पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पांच जजों की पीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि जेल में बंदी के पास से मोबाइल फोन मिलने मात्र से उसकी पैरोल याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा करना निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। पीठ में जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर, जस्टिस दीपक सिब्बल, जस्टिस अनुपिंद्र सिंह ग्रेवाल, और जस्टिस मीनाक्षी आई. मेहता शामिल थे। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जब तक दोष सिद्ध नहीं हो जाता, किसी आरोपी को निर्दोष माना जाता है। इसलिए, केवल मोबाइल फोन के “मात्र कब्जे” के आधार पर पैरोल देने से इनकार करना अनुचित और कठोर है। मामले का मुख्य प्रश्न यह था कि क्या जेल में मोबाइल फोन मिलने के आधार पर बिना किसी ठोस सबूत के बंदी को पैरोल देने से इनकार किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना अनुचित है और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों के विपरीत है। एसटीडी कॉलिंग शुरु करने के आदेश इसके साथ ही, बेंच ने जेलों में बंदियों को अपने परिवार और दोस्तों से संपर्क करने के लिए एसटीडी कॉलिंग सुविधा शुरू करने का आदेश भी दिया है। इस सुविधा के लिए बंदियों को संबंधित शुल्क का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे जेलों में इस सुविधा को शीघ्र लागू करें ताकि बंदियों को अनधिकृत रूप से मोबाइल रखने की आवश्यकता न पड़े। अदालत ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि वे पैरोल याचिकाओं पर निर्णय लेते समय पुलिस और स्थानीय पंचायतों द्वारा प्रस्तुत सामग्री पर निष्पक्ष रूप से विचार करें। केवल उन्हीं मामलों में पैरोल से इनकार किया जाए जहां ठोस साक्ष्य हों जो यह दर्शाते हों कि बंदी की रिहाई से क्षेत्र की सुरक्षा और शांति को खतरा हो सकता है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पांच जजों की पीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि जेल में बंदी के पास से मोबाइल फोन मिलने मात्र से उसकी पैरोल याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा करना निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। पीठ में जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर, जस्टिस दीपक सिब्बल, जस्टिस अनुपिंद्र सिंह ग्रेवाल, और जस्टिस मीनाक्षी आई. मेहता शामिल थे। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जब तक दोष सिद्ध नहीं हो जाता, किसी आरोपी को निर्दोष माना जाता है। इसलिए, केवल मोबाइल फोन के “मात्र कब्जे” के आधार पर पैरोल देने से इनकार करना अनुचित और कठोर है। मामले का मुख्य प्रश्न यह था कि क्या जेल में मोबाइल फोन मिलने के आधार पर बिना किसी ठोस सबूत के बंदी को पैरोल देने से इनकार किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना अनुचित है और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों के विपरीत है। एसटीडी कॉलिंग शुरु करने के आदेश इसके साथ ही, बेंच ने जेलों में बंदियों को अपने परिवार और दोस्तों से संपर्क करने के लिए एसटीडी कॉलिंग सुविधा शुरू करने का आदेश भी दिया है। इस सुविधा के लिए बंदियों को संबंधित शुल्क का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे जेलों में इस सुविधा को शीघ्र लागू करें ताकि बंदियों को अनधिकृत रूप से मोबाइल रखने की आवश्यकता न पड़े। अदालत ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि वे पैरोल याचिकाओं पर निर्णय लेते समय पुलिस और स्थानीय पंचायतों द्वारा प्रस्तुत सामग्री पर निष्पक्ष रूप से विचार करें। केवल उन्हीं मामलों में पैरोल से इनकार किया जाए जहां ठोस साक्ष्य हों जो यह दर्शाते हों कि बंदी की रिहाई से क्षेत्र की सुरक्षा और शांति को खतरा हो सकता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में कार ने 12 लोगों को मारी टक्कर:NH-44 पार करते समय हादसा, बर्थडे पार्टी में जा रहे थे सभी, 1 की हालत गंभीर हरियाणा के पानीपत शहर में एनएच-44 पर तेज रफ्तार कार ने कहर बरपा दिया। कार ने फ्लोरा चौक के सामने सड़क पार कर रहे करीब एक दर्जन लोगों को टक्कर मार दी। हालांकि, हादसे के बाद आरोपी कार चालक मौके से भागा नहीं। उसने कार रोक ली। उसने मानवता दिखाते हुए अपनी गलती स्वीकार की। साथ ही, उसने मौके से घायल लोगों को सिविल अस्पताल पहुंचाने के लिए राहगीरों से मदद मांगी। हादसे में घायल करीब 4 लोगों को उसने खुद अपनी कार में सिविल अस्पताल पहुंचाया। यहां एक महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे प्राथमिक उपचार के बाद रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। जबकि 11 अन्य लोगों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया। कार चालक बोला- अचानक सामने आए लोग सेक्टर 29 थाने के जांच अधिकारी एचसी सुशील कुमार ने बताया कि हादसा मंगलवार देर शाम को हुआ। हादसा नेशनल हाईवे पर दिल्ली से पानीपत जाने वाली लेन पर नांगलखेड़ी के पास हुआ। हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में लोग सड़क पार कर रहे थे। सड़क पार करते समय समालखा की ओर से आ रही स्विफ्ट कार ने करीब 12 लोगों को टक्कर मार दी। हादसे में सभी घायल हो गए। वहीं, हादसे की जानकारी देते हुए आरोपी कार चालक महाबीर ने बताया कि वह गांव पट्टी कल्याणा का रहने वाला है। वह किसी काम से अपनी कार में पानीपत शहर की ओर आ रहा था। जब वह सिवाह फ्लाईओवर से नीचे उतरा तो अचानक सड़क किनारे खड़े लोग सड़क पार करने लगे। जिससे उसका भी संतुलन बिगड़ गया। वह एकदम से ब्रेक नहीं लगा सका। जिससे हादसा हो गया। सभी लोग एक जन्मदिन में शामिल होने जा रहे थे जानकारी देते हुए घायल महिला सीमा देवी ने बताया कि वह धूप सिंह नगर की रहने वाली है। मंगलवार को फ्लोरा चौक पर रहने वाले उसके परिचित के घर जन्मदिन की पार्टी थी। इसके चलते वह अपने परिवार व अन्य रिश्तेदारों के साथ ऑटो में सवार होकर यहां आई थी। जब वे जीटी रोड पार कर रहे थे, तभी एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी। ये हुए घायल हादसे में रीता (23), नरगिस (25), सीमा देवी (22), अशोक पाल, सतेंद्र (44), आशिया (18), पिंकी (35), सुभाष (16), सतबीर देवी, सावित्री देवी व सीमा (23) घायल हो गए। सतबीर देवी की हालत गंभीर होने के कारण उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया है।
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फरीदाबाद में पानी में डूबने से 2 की मौत:रेलवे अंडरब्रिज में फंसी एक्सयूवी; लॉक हो गई थी गाड़ी
फरीदाबाद में पानी में डूबने से 2 की मौत:रेलवे अंडरब्रिज में फंसी एक्सयूवी; लॉक हो गई थी गाड़ी फरीदाबाद के ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे भरे बरसाती पानी में महिंद्रा XUV700 गाड़ी डूब गई। उसमें बैठे एचडीएफसी के बैंक मैनेजर और कैशियर की बीती रात दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों के साथ बैंक में काम करने वाले बैंक कर्मचारी आदित्य ने बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर 31 में एचडीएफसी की शाखा में विराज द्विवेदी बतौर करियर के रूप में कार्यरत थे और पुण्य श्रेय शर्मा बैंक के मैनेजर थे। बैंक यूनियन के प्रेसिडेंट भी थे। आदित्य ने बताया की कल पूरे दिन बरसात हुई थी इसी के चलते विराज द्विवेदी उन्हें बैंक मैनेजर की एक्सयूवी 700 गाड़ी में छोड़ने के लिए आ रहे थे। विराज को बैंक मैनेजर पुण्यश्रेय शर्मा के घर रुकना था। बैंक मैनेजर शर्मा ग्रेटर फरीदाबाद स्थित ओमेक्स सिटी में रहते थे। जहां पर रात को विराज द्विवेदी को रोकना था और सुबह उन्हें किसी काम से दिल्ली निकलना था। लेकिन जैसे ही वह ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के पास आए तो उसके नीचे काफी पानी भरा हुआ था। जहां पर कोई भी बैरिकेटिंग नहीं लगी हुई थी। पानी में डूबने से हुई मौत
विराज गुड़गांव में रहते थे जिसके चलते उन्हें यह अनुभव नहीं हुआ कि ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे इतना पानी है। उनकी गाड़ी पानी के अंदर डूब जाएगी। विराज ने इस पानी से गाड़ी को निकालने की कोशिश की लेकिन गाड़ी पानी ज्यादा होने के चलते बंद हो गई। लॉक लग गया गाड़ी में पानी भर गया जिसके चलते उनकी दर्दनाक मौत हो गई। आदित्य ने बताया कि लगभग 11 बजकर 30 मिनट के आसपास बैंक मैनेजर की पत्नी का फोन उनके पास आया था। मैनेजर साहब का फोन बंद जा रहा है। जिसके बाद उन्होंने बैंक के मैनेजर और विराज द्विवेदी के फोन पर फोन मिलाया। लेकिन दोनों के फोन स्विच ऑफ जा रहे थे। पत्नी फरीदाबाद से और वह लोग गुड़गांव से खोजने के लिए उन्हें फरीदाबाद पहुंचने। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद उन्होंने पुलिस से पूछा तो उन्होंने बताया कि एक गाड़ी अंडरवियर के नीचे फंस गई थी। इसके चलते उसमें दो लोगों की मौत हुई है तब जाकर उन्हें पता चला कि उनके साथ बड़ी अनहोनी हो चुकी है। आदित्य ने बताया कि यदि पुलिस की बैरिकेटिंग होती तो शायद वह लोग गाड़ी को रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे से ले जाने की कोशिश नहीं करते और उनके साथ यह बड़ा हादसा न होता। गाड़ी के अंदर फंसने से मौत
सब इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि घटना लगभग बीती रात 11 बजकर 30 मिनट की है। रेलवे अंडर ब्रिज के पास पुलिस की बैरिकेडिंग और सावधान के बोर्ड लगे हुए थे। उन्हें पुलिस ने पीछे भी इस रास्ते से जाने के लिए मना किया था। लेकिन यह लोग उसी रास्ते से जबरन निकल रहे थे। जिसके चलते उनकी गाड़ी पानी के अंदर फस गई और पानी के अंदर गाड़ी डूबने के चलते दोनों की गाड़ी के अंदर फंसने के चलते मौत हो गई। फिलहाल दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है और पुलिस द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं सब इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि उनकी लोगों से अपील है कि पुलिस लोगों की सेवा सुरक्षा व सहयोग के लिए है।