नैनी जेल में अतीक के बेटे अली पर सख्ती:हाई सिक्योरिटी सेल का मेन गेट बंद, अस्पताल की तरफ नया गेट खुला

नैनी जेल में अतीक के बेटे अली पर सख्ती:हाई सिक्योरिटी सेल का मेन गेट बंद, अस्पताल की तरफ नया गेट खुला

अतीक अहमद के बेटे अली अहमद पर जेल प्रशासन और सख्त हो गया है। प्रयागराज की नैनी जेल में बंद अली अब अपने साथियों और किसी अन्य बंदियों से भी मुलाकात नहीं कर सकेगा। जेल प्रशासन ने हाई सिक्योरिटी बैरक के सामने ही अस्पताल का एक नया गेट खुलवा दिया है। जिससे वह अस्पताल जाते समय सामने वाले घूमकर मेन गेट की तरफ से न जा सके और बंदियों से मुलाकात न कर सके। अली अस्पताल में चेकअप और इलाज करने जाने के बहाने रास्ते में बंदियों से बातचीत करता था। जिसको रोकने के लिए जेल प्रशासन ने जेल की हाई सिक्योरिटी सेल का मुख्य गेट बंद कर जेल अस्पताल के करीब एक गेट खोल दिया है। अली नैनी के सर्किल नंबर 2 की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है
अली अहमद प्रयागराज के केंद्रीय कारागार नैनी के सर्किल नंबर 2 की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। अ जब भी उसे अस्पताल जाना होगा वो सीधा अपनी बैरक से निकलकर अस्पताल पहुंच जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पहले हाई सिक्योरिटी सेल से अस्पताल जाने के लिए एक नंबरदार और ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों के साथ जाता था। उस दौरान ये उनसे सेटिंग कर बंदियों से बातचीत करता था। अन्य बंदियों से करता था मुलाकात
जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में होने के बाद भी वो अस्पताल में अपनी आंख दिखाने और चेकअप कराने के बहाने निकलता था और अन्य बंदियों से मुलाकात करता था। उस दौरान वह किसी भी बात को साझा कर लेता था। इसकी भनक भी जेल प्रशासन को नहीं लगती थी। अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली कि वह अन्य बंदियों के साथ बैठकर बातें करता है तो अली पर पाबंदी लगाने के लिए जेल प्रशासन ने नया प्लान तैयार कर लिया। 2022 से नैनी जेल में है बंद
जेल प्रशासन के इस कदम से अली की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। माफिया अतीक अहमद के दूसरे नंबर के बेटे अली अहमद उमेश पाल हत्याकांड, रंगदारी सहित अन्य मुकदमों में नैनी सेंट्रल जेल की सर्किल नंबर दो की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। जुलाई 2022 से है जेल में बंद
अली अहमद ने 30 जुलाई 2022 को प्रयागराज जिला कोर्ट में सरेंडर किया था। तब से ही वो नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। उमेश पाल और दो सरकारी गनर शूटआउट के समय भी वह जेल में बंद था। पुलिस ने उसे साजिश कर्ता के रूप में आरोपी बनाया था। इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक सेंट्रल जेल नैनी रंग बहादुर ने बताया, जेल में पहले से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। शासन का जो आदेश आता है उसी के अनुसार कार्य किया जाता है। कुछ दिन पहले तन्हाई दूर करने के लिए LED की मांग की थी
अली अहमद ने कुछ दिन पहले डीआईजी जेल से एलईडी टीवी की मांग की थी। जेल में निरीक्षण करने पहुंचे डीआईजी अली की हाई सिक्योरिटी बैरक में हाल जानने पहुंचे थे। जहां अली ने कहा था कि बाहर की दुनिया नहीं देख पा रहा हूं। यहां घुटन होती है। किसी से कोई मुलाकात नहीं होती, एक एलईडी टीवी की व्यवस्था करा दें। तब अली की मांग को डीआईजी ने ठुकरा दिया था। अली हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। उसकी मॉनिटरिंग प्रयागराज और लखनऊ मुख्यालय से की जा रही है। …………………………………………….. ये खबर भी पढ़िए… ‘मस्जिद में जानवर का सिर रखकर भाई को फंसाना था’:आगरा में नजरुद्दीन बोला- मुझे प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं दिया; उपद्रवियों पर FIR मैं अपने पिता और भाइयों को फंसाना चाहता था। ये लोग पूरी संपत्ति पर कब्जा करके बैठे हैं। कारोबार करते हैं और मुझे खर्चे के लिए पिता से रुपए मांगने पड़ते हैं। मैं जानता था कि मस्जिद में जानवर का सिर मस्जिद में रखना अपराध होता है। बवाल हो जाता है। मेरे पिता और भाई फंस जाएं, इसलिए बैग में जानवर के कटे सिर के साथ पिता का पैन कार्ड भी छोड़ आया था। यह कबूलनामा आगरा के नजरुद्दीन का है। नजरुद्दीन ने पुलिस को बताया कि मुझे किसी ने ऐसा करने के लिए नहीं कहा था। पुलिस अभी आरोपी की कहानी पर यकीन नहीं कर रही है। पुलिस का तर्क है कि अगर वह अपने घरवालों को फंसाना चाहता था तो जुमे का दिन ही क्यों चुना? पुलिस हिरासत में लेकर आरोपी नजरुद्दीन से पूछताछ कर रही है। जुमे की नमाज के बाद हंगामा करने वालों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पूरी खबर पढ़िए… अतीक अहमद के बेटे अली अहमद पर जेल प्रशासन और सख्त हो गया है। प्रयागराज की नैनी जेल में बंद अली अब अपने साथियों और किसी अन्य बंदियों से भी मुलाकात नहीं कर सकेगा। जेल प्रशासन ने हाई सिक्योरिटी बैरक के सामने ही अस्पताल का एक नया गेट खुलवा दिया है। जिससे वह अस्पताल जाते समय सामने वाले घूमकर मेन गेट की तरफ से न जा सके और बंदियों से मुलाकात न कर सके। अली अस्पताल में चेकअप और इलाज करने जाने के बहाने रास्ते में बंदियों से बातचीत करता था। जिसको रोकने के लिए जेल प्रशासन ने जेल की हाई सिक्योरिटी सेल का मुख्य गेट बंद कर जेल अस्पताल के करीब एक गेट खोल दिया है। अली नैनी के सर्किल नंबर 2 की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है
अली अहमद प्रयागराज के केंद्रीय कारागार नैनी के सर्किल नंबर 2 की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। अ जब भी उसे अस्पताल जाना होगा वो सीधा अपनी बैरक से निकलकर अस्पताल पहुंच जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पहले हाई सिक्योरिटी सेल से अस्पताल जाने के लिए एक नंबरदार और ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों के साथ जाता था। उस दौरान ये उनसे सेटिंग कर बंदियों से बातचीत करता था। अन्य बंदियों से करता था मुलाकात
जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में होने के बाद भी वो अस्पताल में अपनी आंख दिखाने और चेकअप कराने के बहाने निकलता था और अन्य बंदियों से मुलाकात करता था। उस दौरान वह किसी भी बात को साझा कर लेता था। इसकी भनक भी जेल प्रशासन को नहीं लगती थी। अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली कि वह अन्य बंदियों के साथ बैठकर बातें करता है तो अली पर पाबंदी लगाने के लिए जेल प्रशासन ने नया प्लान तैयार कर लिया। 2022 से नैनी जेल में है बंद
जेल प्रशासन के इस कदम से अली की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। माफिया अतीक अहमद के दूसरे नंबर के बेटे अली अहमद उमेश पाल हत्याकांड, रंगदारी सहित अन्य मुकदमों में नैनी सेंट्रल जेल की सर्किल नंबर दो की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। जुलाई 2022 से है जेल में बंद
अली अहमद ने 30 जुलाई 2022 को प्रयागराज जिला कोर्ट में सरेंडर किया था। तब से ही वो नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। उमेश पाल और दो सरकारी गनर शूटआउट के समय भी वह जेल में बंद था। पुलिस ने उसे साजिश कर्ता के रूप में आरोपी बनाया था। इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक सेंट्रल जेल नैनी रंग बहादुर ने बताया, जेल में पहले से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। शासन का जो आदेश आता है उसी के अनुसार कार्य किया जाता है। कुछ दिन पहले तन्हाई दूर करने के लिए LED की मांग की थी
अली अहमद ने कुछ दिन पहले डीआईजी जेल से एलईडी टीवी की मांग की थी। जेल में निरीक्षण करने पहुंचे डीआईजी अली की हाई सिक्योरिटी बैरक में हाल जानने पहुंचे थे। जहां अली ने कहा था कि बाहर की दुनिया नहीं देख पा रहा हूं। यहां घुटन होती है। किसी से कोई मुलाकात नहीं होती, एक एलईडी टीवी की व्यवस्था करा दें। तब अली की मांग को डीआईजी ने ठुकरा दिया था। अली हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। उसकी मॉनिटरिंग प्रयागराज और लखनऊ मुख्यालय से की जा रही है। …………………………………………….. ये खबर भी पढ़िए… ‘मस्जिद में जानवर का सिर रखकर भाई को फंसाना था’:आगरा में नजरुद्दीन बोला- मुझे प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं दिया; उपद्रवियों पर FIR मैं अपने पिता और भाइयों को फंसाना चाहता था। ये लोग पूरी संपत्ति पर कब्जा करके बैठे हैं। कारोबार करते हैं और मुझे खर्चे के लिए पिता से रुपए मांगने पड़ते हैं। मैं जानता था कि मस्जिद में जानवर का सिर मस्जिद में रखना अपराध होता है। बवाल हो जाता है। मेरे पिता और भाई फंस जाएं, इसलिए बैग में जानवर के कटे सिर के साथ पिता का पैन कार्ड भी छोड़ आया था। यह कबूलनामा आगरा के नजरुद्दीन का है। नजरुद्दीन ने पुलिस को बताया कि मुझे किसी ने ऐसा करने के लिए नहीं कहा था। पुलिस अभी आरोपी की कहानी पर यकीन नहीं कर रही है। पुलिस का तर्क है कि अगर वह अपने घरवालों को फंसाना चाहता था तो जुमे का दिन ही क्यों चुना? पुलिस हिरासत में लेकर आरोपी नजरुद्दीन से पूछताछ कर रही है। जुमे की नमाज के बाद हंगामा करने वालों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पूरी खबर पढ़िए…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर