी 1948 का है. जब तत्कालीन बिहार और वर्तमान में झारखंड के खरसावां में गुरुवार के दिन आदिवासी ग्रामीण हाट बाजार पहुंचे थे, वहां उन्हें गोलियों का का सामना करना पड़ा था. खरसावां में इस दिन निहत्थे ग्रामीण देखते ही देखते काल के गाल में समा गए और बस रह गई तो सिर्फ उनके खून से सनी खरसावां की सर-जमीन.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शहीद दिवस के साथ कई राज दफन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जहां आज तक कभी नए साल का जश्न नहीं माना. सुबे के मुख्यमंत्री हो या पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश के राज्यपाल हो या जिले भर के विधायक या आम ग्रामीण, हर कोई इस गम में शरीक होने पूरी आस्था के साथ पहुंचता है. आदिवासी परंपरा का सबसे बड़ा उदाहरण माने जाने वाला शहीद दिवस अपने साथ कई राज दफन किए बैठा है. इस घटना की गंभीरता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि आज भी मरने वालों की सही गिनती किसी को नहीं पता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर बरस शहीदों के मजार पर लगता है मेला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सरायकेला का खरसावां एक ऐसा स्थल है, जहां हर बरस शहीदों के नाम पर 1 जनवरी को मेले लगते हैं, जिसमें पूरे झारखंड और ओडिशा के आदिवासी जनजातीय समुदाय के लोग शरीक होते हैं. यही नहीं झारखंड के मुख्यमंत्री चाहे वह किसी भी दल से हों, हर साल इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति अनिवार्य समझते हैं. यह झारखंड की एक महत्वपूर्ण परंपरा में शामिल हो चुका है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम हेमंत सोरेन के पहुंचने की तैयारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बार भी मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पूरे कैबिनेट के साथ खरसावां के समाधि स्थल पहुंचेंगे और वहां पारंपरिक तरीके से शहीदों की समाधि पर श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे. इसे लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. इससे पहले भी बाबूलाल मरंडी और रघुवर दास जैसे मुख्यमंत्री सरायकेला स्थित खरसावां किसान समाधी स्थल पहुंचते रहे हैं. इस परंपरा को बरकरार रखते हुए मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सरायकेला-खरसावां किसान मेले में अपनी हाजरी दर्ज करवाने पहुंच रहे हैं.</p>
<p><strong>आजाद भारत का सबसे बड़ा गोलीकांड था ‘खरसावां गोलीकांड'</strong></p>
<p>बता दें कि सन् 1947 में आजादी के बाद पूरा देश राज्यों के पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा था, तभी अनौपचारिक तौर पर 14-15 दिसंबर को ही खरसावां और सरायकेला रियासतों का विलय ओडिशा राज्य में कर दिया गया था. औपचारिक तौर पर एक जनवरी को कार्यभार हस्तांतरण करने की तिथि मुकर्रर हुई थी.</p>
<p>इस दौरान एक जनवरी, 1948 को आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा ने खरसावां और सरायकेला को ओडिशा में विलय करने के विरोध में खरसावां हाट मैदान में एक विशाल जनसभा का आह्वान किया था. विभिन्न क्षेत्रों से जनसभा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. एक जनवरी 1948 का दिन गुरुवार और साप्ताहिक बाजार-हाट का दिन था, इस कारण भीड़ काफी अधिक थी, लेकिन किसी कारणवश जनसभा में जयपाल सिंह मुंडा नहीं पहुंच सके.</p>
<p>रैली के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी तैनात थी. इसी दौरान पुलिस और जनसभा में पहुंचे लोगों में किसी बात को लेकर संघर्ष हो गया, तभी अचानक फायरिंग शुरू हो गई और पुलिस की गोलियों से सैकड़ों की संख्या में लोग शहीद हो गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Jharkhand Weather: झारखंड में नए साल पर कैसा रहेगा मौसम? जानें IMD का ताजा अपडेट” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-weather-mercury-likely-to-dip-by-up-to-5-degrees-celsius-says-meteorological-department-imd-2853681″ target=”_self”>Jharkhand Weather: झारखंड में नए साल पर कैसा रहेगा मौसम? जानें IMD का ताजा अपडेट</a></strong></p>