धान के सीजन में अब पंजाब की अनाज मंडियों अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद कर दी गई हैं। एक बार फिर से आढ़ती वर्ग ने सरकार खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए यह ऐलान किया है। अनाज मंडियों में लिफ्टिंग की धीमी रफ्तार, बारदाने की कमी और आढ़तियों के प्रदेशाध्यक्ष से पुलिस द्वारा धक्केशाही, दुर्व्यवहार और गिरफ्तारी को लेकर रोष पाया जा रहा है। एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना, सरहिंद और समराला मंडियों में आढ़तियों ने बैठक करके संघर्ष को तेज करने की भी बात कही। केंद्र की गलत नीतियों कारण हालात खराब एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 17 फीसद नमी तक धान की खरीद की शर्त रखी हुई है। जबकि धान में नमी की मात्रा हमेशा 19 से 22 तक रहती है। पहले समय में हाथों से कटाई करते समय धान में नमी 17 रहती थी। अब कंबाइन से कटाई होती है तो नमी की मात्रा 2 से 3 प्रतिशत बढ़ जाती है। मौसम का भी प्रभाव रहता है। ऐसे में काफी समय से केंद्र से नमी में छूट की मांग कर रहे हैं। केंद्र ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। इस बार स्पेस की भी कमी है। इसी कारण मंडियों में हालात खराब हुए हैं और उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। पंजाब में जब तक लिफ्टिंग तेज नहीं होती वे मंडियां बंद रखेंगे। यूनियन के आह्वान पर मंडियां बंद सरहिंद में आढ़तियों की बैठक हुई। जिसमें फेडरेशन आफ आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के उपाध्यक्ष साधु राम भट्टमाजरा ने कहा कि मक्खू में उनकी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष विजय कालड़ा के साथ पुलिस ने धक्केशाही की। दुर्व्यवहार किया गया। जब तक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक पंजाब की मंडियां बंद रहेंगी। भट्टमाजरा ने कहा कि यूनियन के आह्वान पर मंडियां करने के बाद स्टेट बाडी के अधिकारी मक्खू जा रहे हैं। वहां मीटिंग करके अगला फैसला लिया जाएगा। समराला यूनियन अध्यक्ष आलमदीप सिंह मलमाजरा ने कहा कि लिफ्टिंग और बारदाने की समस्या से वे काफी परेशान हैं। साथ ही पंजाब प्रधान कालरा की गिरफ्तारी का भी विरोध है। धान के सीजन में अब पंजाब की अनाज मंडियों अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद कर दी गई हैं। एक बार फिर से आढ़ती वर्ग ने सरकार खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए यह ऐलान किया है। अनाज मंडियों में लिफ्टिंग की धीमी रफ्तार, बारदाने की कमी और आढ़तियों के प्रदेशाध्यक्ष से पुलिस द्वारा धक्केशाही, दुर्व्यवहार और गिरफ्तारी को लेकर रोष पाया जा रहा है। एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना, सरहिंद और समराला मंडियों में आढ़तियों ने बैठक करके संघर्ष को तेज करने की भी बात कही। केंद्र की गलत नीतियों कारण हालात खराब एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 17 फीसद नमी तक धान की खरीद की शर्त रखी हुई है। जबकि धान में नमी की मात्रा हमेशा 19 से 22 तक रहती है। पहले समय में हाथों से कटाई करते समय धान में नमी 17 रहती थी। अब कंबाइन से कटाई होती है तो नमी की मात्रा 2 से 3 प्रतिशत बढ़ जाती है। मौसम का भी प्रभाव रहता है। ऐसे में काफी समय से केंद्र से नमी में छूट की मांग कर रहे हैं। केंद्र ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। इस बार स्पेस की भी कमी है। इसी कारण मंडियों में हालात खराब हुए हैं और उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। पंजाब में जब तक लिफ्टिंग तेज नहीं होती वे मंडियां बंद रखेंगे। यूनियन के आह्वान पर मंडियां बंद सरहिंद में आढ़तियों की बैठक हुई। जिसमें फेडरेशन आफ आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के उपाध्यक्ष साधु राम भट्टमाजरा ने कहा कि मक्खू में उनकी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष विजय कालड़ा के साथ पुलिस ने धक्केशाही की। दुर्व्यवहार किया गया। जब तक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक पंजाब की मंडियां बंद रहेंगी। भट्टमाजरा ने कहा कि यूनियन के आह्वान पर मंडियां करने के बाद स्टेट बाडी के अधिकारी मक्खू जा रहे हैं। वहां मीटिंग करके अगला फैसला लिया जाएगा। समराला यूनियन अध्यक्ष आलमदीप सिंह मलमाजरा ने कहा कि लिफ्टिंग और बारदाने की समस्या से वे काफी परेशान हैं। साथ ही पंजाब प्रधान कालरा की गिरफ्तारी का भी विरोध है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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