नारनौंद उपमंडल के गांव बडाला के आर्मी जवान की जम्मू एंड कश्मीर में ड्यूटी के दौरान तबियत बिगड़ गई। जिसको इलाज के लिए चंडीगढ़ के कमांड अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। बुधवार को उसके पैतृक गांव बडाला में नायक बिजेंद्र सिंह सलामी देकर अमर सैनिक को गार्ड आफ ओनर दिया गया और राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। ड्यूटी पर हुई थी तबियत खराब प्राप्त जानकारी के अनुसार बडाला निवासी सैनिक नायक बिजेंद्र सिंह 152टीए सिख रेजिमेंट में तैनात था। वह करीब 15 साल पहले फौज में भर्ती हुआ था। वह फिलहाल जम्मू एंड कश्मीर में तैनात था। 17 जून को ड्यूटी के दौरान उसकी अचानक तबीयत खराब होने के कारण सेना हॉस्पिटल चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था। जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। गांव में जवान की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया। गांव में किया गया अंतिम संस्कार बुधवार को नायक बिजेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बडाला में लाया गया। आर्मी जवान के शव को गांव में पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। नायक विजेंद्र सिंह की मां केला देवी पत्नी मुस्कान व 10 साल की बेटी रुतकी करो रो कर बुरा हाल हो गया। गांव में मौजूद सेना के गार्ड, ग्रामीण और आसपास के पूर्व सैनिकों द्वारा नायक बिजेंद्र सिंह अमर रहे के नारों से गुंज उठा। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सेना के ट्रक के द्वारा श्मशान घाट तक ले जाया गया। इस मौके पर इंडियन वेटरन्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा चरण सिंह मलिक, नायब सुबेदार कुलदीप राज, हवलदार रामेहर, सोमबीर, सुखबीर, रामनिवास, संजय सिंह, उमेद सिंह, बिजेंद्र सिंह, अनिल कुमार, नरेंद्र सिंह, समुंदर सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। नारनौंद उपमंडल के गांव बडाला के आर्मी जवान की जम्मू एंड कश्मीर में ड्यूटी के दौरान तबियत बिगड़ गई। जिसको इलाज के लिए चंडीगढ़ के कमांड अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। बुधवार को उसके पैतृक गांव बडाला में नायक बिजेंद्र सिंह सलामी देकर अमर सैनिक को गार्ड आफ ओनर दिया गया और राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। ड्यूटी पर हुई थी तबियत खराब प्राप्त जानकारी के अनुसार बडाला निवासी सैनिक नायक बिजेंद्र सिंह 152टीए सिख रेजिमेंट में तैनात था। वह करीब 15 साल पहले फौज में भर्ती हुआ था। वह फिलहाल जम्मू एंड कश्मीर में तैनात था। 17 जून को ड्यूटी के दौरान उसकी अचानक तबीयत खराब होने के कारण सेना हॉस्पिटल चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था। जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। गांव में जवान की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया। गांव में किया गया अंतिम संस्कार बुधवार को नायक बिजेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बडाला में लाया गया। आर्मी जवान के शव को गांव में पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। नायक विजेंद्र सिंह की मां केला देवी पत्नी मुस्कान व 10 साल की बेटी रुतकी करो रो कर बुरा हाल हो गया। गांव में मौजूद सेना के गार्ड, ग्रामीण और आसपास के पूर्व सैनिकों द्वारा नायक बिजेंद्र सिंह अमर रहे के नारों से गुंज उठा। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सेना के ट्रक के द्वारा श्मशान घाट तक ले जाया गया। इस मौके पर इंडियन वेटरन्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा चरण सिंह मलिक, नायब सुबेदार कुलदीप राज, हवलदार रामेहर, सोमबीर, सुखबीर, रामनिवास, संजय सिंह, उमेद सिंह, बिजेंद्र सिंह, अनिल कुमार, नरेंद्र सिंह, समुंदर सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं हरियाणा के भिवानी जिले की पंचायत गुजरानी ने अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा पहन के सरेआम घुमने पर रोक लगा दी है। अगर कोई युवा कच्छा पहन कर घुमता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। गांव गुजरानी की जिस ग्राम पंचायत ने यह आदेश दिया है, उसकी सरपंच महिला है। महिला सरपंच रेणु के प्रतिनिधि ससुर सुरेश सारा काम काज देखते हैं। सुरेश कुमार का कहना है कि गांव के युवा अक्सर गलियों में कच्छा पहन कर घूमते हैं, जिससे बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है।
गांव में अगर कोई पंचायत के आदेश की अवहेलना करता है तो पहले उसके घर जाकर उसके माता-पिता से बात की जाएगी। अगर फिर भी कोई व्यक्ति नहीं मानता है तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी और उसे जुर्माना लगाएगी। गांव में सरपंच के आदेश की मुनादी चौकीदार से करवा दी गई है। मुनादी में कहा गया है कि कोई भी नौजवान लड़का जो कच्छे में घूमेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद गुजरानी गांव में युवाओं ने कच्छा पहनकर घूमना बंद कर दिया है। पानी के नल और बैंक में जाकर खड़े हो जाते थे युवा
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कहा कि घर में नौजवान युवक जैसे भी रहे मगर जब वह दूसरों के घर या मोहल्ले में जाए तो अदब के साथ जाएं। अगर कोई सार्वजनिक जगह यानी गांव के नल और बैंक में कच्छा पहनकर घूमता तो वह सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता। ऐसे में महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है। इसलिए पंचायत को यह आदेश पारित करना पड़ा। इस आदेश के बाद दूसरी पंचायतों को भी फोन आने लगे हैं और वह अपने यहां भी इस आदेश को लागू करने की बात कह रहे हैं। महिला सरपंच के घर कच्छे में आ जाते थे लोग
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश ने बताया कि उनको तब ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होने लगी जब लोग कच्छे में ही कागज पर मोहर लगवाने आ जाते थे। सरपंच मेरी पुत्रवधू हैं और वह 35 साल की है। ऐसे में लोगों को अदब के साथ आना चाहिए। घर में बहन-बेटियां सबके है। इसलिए यह आदेश सुनाना पड़ा। इसमें हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक
सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि गांव में कच्छा ही नहीं घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक है। युवाओं को अगर निक्कर पहननी है तो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहननी होगी। सरपंच के आदेश की पूरे गांव ही नहीं आसपास के गांवों में भी चर्चा बनी हुई है। सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि इस आदेश को पूरी तरह से लागू तभी किया जा पाएगा जब लोग साथ देंगे। इससे गांव दूसरों के लिए मिसाल बनेगा। कच्छा पहनकर घूमना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। गांव गुजरानी की 7 हजार आबादी
आपको बता दें कि गांव गुजरानी की आबादी करीब 7 हजार है। यहां करीब 1300 घर हैं। गांव में बैंक से लेकर स्कूल तक हैं। सुरेश कुमार का परिवार पहली बार पंचायत चुनाव जीता था। सुरेश कुमार की पुत्रवधु रेणु गांव की सरपंच है। रेणु के पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। परिवार में पत्नी पतासो देवी, लड़का विजय कुमार उसकी पत्नी सरिता, 3 पोते और 2 पोतियां हैं।
हरियाणा BJP के 5 उम्मीदवारों का विरोध, काले झंडे दिखाए:कैंडिडेट समर्थकों-लोगों में धक्कामुक्की, ग्रामीण बोले- 10 साल में क्या किया जो वोट दें
हरियाणा BJP के 5 उम्मीदवारों का विरोध, काले झंडे दिखाए:कैंडिडेट समर्थकों-लोगों में धक्कामुक्की, ग्रामीण बोले- 10 साल में क्या किया जो वोट दें हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा प्रत्याशियों का विरोध जारी है। गुरुवार को प्रचार करने गए 5 प्रत्याशियों और 1 नेता को विरोध झेलना पड़ा। इसमें जींद की नरवाना सीट से प्रत्याशी कृष्ण बेदी, महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी से अभय सिंह यादव, फतेहाबाद के रतिया से सुनीता दुग्गला व टोहाना से देवेंद्र बबली, झज्जर से कप्तान बिरधाना और रेवाड़ी के अटेली से पूर्व विधायक सीता राम यादव शामिल हैं। इस दौरान प्रत्याशियों को काले झंडे दिखाए गए। नरवाना में तो प्रत्याशी के समर्थकों और लोगों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। लोगों ने प्रत्याशियों से सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि विकास करवाया नहीं, वोट मांगने कैसे आ गए। अब विस्तार से नेताओं के विरोध के बारे में पढ़िए… 1. कृष्ण बेदी के कार्यक्रम में बवाल
नरवाना से उम्मीदवार कृष्ण बेदी गुरुवार को चुनाव प्रचार के लिए गांव कर्मगढ़ गए थे। इस दौरान यहां मौजूद लोगों ने उनसे सवाल किए ओर जवाब मांगा। लोगों ने भाजपा प्रत्याशी से कहा कि किसान आंदोलन में उनके समर्थन में उन्होंने कोई बात क्यों नहीं की। पार्टी से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। आप 10 साल से सरकार में थे। किसान आंदोलन के दौरान किसानों को लाठियां मारने का कार्य किया। इसी बीच वहां पार्टी कार्यकर्ताओं और गांव के लोगों के बीच धक्कामुक्की हो गई। इस दौरान कृष्ण बेदी को गांव के लोगों द्वारा काले झंडे भी दिखाए गए। गौरतलब है कि इससे पहले भिखेवाला गांव में भी भाजपा प्रत्याशी कृष्ण बेदी का विरोध हुआ था। 2. युवक ने अभय सिंह यादव से पूछे सवाल
नांगल चौधरी विधानसभा से प्रत्याशी अभय सिंह यादव का अहीर बाहुल्य कोरियावास गांव में विरोध हुआ। यहां कुछ युवाओं ने उनसे सवाल पूछे। युवक प्रदीप ने कहा कि आपने किया क्या है, फिर वोट क्यों दें। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भर्तियों को रोक कर बैठ गए। जिसके कारण युवा परेशान हैं। युवक ने कहा कि आज से 10 साल पहले भी जिला महेंद्रगढ़ के वही हालत थे तथा आज भी वही हालत हैं । 10 साल में जिला महेंद्रगढ़ की सूरत नहीं बदली। युवक ने करीब 3 मिनट तक सवाल जवाब किए। 3 मिनट बाद विधायक अभय सिंह अपनी सीट से उठे और जवाब देने के लिए युवक से माइक लेना चाहा, लेकिन युवक ने माइक नहीं दिया। इसके बाद कई ग्रामीण उठे। उन्होंने युवक से माइक छीन लिया। इसके बाद युवक को सभा से बाहर कर दिया। 3. रतिया में सुनीता दुग्गल का विरोध, किसानों ने की नारेबाजी
फतेहाबाद के रतिया से भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। सुनीता दुग्गल गांव भूथन कलां पहुंची थी। किसान नेता छैलू राम ढाका व अन्य किसान पहले से ही उनका विरोध करने के लिए गांव में तैयार बैठे थे। जैसे ही सुनीता दुग्गल गांव के चौक में सभा को संबोधित करने लगी तो किसान इकट्ठे होकर सभा में पहुंच गए। उन्होंने दुग्गल से गांव के किसानों से संबंधित समस्याओं को उठाना शुरू कर दिया। इसके बाद नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने मामले को शांत करवाया। 4. बबली की जनसभा में किसानों का हंगामा
टोहाना विधानसभा के गांव चंद्रावल में भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली की जनसभा में किसानों ने जमकर हंगामा किया। किसानों ने गांव की समस्याओं और पुरानी मांगों को लेकर वहां हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा होते देख देवेंद्र बबली ने किसानों को माइक भिजवाया तो उन्होंने खरी-खोटी सुनानी शुरू कर दी। जिसके बाद सभा को वहीं बंद कर बबली आगे रवाना हो गए। 5. अटेली में पूर्व विधायक सीता राम को ग्रामीणों ने घेरा
अटेली विधानसभा में पड़ने वाले गांव स्याणा में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी एवं भाजपा प्रत्याशी आरती राव का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में अटेली के पूर्व विधायक सीता राम भी गए थे। सीता राम को ग्रामीणों ने घेर लिया और उनसे सवाल करने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि आज आप वोट कैसे मांगने आ गए। 5 साल तक आप कहां थे और गांव में आपने कितने विकास कार्य करवाए हैं।
हरियाणा में परिवार ने कार में निगला जहर:मां-बेटे की मौत, 2 की हालत गंभीर; सुसाइड नोट में पुलिसकर्मी के बेटे का नाम लिखा
हरियाणा में परिवार ने कार में निगला जहर:मां-बेटे की मौत, 2 की हालत गंभीर; सुसाइड नोट में पुलिसकर्मी के बेटे का नाम लिखा हरियाणा के नारनौल में एक दंपती ने अपने दोनों बच्चों को जहर देकर खुद भी निगल लिया। मां और एक बेटे की मौत हो गई। पिता और दूसरे बेटे की हालत गंभीर है। इन्हें रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है। दंपती ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमें फाइनेंसर के परेशान करने पर ऐसा कदम उठाने की बात कही गई है। इस लिस्ट में एक नारनौल में कार्यरत पुलिसकर्मी का बेटा भी शामिल है। सुसाइड नोट में लिखा है कि “हमने पैसे उधार लिए थे जो हम चुका नहीं पाए। ये लोग हमें समय नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते हम आत्महत्या कर रहे हैं। हमारी मौत के लिए अक्षय और सोमबीर जिम्मेदार हैं। सोमबीर के पिता पुलिस में हैं।” इसके अलावा सुसाइड नोट में 2 मोबाइल नंबर भी लिखे हैं। मोबाइल से परिवार की पहचान
दरअसल, शहर के मोहल्ला गुरु नानकपुरा निवासी 48 वर्षीय आशीष की बाजार में दुकान है। रविवार रात 9:30 बजे सूचना मिली कि तुर्कियावास मोड़ के समीप थार गाड़ी में दंपती व 2 बच्चे बेहोशी की हालत में पड़े हैं। अटेली पुलिस ने मौके पर मिले मोबाइल से परिवार की पहचान की। इन्हें अटेली सीएचसी में पहुंचाया गया। परिजनों को घटना की जानकारी दी
यहां डॉक्टरों ने आशीष की पत्नी रूपेंद्र कौर (44) और छोटे बेटे सोनू (15) को मृत घोषित कर दिया। आशीष व बड़े बेटे गगन (19) की हालत गंभीर है। पुलिस ने आशीष के मोबाइल से उनके रिश्तेदारों व परिजनों को घटना की जानकारी दी। परिजन घर पहुंचे तो एक पेज का सुसाइड नोट मिला। पुलिस ने इसे कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। इसमें सामने आया है कि आशीष के पास थार गाड़ी से लेकर महंगी बाइक हैं।