‘नोएडा और मुंबई में दूर बैठे…’, सीजफायर पर क्या बोले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला?

‘नोएडा और मुंबई में दूर बैठे…’, सीजफायर पर क्या बोले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News: </strong>जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को भारत पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष से प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों का हाल जाना. साथ ही उन्होंने कहा&nbsp;कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता सीमा पर रहने वाले लोगों की इच्छा है, न कि दूरदराज के शहरों में टीवी एंकरों की मांग.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोलाबारी से प्रभावित करनाह के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ है, लेकिन शुक्र है कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन फिलहाल नुकसान का आकलन कर रहा है और आकलन पूरा होने के बाद मुआवजा दिया जाएगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “हम मंगलवार या बुधवार को नुकसान का आकलन पूरा कर लेंगे. जो भी मुआवजा देने की जरूरत होगी, हम देंगे.” उन्होंने कहा कि सामुदायिक बंकर पहले बनाए गए थे, लेकिन लंबे समय से उनका इस्तेमाल नहीं किया गया. उन्होंने कहा, “कई सालों से नए बंकर नहीं बनाए गए हैं. लोग अब व्यक्तिगत बंकरों की मांग कर रहे हैं”.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार के पास एक नीति है और हम सीमा और नियंत्रण रेखा के पास रहने वालों के लिए एक योजना तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से भी बात करेगी. सीएम उमर ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों के लोग चाहते हैं कि संघर्ष विराम जारी रहे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “नोएडा और मुंबई में दूर बैठे कुछ टीवी एंकर ही संघर्ष विराम को पसंद नहीं करते. सीमा और नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोग चाहते हैं कि संघर्ष विराम बना रहे.” मुआवजे के नियमों के बारे में उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ नियमों के तहत दुकानें मुआवजे के लिए पात्र नहीं हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “विशेष पैकेज की आवश्यकता होगी. यह सिर्फ करनाह के बारे में नहीं है. उरी, राजौरी और पुंछ जैसे अन्य क्षेत्र भी हैं जहां लोगों को सहायता की आवश्यकता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें:<a href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-and-kashmir-hospital-action-on-employees-absent-during-india-pakistan-conflict-2943102″> J&amp;K के अस्पताल ने कर्मचारियों के खिलाफ लिया बड़ा एक्शन, भारत-पाक संघर्ष के दौरान रहे अनुपस्थित</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News: </strong>जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को भारत पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष से प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों का हाल जाना. साथ ही उन्होंने कहा&nbsp;कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता सीमा पर रहने वाले लोगों की इच्छा है, न कि दूरदराज के शहरों में टीवी एंकरों की मांग.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोलाबारी से प्रभावित करनाह के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ है, लेकिन शुक्र है कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन फिलहाल नुकसान का आकलन कर रहा है और आकलन पूरा होने के बाद मुआवजा दिया जाएगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “हम मंगलवार या बुधवार को नुकसान का आकलन पूरा कर लेंगे. जो भी मुआवजा देने की जरूरत होगी, हम देंगे.” उन्होंने कहा कि सामुदायिक बंकर पहले बनाए गए थे, लेकिन लंबे समय से उनका इस्तेमाल नहीं किया गया. उन्होंने कहा, “कई सालों से नए बंकर नहीं बनाए गए हैं. लोग अब व्यक्तिगत बंकरों की मांग कर रहे हैं”.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार के पास एक नीति है और हम सीमा और नियंत्रण रेखा के पास रहने वालों के लिए एक योजना तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से भी बात करेगी. सीएम उमर ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों के लोग चाहते हैं कि संघर्ष विराम जारी रहे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “नोएडा और मुंबई में दूर बैठे कुछ टीवी एंकर ही संघर्ष विराम को पसंद नहीं करते. सीमा और नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोग चाहते हैं कि संघर्ष विराम बना रहे.” मुआवजे के नियमों के बारे में उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ नियमों के तहत दुकानें मुआवजे के लिए पात्र नहीं हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “विशेष पैकेज की आवश्यकता होगी. यह सिर्फ करनाह के बारे में नहीं है. उरी, राजौरी और पुंछ जैसे अन्य क्षेत्र भी हैं जहां लोगों को सहायता की आवश्यकता है.”</p>
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