<p style=”text-align: justify;”><strong>Ranchi News:</strong> झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने शुक्रवार (25 अप्रैल) को राज्य में आदिवासियों के धार्मिक रूपांतरण और बांगलादेशी घुसपैठ के खिलाफ एक ‘निर्णायक आंदोलन’ शुरू करने की घोषणा की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह अभियान ‘हूल दिवस’ (क्रांति दिवस) के अवसर पर 30 जून को संथाल परगना से शुरू किया जाएगा, सोरेन ने यहां पत्रकारों से कहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बांगलादेशी घुसपैठ के खिलाफ शुरू करेंगे आंदोलन- सोरेन</strong><br />चंपाई सोरेन ने कहा कि यह आंदोलन आदिवासी और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में, साथ ही हजारों समुदाय के सदस्यों के बीच शुरू किया जाएगा. वह सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं. उन्होंने कहा, “हम आदिवासियों के धार्मिक रूपांतरण और बांगलादेशी घुसपैठ के खिलाफ निर्णायक आंदोलन शुरू करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीनों पर कब्जा और धर्म परिवर्तन पर रोक जरूरी- सोरेन</strong><br />सोरेन ने बांगलादेशी घुसपैठियों पर आरोप लगाते हुए कहा, “बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पाकुड़, साहिबगंज और दुमका जैसे जिलों में हमारी जमीनों पर कब्जा कर लिया है. वे हमारी बेटियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं या धमकाकर उनसे शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इसे रोकना जरूरी है.” उन्होंने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चंपाई सोरेन ने आदिवासी आंदोलनों के महान नेता जैसे बाबा तिलका मझी, सिद्धो-कन्हो, बिरसा मुंडा और ताना भगत के योगदान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “इन महान नेताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, और हम उनके मार्ग पर चलकर अपने अस्तित्व और आत्मसम्मान के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समाज की पहचान और संस्कृति को बचाने के लिए इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में आदिवासी और स्थानीय मुद्दों को लेकर गहमागहमी बढ़ी हुई है. सोरेन ने लोगों से अपील की कि वे इस आंदोलन में भाग लें और इसे सफल बनाएं, ताकि राज्य की भूमि और संस्कृति को बाहरी ताकतों से बचाया जा सके.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ranchi News:</strong> झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने शुक्रवार (25 अप्रैल) को राज्य में आदिवासियों के धार्मिक रूपांतरण और बांगलादेशी घुसपैठ के खिलाफ एक ‘निर्णायक आंदोलन’ शुरू करने की घोषणा की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह अभियान ‘हूल दिवस’ (क्रांति दिवस) के अवसर पर 30 जून को संथाल परगना से शुरू किया जाएगा, सोरेन ने यहां पत्रकारों से कहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बांगलादेशी घुसपैठ के खिलाफ शुरू करेंगे आंदोलन- सोरेन</strong><br />चंपाई सोरेन ने कहा कि यह आंदोलन आदिवासी और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में, साथ ही हजारों समुदाय के सदस्यों के बीच शुरू किया जाएगा. वह सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं. उन्होंने कहा, “हम आदिवासियों के धार्मिक रूपांतरण और बांगलादेशी घुसपैठ के खिलाफ निर्णायक आंदोलन शुरू करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीनों पर कब्जा और धर्म परिवर्तन पर रोक जरूरी- सोरेन</strong><br />सोरेन ने बांगलादेशी घुसपैठियों पर आरोप लगाते हुए कहा, “बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पाकुड़, साहिबगंज और दुमका जैसे जिलों में हमारी जमीनों पर कब्जा कर लिया है. वे हमारी बेटियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं या धमकाकर उनसे शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इसे रोकना जरूरी है.” उन्होंने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चंपाई सोरेन ने आदिवासी आंदोलनों के महान नेता जैसे बाबा तिलका मझी, सिद्धो-कन्हो, बिरसा मुंडा और ताना भगत के योगदान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “इन महान नेताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, और हम उनके मार्ग पर चलकर अपने अस्तित्व और आत्मसम्मान के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समाज की पहचान और संस्कृति को बचाने के लिए इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में आदिवासी और स्थानीय मुद्दों को लेकर गहमागहमी बढ़ी हुई है. सोरेन ने लोगों से अपील की कि वे इस आंदोलन में भाग लें और इसे सफल बनाएं, ताकि राज्य की भूमि और संस्कृति को बाहरी ताकतों से बचाया जा सके.</p> झारखंड पहलगाम आतंकी हमले पर बिहार से कड़ा संदेश, मंत्री प्रेम कुमार बोले- ‘गोली से उड़ा दिया जाएगा’
धार्मिक रूपांतरण और बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ चंपाई सोरेन ने भरी हुंकार, करेंगे ‘निर्णायक आंदोलन’
