हरियाणा के नारनौल में दिल्ली पुलिस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक विधवा महिला से 8 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी गई शिकायत में राजस्थान के बहरोड के पास गांव मंढान निवासी विधवा महिला सविता देवी ने बताया कि वह महेंद्रगढ़ के पास गांव नांगल कालिया ही रहने वाली है। उसका तिगरा गांव का अजय कुमार जानकार है। एक दिन अजय कुमार ने कहा कि वह उसे दिल्ली पुलिस में नौकरी लगवा देगा। वहां पर उसकी अच्छी जान पहचान है, परंतु कुछ खर्चा लगेगा। महिला ने बताया कि उसने अजय कुमार को पैसे देकर नौकरी लगने से मना किया, लेकिन अजय कुमार ने दिल्ली पुलिस के बड़े-बड़े सपने दिखाकर अपनी बातों में फंसा लिया और पैसों की ठगी करनी शुरू कर दी। इसके तहत उसने एक बार उससे 4 लाख रुपए नगद मंगवा लिए। वे पैसे उसने तथा उसके भाई सुनील ने मिलकर उसको तिगरा गांव में जाकर दिए। लेकिन इसके बाद फिर वह चार लाख रुपए की मांग करने लगा। तब उन्होंने अपने खाते से पैसे निकालकर उसके खाते में दोबारा चार लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद अजय कुमार ने फिर उनसे 7 लाख रुपए की मांग की। साथ कहा कि अब वह उनको कल ही नौकरी लगवा देगा, लेकिन जब अजय कुमार को पैसे देने से मना कर दिया तब उसने कहा कि नौकरी ऐसे ही नहीं मिलती। कल 15 लाख लगेंगे। फिर उसने अजय को नौकरी लगने से ही मना कर दिया तथा अपने पैसे वापस करने को कहा, लेकिन इसके बाद अजय कुमार ने उसके पैसे वापस नहीं दिए तथा उसको धमकी देता रहा। हरियाणा के नारनौल में दिल्ली पुलिस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक विधवा महिला से 8 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी गई शिकायत में राजस्थान के बहरोड के पास गांव मंढान निवासी विधवा महिला सविता देवी ने बताया कि वह महेंद्रगढ़ के पास गांव नांगल कालिया ही रहने वाली है। उसका तिगरा गांव का अजय कुमार जानकार है। एक दिन अजय कुमार ने कहा कि वह उसे दिल्ली पुलिस में नौकरी लगवा देगा। वहां पर उसकी अच्छी जान पहचान है, परंतु कुछ खर्चा लगेगा। महिला ने बताया कि उसने अजय कुमार को पैसे देकर नौकरी लगने से मना किया, लेकिन अजय कुमार ने दिल्ली पुलिस के बड़े-बड़े सपने दिखाकर अपनी बातों में फंसा लिया और पैसों की ठगी करनी शुरू कर दी। इसके तहत उसने एक बार उससे 4 लाख रुपए नगद मंगवा लिए। वे पैसे उसने तथा उसके भाई सुनील ने मिलकर उसको तिगरा गांव में जाकर दिए। लेकिन इसके बाद फिर वह चार लाख रुपए की मांग करने लगा। तब उन्होंने अपने खाते से पैसे निकालकर उसके खाते में दोबारा चार लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद अजय कुमार ने फिर उनसे 7 लाख रुपए की मांग की। साथ कहा कि अब वह उनको कल ही नौकरी लगवा देगा, लेकिन जब अजय कुमार को पैसे देने से मना कर दिया तब उसने कहा कि नौकरी ऐसे ही नहीं मिलती। कल 15 लाख लगेंगे। फिर उसने अजय को नौकरी लगने से ही मना कर दिया तथा अपने पैसे वापस करने को कहा, लेकिन इसके बाद अजय कुमार ने उसके पैसे वापस नहीं दिए तथा उसको धमकी देता रहा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बिल न चुका सका तो बच्ची गोद देने लगा:हरियाणा के प्राइवेट अस्पताल को देने थे 50 हजार, मैसेज वायरल हुआ तो पिता समेत 2 पर FIR हरियाणा के सोनीपत में 11 दिन की एक नवजात बच्ची को 50 हजार रुपए लेकर गोद देने का प्रयास किया गया। मामला डीसी डॉ. मनोज कुमार के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने बच्ची के पिता और एक अन्य के खिलाफ सिटी थाने में केस दर्ज किया है। प्रशासन के संज्ञान में आया है कि नवजात को गोद देने के लिए एक मैसेज प्रसारित किया गया। इसमें कहा गया कि बच्ची निजी अस्पताल में है। उसके माता-पिता अस्पताल का 40-50 हजार रुपए का बिल देने में असमर्थ हैं। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली से 24 अक्टूबर को सोनीपत डीसी को एक पत्र मिला था। 24 अक्टूबर की तारीख के पत्र में बताया गया कि सोनीपत के गोहाना से एक व्यक्ति सुशील सहगल द्वारा एक मैसेज प्रसारित किया गया है। इसमें 11 दिन की एक नवजात बच्ची को अवैध रूप से गोद देने की बात कही गई है। इसमें पूरे मामले में जांच कराने को कहा गया। अस्पताल का बिल चुकाने में हैं असमर्थ जांच में सामने आया है कि 11 दिन की नवजात लड़की गोहाना के एक निजी अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल में उसके इलाज का बिल 40 से 50 हजार रुपए हो गया है। बच्ची के माता-पिता इस बिल को चुकाने के काबिल नहीं हैं। इसमें ये भी कहा गया कि अस्पताल का बिल चुकाने में असमर्थता के कारण वे बच्ची को गोद देना चाह रहे हैं। डीसी, जो कि विशेष किशोर पुलिस इकाई के नोडल अधिकारी हैं, ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया। डीसी ने जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU), जिला बाल संरक्षण अधिकारी (DCPO) और जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) को तुंरत अस्पताल का दौरा करने के निर्देश दिए। टीम को पुलिस व सीएमओ के साथ समन्वय करने काे कहा गया। बाद में डीसीपीयू स्टाफ ने पुलिस कर्मियों और सिविल अस्पताल के आरएमओ को लेकर गोहाना के एक निजी अस्पताल का दौरा किया। बच्ची को निरंतर देखभाल और संरक्षण के लिए निजी अस्पताल से रोहतक पीजीआई रेफर किया गया। टीम ने बच्ची को गोद देने के मामले में नवजात के पिता से बात की तो उसने कहा कि वह चाहता था कि बच्ची को गोद दे दिया जाए। आयोग ने मांगी जांच रिपोर्ट
नवजात बच्ची को अवैध तौर पर गोद देने के प्रयास के मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल संरक्षण आयोग ने सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13(1)(जे) के तहत संज्ञान लिया। आयोग ने शिशु की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करके मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आदेश दिए कि बच्ची को गोद देने के लिए मैसेज प्रसारित करने के अवैध कार्य में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। डीसी के पत्र पर 2 के खिलाफ FIR
इसके बाद डीसी डॉ. मनोज कुमार ने सोनीपत के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा। डीसी के पत्र के आधार पर पुलिस ने अब गोहाना सिटी थाने में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 80 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने मैसेज डालने वाले सुशील सहगल व बच्ची को गोद देने की बात करने वाले उसके पिता पर केस दर्ज किया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है। फिलहाल अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।