शाहजहांपुर में पत्नी ने अपने पति की ईंट से कूचकर हत्या कर दी। पति के सीने पर बैठकर उसके सिर को खोलने लगी। दोनों का खाने को लेकर विवाद हुआ था। जिसके बाद पति-पत्नी में हाथापाई होने लगी। तभी गुस्से में पत्नी ने पास पड़ी ईंट को उठाकर पति के सिर पर मार दिया। खून से लथपथ पति नीचे गिर गया। फिर महिला ने ताबड़तोड़ पति के सिर पर वार किए। उसके बाद ऊपर जाकर बैठ गई। इस बीच महिला गुस्से में बोलती रही, आज तेरा भेजा फाड़ दूंगी। महिला बीच-बीच में रोती भी रही। महिला पुलिस से रो-रोकर बोलती रही ये मामला शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र के हथौड़ा गांव का है। मौके पर पहुंची पुलिस से महिला रो-रोकर कुछ बोलती रही और पति के सिर को खोलती रही। बहुत मुश्किल से पुलिस ने महिला को पति से दूर किया है। बताया जा रहा है, महिला मानसिक तौर से बीमार है। उसका आए दिन पति से विवाद होता रहता था। महिला का नाम गायत्री देवी है। पति का नाम सत्यपाल (40) था। दोनों के दो बच्चे भी हैं। सत्यपाल एक स्टेडियम में प्राइवेट जॉब करता था। सत्यपाल की मौत के बाद उसकी मां का बुरा हाल है। गायत्री का ये रूप देखकर कोई भी उसके पास जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। महिला बोली- हमेशा नॉनवेज खाने के लिए बोलता था आरोपी पत्नी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि पति अक्सर मारपीट करता था। हमेशा नाॅनवेज खाने की जिद करता था। आज भी नाॅनवेज खाने के लिए कह रहा था। नहीं बनाया था तो लड़ रहा था। मेरे पास पैसे नहीं थे। तभी आज नॉनवेज नहीं बना पाए। इसी बात पर विवाद हो गया था। पति के परिजनों ने पुलिस को बताया कि महिला काफी पहले से मानसिक रूप से बीमार थी। उसका इलाज चल रहा था। लेकिन इस समय महिला बिल्कुल ठीक थी। खाने को लेकर शुरू हुआ था दोनों में विवाद परिवार के लोगों ने बताया, सत्यपाल रोज की तरह खाना खाने घर आया था लेकिन पत्नी उसे खाना बाहर से लाने की बात कह रही थी। इसी बात पर दोनों का विवाद शुरू हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि चीखने की आवाज मकान के बाहर तक आने लगी। उसके बाद गायत्री ने पति पर ईंटों से हमला कर दिया पुलिस कर रही महिला से पूछताछ पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है। शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि महिला मानसिक रूप से कमजोर है। उसका इलाज भी चल रहा है। एसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि महिला ने पति के सिर पर ईंट से हमला करके उसकी हत्या कर दी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शाहजहांपुर में पत्नी ने अपने पति की ईंट से कूचकर हत्या कर दी। पति के सीने पर बैठकर उसके सिर को खोलने लगी। दोनों का खाने को लेकर विवाद हुआ था। जिसके बाद पति-पत्नी में हाथापाई होने लगी। तभी गुस्से में पत्नी ने पास पड़ी ईंट को उठाकर पति के सिर पर मार दिया। खून से लथपथ पति नीचे गिर गया। फिर महिला ने ताबड़तोड़ पति के सिर पर वार किए। उसके बाद ऊपर जाकर बैठ गई। इस बीच महिला गुस्से में बोलती रही, आज तेरा भेजा फाड़ दूंगी। महिला बीच-बीच में रोती भी रही। महिला पुलिस से रो-रोकर बोलती रही ये मामला शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र के हथौड़ा गांव का है। मौके पर पहुंची पुलिस से महिला रो-रोकर कुछ बोलती रही और पति के सिर को खोलती रही। बहुत मुश्किल से पुलिस ने महिला को पति से दूर किया है। बताया जा रहा है, महिला मानसिक तौर से बीमार है। उसका आए दिन पति से विवाद होता रहता था। महिला का नाम गायत्री देवी है। पति का नाम सत्यपाल (40) था। दोनों के दो बच्चे भी हैं। सत्यपाल एक स्टेडियम में प्राइवेट जॉब करता था। सत्यपाल की मौत के बाद उसकी मां का बुरा हाल है। गायत्री का ये रूप देखकर कोई भी उसके पास जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। महिला बोली- हमेशा नॉनवेज खाने के लिए बोलता था आरोपी पत्नी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि पति अक्सर मारपीट करता था। हमेशा नाॅनवेज खाने की जिद करता था। आज भी नाॅनवेज खाने के लिए कह रहा था। नहीं बनाया था तो लड़ रहा था। मेरे पास पैसे नहीं थे। तभी आज नॉनवेज नहीं बना पाए। इसी बात पर विवाद हो गया था। पति के परिजनों ने पुलिस को बताया कि महिला काफी पहले से मानसिक रूप से बीमार थी। उसका इलाज चल रहा था। लेकिन इस समय महिला बिल्कुल ठीक थी। खाने को लेकर शुरू हुआ था दोनों में विवाद परिवार के लोगों ने बताया, सत्यपाल रोज की तरह खाना खाने घर आया था लेकिन पत्नी उसे खाना बाहर से लाने की बात कह रही थी। इसी बात पर दोनों का विवाद शुरू हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि चीखने की आवाज मकान के बाहर तक आने लगी। उसके बाद गायत्री ने पति पर ईंटों से हमला कर दिया पुलिस कर रही महिला से पूछताछ पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है। शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि महिला मानसिक रूप से कमजोर है। उसका इलाज भी चल रहा है। एसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि महिला ने पति के सिर पर ईंट से हमला करके उसकी हत्या कर दी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक, स्वास्थ्य और रोजगार सहित इन मुद्दों पर लिए गए बड़े फैसले <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में शनिवरा (3 अगस्त) को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक में प्रदेश में मेट्रो रेल परियोजनाओं के विकास संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम, अक्षय और ताप विद्युत परियोजनाओं और विद्युत प्रसारण परियोजनाओं के लिए संयुक्त उपक्रम, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, संस्कृत शिक्षा विभाग में पदनाम परिवर्तन और चिकित्सा शिक्षा विभाग में सुपर स्पेशियलिटी शिक्षकों की कमी दूर करने से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा ने बताया कि मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार केंद्र सरकार और राज्य के बीच संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनी के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. यह संयुक्त उद्यम राजस्थान में वर्तमान में चल रही और भविष्य की मेट्रो रेल परियोजनाओं के विकास, परिचालन और क्रियान्वयन के लिए होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली मेट्रो, कोच्चि मेट्रो, बैंगलुरू मेट्रो, उत्तर प्रदेश मेट्रो, नोएडा मेट्रो, मध्य प्रदेश मेट्रो, नागपुर मेट्रो आदि लगभग सभी राज्यों में भी सफलता पूर्वक जेवी का यही मॉडल अपनाया गया है. मेट्रो रेल नीति-2017 के अनुसार इस जेवी को भारत सरकार से मेट्रो परियोजना लागत में वित्तीय सहयोग (अंश पूंजी और ऋण के रूप में) प्राप्त हो सकेगा. राज्य की मेट्रो परियोजनाओं के लिए तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आरजीएचएस में क्लेम सेटलमेंट में बदलाव</strong><br />राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया कि जिन राज्य कर्मचारी और पेंशनरों ने आरजीएचएस के अलावा निजी मेडिकल इंश्योरेंस भी ले रखा है, उन्हें अब केन्द्र सरकार और सीजीएचएस के प्रावधानों से क्लेम का भुगतान किया जाएगा. पहले क्लेम का सेटलमेंट मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किया जाएगा और इसके बाद बाकी राशि का क्लेम आरजीएचएस के कोटे से सेटल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजस्थान चिकित्सा सेवा (कॉलेज शिक्षा) नियम 1962 के नियम 7 के उपनियम 1 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अंतर्गत राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में 1 अप्रैल 2020 या इसके बाद सुपर स्पेशियलिटी और सब स्पेशियलिटी में नए शुरू होने वाले विभाग में राजस्थान चिकित्सा सेवा (कॉलेज शिक्षा) नियम 1962 के नियम 24 के उपनियम 1 में वर्णित प्रक्रिया के बाद भी आचार्य, सह आचार्य के पद रिक्त रहते हैं तो इन्हें विशेष भर्ती से भरा जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संस्कृत शिक्षा में इतने भर्तियों का रास्ता साफ</strong><br />उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षा अनुदेशक ग्रेड 2 और शारीरिक शिक्षा अनुदेशक ग्रेड 3 का पदनाम अब शिक्षा विभाग की तर्ज पर वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक और शारीरिक शिक्षा अध्यापक किया गया. संस्कृत शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षा अध्यापक और लाइब्रेरियन ग्रेड 3 की योग्यता शिक्षा विभाग के अनुरूप की जाएगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भर्ती राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से शिक्षा विभाग की भर्तियों के साथ ही हो सकेगी. इस प्रकार संस्कृत शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षा अध्यापक के 179 और लाइब्रेरियन ग्रेड 3 के 48 पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त होगा. संस्कृत शिक्षा विभाग में अध्यापक लेवल 1 व लेवल 2 और अध्यापक (सामान्य) लेवल 1 और लेवल 2 के पदों की योग्यता प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अनुरूप की जाएगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रकार लगभग 2600 पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त होगा. संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान सेवा नियम 1951 में आवश्यक अस्थाई आधार पर नियुक्ति और पदोन्नति किए जाने पर वेतन निर्धारण के संबंध में स्पष्ट प्रावधान नहीं है. अब सेवा नियम में नियम 26 डी जोड़कर आवश्यक अस्थाई आधार पर नियुक्ति और पदोन्नति पर वेतन निर्धारण किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है.</p>
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<p><strong>SC/ST Reservation:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने बीते 1 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के अंदर सब-क्लासिफिकेशन करने का संवैधानिक अधिकार है. इसके तहत उन जातियों को रिजर्वेशन मिल सकेगा जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से ज्यादा पिछड़ी हुई हैं.</p>
<p>सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के संस्थापक और लोकसभा सांसद राजकुमार रोत की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि वे इस फैसले का विरोध करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे एससी-एसटी समुदायों में विभाजन होगा.</p>
<p><strong>‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला एससी-एसटी के बीच तोड़ेगा एकता’</strong><br />इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि हर राज्य में एससी-एसटी समुदाय की स्थिति अलग-अलग है. इस फैसला एससी-एसटी के बीच एकता को तोड़ने का काम करेगा. अगर हमारे राज्य में एसटी के बीच असमानता है, तो हमारे लोग, सामाजिक संगठन, सांसद और विधायक एक साथ बैठ कर निर्णय ले सकते हैं और सरकार को प्रस्ताव दे सकते हैं कि क्या किया जाना चाहिए.</p>
<p>सांसद ने कहा सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आदिवासियों और एससी के बीच एकता को तोड़ देगा. राजस्थान में ऐसी कोई मांग नहीं की गई थी. प्रदेश में जब नौकरियों की बात आती है तो वास्तव में अनुसूचित और गैर-अनुसूचित क्षेत्रों पर चर्चा होती है. इसका समाधान समुदाय को बांटकर नहीं बल्कि संबंधित क्षेत्रों के आधार पर किया जा सकता है. </p>
<p><strong>‘आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण गलत’ </strong><br />BAP पार्टी नेता ने कहा कि अगर आप समुदाय को निशाना बनाते हो तो इससे संघर्ष पैदा होगा, जो केंद्र की बीजेपी सरकार चाहती है. वो कह रहे है कि कमजोर वर्गों को नौकरी देंगे लेकिन सरकार उनकी पहचान कैसे करेगी. जबकि एसटी को उसके पिछड़ेपन के लिए नहीं बल्कि सामाजिक पहचान के आधार पर आरक्षण दिया गया है, लेकिन जिस तरह से आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण देने की बात कही जा रही है वो गलत है अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में आरक्षण खत्म हो जाएगा.</p>
<p>सासंद ने कहा खास समुदायों को आपस में लड़ाने के लिए लाए गए इस फैसले का वे समर्थन नहीं करते. उन्होंने कहा अब अगर एससी-एसटी में विभाजन हो जाता है तो भविष्य में अगर आरक्षण पर हमला हुआ तो लोग एकजुट होकर इसका विरोध नहीं कर पाएंगे.</p>
<p><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”दिल्ली में रहता हूं जब भी दिल…’, कोटा सांसद ओम बिरला ने कह दी बड़ी बात” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/kota-lok-sabha-speaker-om-birla-attend-program-bhamashah-mandi-ann-2752874″ target=”_blank” rel=”noopener”>’दिल्ली में रहता हूं जब भी दिल…’, कोटा सांसद ओम बिरला ने कह दी बड़ी बात</a></strong></p>
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नारनौल में कार्यक्रम में हवाई फायरिंग:शोर कर रहे युवकों को रोकने पर झगड़ा; दोनों पक्ष के 3 लोग घायल
नारनौल में कार्यक्रम में हवाई फायरिंग:शोर कर रहे युवकों को रोकने पर झगड़ा; दोनों पक्ष के 3 लोग घायल महेंद्रगढ़ के नारनौल में बच्चे के जन्म के कार्यक्रम पर बाहर शोर कर रहे युवकों को रोकने पर झगड़ा हो गया। इसी दौरान एक गुट ने हवाई फायरिंग कर दी। वहीं बीच बचाव के दौरान तीन व्यक्ति घायल हुए हैं। हालांकि किसी ने पुलिस को शिकायत नहीं दी है। मोहल्ला मिश्रवाडा में मोहनलाल शर्मा के घर बेटा होने की खुशी में कार्यक्रम था। मोहनलाल के भाई घनश्याम शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में जाने के लिए रात को करीब साढे 8 बजे वह तथा उसका बेटा घर से बाहर निकल कर भाई के घर में जा रहे थे। इस दौरान उनके घर के बाहर कुछ युवा खड़े होकर शोर कर रहे थे तथा नशीला पदार्थ बेच रहे थे। इस पर उन्होंने कहा कि आज उनके यहां कार्यक्रम है। इसलिए यहां पर इस प्रकार शोर नहीं करें न ही यहां पर किसी प्रकार का नशीला पदार्थ बेचें। दो हवाई फायरिंग कर किए घनश्याम ने बताया क वहां मौजूद युवक लड़ाई झगड़ा करने लगे। उन युवकों में एक पंकज सोनी नाम का लड़का था। उसने 10-15 युवक उनको पीटने के लिए बुला लिए। लेकिन इस दौरान मोहल्ले के भी कई लोग वहां पर इकट्ठा हो गए थे। जिसके चलते मोहल्ला वासियों ने उन युवकों का विरोध शुरू कर दिया। इसी दौरान युवकों ने दो हवाई फायर कर दिए। जान से मारने की धमकी दी घनश्याम शर्मा ने बताया कि एक लड़के ने उसके ऊपर भी फायर करना चाहा, लेकिन उसने उस लड़के का हाथ पकड़ लिया। जिसके कारण देसी कट्टे से उसके अंगूठे पर चोट लग गई। बाद में मोहल्ला वासी ज्यादा इकट्ठे होने पर वे जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गए। घटना में दूसरे पक्ष के 2 युवक भी घायल हुए हैं। पुलिस को नहीं दी सूचना पुलिस प्रवक्ता सुमित कुमार ने बताया कि अभी तक थाने में किसी भी पक्ष के द्वारा शिकायत नहीं दी गई है। घटना की सूचना मिलने पर शहर थाना प्रभारी सहित काफी पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए थे। रात को भी पुलिस ने वहां पर गश्त किया।
यूपी में दिसंबर तक 1.50 लाख पदों पर भर्तियां:टीचर की 45 हजार वैकेंसी, सिपाही भर्ती की दोबारा परीक्षा के लिए करना होगा इंतजार
यूपी में दिसंबर तक 1.50 लाख पदों पर भर्तियां:टीचर की 45 हजार वैकेंसी, सिपाही भर्ती की दोबारा परीक्षा के लिए करना होगा इंतजार यूपी में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार दिसंबर तक करीब डेढ़ लाख पदों पर वैकेंसी निकालेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद सभी विभागों में भर्ती के प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। भर्ती आयोग नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी में हैं। किन-किन विभागों में कितनी और किस पद पर वैकेंसी आएगी, पुरानी वैकेंसी का क्या होगा? कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा कब तक होगी, भर्ती आयोग के सामने दिक्कतें क्या हैं? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए किस विभाग में कितनी वैकेंसी आएगी? वैकेंसी निकालने पर सरकार का पूरा जोर क्यों है?
लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में बड़ा झटका लगा। पार्टी की समीक्षा में सामने आया कि चुनाव में मिली हार की एक वजह पेपर लीक और बढ़ती बेरोजगारी है। इसीलिए सीएम योगी ने चुनाव परिणाम आने के 4 दिन बाद अफसरों की मीटिंग ली। योगी ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती का प्रस्ताव तैयार कर भेजने के लिए कहा। सभी भर्ती आयोग को जल्द वैकेंसी निकालकर परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश दिए। प्रदेश में विधानसभा की दस सीटों पर उप-चुनाव होना है। प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं को संदेश देना चाहती है कि वह रोजगार के प्रति सजग है। विभागों में भर्ती निकालने के साथ स्वरोजगार और निजी क्षेत्र में नौकरी के मौके भी बढ़ा रही है। नोएडा में नई फिल्म सिटी आगामी एक साल में बनकर तैयार होगी। सरकार का दावा है कि इससे 50 हजार युवाओं को नौकरी मिलेगी। साथ ही 7 लाख युवाओं को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सरकार ने दिखाई तेजी
लोकसभा चुनाव के बाद सीएम योगी ने 8 जून को शासन के आला अफसरों की बैठक ली। इसमें जो बातें निकलकर आईं, उसे इन बिंदुओं से समझिए… पहले से वैकेंसी अटकी, 10 लाख अभ्यर्थियों को परीक्षा का इंतजार
UPSSSC की ओर से प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के लिए 2022 और 2023 में कई विभागों में 21 हजार 940 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। आवेदन करने वाले 10 लाख 4 हजार 26 अभ्यर्थियों को अब भी परीक्षा का इंतजार है। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए करना होगा इंतजार
यूपी पुलिस में 60,244 पदों पर कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा फरवरी 17-18 फरवरी को आयोजित की गई थी। 48.17 लाख अभ्यर्थियों में से 43.13 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण सरकार ने 25 जून को इसे रद्द कर दिया। सीएम योगी ने छह महीने में दोबारा परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे। यूपी पुलिस भर्ती और पदोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा का कहना है कि कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा जल्द कराने की तैयारी है। सरकार ने पेपर प्रिंटिंग और परीक्षा केंद्र निर्धारण को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। उसी आधार पर तैयारी की जा रही है। बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक, पेपर तैयार करने और परीक्षा केंद्र तय करने में नए नियमों के चलते एग्जाम कराने में 4 महीने का समय लग सकता है। वैकेंसी तो आ जाएगी, लेकिन इन दिक्कतों का हल नहीं निकल पाया एग्जाम के लिए नहीं मिल रही एजेंसी: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने लंबित भर्ती परीक्षा कराने के लिए अगस्त, 2023 में टेंडर जारी किया था। लेकिन किसी बड़ी और विश्वसनीय एजेंसी ने टेंडर दाखिल नहीं किया। इसके चलते आयोग को फरवरी में फिर से टेंडर निकालना पड़ा। इसी महीने टेंडर खोला जाएगा। नए नियम से होगी परेशानी: राज्य सरकार ने पेपर लीक की घटनाएं रोकने और चयन प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए नियम सख्त किए हैं। भर्ती आयोगों के लिए जारी नियमावली में परीक्षा केंद्र निर्धारण से लेकर एजेंसी के चयन, पेपर प्रिंटिंग के भी नियम बनाए गए हैं। परीक्षा केंद्र के चयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर जिले में छह सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। पेपर प्रिंटिंग का काम अब किसी एक एजेंसी से नहीं कराया जाएगा। बल्कि दो से तीन पेपर सेट तीन अलग-अलग एजेंसी से प्रकाशित कराए जाएंगे। परीक्षा में कौन सा पेपर इस्तेमाल होगा, इसका निर्णय परीक्षा शुरू होने से 5 घंटे पहले किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि पेपर तैयार कराने और परीक्षा कराने के लिए एक एजेंसी का चयन करना ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में दो से तीन एजेंसी का चयन कैसे होगा। आयोग गठन के इंतजार में अटकीं 28 हजार भर्तियां
उत्तर प्रदेश सेवा चयन आयोग के गठन की घोषणा तो हो गई है। लेकिन आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है। आयोग सहायता प्राप्त महाविद्यालयों, सहायक प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों और सहायता प्राप्त परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती करेगा। आयोग में करीब 7 हजार से अधिक पदों की मांग की जा चुकी है। अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बाद आयोग उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में 20 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती का प्रस्ताव जारी करेगा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष और सदस्य के कुल आठ पद हैं। वर्तमान में सदस्यों के चार पद रिक्त हैं। सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण भी कामकाज प्रभावित होता है।