रामपुर में स्पेशल ब्रांच की रीजनल इंटेलिजेंस यूनिट के एक सिपाही ने अपनी कॉन्स्टेबल बीवी की हत्या कर दी। उसने चाकू से रेत कर पहले अपनी बीवी की गर्दन धड़ से अलग की। फिर उसे इत्मिनान से पॉलीथिन में पैक किया। करीब 30 किमी दूर मुरादाबाद में रामगंगा किनारे फेंक आया। दरअसल, कॉन्स्टेबल को शक था कि पत्नी उसके साथ बेवफाई कर रही है। कॉन्स्टेबल अक्सर अपनी सास से कहता था- आपकी बेटी का अपने गांव के 7वीं फेल मजदूर से अफेयर चल रहा है। वो मेरे समझाने पर भी मान नहीं रही। इसे समझाइए, वरना इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। फिलहाल, रामपुर पुलिस ने रामपुर के महिला थाने में तैनात महिला सिपाही रिंकी सिंह (35) की हत्या में उसके कॉन्स्टेबल पति सोनू सिंह और ननदोई ब्रजपाल उर्फ बंटी को अरेस्ट कर लिया है। आज दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आपको इस कोल्ड ब्लडेड मर्डर की पूरी कहानी बताते हैं। मृतक महिला कॉन्स्टेबल के पिता ने भी दैनिक भास्कर से कहा- इस घटना में जितना कसूर मेरे दामाद का है, उससे कहीं अधिक कसूरवार मेरी बेटी का प्रेमी ओमपाल है। उसे भी जेल भेजना चाहिए। पहले इस कहानी की शुरुआत को समझिए 17 अक्टूबर को मुरादाबाद में मिली थी सिर कटी लाश
मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में पुलिस को कल्याणपुर के जंगल में 17 अक्टूबर की दोपहर एक महिला की सिर कटी लाश झाड़ियों में पड़ी मिली थी। लाश फूल चुकी थी। ऐसा लगता था, जैसे इसे पानी में फेंका गया था। फूलने के बाद डेडबॉडी किनारे झाड़ियों में आकर फंस गई थी। डेडबॉडी पर सिर नहीं था। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो धड़ से करीब 50 मीटर दूर एक पॉलीथिन में लिपटा हुआ महिला का सिर मिला। इसके 100 मीटर दूरी पर एक 7 साल के बच्चे की लाश भी मिली थी। पहले इन्हें मां-बेटे की लाश माना जा रहा था। लेकिन, शनिवार को महिला के शव की पहचान हुई, तो पता चला कि ये लाश रामपुर के महिला थाने की कॉन्स्टेबल रिंकी सिंह की थी। पास में मिली बच्चे की लाश मुरादाबाद के एक बच्चे इजहान अंसारी की निकली। अब पढ़िए कॉन्स्टेबल सोनू सिंह का कबूलनामा हम पड़ोसी थे, हमारी शादी भी रजामंदी से हुई थी
सोनू सिंह ने पुलिस पूछताछ में कहा- बिजनौर में मेरा गांव रायपुर और रिंकी का गांव दरबड़ आसपास है। हमारे गांवों की दूरी बमुश्किल 7 किमी होगी। 2011 में हम दोनों पुलिस कॉन्स्टेबल बने थे। हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। हमारी आपसी रजामंदी और हमारे परिवारों की सहमति से ही 2013 में हमारी शादी हुई थी। हमारे 2 बच्चे हैं। हमारा हंसता-खेलता परिवार था। हम दोनों ने संभल जिले के चंदौसी में लंबे समय तक नौकरी की। हमने वहां अपना मकान भी बना लिया था। करीब 2 साल पहले मेरा ट्रांसफर रामपुर हो गया। एक साल बाद रिंकी भी यहीं महिला थाने में आ गई। चंदौसी का मकान बेचकर हम यहां रामपुर में ही शिफ्ट हाे गए। 7वीं फेल ओमपाल हमारी लव स्टोरी में विलेन बनकर हावी हुआ
कॉन्स्टेबल सोनू ने पुलिस से कहा- अचानक रिंकी के गांव का ओमपाल हमारी लाइफ में विलेन बनकर दाखिल हाे गया। वह 7वीं फेल है, शराबी और आवारा है। पता नहीं रिंकी को उसमें ऐसा क्या नजर आया कि वो उससे लंबी-लंबी बातें करने लगी। फिर वो एक तरह से उसके पूरी तरह से चंगुल में फंस गई थी। पति और बच्चों से ज्यादा वह ओमपाल को तरजीह देने लगी थी। ये बात मुझे शुरू से नागवार गुजरती थी। शुरू में तो मैंने इसे ये सोचकर नजरंदाज किया कि वो उसके मायके का है। लेकिन, कुछ ही वक्त में मुझे महसूस हो गया कि रिंकी और ओमपाल के बीच का रिश्ता मायकेदारी और दोस्ती से कहीं आगे जा चुका है। मैं उसे सालभर से समझा रहा था, लेकिन नहीं मानी
सोनू ने बताया- उसे करीब एक साल पहले पता चल गया था कि उसकी बीवी के मायके के रहने वाले ओमपाल से अवैध संबंध हैं। इसके बाद उसने उसे पटरी पर लाने के लिए कई बार कोशिशें कीं। कई बार उसे समझाया। लेकिन, रिंकी कुछ समझने को तैयार नहीं थी। वो किसी भी सूरत में ओमपाल से दूरी बनाने को राजी नहीं थी। मैं महीनेभर की ट्रेनिंग पर आया तो रिंकी ओमपाल के पास चली गई
सोनू ने बताया- एक महीने तक मेरी मुरादाबाद में एक ट्रेनिंग थी। ट्रेनिंग के लिए मुरादाबाद पुलिस एकेडमी आ गया था। उधर, रिंकी ने भी एक महीने की छुट्टी ले ली। वो ओमपाल से मिलने-जुलने लगी। मैं ट्रेनिंग से लौटा, तो भी मैंने रिंकी को ओमपाल के साथ ही देखा। ये देखकर मेरा खून खौल गया। मैंने तय कर लिया कि अब रिंकी को जिंदा नहीं छोड़ूंगा। ननदोई ने हाथ-पैर पकड़े, मैंने गर्दन रेत दी
पति सोनू कुमार ने पत्नी के कत्ल के बारे में बताया- जब मैंने रिंकी की हत्या करने का मन बना लिया तो अपने बहनोई (बिजनौर के ही गांव जमालुद्दीनपुर निवासी ब्रजपाल उर्फ बंटी) की मदद ली। इसके बाद 14 अक्टूबर की रात रिंकी की हत्या कर दी। रिंकी के ननदोई ब्रजपाल उर्फ बंटी ने उसके हाथ पैर पकड़े और मैंने उसकी गर्दन पर चाकू चला दिया। सिर को धड़ से अलग करने तक मैं चाकू चलाता रहा। इसके बाद सिर को अलग से पॉलीथिन में पैक किया और धड़ को अलग फेंक दिया। कार में डेडबॉडी रखकर रामगंगा में फेंक आए
रिंकी का मर्डर करके उसकी डेडबॉडी को पॉलीथिन में पैक करने के बाद सोनू अपने बहनोई ब्रजपाल उर्फ बंटी के साथ कार से रामपुर से निकल पड़ा। दोनों ने रिंकी की डेडबॉडी को कार की डिग्गी में डाल लिया था। कार पर आगे पुलिस लिखा था, इसलिए सोनू को चेकिंग में पकड़े जाने का डर नहीं था। वो लाश को सही जगह ठिकाने लगाने के बारे में सोचता रहा। पत्नी का कटा सिर फेंका, लेकिन वो नदी की जगह झाड़ियों में फंस गया
मुरादाबाद आने पर नेशनल हाईवे बाईपास पर रामगंगा किनारे कच्चे रास्ते से कार नीचे उतारी। इसके बाद कल्याणपुर के जंगल (देवापुर को जाने वाले रास्ते) के पास डेडबॉडी को डिग्गी से निकालकर रामगंगा में फेंक दिया। लेकिन, जल्दबाजी की वजह से सोनू शव को रामगंगा की धार तक नहीं डाल पाया। उसने पॉलिथीन में पैक सिर को फेंका, लेकिन वो रामगंगा में जाने की जगह उसके किनारे ही झाड़ियों में फंस गया। अंधेरा और जल्दबाजी की वजह से सोनू और ब्रजपाल वहां से जल्दी निकल गए। सोनू ने सोचा था, शव रामगंगा नदी के बहाव में बह जाएगा। उसने सोचा था कि सिर और धड़ अलग-अलग बह जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 3 दिन बाद ही ये डेडबॉडी कटघर पुलिस के हाथ लग गई। मर्डर के बाद 5 दिन कैसे पुलिस को छकाता रहा सोनू, आगे पढ़िए… सास से कहा- बिना बताए रिंकी कहीं चली गई
महिला कॉन्स्टेबल रिंकी की मां हरवती ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 14 अक्टूबर को बेटी को कॉल की तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। कई बार कॉल करने पर भी जब रिंकी से उनकी बात नहीं हुई तो उन्होंने दामाद सोनू कुमार को कॉल की। इस पर सोनू ने बताया कि रिंकी बिना बताए घर छोड़कर कहीं चली गई है। दरअसल, 14 अक्टूबर को पत्नी रिंकी की हत्या करने के बाद सोनू ने अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। दामाद पर शक हुआ, 16 अक्टूबर को रामपुर आए रिंकी के परिजन
रिंकी की मां हरवती ने पुलिस को बताया कि उन्हें दामाद की बातों पर शक था। रिंकी अक्सर उन्हें बताती थी कि अवैध संबंधों के शक में पति उसे टॉर्चर करता है। इसलिए 16 अक्टूबर को वो अपने पति हरचरन सिंह और दूसरे दामाद नाहर सिंह के साथ रामपुर पहुंचीं। यहां उन्हें रिंकी के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। इस बीच 17 अक्टूबर की दोपहर में एक महिला की सिर कटी लाश मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिली थी। 19 अक्टूबर को हरवती अपने परिजनों के साथ इस लाश की पहचान करने पहुंचीं तो उन्होंने शव की पहचान अपनी बेटी रिंकी के रूप में की। हाथ पर बने ओम के निशान से मां ने पहचाना
रिंकी की हत्या उसका गला काटकर की गई थी। शिनाख्त न हो सके, इसलिए उसके चेहरे को भी जला दिया गया था। मां हरवती ने रिंकी के हाथ पर बने ओम के निशान से उसकी शिनाख्त की। दाहिने हाथ की उंगली के नाखून देखकर भी उन्होंने उसे पहचाना। सास के पहचान लेने के बाद पूछताछ में टूटा सोनू
19 अक्टूबर को हरवती ने जैसे ही मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिले शव की पहचान अपनी बेटी और लापता महिला कॉन्स्टेबल रिंकी के रूप में की, रामपुर पुलिस ने तुरंत कॉन्स्टेबल सोनू कुमार को हिरासत में ले लिया। उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। केस के ट्रायल के दौरान शव की पहचान को लेकर कोई सवाल खड़ा न हो, इसके लिए पुलिस रिंकी के शव का DNA टेस्ट भी कराएगी। रिंकी के शव के DNA का उसके परिजनों के DNA से मिलान कराया जाएगा। – रणविजय सिंह, SP सिटी 2 दिन पुलिस कस्टडी में रहा महिला कॉन्स्टेबल का प्रेमी
महिला सिपाही की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद रामपुर पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश में जुटी थी। लेकिन, काफी कोशिशों के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग रहा था। दूसरी तरफ रिंकी का पति सोनू कुमार रूटीन में अपनी ड्यूटी पर जा रहा था। वो पुलिस के सामने पूरी तरह अनजान होने का नाटक कर रहा था। ऐसे में रिंकी के मायके वालों को भी लगा कि उनकी बेटी के गायब होने के पीछे उनका दामाद सोनू नहीं, बल्कि उनकी बेटी का प्रेमी ओमपाल है। उन्होंने पुलिस से ओमपाल से पूछताछ करने को कहा। इसके बाद पुलिस ने ओमपाल को उठा लिया और करीब 2 दिन तक उससे पूछताछ करती रही। सबसे पहले ओमपाल ने ही की रिंकी की पहचान
जब पुलिस ने पहचान कराने की कोशिश की तो सोनू ने मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिली डेडबॉडी की पहचान करने से इनकार कर दिया था। उसने पुलिस से कहा था कि ये डेडबॉडी उसकी पत्नी रिंकी की नहीं है। इसके बाद पुलिस ने अपनी कस्टडी में मौजूद ओमपाल को डेडबॉडी और तस्वीरें दिखाईं। जिसे देख ओमपाल ने तुरंत उसकी शिनाख्त रिंकी के रूप में कर ली। रिंकी के हाथ की एक उंगली में मिली अंगूठी, नाखून और हाथ पर बने ओम से उसने तुरंत उसे पहचान लिया। इसके बाद रिंकी के माता-पिता को बुलाकर डेडबॉडी दिखाई गई तो उन्होंने भी उसकी शिनाख्त रिंकी के रूप में की। रिंकी के पिता हरचरन सिंह ने क्या कहा, पढ़िए- दामाद से ज्यादा गलती ओमपाल की, उसे जेल भेजे पुलिस
रिंकी के पिता हरचरन सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरा दामाद सोनू देखने में ओमपाल से कहीं बेहतर है। फिर भी पता नहीं मेरी बेटी पर क्या भूत सवार हुआ था। हमें तो एक साल पहले ही दोनों के रिश्ते के बारे में पता चला। ओमपाल शराबी है और दबंग, आवारा किस्म का है। वो मेरी बेटी को परेशान करता था। हमने कई बार उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन रिंकी ही उसके पक्ष में खड़ी हो जाती थी तो हम भला क्या करते। ये जो भी कुछ हुआ है, उसमें जितना कसूर मेरे दामाद का है, उससे कहीं अधिक कसूर उस ओमपाल का है, जिसने मेरी बेटी की हंसती-खेलती दुनिया उजाड़ दी। मैं चाहता हूं कि पुलिस ओमपाल को भी जेल भेजे। लेकिन, हमने सुना है कि उसे छोड़ा जा रहा है। हमने शिकायत में उसका भी नाम लिखा था। लेकिन, अब रिपोर्ट में बदलवाकर उसे एक परिचित कहकर लिख दिया गया है। हरचरन सिंह ने कहा- रिंकी मेरी सबसे छोटी बेटी थी। वो सभी की लाडली थी। मेरे चार बच्चे हैं। बड़ा बेटा अशोक कुमार सिंचाई विभाग में है। छोटा नरेंद्र गांव में ही शिक्षामित्र है। दूसरी बेटी निर्मला का पति भी फोर्थ क्लास में कर्मचारी है। ——————– ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में प्रेमिका का गला काटकर थाने पहुंचा प्रेमी: बोला- उसका अफेयर था, लाश होटल के कमरे में है कानपुर के एक होटल में प्रेमी ने प्रेमिका को गला रेत कर मार डाला। इसके बाद वह मौके से 10 किलोमीटर दूर गोविंदनगर थाने पहुंचा। वहां सरेंडर कर दिया। उसने पुलिस से कहा- मैंने अपनी प्रेमिका का मर्डर कर दिया है। उसकी लाश कराची खाना के होटल गगन सागर के रूम नंबर 402 में पड़ी है। इसके बाद गोविंदनगर पुलिस ने होटल स्टाफ को खबर दी। साथ ही फीलखाना थाना पुलिस को भी सूचना दी। इसके बाद शनिवार शाम वेटर रूम पर पहुंचा। वह दरवाजा खोलकर अंदर गया, तो वहां युवती का खून से लथपथ शव पड़ा था। पढ़ें पूरी खबर… रामपुर में स्पेशल ब्रांच की रीजनल इंटेलिजेंस यूनिट के एक सिपाही ने अपनी कॉन्स्टेबल बीवी की हत्या कर दी। उसने चाकू से रेत कर पहले अपनी बीवी की गर्दन धड़ से अलग की। फिर उसे इत्मिनान से पॉलीथिन में पैक किया। करीब 30 किमी दूर मुरादाबाद में रामगंगा किनारे फेंक आया। दरअसल, कॉन्स्टेबल को शक था कि पत्नी उसके साथ बेवफाई कर रही है। कॉन्स्टेबल अक्सर अपनी सास से कहता था- आपकी बेटी का अपने गांव के 7वीं फेल मजदूर से अफेयर चल रहा है। वो मेरे समझाने पर भी मान नहीं रही। इसे समझाइए, वरना इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। फिलहाल, रामपुर पुलिस ने रामपुर के महिला थाने में तैनात महिला सिपाही रिंकी सिंह (35) की हत्या में उसके कॉन्स्टेबल पति सोनू सिंह और ननदोई ब्रजपाल उर्फ बंटी को अरेस्ट कर लिया है। आज दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आपको इस कोल्ड ब्लडेड मर्डर की पूरी कहानी बताते हैं। मृतक महिला कॉन्स्टेबल के पिता ने भी दैनिक भास्कर से कहा- इस घटना में जितना कसूर मेरे दामाद का है, उससे कहीं अधिक कसूरवार मेरी बेटी का प्रेमी ओमपाल है। उसे भी जेल भेजना चाहिए। पहले इस कहानी की शुरुआत को समझिए 17 अक्टूबर को मुरादाबाद में मिली थी सिर कटी लाश
मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में पुलिस को कल्याणपुर के जंगल में 17 अक्टूबर की दोपहर एक महिला की सिर कटी लाश झाड़ियों में पड़ी मिली थी। लाश फूल चुकी थी। ऐसा लगता था, जैसे इसे पानी में फेंका गया था। फूलने के बाद डेडबॉडी किनारे झाड़ियों में आकर फंस गई थी। डेडबॉडी पर सिर नहीं था। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो धड़ से करीब 50 मीटर दूर एक पॉलीथिन में लिपटा हुआ महिला का सिर मिला। इसके 100 मीटर दूरी पर एक 7 साल के बच्चे की लाश भी मिली थी। पहले इन्हें मां-बेटे की लाश माना जा रहा था। लेकिन, शनिवार को महिला के शव की पहचान हुई, तो पता चला कि ये लाश रामपुर के महिला थाने की कॉन्स्टेबल रिंकी सिंह की थी। पास में मिली बच्चे की लाश मुरादाबाद के एक बच्चे इजहान अंसारी की निकली। अब पढ़िए कॉन्स्टेबल सोनू सिंह का कबूलनामा हम पड़ोसी थे, हमारी शादी भी रजामंदी से हुई थी
सोनू सिंह ने पुलिस पूछताछ में कहा- बिजनौर में मेरा गांव रायपुर और रिंकी का गांव दरबड़ आसपास है। हमारे गांवों की दूरी बमुश्किल 7 किमी होगी। 2011 में हम दोनों पुलिस कॉन्स्टेबल बने थे। हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। हमारी आपसी रजामंदी और हमारे परिवारों की सहमति से ही 2013 में हमारी शादी हुई थी। हमारे 2 बच्चे हैं। हमारा हंसता-खेलता परिवार था। हम दोनों ने संभल जिले के चंदौसी में लंबे समय तक नौकरी की। हमने वहां अपना मकान भी बना लिया था। करीब 2 साल पहले मेरा ट्रांसफर रामपुर हो गया। एक साल बाद रिंकी भी यहीं महिला थाने में आ गई। चंदौसी का मकान बेचकर हम यहां रामपुर में ही शिफ्ट हाे गए। 7वीं फेल ओमपाल हमारी लव स्टोरी में विलेन बनकर हावी हुआ
कॉन्स्टेबल सोनू ने पुलिस से कहा- अचानक रिंकी के गांव का ओमपाल हमारी लाइफ में विलेन बनकर दाखिल हाे गया। वह 7वीं फेल है, शराबी और आवारा है। पता नहीं रिंकी को उसमें ऐसा क्या नजर आया कि वो उससे लंबी-लंबी बातें करने लगी। फिर वो एक तरह से उसके पूरी तरह से चंगुल में फंस गई थी। पति और बच्चों से ज्यादा वह ओमपाल को तरजीह देने लगी थी। ये बात मुझे शुरू से नागवार गुजरती थी। शुरू में तो मैंने इसे ये सोचकर नजरंदाज किया कि वो उसके मायके का है। लेकिन, कुछ ही वक्त में मुझे महसूस हो गया कि रिंकी और ओमपाल के बीच का रिश्ता मायकेदारी और दोस्ती से कहीं आगे जा चुका है। मैं उसे सालभर से समझा रहा था, लेकिन नहीं मानी
सोनू ने बताया- उसे करीब एक साल पहले पता चल गया था कि उसकी बीवी के मायके के रहने वाले ओमपाल से अवैध संबंध हैं। इसके बाद उसने उसे पटरी पर लाने के लिए कई बार कोशिशें कीं। कई बार उसे समझाया। लेकिन, रिंकी कुछ समझने को तैयार नहीं थी। वो किसी भी सूरत में ओमपाल से दूरी बनाने को राजी नहीं थी। मैं महीनेभर की ट्रेनिंग पर आया तो रिंकी ओमपाल के पास चली गई
सोनू ने बताया- एक महीने तक मेरी मुरादाबाद में एक ट्रेनिंग थी। ट्रेनिंग के लिए मुरादाबाद पुलिस एकेडमी आ गया था। उधर, रिंकी ने भी एक महीने की छुट्टी ले ली। वो ओमपाल से मिलने-जुलने लगी। मैं ट्रेनिंग से लौटा, तो भी मैंने रिंकी को ओमपाल के साथ ही देखा। ये देखकर मेरा खून खौल गया। मैंने तय कर लिया कि अब रिंकी को जिंदा नहीं छोड़ूंगा। ननदोई ने हाथ-पैर पकड़े, मैंने गर्दन रेत दी
पति सोनू कुमार ने पत्नी के कत्ल के बारे में बताया- जब मैंने रिंकी की हत्या करने का मन बना लिया तो अपने बहनोई (बिजनौर के ही गांव जमालुद्दीनपुर निवासी ब्रजपाल उर्फ बंटी) की मदद ली। इसके बाद 14 अक्टूबर की रात रिंकी की हत्या कर दी। रिंकी के ननदोई ब्रजपाल उर्फ बंटी ने उसके हाथ पैर पकड़े और मैंने उसकी गर्दन पर चाकू चला दिया। सिर को धड़ से अलग करने तक मैं चाकू चलाता रहा। इसके बाद सिर को अलग से पॉलीथिन में पैक किया और धड़ को अलग फेंक दिया। कार में डेडबॉडी रखकर रामगंगा में फेंक आए
रिंकी का मर्डर करके उसकी डेडबॉडी को पॉलीथिन में पैक करने के बाद सोनू अपने बहनोई ब्रजपाल उर्फ बंटी के साथ कार से रामपुर से निकल पड़ा। दोनों ने रिंकी की डेडबॉडी को कार की डिग्गी में डाल लिया था। कार पर आगे पुलिस लिखा था, इसलिए सोनू को चेकिंग में पकड़े जाने का डर नहीं था। वो लाश को सही जगह ठिकाने लगाने के बारे में सोचता रहा। पत्नी का कटा सिर फेंका, लेकिन वो नदी की जगह झाड़ियों में फंस गया
मुरादाबाद आने पर नेशनल हाईवे बाईपास पर रामगंगा किनारे कच्चे रास्ते से कार नीचे उतारी। इसके बाद कल्याणपुर के जंगल (देवापुर को जाने वाले रास्ते) के पास डेडबॉडी को डिग्गी से निकालकर रामगंगा में फेंक दिया। लेकिन, जल्दबाजी की वजह से सोनू शव को रामगंगा की धार तक नहीं डाल पाया। उसने पॉलिथीन में पैक सिर को फेंका, लेकिन वो रामगंगा में जाने की जगह उसके किनारे ही झाड़ियों में फंस गया। अंधेरा और जल्दबाजी की वजह से सोनू और ब्रजपाल वहां से जल्दी निकल गए। सोनू ने सोचा था, शव रामगंगा नदी के बहाव में बह जाएगा। उसने सोचा था कि सिर और धड़ अलग-अलग बह जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 3 दिन बाद ही ये डेडबॉडी कटघर पुलिस के हाथ लग गई। मर्डर के बाद 5 दिन कैसे पुलिस को छकाता रहा सोनू, आगे पढ़िए… सास से कहा- बिना बताए रिंकी कहीं चली गई
महिला कॉन्स्टेबल रिंकी की मां हरवती ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 14 अक्टूबर को बेटी को कॉल की तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। कई बार कॉल करने पर भी जब रिंकी से उनकी बात नहीं हुई तो उन्होंने दामाद सोनू कुमार को कॉल की। इस पर सोनू ने बताया कि रिंकी बिना बताए घर छोड़कर कहीं चली गई है। दरअसल, 14 अक्टूबर को पत्नी रिंकी की हत्या करने के बाद सोनू ने अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। दामाद पर शक हुआ, 16 अक्टूबर को रामपुर आए रिंकी के परिजन
रिंकी की मां हरवती ने पुलिस को बताया कि उन्हें दामाद की बातों पर शक था। रिंकी अक्सर उन्हें बताती थी कि अवैध संबंधों के शक में पति उसे टॉर्चर करता है। इसलिए 16 अक्टूबर को वो अपने पति हरचरन सिंह और दूसरे दामाद नाहर सिंह के साथ रामपुर पहुंचीं। यहां उन्हें रिंकी के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। इस बीच 17 अक्टूबर की दोपहर में एक महिला की सिर कटी लाश मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिली थी। 19 अक्टूबर को हरवती अपने परिजनों के साथ इस लाश की पहचान करने पहुंचीं तो उन्होंने शव की पहचान अपनी बेटी रिंकी के रूप में की। हाथ पर बने ओम के निशान से मां ने पहचाना
रिंकी की हत्या उसका गला काटकर की गई थी। शिनाख्त न हो सके, इसलिए उसके चेहरे को भी जला दिया गया था। मां हरवती ने रिंकी के हाथ पर बने ओम के निशान से उसकी शिनाख्त की। दाहिने हाथ की उंगली के नाखून देखकर भी उन्होंने उसे पहचाना। सास के पहचान लेने के बाद पूछताछ में टूटा सोनू
19 अक्टूबर को हरवती ने जैसे ही मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिले शव की पहचान अपनी बेटी और लापता महिला कॉन्स्टेबल रिंकी के रूप में की, रामपुर पुलिस ने तुरंत कॉन्स्टेबल सोनू कुमार को हिरासत में ले लिया। उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। केस के ट्रायल के दौरान शव की पहचान को लेकर कोई सवाल खड़ा न हो, इसके लिए पुलिस रिंकी के शव का DNA टेस्ट भी कराएगी। रिंकी के शव के DNA का उसके परिजनों के DNA से मिलान कराया जाएगा। – रणविजय सिंह, SP सिटी 2 दिन पुलिस कस्टडी में रहा महिला कॉन्स्टेबल का प्रेमी
महिला सिपाही की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद रामपुर पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश में जुटी थी। लेकिन, काफी कोशिशों के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग रहा था। दूसरी तरफ रिंकी का पति सोनू कुमार रूटीन में अपनी ड्यूटी पर जा रहा था। वो पुलिस के सामने पूरी तरह अनजान होने का नाटक कर रहा था। ऐसे में रिंकी के मायके वालों को भी लगा कि उनकी बेटी के गायब होने के पीछे उनका दामाद सोनू नहीं, बल्कि उनकी बेटी का प्रेमी ओमपाल है। उन्होंने पुलिस से ओमपाल से पूछताछ करने को कहा। इसके बाद पुलिस ने ओमपाल को उठा लिया और करीब 2 दिन तक उससे पूछताछ करती रही। सबसे पहले ओमपाल ने ही की रिंकी की पहचान
जब पुलिस ने पहचान कराने की कोशिश की तो सोनू ने मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिली डेडबॉडी की पहचान करने से इनकार कर दिया था। उसने पुलिस से कहा था कि ये डेडबॉडी उसकी पत्नी रिंकी की नहीं है। इसके बाद पुलिस ने अपनी कस्टडी में मौजूद ओमपाल को डेडबॉडी और तस्वीरें दिखाईं। जिसे देख ओमपाल ने तुरंत उसकी शिनाख्त रिंकी के रूप में कर ली। रिंकी के हाथ की एक उंगली में मिली अंगूठी, नाखून और हाथ पर बने ओम से उसने तुरंत उसे पहचान लिया। इसके बाद रिंकी के माता-पिता को बुलाकर डेडबॉडी दिखाई गई तो उन्होंने भी उसकी शिनाख्त रिंकी के रूप में की। रिंकी के पिता हरचरन सिंह ने क्या कहा, पढ़िए- दामाद से ज्यादा गलती ओमपाल की, उसे जेल भेजे पुलिस
रिंकी के पिता हरचरन सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरा दामाद सोनू देखने में ओमपाल से कहीं बेहतर है। फिर भी पता नहीं मेरी बेटी पर क्या भूत सवार हुआ था। हमें तो एक साल पहले ही दोनों के रिश्ते के बारे में पता चला। ओमपाल शराबी है और दबंग, आवारा किस्म का है। वो मेरी बेटी को परेशान करता था। हमने कई बार उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन रिंकी ही उसके पक्ष में खड़ी हो जाती थी तो हम भला क्या करते। ये जो भी कुछ हुआ है, उसमें जितना कसूर मेरे दामाद का है, उससे कहीं अधिक कसूर उस ओमपाल का है, जिसने मेरी बेटी की हंसती-खेलती दुनिया उजाड़ दी। मैं चाहता हूं कि पुलिस ओमपाल को भी जेल भेजे। लेकिन, हमने सुना है कि उसे छोड़ा जा रहा है। हमने शिकायत में उसका भी नाम लिखा था। लेकिन, अब रिपोर्ट में बदलवाकर उसे एक परिचित कहकर लिख दिया गया है। हरचरन सिंह ने कहा- रिंकी मेरी सबसे छोटी बेटी थी। वो सभी की लाडली थी। मेरे चार बच्चे हैं। बड़ा बेटा अशोक कुमार सिंचाई विभाग में है। छोटा नरेंद्र गांव में ही शिक्षामित्र है। दूसरी बेटी निर्मला का पति भी फोर्थ क्लास में कर्मचारी है। ——————– ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में प्रेमिका का गला काटकर थाने पहुंचा प्रेमी: बोला- उसका अफेयर था, लाश होटल के कमरे में है कानपुर के एक होटल में प्रेमी ने प्रेमिका को गला रेत कर मार डाला। इसके बाद वह मौके से 10 किलोमीटर दूर गोविंदनगर थाने पहुंचा। वहां सरेंडर कर दिया। उसने पुलिस से कहा- मैंने अपनी प्रेमिका का मर्डर कर दिया है। उसकी लाश कराची खाना के होटल गगन सागर के रूम नंबर 402 में पड़ी है। इसके बाद गोविंदनगर पुलिस ने होटल स्टाफ को खबर दी। साथ ही फीलखाना थाना पुलिस को भी सूचना दी। इसके बाद शनिवार शाम वेटर रूम पर पहुंचा। वह दरवाजा खोलकर अंदर गया, तो वहां युवती का खून से लथपथ शव पड़ा था। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर