<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में एयर क्वालिटी बिगड़ने के बाद प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए GRAP-4 के प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं. आदेश में कहा गया कि 14 जनवरी को दिल्ली की एक्यूआई 275 दर्ज की गई थी. ये 15 जनवरी को बढ़कर 386 हो गई. बुधवार शाम पांच बजे एक्यूआई 393 थी जो शाम छह बजे बढ़कर 396 हो गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्रेप-4 में क्या होती हैं पाबंदियां?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्कूलों का संचानल हाईब्रिड मोड में होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक रहेगी. रेलवे जैसे पब्लिक प्रोजेक्ट्स को छूट होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे दिल्ली-एनसीआर में पत्थरों का तोड़फोड़ नहीं होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी तरह के खनन पर रोक लग जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर बैन रहेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन. जिन ट्रकों पर जरूरी सामान होंगे उन्हें छूट रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जीआरएपी की व्यवस्था को साल 2017 में शुरू किया गया था. एक्यूआई के स्तर के आधार पर इसे लागू किया जाता है. जीआरएपी के पहले और दूसरे चरण (एक्यूआई 201 से 400 तक) के प्रतिबंध दिशा-निर्देशों, धूल नियंत्रण और डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक पर केंद्रित होते हैं. वहीं, तीसरे चरण (एक्यूआई 401-450 तक) के तहत शहर में सभी गैर-जरूरी निर्माण और वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है. इसी तरह, चौथे चरण (एक्यूआई 450 से ऊपर) के तहत सभी निर्माण-विध्वंस गतिविधियों और गैर-जरूरी ट्रक एवं बीएस-IV डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने जैसे उपाय किए जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कांग्रेस के नए दफ्तर में क्या है खास? पांच मंजिला बिल्डिंग, 243 तस्वीरों में 140 साल का इतिहास” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/congress-new-headquarters-in-delhi-five-floor-building-with-leaders-photos-and-history-on-walls-see-video-2863618″ target=”_blank” rel=”noopener”>कांग्रेस के नए दफ्तर में क्या है खास? पांच मंजिला बिल्डिंग, 243 तस्वीरों में 140 साल का इतिहास</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में एयर क्वालिटी बिगड़ने के बाद प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए GRAP-4 के प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं. आदेश में कहा गया कि 14 जनवरी को दिल्ली की एक्यूआई 275 दर्ज की गई थी. ये 15 जनवरी को बढ़कर 386 हो गई. बुधवार शाम पांच बजे एक्यूआई 393 थी जो शाम छह बजे बढ़कर 396 हो गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्रेप-4 में क्या होती हैं पाबंदियां?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्कूलों का संचानल हाईब्रिड मोड में होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक रहेगी. रेलवे जैसे पब्लिक प्रोजेक्ट्स को छूट होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे दिल्ली-एनसीआर में पत्थरों का तोड़फोड़ नहीं होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी तरह के खनन पर रोक लग जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर बैन रहेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन. जिन ट्रकों पर जरूरी सामान होंगे उन्हें छूट रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जीआरएपी की व्यवस्था को साल 2017 में शुरू किया गया था. एक्यूआई के स्तर के आधार पर इसे लागू किया जाता है. जीआरएपी के पहले और दूसरे चरण (एक्यूआई 201 से 400 तक) के प्रतिबंध दिशा-निर्देशों, धूल नियंत्रण और डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक पर केंद्रित होते हैं. वहीं, तीसरे चरण (एक्यूआई 401-450 तक) के तहत शहर में सभी गैर-जरूरी निर्माण और वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है. इसी तरह, चौथे चरण (एक्यूआई 450 से ऊपर) के तहत सभी निर्माण-विध्वंस गतिविधियों और गैर-जरूरी ट्रक एवं बीएस-IV डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने जैसे उपाय किए जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कांग्रेस के नए दफ्तर में क्या है खास? पांच मंजिला बिल्डिंग, 243 तस्वीरों में 140 साल का इतिहास” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/congress-new-headquarters-in-delhi-five-floor-building-with-leaders-photos-and-history-on-walls-see-video-2863618″ target=”_blank” rel=”noopener”>कांग्रेस के नए दफ्तर में क्या है खास? पांच मंजिला बिल्डिंग, 243 तस्वीरों में 140 साल का इतिहास</a></strong></p> दिल्ली NCR कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज, जम रहा नदियों, कुएं और तालाब का पानी