<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Politics:</strong> दिल्ली विधानसभा के दूसरे सत्र का समापन हो गया है. अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सत्र की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से बात की. उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही, पारित प्रस्तावों, सीएजी रिपोर्टों और बजट पर हुई चर्चाओं की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अब सदन में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा का दूसरा सत्र 24 मार्च 2025 को शुरू हुआ था और 2 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. कुल 7 बैठकों में 27 घंटे 56 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली. इस दौरान एक लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट पारित हुआ. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 मार्च को यह बजट पेश किया था, जिस पर 7 घंटे 13 मिनट तक गहन चर्चा हुई और 36 विधायकों ने इसमें हिस्सा लिया. अध्यक्ष ने दावा किया कि विपक्ष को उनकी आनुपातिक संख्या से ज्यादा समय दिया गया, ताकि वे अपनी बात रख सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लंबे समय बाद प्रश्नकाल सदन में दोबारा शुरू किया गया, जो सरकार की जवाबदेही तय करने का अहम मंच होता है. सचिवालय को कुल 384 प्रश्न मिले, जिनमें से 80 तारांकित और 282 अतारांकित प्रश्न स्वीकार किए गए. 28 मार्च को अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि अब से ‘आरक्षित विषयों’ (Reserved Subjects) पर प्रश्नों को केस-टू-केस आधार पर स्वीकार किया जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के 2023 के फैसले के तहत ‘सेवाओं’ (Services) को अब आरक्षित विषय नहीं माना जाएगा, इसलिए इससे जुड़े सवालों को अब सदन में उठाया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सत्र के दौरान सीएजी की छह रिपोर्टें सदन में पेश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सत्र के दौरान सरकार ने सीएजी की छह रिपोर्टें सदन में पेश कीं, जिसमें दिल्ली सरकार के वित्तीय खाते (2021-22, 2022-23), दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की आर्थिक स्थिति और दिल्ली में वायु प्रदूषण और वाहन उत्सर्जन शामिल थे. 26 विधायकों ने इन रिपोर्टों पर चर्चा की, लेकिन विपक्षी विधायक नदारद रहे. अध्यक्ष ने इसे विपक्ष की ‘बड़ी चूक’ बताया और कहा कि लोक लेखा समिति (PAC) और सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति (COGU) तीन महीने में इन रिपोर्टों पर अपनी जांच पूरी करेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्ववर्ती विधानसभा की विशेषाधिकार समिति, याचिका समिति और प्रश्न एवं संदर्भ समिति के अधूरे मामलों की समीक्षा के बाद, अध्यक्ष ने निर्णय लिया कि इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. उनका कहना था कि ये मामले पिछली सरकार द्वारा ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में इस्तेमाल किए गए. इनका मकसद सरकारी अधिकारियों को परेशान करना था, जबकि समितियों ने वर्षों तक जांच नहीं की. इस निर्णय से सरकारी अधिकारियों को राहत मिलेगी और अनावश्यक मुकदमों पर रोक लगेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सत्र के दौरान 28 मार्च को गौशालाओं के निर्माण और आवारा पशुओं की देखभाल को लेकर अशोक गोयल द्वारा प्रस्तुत संकल्प को सर्वसम्मति से पारित किया गया. वहीं, दिल्ली में बिजली संकट को लेकर 1 अप्रैल को चर्चा बुलाई गई, लेकिन नेता प्रतिपक्ष समेत पूरा विपक्ष गैरहाजिर रहा. अध्यक्ष ने इसे ‘जनता के मुद्दों से भागने की राजनीति’ करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि दिल्ली विधानसभा को तकनीकी रूप से और उन्नत बनाया जाएगा. NEVA (National e-Vidhan Application) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मीडिया के लिए 25 कंप्यूटरों वाला ‘मीडिया डेस्क’ बनाया जाएगा, जिससे खबरों का तेजी से प्रसार हो सके. 100 दिनों के भीतर विधानसभा परिसर को पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि दिल्ली विधानसभा को ‘आदर्श विधानसभा’ बनाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे. सदन और समितियों का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा. चर्चाओं का स्तर सुधरेगा, अनावश्यक हंगामे पर रोक लगेगी. दिल्ली की समस्याओं पर रचनात्मक और सकारात्मक चर्चाएं होंगी. सत्र के समापन के साथ ही अब सभी की नजरें लोक लेखा समिति की जांच रिपोर्ट और आगामी बजट कार्यान्वयन पर टिकी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें:<a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/devendra-yadav-accused-rekha-gupta-government-of-power-cut-in-delhi-ann-2918164″> ‘तापमान बढ़ने पर बिजली की मांग चरम पर होगी, तब क्या होगा? पावर कट पर भड़के देवेंद्र यादव</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Politics:</strong> दिल्ली विधानसभा के दूसरे सत्र का समापन हो गया है. अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सत्र की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से बात की. उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही, पारित प्रस्तावों, सीएजी रिपोर्टों और बजट पर हुई चर्चाओं की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अब सदन में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा का दूसरा सत्र 24 मार्च 2025 को शुरू हुआ था और 2 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. कुल 7 बैठकों में 27 घंटे 56 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली. इस दौरान एक लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट पारित हुआ. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 मार्च को यह बजट पेश किया था, जिस पर 7 घंटे 13 मिनट तक गहन चर्चा हुई और 36 विधायकों ने इसमें हिस्सा लिया. अध्यक्ष ने दावा किया कि विपक्ष को उनकी आनुपातिक संख्या से ज्यादा समय दिया गया, ताकि वे अपनी बात रख सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लंबे समय बाद प्रश्नकाल सदन में दोबारा शुरू किया गया, जो सरकार की जवाबदेही तय करने का अहम मंच होता है. सचिवालय को कुल 384 प्रश्न मिले, जिनमें से 80 तारांकित और 282 अतारांकित प्रश्न स्वीकार किए गए. 28 मार्च को अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि अब से ‘आरक्षित विषयों’ (Reserved Subjects) पर प्रश्नों को केस-टू-केस आधार पर स्वीकार किया जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के 2023 के फैसले के तहत ‘सेवाओं’ (Services) को अब आरक्षित विषय नहीं माना जाएगा, इसलिए इससे जुड़े सवालों को अब सदन में उठाया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सत्र के दौरान सीएजी की छह रिपोर्टें सदन में पेश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सत्र के दौरान सरकार ने सीएजी की छह रिपोर्टें सदन में पेश कीं, जिसमें दिल्ली सरकार के वित्तीय खाते (2021-22, 2022-23), दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की आर्थिक स्थिति और दिल्ली में वायु प्रदूषण और वाहन उत्सर्जन शामिल थे. 26 विधायकों ने इन रिपोर्टों पर चर्चा की, लेकिन विपक्षी विधायक नदारद रहे. अध्यक्ष ने इसे विपक्ष की ‘बड़ी चूक’ बताया और कहा कि लोक लेखा समिति (PAC) और सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति (COGU) तीन महीने में इन रिपोर्टों पर अपनी जांच पूरी करेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्ववर्ती विधानसभा की विशेषाधिकार समिति, याचिका समिति और प्रश्न एवं संदर्भ समिति के अधूरे मामलों की समीक्षा के बाद, अध्यक्ष ने निर्णय लिया कि इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. उनका कहना था कि ये मामले पिछली सरकार द्वारा ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में इस्तेमाल किए गए. इनका मकसद सरकारी अधिकारियों को परेशान करना था, जबकि समितियों ने वर्षों तक जांच नहीं की. इस निर्णय से सरकारी अधिकारियों को राहत मिलेगी और अनावश्यक मुकदमों पर रोक लगेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सत्र के दौरान 28 मार्च को गौशालाओं के निर्माण और आवारा पशुओं की देखभाल को लेकर अशोक गोयल द्वारा प्रस्तुत संकल्प को सर्वसम्मति से पारित किया गया. वहीं, दिल्ली में बिजली संकट को लेकर 1 अप्रैल को चर्चा बुलाई गई, लेकिन नेता प्रतिपक्ष समेत पूरा विपक्ष गैरहाजिर रहा. अध्यक्ष ने इसे ‘जनता के मुद्दों से भागने की राजनीति’ करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि दिल्ली विधानसभा को तकनीकी रूप से और उन्नत बनाया जाएगा. NEVA (National e-Vidhan Application) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मीडिया के लिए 25 कंप्यूटरों वाला ‘मीडिया डेस्क’ बनाया जाएगा, जिससे खबरों का तेजी से प्रसार हो सके. 100 दिनों के भीतर विधानसभा परिसर को पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि दिल्ली विधानसभा को ‘आदर्श विधानसभा’ बनाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे. सदन और समितियों का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा. चर्चाओं का स्तर सुधरेगा, अनावश्यक हंगामे पर रोक लगेगी. दिल्ली की समस्याओं पर रचनात्मक और सकारात्मक चर्चाएं होंगी. सत्र के समापन के साथ ही अब सभी की नजरें लोक लेखा समिति की जांच रिपोर्ट और आगामी बजट कार्यान्वयन पर टिकी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें:<a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/devendra-yadav-accused-rekha-gupta-government-of-power-cut-in-delhi-ann-2918164″> ‘तापमान बढ़ने पर बिजली की मांग चरम पर होगी, तब क्या होगा? पावर कट पर भड़के देवेंद्र यादव</a></strong></p> दिल्ली NCR ‘मामला अत्यंत दुखद…,’ दिल्ली HC में नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न के आरोपी पिता की जमानत खारिज
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