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यूपी में DGP के चयन के लिए नहीं भेजना पड़ेगा UPSC को पैनल, अब ऐसे होगा फैसला, जानें- कितने साल का होगा कार्यकाल
यूपी में DGP के चयन के लिए नहीं भेजना पड़ेगा UPSC को पैनल, अब ऐसे होगा फैसला, जानें- कितने साल का होगा कार्यकाल <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Police News:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार को अब DGP के चयन के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) भारत सरकर को पैनल नही भेजना पड़ेगा. अब ये काम यूपी सरकार खुद कर लेगी. योगी कैबिनेट की बैठक में इसी से जुड़ा एक फैसला लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि देश के किसी भी राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए उस राज्य के तीन सीनियर मोस्ट अफसरों के नाम UPSC को भेजे जाएंगे. उनमें से कोई एक नाम <a title=”UPSC” href=”https://www.abplive.com/topic/upsc” data-type=”interlinkingkeywords”>UPSC</a> तय कर राज्य को भेज देगा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को योगी कैबिनेट ने बदल दिया है. जिस के अनुसार अब यूपी में ही डीजीपी का चयन होगा. यूपीएससी को नाम भेजने वाली बाध्यता खत्म कर दी गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस तरह होगा DGP के नाम का चयन</strong><br />कैबिनेट द्वारा पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश (यूपी के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं निर्देशावली 2024 को मंजूरी दे दी गयी है. नए नियम के अनुसार हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी जो डीजीपी के नाम का चयन करेगी. रिटायर्ड हाईकोर्ट जज के इलावा यूपी के मुख्य सचिव, यूपीएससी की ओर से नामित एक सदस्य, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित सदस्य, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह और एक रिटायर्ड पूर्व डीजीपी कमेटी में रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीजीपी के लिए अहर्ता ,जिसकी कम से कम 6 महीने की नौकरी बची हो. एक बार चुने जाने के बाद डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा. अगर तैनाती के बाद उनकी सेवा अवधि छह माह रह जाती है तो सेवा अवधि बढ़ाया जा सकता है. कैबिनेट ने नई नियमावली पर मुहर लगा दी है. ऐसा माना जा रहा है कि अब प्रशांत कुमार को पूर्णकालिक डीजीपी बना दिया जाएगा. उन्हें दो साल का फिक्स कार्यकाल भी मिल सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/prayagraj-uncle-nephew-murder-case-family-protest-to-demand-action-on-accused-ann-2816709″><strong>Prayagraj: दीया जलाने के विवाद में चाचा-भतीजे की हत्या, गुस्साए परिजनों ने सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन</strong></a></p>
रोहतक में हुड्डा पर बरसी किरण चौधरी:बोली- सुबह-शाम मुख्यमंत्री का सपना देखा, हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ रहे
रोहतक में हुड्डा पर बरसी किरण चौधरी:बोली- सुबह-शाम मुख्यमंत्री का सपना देखा, हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ रहे राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान “लोक हार गया और तंत्र जीत गया” पर तंज कसा है। किरण चौधरी ने कहा कि यह रिपब्लिक है, जनता सब जानती है और लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया है। अच्छा होता कि वे इस मत को स्वीकार करते, लेकिन अब वे ठीकरे किसी ना किसी के सिर फोडेंगे। सारा कुछ तो अपने ऊपर लेकर चल रहे थे। जो सुबह-शाम यह सोचकर चल रहे हो कि मुख्यमंत्री मैं बनूंगा। मुख्यमंत्री का घर नजर आ रहा था और रथ तक मंगवा लिए थे, तो उनसे और क्या अपेक्षा की जा सकती है। किरण चौधरी ने कहा कि हरियाणा में तो बाप-बेटा ही था। अगर सबको लेकर चले होते और कांग्रेस की जो नीतियां थी, उन पर चले होते तो शायद यह परिणाम नहीं हुआ होता। लेकिन उन्होंने तो अपना भाई-भतीजावाद के अलावा कुछ सोचा ही नहीं। मेरा और मेरे चमचों का, उसके अलावा तो उनके जहन में कुछ आया ही नहीं। इसलिए जनता ने उन्हें नकारा और भाजपा की पूर्ण बहुमत बनी। हुड्डा को मैं और मेरा, इससे आगे कुछ नहीं दिखता कांग्रेस द्वारा नेता प्रतिपक्ष का तय ना होने पर किरण चौधरी ने कहा कि अच्छा होता कि वे (हुड्डा) चुपचाप आराम से बैठते और दूसरों को मौका देते आगे बढ़ने का। लेकिन वही बात है कि मैं और मेरा, उससे आगे कुछ नजर नहीं आता। दुर्भाग्य की बात है कि पहला विधानसभा का सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के ही हुआ। समझ सकते हैं कि अब कांग्रेस में हालात क्या हैं। कांग्रेस नाम का कोई चीज रहा नहीं, इन्होंने पूरी तरह से इसको समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि रघुवीर कादियान को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए। वे सीनियर व्यक्ति हैं और हुड्डा के खास आदमी हैं। लेकिन वह भी हुड्डा नहीं करने दे रहे। एमडीयू में आयोजित किया संविधान दिवस रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में संविधान दिवस मनाया गया। जिसमें भारतीय संविधान की प्रस्तावना को सामूहिक रूप से पढ़ा गया। भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं पर राज्यसभा सांसद किरण चौधरी और राज्यसभा सांसद रामचन्द्र जांगड़ा ने प्रेरक भाषण दिए। राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने अपने प्रेरक भाषण में भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं, विशेषकर राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों के प्रावधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को भारतीय संविधान से प्रेरणा लेनी चाहिए। राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने अपने ज्ञानवर्धक भाषण में संविधान सभा की स्थापना और भारतीय संविधान के निर्माण के ऐतिहासिक विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संविधान के सामाजिक-आर्थिक आयामों की व्याख्या की। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में सांपला कॉलेज की अंजलि प्रथम
इस दौरान आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में राजकीय महाविद्यालय सांपला की अंजलि ने प्रथम तथा काजल ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। एमडीयू के दृश्य कला विभाग की नेहा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में एमडीयू के सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी की प्रियंका ने प्रथम, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की रीतू ने दूसरा तथा दृश्य कला विभाग की स्नेहा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा
बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा <p style=”text-align: justify;”><strong>Akhilesh Yadav On Bulldozer Action:</strong> सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (2 सितंबर) को अपराधियों के घर पर तोड़फोड़ की कार्रवाई पर सुनवाई है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई किसी मामले में सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है. इसको लेकर अब सपा चीफ अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बुलडोजर एक्शन की कार्रवाई पर अब न्याय मिली है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”>देशभर में आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा, “अगर कोई दोषी भी हो, तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है.” बता दें कि सुप्रीम कोर्ट जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रही है. जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने आरोप लगाया था कि जिस राज्य में बीजेपी की सरकार है, उस राज्यों में मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है और उनके ख़िलाफ़ बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि देशभर में तोड़फोड़ को लेकर गाइडलाइन बनाई जाएगी. कोर्ट ने इसे लेकर सरकार और पक्षकारों से सुझाव मांगे हैं. कोर्ट का साफ कहना है कि अगर कोई आरोपी या दोषी भी है, तो उसका घर गिराया नहीं जा सकता. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर अवैध निर्माण भी है तो कानून का पालन करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि किसी का बेटा आरोपी हो सकता है, लेकिन बेटे के आरोपी होने पर पिता का घर गिरा देना यह कार्रवाई का सही तरीका नहीं है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने इसको लेकर कहा कि न्याय मिला है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जाति</strong> <strong>जनगणना</strong> <strong>समाज</strong> <strong>को</strong> <strong>जोड़ेगी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जातिगत जनगणना पर अखिलेश यादव ने कहा कि जातिगत जनगड़ना देश की जरुरत है, जो लोग समाज को तोड़ते हैं वह अगर अब यह कहें कि जातिगत जनगड़ना से देश टूटेगा तो यह ऐसा है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. जाति जनगणना सामाजिक न्याय का रास्ता है. जाति जनगणना सबका साथ, सबका विकास का रास्ता है. जाति जनगणना समाज को जोड़ेगी, बांटेगी नहीं. समाज को तोड़ने वाले अगर कहते हैं कि जाति जनगणना से समाज में दूरियां पैदा होंगी, तो ये वही कहावत है कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>युवाओं</strong> <strong>की</strong> <strong>नौकरी</strong> <strong>छीनने</strong> <strong>का</strong> <strong>काम</strong> <strong>बीजेपी</strong> <strong>सरकार</strong> <strong>ने</strong> <strong>किया</strong><strong>?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>69,000 सहायक अध्यापक भर्ती मामले पर अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण के साथ इतना खिलवाड़ किसी भी सरकार ने नहीं किया, जितना बजीपी सरकार ने किया है. युवाओं की नौकरी छीनने का काम बीजेपी सरकार ने किया है. यह सरकार जानबूझकर ऐसा काम कर रही है. सरकार के लोगों ने षड़यंत्र के माध्यम से ऐसा काम किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये</strong> <strong>भी</strong> <strong>पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/gonda-young-man-gave-triple-talaq-over-phone-regarding-dowry-after-beating-ann-2774786″><strong>'</strong><strong>फोन</strong> <strong>पर</strong> <strong>पहले</strong> <strong>गाली</strong> <strong>दी</strong> <strong>फिर</strong> <strong>तीन</strong> <strong>तलाक</strong><strong>…’ </strong><strong>पीड़िता</strong> <strong>बोली</strong><strong>- </strong><strong>दहेज</strong> <strong>के</strong> <strong>लिए</strong> <strong>करते</strong> <strong>थे</strong> <strong>मारपीट</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><span class=”Apple-converted-space”> </span></p>